परीक्षा योजना : राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 3 चरणों में आयोजित की जाती है :- प्रारंभिक परीक्षा ,मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार | प्रारम्भिक परीक्षा में सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान का वस्तुनिष्ठ प्रकार का एक प्रश्न-पत्र होता है ,जो कि अधिकतम 200 अंको का होता है। प्रारम्भिक परीक्षा का उद्देश्य केवल स्क्रीनिंग परीक्षण करना है। प्रश्नपत्र का स्तरमान स्नातक (Graduation) स्तर का होता है। ऐसे अभ्यर्थियों द्वारा, जो मुख्य परीक्षा में प्रवेश के लिए अर्हित घोषित किये गये हो, प्रारम्भिक परीक्षा में प्राप्त अंक को उनका अंतिम योग्यता क्रम अवधारित करने के लिए संगणित नहीं किया जाता ।
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मुख्य परीक्षा में प्रविष्ट किये जाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या, विभिन्न सेवाओं और पदों की उस वर्ष में भरी जाने वाली रिक्तियों (प्रवर्गवार) की कुल अनुमानित संख्या का 15 गुणा होती है , किन्तु उक्त रेंज में उन समस्त अभ्यर्थियों को, जिन्होंने अंकों का वही प्रतिशत प्राप्त किया है, जैसा राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा किसी निम्नतर रेंज के लिए नियत किया जाये, मुख्य परीक्षा में प्रवेश दिया जाता है । मुख्य परीक्षा में 200 अंक के 4 प्रश्न-पत्र होते हैं जो वर्णनात्मक / विश्लेषणात्मक होंगे। अभ्यर्थी को सभी 4 प्रश्नपत्र देने होंगे जिनमें संक्षिप्त, मध्यम, दीर्घ उत्तर वाले और वर्णनात्मक प्रकार के प्रश्नों वाले प्रश्नपत्र भी होंगे। सामान्य हिन्दी और सामान्य अंग्रेजी का स्तर सीनियर सैकेण्डरी स्तर का होता है । प्रत्येक प्रश्न-पत्र के लिए 3 घण्टे का समय होता है ।
मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है जो कि 100 अंकों का होता है | इस लेख में आप RAS प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा के विस्तृत पाठ्यक्रम की सम्पूर्ण जानकारी पा सकते हैं |
हिंदी माध्यम में यूपीएससी से जुड़े मार्गदर्शन के लिए अवश्य देखें हमारा हिंदी पेज आईएएस हिंदी |
राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा संयुक्त प्रतियोगी (प्रारम्भिक) परीक्षा का आद्यतन पाठ्यक्रम
प्रश्नपत्र | विषय | अधिकतम अंक | समय |
1 | सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान | 200 | 3 घण्टे |
नोट:-
1. प्रश्न पत्र में बहुविकल्पीय प्रकार के 150 प्रश्न होंगे व सभी प्रश्न समान अंक के होंगे। 2. मूल्यांकन में ऋणात्मक अंकन (Negative Marking) किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटे जाएंगे | |
1.राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, परम्परा एवं विरासत :
- राजस्थान के प्रागैतिहासिक स्थल- पुरापाषाण से ताम्र पाषाण एवं कांस्य युग तक
- ऐतिहासिक राजस्थान: प्रारंम्भिक ईस्वी काल के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक केन्द्र ,प्राचीन राजस्थान में समाज, धर्म एवं संस्कृति
- प्रमुख राजवंशों के महत्वपूर्ण शासकों की राजनीतिक एवं सांस्कृतिक उपलब्धियों-गुहिल, प्रतिहार, चौहान, परमार, राठौड़, सिसोदिया और कच्छावा ,मध्यकालीन राजस्थान में प्रशासनिक तथा राजस्व व्यवस्था
- आधुनिक राजस्थान का उदय -19वीं- 20वीं शताब्दी के दौरान राजस्थान में सामाजिक जागृति के कारक। राजनीतिक जागरण: समाचार पत्रों एवं राजनीतिक संस्थाओं की भूमिका ,20वीं शताब्दी में जनजाति तथा किसान आन्दोलन, 20वीं शताब्दी के दौरान विभिन्न देशी रियासतों में प्रजामण्डल आन्दोलन। राजस्थान का एकीकरण
- राजस्थान की वास्तु परम्परा :मंदिर, किले, महल एवं मानव निर्मित जलीय संरचनाएँ, चित्रकला की विभिन्न शैलियों और हस्तशिल्प।
- प्रदर्शन कला : शास्त्रीय संगीत एवं शास्त्रीय नृत्य, लोक संगीत एवं वाद्य, लोक नृत्य एवं नाट्य
