यूनिफाइड /नेशनल सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसका उद्देश्य निवेशकों को देश में व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक अनुमतियाँ (pre -operational approvals) प्राप्त करने के लिए आवेदन करने में मदद करेगा । इस प्रणाली का उद्देश्य व्यवसाय रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान बनाना है, जिससे लाभार्थी को महत्वपूर्ण अप्रूवल ऑनलाइन प्राप्त करने की अनुमति मिलती है । हम जानते हैं कि लालफीताशाही के कारण लोगों को अप्रूवल के लिए सरकारी कार्यालयों की चक्कर लगानी पड़ती है । इस ऑनलाइन मंच की मदद से अब केवल एक क्लिक के साथ स्वयं सेवाओं का लाभ उठा सकता है । इस लेख में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है । हिंदी माध्यम में UPSC से जुड़े मार्गदर्शन के लिए अवश्य देखें हमारा हिंदी पेज आईएएस हिंदी
नोट : यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे UPSC Prelims Syllabus in Hindi का अच्छी तरह से अध्ययन कर लें, और इसके बाद ही अपनी तैयारी की योजना बनाएं ।
यूनिफाइड /नेशनल सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम: मुख्य उद्देश्य
यूनिफाइड /नेशनल सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम एक प्रभावी प्रणाली है और संभावित निवेशक को उन सभी मंत्रालयों के साथ सम्पर्क करने में सक्षम बनाएगी, जिनके अनुमोदन की उन्हें आवश्यकता है । विभिन्न हितधारकों से मंजूरी को प्रतिबंधित करने के लिए, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा एक केंद्रीकृत निवेश मंजूरी सेल के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया था, और इसे तैयार किया जा रहा है । यह सेल एंड-टू-एंड सुविधा सहायता प्रदान करने के लिए लक्षित है । डिजिटल एक्सेस सभी को एक ही बिंदु पर नियामकों, सुविधाकर्ताओं और नीति निर्माताओं के लिए उपलब्ध कराया जाएगा । यह उनकी भौगोलिक स्थिति या समय के अंतर पर ध्यान दिए बिना होगा । भारत में व्यवसाय संचालन शुरू करने के लिए आवश्यक सभी केंद्रीय और राज्य मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए “वन -स्टॉप” डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में निवेश निकासी सेल की योजना बनाई गई है । यह एकीकृत सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम अनुमोदनों को पारदर्शी बनाएगा, भ्रष्टाचार को कम करेगा और निवेशकों के समय की बचत भी करेगा ।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा प्रशासित विदेशी निवेश सुविधा पोर्टल (FIFP) सरकार और निवेशकों के बीच एकमात्र ऑनलाइन इंटरफ़ेस है । यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है । अतः अनुमोदन की प्रणाली को सरल बनाने के लिए, भारत सरकार ने एक एकीकृत निकासी प्रणाली शुरू करने का निर्णय लिया क्योंकि यह वांछित था ।
मुख्य बिंदु
- औद्योगिक सूचना प्रणाली (आईआईएस) के तहत एक जीआईएस सक्षम भूमि बैंक विकसित किया जा रहा है ।
- इसे 2020 में चरणबद्ध तरीके से 6 राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, ओडिशा और गोवा में लॉन्च किया गया था । अन्य सभी राज्यों और संबंधित सरकारी विभागों और मंत्रालयों को भी सिंगल विंडो सिस्टम से जोड़ा जा रहा है ।
- यह प्रोजेक्ट वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है ।
- हम जानते हैं कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) किसी कंपनी या व्यक्ति द्वारा एक देश में दूसरे देश में स्थित व्यावसायिक हितों में किया गया निवेश है । भारत में, इन विदेशी निवेशों के माध्यम से अर्थव्यवस्था का एक अच्छा हिस्सा उत्पन्न होता है । यह धन के अलावा एक देश में नए नवाचारों, नीतियों, विचारों आदि को भी लाता है और अंततः आर्थिक विकास में योगदान देता है । निवेश की प्रक्रिया के सरलीकरण से देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में निश्चित रूप से वृद्धि होगी, जिससे :-
- देश में FDI का प्रवाह पहले की अपेक्षा बढ़ जाएगा ।
- देश में उद्योगीकरण की गति बढ़ जायेगी ।
- बेरोजगारी कम होगी और रोजगार में तीव्र वृद्धि होंगी ।
- देश की जीडीपी में वृद्धि होगी ।
- ज्यादा निवेश होने से देश में सेवाओ व वस्तुओ की गुणवत्ता बढ़ जायेगी ।
- देश में नई नई तकनीकों का आगमन होगा ।
नोट : UPSC 2023 परीक्षा की तिथि करीब आ रही है, आप खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रखने के लिए BYJU’S के साथ जुड़ें, यहां हम महत्वपूर्ण जानकारियों को सरल तरीके से समझाते हैं ।
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