- भाषा एवं साहित्य :राजस्थानी भाषा की बोलियाँ , राजस्थानी भाषा का साहित्य एवं लोक साहित्य
- धार्मिक जीवन : धार्मिक समुदाय, राजस्थान में संत एवं सम्प्रदाय। राजस्थान के लोक देवी-देवता।
- राजस्थान में सामाजिक जीवन :मेले एवं त्योहार, सामाजिक रीति-रिवाज तथा परम्पराये, वेशभूषा एवं आभूषण
- राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व
2.भारत का इतिहास :
प्राचीनकाल एवं मध्यकाल :
- भारत के सांस्कृतिक आधार- सिन्धु एवं वैदिक काल: छठी शताब्दी ई. पू. की श्रमण परम्परा और नये धार्मिक विचार- आजीवक, बौद्ध तथा जैन
- प्रमुख राजवंशों के महत्वपूर्ण शासकों की उपलब्धियाँ :मौर्य, कुषाण, सातवाहन, गुप्त, चालुक्य, पल्लव एवं चोल
- प्राचीन भारत में कला एवं वास्तु।
- प्राचीन भारत में भाषा एवं साहित्य का विकास : संस्कृत , प्राकृत एवं तमिल ।
- सल्तनतकाल: प्रमुख सल्तनत शासकों की उपलब्धियों ,विजयनगर की सांस्कृतिक उपलब्धियाँ
- मुगलकाल : राजनीतिक चुनौतियाँ एवं सुलह-अफगान, राजपूत, दक्कनी राज्य और मराठा।
- मध्यकाल में कला एवं वास्तु ,चित्रकला एवं संगीत का विकास।
- भक्ति तथा सूफी आंदोलन का धार्मिक एवं साहित्यिक योगदान।
आधुनिक काल (प्रारम्भिक 19वीं शताब्दी से 1964 तक):
- आधुनिक भारत का विकास एवं राष्ट्रवाद का उदय : बौद्धिक जागरण ,प्रेस, पश्चिमी शिक्षा; 19वीं शताब्दी के दौरान सामाजिक-धार्मिक सुधार- विभिन्न नेता एवं संस्थाएँ
- स्वतंत्रता संघर्ष एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन- विभिन्न अवस्थाएँ, धाराएँ, महत्वपूर्ण योगदानकर्ता एवं
- देश के अलग-अलग हिस्सों का योगदान
- स्वातंत्र्योत्तर राष्ट्र निर्माण- राज्यों का भाषायी पुनर्गठन; नेहरू युग में सांस्थानिक निर्माण, विज्ञान एवं तकनीकी का विकास
3.विश्व एवं भारत का भूगोल :
विश्व का भूगोल –
- प्रमुख स्थलाकृतियाँ- पर्वत, पठार, मैदान एवं मरूस्थल
- प्रमुख नदियों एवं झीलें
- कृषि के प्रकार
- प्रमुख औद्योगिक प्रदेश
- पर्यावरणीय मुद्दे- मरूस्थलीकरण, वनोन्मूलन, जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग (ऊष्मीकरण),ओजन अवक्षय
भारत का भूगोल:
- प्रमुख स्थलाकृतियाँ- पर्वत पठार एवं मैदान
- मानसून तंत्र व वर्षा का वितरण
- प्रमुख नदियों एवं झीलें
- प्रमुख फसले- गेहूँ, चावल, कपास, गन्ना, चाय एवं कॉफी
- प्रमुख खनिज-लौह अयस्क, मैगनीज, बॉक्साइट एवं अभ्रक
- ऊर्जा संसाधन परम्परागत एवं गैर-परम्परागत
- प्रमुख औद्योगिक प्रदेश
- राष्ट्रीय राजमार्ग एवं प्रमुख परिवहन गलियारे
4.राजस्थान का भूगोल :
- प्रमुख भू-आकृतिक प्रदेश एवं उनकी विशेषताएं
- जलवायु की विशेषताएं
- प्रमुख नदियाँ एवं झीलें
- प्राकृतिक वनस्पति एवं मृदा
- प्रमुख फसलें- गेहूँ मक्का, जौ, कपास, गन्ना, एवं बाजरा
- प्रमुख उद्योग
- प्रमुख सिंचाई परियोजनाएँ एवं जल संरक्षण तकनीकें
- जनसंख्या वृद्धि, घनत्व, साक्षरता, लिंगानुपात एवं प्रमुख जनजातियाँ
- खनिज- धात्विक एवं अधात्विक
- ऊर्जा संसाधन- परम्परागत एवं गैर-परम्परागत
- जैव-विविधता एवं इनका संरक्षण
- पर्यटन स्थल एवं परिपथ
5.भारतीय संविधान, राजनीतिक व्यवस्था एवं शासन प्रणाली :
भारतीय संविधानः दार्शनिक तत्व :
- संविधान सभा, भारतीय संविधान की विशेषताएं, संवैधानिक संशोधन।
- उद्देशिका, मूल अधिकार, राज्य नीति के निदेशक तत्व मूल कर्तव्य
भारतीय राजनीतिक व्यवस्था :
- राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद्, संसद, उच्चतम न्यायालय और न्यायिक पुनरावलोकन
- भारत निर्वाचन आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक नीति आयोग, केन्द्रीय सतर्कता आयोग, लोकपाल, केन्द्रीय सूचना आयोग एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
- संघवाद, भारत में लोकतांत्रिक राजनीति गठबंधन सरकारें राष्ट्रीय एकीकरण
6.राजस्थान की राजनीतिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था :
राज्य की राजनीतिक व्यवस्था :
राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद्, विधानसभा, उच्च न्यायालय
प्रशासनिक व्यवस्था:
जिला प्रशासन, स्थानीय स्वशासन एवं पंचायती राज संस्थाएं।
संस्थाएं:
राजस्थान लोक सेवा आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग, राज्य
सूचना आयोग।
लोक नीति एवं अधिकार :
लोक नीति, विधिक अधिकार एवं नागरिक अधिकार-पत्र।
7.आर्थिक अवधारणाएँ एवं भारतीय अर्थव्यवस्था :
अर्थशास्त्र की मूलभूत अवधारणाएं-
- बजट निर्माण, बैंकिंग, लोक वित्त, वस्तु एवं सेवा कर. राष्ट्रीय आय, संवृद्धि ज्ञान एवं विकास का आधारभूत ज्ञान
- लेखांकन- अवधारणा, उपकरण एवं प्रशासन में उपयोग
- स्टॉक एक्सचेंज एवं शेयर बाजार
- राजकोषीय एवं मौद्रिक नीतियाँ
- सब्सिडी, लोक वितरण प्रणाली
- ई-कॉमर्स
- मुद्रास्फीति- अवधारणा प्रभाव एवं नियंत्रण तंत्र
आर्थिक विकास एवं आयोजन:
अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र: कृषि, उद्योग, सेवा एवं व्यापार क्षेत्रों की वर्तमान स्थिति मुद्दे एवं पहल
प्रमुख आर्थिक समस्याएं एवं सरकार की पहल, आर्थिक सुधार एवं उदारीकरण।
मानव संसाधन एवं आर्थिक विकास:
- मानव विकास सूचकांक
- वैश्विक खुशहाली सूचकांक
- गरीबी एवं बेरोजगारी- अवधारणा, प्रकार, कारण, निदान एव वर्तमान फ्लेगशिप योजनाएं
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता:
कमजोर वर्गों के लिए प्रावधान।
8.राजस्थान की अर्थव्यवस्था :
- अर्थव्यवस्था का वृहत् परिदृश्य
- कृषि ,उद्द्योग व सेवा क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
- संवृद्धि ,विकास एवं आयोजना
- आधारभूत संरचना एवं संसाधन
- प्रमुख विकास परियोजनायें
- राज्य सरकार की प्रमुख कल्याणकारी योजनाऐं: अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / पिछड़ा वर्ग / अल्पसंख्यको निःशक्तजनों, निराश्रितों, महिलाओं, बच्चों वृद्धजनों कृषकों एवं श्रमिकों के लिए।
9.विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी :
- दैनिक जीवन में विज्ञान के मूलभूत तत्व
- कम्प्यूटर्स, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी
- रक्षा प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं उपग्रह
- नैनो-प्रौद्योगिकी, जैव-प्रौद्योगिकी एवं अनुवंशिक-अभियांत्रिकी
- आहार एवं पोषण, रक्त समूह एवं Rh कारक
- स्वास्थ्य देखभाल, संक्रामक, असंक्रामक एवं पशुजन्य रोग
- पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय परिवर्तन एवं इनके प्रभाव
- जैव-विविधता, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं संधारणीय विकास
- कृषि-विज्ञान, उद्यान-विज्ञान, वानिकी एवं पशुपालन राजस्थान के विशेष संदर्भ में
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास राजस्थान के विशेष संदर्भ में
10.तार्किक विवेचन एवं मानसिक योग्यता :
तार्किक दक्षता (निगमनात्मक, आगमनात्मक, अपवर्तनात्मक ): कथन एवं मान्यताएं,कथन एवं तर्क,कथन एवं निष्कर्ष, कथन-कार्यवाही,. विश्लेषणात्मक तर्कक्षमता
मानसिक योग्यता : संख्या / अक्षर अनुक्रम,कूटवाचन (कोडिंग-डीकोडिंग),संबंधों से संबंधित समस्याएं,दिशा ज्ञान परीक्षण,तार्किक वेन आरेख,दर्पण / पानी प्रतिबिम्ब,आकार और उनके उपविभाजन
आधारभूत संख्यात्मक दक्षता : अनुपात -समानुपात तथा साझा,प्रतिशत,साधारण एवं चक्रवृद्धि ब्याज,समतलीय चित्रों के परिमाप एवं क्षेत्र,आंकडों का विश्लेषण (सारणी दण्ड-आरेख, रेखीय आलेख पाई चार्ट) ,माध्य (समांतर, गुणोत्तर एवं हरात्मक),माध्यिका एवं बहुलक,क्रमचय एवं संचय,प्रायिकता ( सरल समस्याए )
11.समसामयिक घटनाएं :
- राजस्थान, भारतीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की प्रमुख समसामयिक घटनाएं एवं मुद्दे
- वर्तमान में चर्चित व्यक्ति, स्थान एवं संस्थाए
- खेल एवं खेलकूद संबंधी गतिविधियां
राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा संयुक्त प्रतियोगी (मुख्य) परीक्षा का आद्यतन पाठ्यक्रम
प्रश्न पत्र | प्रश्न पत्र विषय | अधिकतम अंक | समय |
1 | सामान्य अध्ययन- 1 | 200 | 3 घंटे |
2 | सामान्य अध्ययन- 2 | 200 | 3 घंटे |
3 | सामान्य अध्ययन- 3 | 200 | 3 घंटे |
4 | सामान्य हिन्दी एवं सामान्य अंग्रेजी | 200 | 3 घंटे |
प्रश्न पत्र – 1
सामान्य ज्ञान एवं सामान्य अध्ययन
इकाई 1 – इतिहास
खंड अ- राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य परम्परा और धरोहर:
- प्रागैतिहासिक काल से 18 वीं शताब्दी के अवसान तक राजस्थान के इतिहास की प्रमुख घटनाएं, महत्वपूर्ण राजवंश, उनकी प्रशासनिक एवं राजस्व व्यवस्था
- 19 वी- 20वीं शताब्दी की प्रमुख घटनाएं: किसान एवं जनजाति आन्दोलन, राजनीतिक जागृति, स्वतन्त्रता संग्राम और एकीकरण
- राजस्थान की धरोहरः प्रदर्शन व ललित कलाएं ,हस्तशिल्प व वास्तुशिल्प,रजस्थान में विश्व विरासत के प्रमुख स्थल ,पर्यटन, मेले , पर्व,लोक संगीत व लोक नृत्य
- राजस्थानी साहित्य की महत्वपूर्ण कृतियाँ एवं राजस्थान की बोलियाँ
- राजस्थान के संत ,लोक देवता एवं महत्वपूर्ण विभूतियाँ
खंड ब- भारतीय इतिहास एवं संस्कृति:
- भारतीय धरोहर: सिन्धु सभ्यता से लेकर ब्रिटिश काल तक के भारत की ललित कलाएँ, प्रदर्शन कलाएँ वास्तु परम्परा एवं साहित्य
- प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत के धार्मिक आन्दोलन और धर्म दर्शन
- 19वीं शताब्दी के प्रारंभ से 1965 ईस्वी तक आधुनिक भारत का इतिहास, महत्वपूर्ण घटनाक्रम, व्यक्तित्व और मुद्दे
- भारत का राष्ट्रीय आन्दोलन -इसके विभिन्न चरण व धाराएं, प्रमुख योगदानकर्ता और देश के भिन्न- भिन्न भागों से योगदान
- 19वी 20वीं शताब्दी में सामाजिक- धार्मिक सुधार आन्दोलन
- स्वातंत्र्योत्तर सुदृढीकरण और पुनर्गठन- देशी रियासतों का विलय तथा राज्यों का भाषायी आधार पर पुनर्गठन
खंड स- आधुनिक विश्व का इतिहास (1950 ईस्वी तक)
- पुनर्जागरण व धर्म सुधार
- अमरीकी स्वतंत्रता संग्राम ,फ़्रांसिसी क्रांति 1789 व औद्योगिक क्रांति
- एशिया व अफ्रीका में साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद
- विश्व युद्धों का प्रभाव
इकाई 2- अर्थव्यवस्था
खण्ड अ- भारतीय अर्थशास्त्र:
- कृषि- भारतीय कृषि में वृद्धि एवं उत्पादकता की प्रवृत्तियां ,खाद्द्य प्रसंस्करण व खाद्द्य प्रबंधन , कृषि सुधार व चुनौतियाँ
- उद्योग क्षेत्र की प्रवृत्तियां : औद्योगिक नीति एवं वित्त ,उदारीकरण, वैश्वीकरण , निजीकरण और आर्थिक सुधार,अवसंरचना और आर्थिक वृद्धि
- मुद्रा स्फीति ,कीमत और मांग-पूर्ति
- केंद्र -राज्य वित्तीय सम्बन्ध और वित्त आयोग, राजकोषीय उत्तरदायित्व व बजट प्रबंधन अधिनियम, भारत में राजकोषीय सुधार
- बजटीय प्रवृत्तियां व राजकोषीय नीति : कर सुधार,अनुदान -नकद हस्तांतरण , राजस्व व व्यय प्रवृत्तियां
- आर्थिक गतिविधियों में सरकार की भूमिका ,निजी सार्वजानिक व मेरिट वस्तुएं
- सामाजिक क्षेत्र : गरीबी,बेरोजगारी , असमानता ,स्वास्थ्य,शिक्षा इत्यादि ;आर्थिक विकास में राज्य की भूमिका और रोजगार उन्मुख वृद्धि व्यूह रचना
खण्ड ब- वैश्विक अर्थव्यवस्था:
वैश्विक आर्थिक मुद्दे और प्रवृत्तियाँ : विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व व्यापार संगठन की भूमिका।
सतत विकास एवं जलवायु परिवर्तन
खण्ड स- राजस्थान की अर्थव्यवस्था :
- कृषि परिदृश्य – उत्पादन एवं उत्पादकता। जल संसाधन और सिंचाई। कृषि विपणन डेयरी एवं पशुपालन।
- ग्रामीण विकास और ग्रामीण अवसंरचना, पंचायती राज और राज्य वित्त आयोग।
- औद्योगिक विकास का संस्थागत ढाँचा, औद्योगिक वृद्धि और नवप्रवृतियाँ। खादी और ग्रामोद्योग
- अवसंरचना विकास- विद्युत और परिवहन। अवसंरचना में निजी विनियोग और सार्वजनिक निजी सहभागिता परियोजनाएं- दृष्टिकोण और सम्भावनाएं।
- राजस्थान की प्रमुख विकास परियोजनाएं। राज्य बजट और राजकोषीय प्रबंधन- मुद्दे और चुनौतियाँ।
- राजस्थान की आर्थिक कल्याण योजनाएं। सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण।
- बुनियादी सामाजिक सेवाएं- शिक्षा व स्वास्थ्य, गरीबी, बेरोजगारी और सतत् विकास लक्ष्य ।
इकाई 3- समाजशास्त्र, प्रबंधन ,लेखांकन व, अंकेक्षण
खण्ड अ- समाजशास्त्र:
- भारत में समाजशास्त्रीय विचारों का विकास : जाति और वर्ग -प्रकृति ,उद्भव ,प्रकार्य व चुनौतियाँ
- परिवर्तन की प्रक्रियाएं : संस्कृतिकरण,पश्चिमीकरण ,लौकिकीकरण ,भुमंडलिकरण
- भारतीय समाज के समक्ष चुनौतियाँ : दहेज ,तलाक,बाल विवाह ,भ्रष्टाचार,साम्प्रदायिकता,गरीबी,बेरोजगारी,मादक पदार्थ व्यसन ,कमजोर तबके -दलित वृद्ध व दिव्यांग
- राजस्थान के जनजातीय समुदाय- भील, मीणा एवं गरासिया-समस्याएँ एवं कल्याण
खण्ड ब- प्रबंधन :
- विपणन की आधुनिक अवधारणा, विपणन मिश्रण – उत्पाद, मूल्य, स्थान और संवर्धन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, प्रचालन तंत्र, इ-वाणिज्य, इ-विपणन, व्यवसाय तथा निगम आचारनीति।
- धन के अधिकतमकरण की अवधारणा, वित्त के स्रोत – अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन, पूँजी संरचना, पूँजी की लागत, लाभों का विभाजन, बैंकिंग एवं गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान, शेयर बाजार, बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश विदेशी संस्थागत निवेश ।
- नेतृत्व के सिद्धांत तथा शैलियों, समूह व्यवहार, व्यक्तिगत व्यवहार अभिवृत्ति, मूल्य, टीम निर्माण, अभिप्रेरण के सिद्धांत, संघर्ष प्रबंधन, समय-प्रबंधन, तनाव प्रबंधन प्रशिक्षण, विकास तथा आकलन प्रणाली।
- उद्यमिता – उद्भवन, स्टार्टअप्स, यूनिकॉर्न, उद्यम पूँजी, एंजल निवेशक
- अत्यावश्यक सेवाओं का प्रबंधन – शिक्षा प्रबंधन, हेल्थकेयर तथा वैलनेस प्रबंधन, पर्यटन तथा आतिथ्य प्रबंधन।
खण्ड स- लेखांकन एवं अंकेक्षण :
- लेखांकन की दोहरी लेखा प्रणाली ,वित्तीय विवरण विश्लेषण की तकनीक ,उत्तरदायित्व व सामाजिक लेखांकन
- अंकेक्षण: अर्थ एवं उद्देश्य ,सामाजिक ,निष्पत्ति व दक्षता अंकेक्षण,सरकारी अंकेक्षण की प्रारंभिक जानकारी
- निष्पादन बजट एवं शून्य आधारित बजट
प्रश्न पत्र- 2
सामान्य ज्ञान एवं सामान्य अध्ययन
इकाई 1- प्रशासकीय नीतिशास्त्र
- नीतिशास्त्र एवं मानवीय मूल्य- महापुरूषों, समाज सुधारकों तथा प्रशासकों के जीवन से प्राप्त शिक्षा, परिवार, सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं का मानवीय मूल्यों को विकसित करने में योगदान।
- नैतिक संप्रत्यय- ऋत एवं ऋण, कर्त्तव्य की अवधारणा, शुभ एवं सद्गुण की अवधारणा
- निजी एवं सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र की भूमिका प्रशासकों का आचरण, मूल्य एवं राजनैतिक अभिवृत्ति, सत्यनिष्ठा का दार्शनिक आधार।
- भगवद गीता का नीतिशास्त्र एवं प्रशासन में इसकी भूमिका।
- गांधी का नीतिशास्त्र
- भारतीय एवं विश्व के नैतिक चिंतकों एवं दार्शनिकों का योगदान।
- प्रशासन में नैतिक चिन्ता, द्वन्द एवं चुनौतियां
- नैतिक निर्णय-प्रक्रिया तथा उसमें योगदान देने वाले कारक; सामाजिक न्याय, मानवीय चिन्ता, शासन में जवाबदेही एवं नैतिक आचार सहिता।
- उपरोक्त विषयों पर आधारित केस अध्ययन।
इकाई 2 – सामान्य विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी :
दैनिक जीवन में रसायन विज्ञान; द्रव्य की अवस्थाएं; परमाण्विक संरचना; धातु अधातु और उपधातु, धातुकर्म सिद्धांत और विधियों, महत्वपूर्ण अयस्क और मिश्र धातु; अम्ल, क्षार और लवण, pH और बफर की अवधारणा; महत्वपूर्ण औषधियां (संश्लेषित और प्राकृतिक). एंटीऑक्सिडेंट, परिरक्षक, कीटनाशी, पीड़कनाशी, कवकनाशी शाकनाशी, उर्वरक, योजक और मधुरक कार्बन, इसके यौगिक और उनके घरेलू और औद्योगिक अनुप्रयोग; रेडियोधर्मिता अवधारणाएं और अनुप्रयोग।
दैनिक जीवन में भौतिकी; गुरुत्वाकर्षण, मानव नेत्र और दोष; ऊष्मा, स्थिर एवं धारा वैद्युतिकी; चुंबकत्व, वैद्युत चुंबकत्व ध्वनि एवं विद्युत चुंबकीय तरंगे चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग और नाभिकीय चुंबकीय अनुनाद; नाभिकीय विखंडन और संलयन।
कोशिका; मानव में नियंत्रण और समन्वय, प्रजनन, उत्सर्जन, श्वसन, परिसंचरण और पाचन तंत्र रक्त समूह रक्त की संरचना और कार्य; हार्मोन, आनुवांशिक एवं जीवन शैली के रोग, मानव रोग संचारी और गैर-संचारी, एंडेमिक एपिडेमिक, पैनडेमिक रोग- इनके निदान और नियंत्रण, प्रतिरक्षीकरण और टीकाकरण; ड्रग्स एवं एल्कोहल का दुरूपयोग; पादप के भाग और उनके कार्य, पादपों में पोषण, पादप वृद्धि नियंत्रक, पादपों में लैंगिक और अलैंगिक प्रजनन, राजस्थान के विशेष संदर्भ में महत्वपूर्ण औषधीय पौधे, जैविक खेती; जैव प्रौद्यौगिकी और उसके अनुप्रयोग।
आधारभूत कंप्यूटर विज्ञान; नेटवर्किंग और प्रकार एनालॉग और डिजिटल दूरसंचार; आवृत्ति स्पेक्ट्रम मोबाइल टेलीफोनी, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में नूतन विकास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा क्लाउड कंप्यूटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, क्रिप्टो करेंसी, ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया और उनके प्रभाव; भारत में आईटी उद्योग,डिजिटल इंडिया पहल।
विज्ञान और प्रौद्यौगिकी में भारतीय वैज्ञानिकों का योगदान, वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, ऑगमेंटेड रियलिटी, नैनो प्रौद्योगिकी, आरएफआईडी, क्वांटम कंप्यूटिंग आदि; राजस्थान में विज्ञान और प्रौद्यौगिकी का विकास, विज्ञान और प्रौद्यौगिकी से संबंधित सरकार की नीतियाँ।
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी- भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम, उपग्रह और उनकी कक्षाएँ, विभिन्न प्रक्षेपण यान, सुदूर संवेदन। रक्षा प्रौद्योगिकी- मिसाइलें, भारतीय मिसाइल कार्यक्रम, रासायनिक और जैविक हथियार।
इकाई 3- पृथ्वी विज्ञान (भूगोल एवं भू-विज्ञान)
खण्ड अ- विश्व
- पृथ्वी की संरचना एवं भूवैज्ञानिक समय सारिणी
- प्रमुख भौतिक भू-आकृतियाँ पर्वत, पठार, मैदान, मरुस्थल
- भूकंप एवं ज्वालामुखी :प्रकार वितरण एवं उनका प्रभाव
- भू-राजनीतिक समस्याएं
- पर्यावरण सम्बन्धी मुद्दे
खण्ड ब-भारत :
- प्रमुख भौतिकःभू-आकृतियाँ- पर्वत, पठार, मैदान, मरुस्थल
- भारत का प्रमुख भू-आकृतिक विभाजन
- नदियाँ
- जलवायु: मानसून की उत्पत्ति, जलवायु विशेषतायें, वर्षा का वितरण एवं जलवायु प्रदेश।
- प्राकृतिक संसाधनः प्रकार व उपयोग
- (क) जल, वन एवं मृदा संसाधन
- (ख) शैल एवं खनिज
- जनसंख्या -वृद्धि वितरण, घनत्व, लिंगानुपात साक्षरता, नगरीय एवं ग्रामीण जनसंख्या
खण्ड स-राजस्थान:
- प्रमुख भौतिक भू-आकृतियाँ: पर्वत, पठार, मैदान, मरुस्थल
- प्रमुख नदियाँ व झीलें
- जलवायु -विशेषता व वर्गीकरण
- वनस्पति
- कृषि :प्रमुख फसलें,उत्पादन व वितरण
- धात्विक व अधात्विक खनिजः प्रकार ,वितरण व उपयोग
- परम्परागत एवं गैर परम्परागत उर्जा संसाधन
- जनसंख्या एवं जनजातियां
- वन्य जीव एवं जैव विविधता :चुनौतियाँ एवं संरक्षण
- यूनेस्को की भू-पार्क एवं भू-धरोहर स्थल कल्पना :राजस्थान में संभावनाएं
- पर्यावरण सम्बन्धी मुद्दे
प्रश्न पत्र 3
सामान्य ज्ञान एवं सामान्य अध्ययन
इकाई 1- भारतीय राजनीतिक व्यवस्था, विश्व राजनीति एवं समसामयिक मामले
- भारतीय संविधान : निर्माण, विशेषताएँ संशोधन, मूल ढाँचा
- वैचारिक सत्व :उद्देशिका, मूल अधिकार, राज्य नीति के निदेशक तत्व, मूल कर्तव्य
- संस्थात्मक ढाँचा -1 : संसदीय प्रणाली, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मंत्री परिषद्, संसद
- संस्थात्मक ढाँचा -2 : संघवाद केन्द्र-राज्य संबंध, उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, न्यायिक पुनरावलोकन, न्यायिक सक्रियता
- संस्थात्मक ढाँचा -3 : भारत निर्वाचन आयोग, नियंत्रक एवं महा लेखा परीक्षक, संघ लोक सेवा आयोग, नीति आयोग, केन्द्रीय सतर्कता आयोग केन्द्रीय सूचना आयोग, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
- राजनीतिक गत्यात्मकताएँ: भारतीय राजनीति में जाति, धर्म, वर्ग, नृजातीयता, भाषा एवं लिंग की भूमिका, राजनीतिक दल एवं मतदान व्यवहार, नागरिक समाज एवं राजनीतिक आंदोलन, राष्ट्रीय अखंडता एवं सुरक्षा से जुड़े मुददे, सामाजिक राजनीतिक संघर्ष के संभावित क्षेत्र
- राजस्थान की राज्य-राजनीति; दलीय प्रणाली, राजनीतिक जनांकिकी, राजस्थान में राजनीतिक प्रतिस्पर्द्धा के विभिन्न चरण, पंचायती राज एवं नगरीय स्वशासन संस्थाएँ।
- शीत युद्धोत्तर दौर में उदीयमान विश्व व्यवस्था, संयुक्त राज्य अमरिका का वर्चस्व एवं इसका प्रतिरोध संयुक्त राष्ट्र एवं क्षेत्रीय संगठन, अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद एवं पर्यावरणीय मुद्दे
- भारत की विदेश नीति: उद्विकास, निर्धारक तत्व, संयुक्त राज्य अमरिका, चीन, रूस एवं यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंध, संयुक्त राष्ट्र, गुट निरपेक्ष आंदोलन, ब्रिक्स, जी- 20. जी-77 एवं सार्क में भारत की भूमिका।
- दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया एवं पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक एवं रणनीतिक विकास तथा उनका भारत पर प्रभाव।
- समसामयिक मामले: राजस्थान, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसमायिक घटनाएं, व्यक्ति एवं स्थान, खेलकूद से जुड़ी हाल की गतिविधियाँ।
इकाई 2- लोक प्रशासन एवं प्रबंधन की अवधारणाएँ मुद्दे एवं गत्यात्मकता
- प्रशासन एवं प्रबंध- अर्थ, प्रकृति एवं महत्व विकसित एवं विकासशील समाजों में लोक प्रशासन की भूमिका, एक विषय के रूप में लोक प्रशासन का विकास, नवीन लोक प्रशासन, लोक प्रशासन के अध्ययन के प्रति अभिगमन
- शक्ति,प्राधिकार , वैधता, उत्तरदायित्व एवं प्रत्यायोजन की अवधारणाएँ
- संगठन के सिद्धांत- पदसोपान, नियंत्रण का क्षेत्र एवं आदेश की एकता
- प्रबंधन के कार्य- निगमित शासन एवं सामाजिक उत्तरदायित्व ।
- नव लोक प्रबंधन के नवीन आयाम- परिवर्तन का प्रबंधन
- लोक सेवा के आधारभूत मूल्य एवं अभिवृत्ति- नैतिकता ,सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता, गैरपक्ष, समर्पण, सामान्यज्ञ एवं विशेषज्ञ संबंध
- प्रशासन नियंत्रण- विधायी,कार्यपालिक एवं न्यायिक नियंत्रण की विभिन्न पद्धतियाँ एवं तकनीक।
- राजस्थान में प्रशासनिक ढाँचा एवं प्रशासनिक संस्कृति राज्यपाल, मुख्यमंत्री,मंत्रीपरिषद, राज्य सचिवालय एवं मुख्य सचिव
- जिला प्रशासन- संगठन, जिलाधीश एवं पुलिस अधीक्षक की भूमिका, उपखण्ड एवं तहसील प्रशासन
- प्रशासनिक विकास अर्थ क्षेत्र एवं विशेषताएँ
- राज्य मानवाधिकार आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, राज्य वित्त आयोग, लोकायुक्त,राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं राजस्थान लोक सेवा अधिनियम, 2011;राजस्थान सुनवाई का धिकार अधिनियम ,2012
ईकाई 3- खेल एवं योग , व्यवहार एवं विधि :
खण्ड अ- खेल एवं योग
- भारत एवं राजस्थान की खेल नीति
- SAI एवं राजस्थान क्रीड़ा परिषद
- भारत एवं राजस्थान के खेल पुरस्कार
- योग
- भारत के विख्यात खेल व्यक्तित्व
- प्राथमिक उपचार एवं पुनर्वास
- भारतीय खिलाडियों के ओलम्पिक ,एशियन खेल ,कॉमनवेल्थव पैरा-लिम्पिक खेल में भागीदारी
खण्ड ब- व्यवहार
- बुद्धि: संज्ञानात्मक बुद्धि सामाजिक बुद्धि, संवेगात्मक बुद्धि सांस्कृतिक बुद्धि आध्यात्मिक बुद्धि
- व्यक्तित्व : शीलगुण व प्रकार सिद्वान्त, व्यक्तित्व निर्धारण के कारक और व्यक्तित्व आंकलन
- अधिगम और अभिप्रेरणा :अधिगम की शैलियां, स्मृति के मॉडल और विस्मृति के कारण अभिप्रेरणा का आंकलन
- प्रतिबल एव प्रबन्धन : प्रकृति, प्रकार, कारण, लक्षण, प्रभाव, तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य का प्रोत्साहन ।
खण्ड स- विधि
- विधि की अवधारणा- स्वामित्व एवं कब्जा, व्यक्तित्व, दायित्व, अधिकार एवं कर्त्तव्य।
- वर्तमान विधिक मुद्दे: सूचना का अधिकार, सूचना प्रौद्योगिकी विधि साइबर अपराध सहित ( अवधारणा, उद्देश्य, प्रत्याशार्य), बौद्धिक सम्पदा अधिकार (अवधारणा प्रकार एवं उद्देश्य) ।
- स्त्रियों एवं बालकों के विरूद्ध अपराध: घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012, बाल श्रमिकों से संबंधित विधि
- माता -पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरन -पोषण व कल्याण अधिनियम 2007
- राजस्थान में महत्वपूर्ण भूमि विधियां-
(क) राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956
(ख) राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, 1955
प्रश्न पत्र 4
General Hindi and General English
सामान्य हिन्दी
ईकाई-1- सामान्य हिन्दी : कुल अंक 120, इस प्रश्न पत्र का उद्देश्य अभ्यर्थी की भाषा-विषयक क्षमता तथा उसके विचारों की सही, स्पष्ट एवं प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति की परख करना है।
भाग अ- (अंक 50)
- संधि एवं संधि विच्छेद- दिए हुए शब्दों में संधि करना और संधि विच्छेद करना।
- उपसर्ग- उपसर्गों से शब्दों की संरचना और शब्दों में विद्यमान उपसर्गों को पृथक करना।
- प्रत्यय: प्रत्ययों से शब्दों की संरचना और शब्दों में विद्यमान प्रत्ययों को पृथक करना।
- पर्यायवाची शब्द
- विलोम शब्द
- समश्रुत भिन्नार्थक शब्द – शब्द-युग्मों का अर्थ भेद
- वाक्यांश के लिए एक सार्थक शब्द
- वाक्य एवं शब्द शुद्धि
- मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ: अनुप्रयोग
- पारिभाषिक शब्दावली: प्रशासन से संबंधित अंग्रेजी शब्दों के समानार्थक हिन्दी शब्द
भाग ब (अंक 50)
- संक्षिप्तीकरण- गद्यावतरण का उचित शीर्षक एवं एक-तिहाई शब्दों में संक्षिप्तीकरण (गद्यावतरण की शब्द सीमा 150 शब्द )
- पल्लवन – किसी सूक्ति, काव्य की पंक्ति, प्रसिद्ध कथन आदि का भाव विस्तार (शब्द सीमा 100 शब्द)
- पत्र लेखन-सामान्य कार्यालयी पत्र ,निविदा, परिपत्र, विज्ञप्ति
- अनुवाद : अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद (शब्द सीमा -75 शब्द )
भाग स (अंक 20)
किसी समसमायिक एवं अन्य विषय पर निबंध लेखन (शब्द सीमा 250 शब्दों में)
General English (Total marks 80)
Part A-Grammar & Usage (20 Marks)
- Correction of Sentences: 10 sentences for correction with errors related to :
- Articles & Determiners, Prepositions,Tenses & Sequence of Tenses,Modals,Voice- Active & Passive,Narration- Direct & Indirect,Synonyms & Antonyms,Phrasal Verbs & Idioms, One Word Substitute,Words often Confused or Misused.
Part B-Comprehension, Translation & Precis Writing (30 Marks)
- Comprehension of an Unseen Passage (250 Words approximately) 05 Questions based on the passage. Question No. 05 should preferably be on vocabulary.
- Translation of five sentences from Hindi to English.
- Precis Writing (a short passage of approximately 150-200 words)
Part C-Composition & Letter Writing (30 Marks)
- Paragraph Writing- Any 01 paragraph out of 03 given topics (approximately 200 words)
- Elaboration of a given theme (Any 1 out of 3, approximately 150 words)
- Letter Writing or Report Writing (approximately 150 words)
अन्य सम्बन्धित लिंक :
UPSC Syllabus in Hindi | UPSC Full Form in Hindi |
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UPSC Mains Syllabus in Hindi | NCERT Books for UPSC in Hindi |
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