17 जून 2022 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: अर्थव्यवस्था:
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: राजव्यवस्था:
अर्थव्यवस्था:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
अर्थव्यवस्था:
क्रिप्टो बाजार में गिरावट के कारण
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और नियोजन, संसाधन संग्रहण, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।
मुख्य परीक्षा: क्रिप्टोकरेंसी के मूल्यों में गिरावट के कारण।
संदर्भ:
- हाल के दिनों में, बिटकॉइन और कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद इनके मूल्यों में गिरावट देखी जा रही हैं।
पृष्ठभूमि:
- वर्ष 2021 में उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद से बिटकॉइन के मूल्य में दो-तिहाई से अधिक की गिरावट आई है।
- इथेरियम अपने उच्चतम स्तर से लगभग 80% गिर गया है।
- नतीजतन, क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार पूंजीकरण 2021 के बाद पहली बार 1 ट्रिलियन डॉलर से कम हो गया है।
- इस गिरावट के कारण निवेशकों का उत्साह कम हो गया है जिसके चलते भारतीय क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों में भी ट्रेडिंग वॉल्यूम अपने उच्चतम स्तर से 90% गिर गया है।
क्रिप्टोक्यूरेंसी मूल्यों में गिरावट के कारण:
- क्रिप्टोक्यूरेंसी के मूल्यों में यह गिरावट स्टॉक बाजार और अन्य परिसंपत्तियों की कीमतों में आई गिरावट के कारण है क्योंकि यू.एस. फेडरल रिजर्व जैसे केंद्रीय बैंक ने कीमत में वृद्धि (मंहगाई) को कम करने के लिए मौद्रिक नीति को कठोर किया है अर्थात ब्याज दरों में वृद्धि की है।
- गिरावट के पीछे उस धारणा का कमजोर होना भी है जिसके कारण क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई थी।
- एक अन्य कारण वास्तविक जीवन में लेन-देन के लिए क्रिप्टोकरेंसी का कम उपयोग भी है।
क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में सरकार के प्रयास:
- क्रिप्टोकरेंसी के व्यापक उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए कई देशों ने कई कदम उठाए हैं।
- चीन और रूस जैसे देशों ने क्रिप्टोकरेंसी पर एकमुश्त प्रतिबंध लगाने का विकल्प चुना है, जबकि भारत जैसे अन्य देशों ने क्रिप्टोकरेंसी पर भारी कर लगाने और उन्हें विनियमित करने का प्रयास किया है।
- भारत में, हालाँकि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर एकमुश्त प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने को लेकर काफी मुखर रहा है।
- यदि क्रिप्टोकरेंसी व्यापक रूप से स्वीकार्य हो जाती है, तो यह अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति पर केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण को प्रभावित करेगी।
- यह अधिक धन सृजित करके अपने खर्च को वित्तपोषित करने की सरकारों की क्षमता को भी प्रभावित करेगी, क्योंकि नागरिक वैकल्पिक मुद्राओं को अपनाने का विकल्प चुन सकते हैं।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
अर्थव्यवस्था:
क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ने का कदम
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और नियोजन, संसाधन संग्रहण, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) ।
मुख्य परीक्षा: क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ने के लाभ।
संदर्भ:
- भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट कार्ड को एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) प्लेटफॉर्म से जोड़ने की अनुमति देने वाला प्रस्ताव पेश किया है।
पृष्ठभूमि:
- भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट कार्ड को एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) प्लेटफॉर्म से जोड़ने की अनुमति देने वाला प्रस्ताव पेश किया है।
- वर्तमान में, एकीकृत भुगतान इंटरफेस उपयोगकर्ताओं के डेबिट कार्ड के माध्यम से बचत/चालू खातों को जोड़कर लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है। अब यूपीआई प्लेटफॉर्म पर क्रेडिट कार्ड को लिंक करने की अनुमति देने का प्रस्ताव पेश किया गया है।
- इसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को अतिरिक्त सुविधा प्रदान करना और डिजिटल भुगतान के दायरे को बढ़ाना है।
- आवश्यक प्रणाली का विकास कार्य पूरा होने के बाद यह सुविधा उपलब्ध होगी। भारतीय रिज़र्व बैंक, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) को इस सुविधा के संचालन के लिए अलग से आवश्यक निर्देश जारी करेगा।
इस प्रावधान के लाभ:
- इस व्यवस्था से ग्राहकों को भुगतान का एक अतिरिक्त अवसर प्राप्त होगा और इस प्रकार क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भुगतान करना और आसान हो जाएगा।
- क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ने का प्रस्ताव क्रेडिट कार्ड की पहुंच और उपयोग को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए किया गया है।
- इससे अधिक मर्चेंट साइटों (merchant site) पर लेनदेन और स्वीकृति को बढ़ावा मिलेगा।
- जो लोग आम तौर पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान करना पसंद करते हैं ताकि लंबी पे-बैक अवधि या क्रेडिट-कार्ड बकाया पर ऋण का लाभ उठाया जा सके, या जो खरीदारी के समय अपनी बचत को खर्च नहीं करना चाहते हैं, वे UPI के माध्यम से क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके भुगतान कर सकते हैं।
- कई व्यापारी पॉइंट ऑफ़ सेल (PoS) उपकरण के बिना UPI के माध्यम से क्रेडिट भुगतान स्वीकार कर सकेंगे।
- UPI के साथ क्रेडिट कार्ड को जोड़ने से छोटे भुगतानों के लिए ऐसे कार्डों के उपयोग में वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि इससे उपयोगकर्ताओं को भुगतान करने के लिए अधिक विकल्प मिलेंगे।
- इस कदम से क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किए जाने वाले कुल खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। वर्तमान में, क्रेडिट कार्ड के उपयोग के माध्यम से किया जाने वाला खर्च डेबिट कार्ड के माध्यम से किए जाने वाले औसत खर्च के दोगुने से अधिक है।
- डिजिटल लेनदेन में तेजी के अलावा, इस उपाय से वित्तीय लेनदेन के औसत टिकट आकार के भी प्रभावित होने की उम्मीद है।
- बहुत से लोग क्रेडिट कार्ड का उपयोग पुरस्कार और लाभ के लिए जबकि UPI का उपयोग इसकी सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए करते हैं।
- क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ने से ये दोनों लाभ एक साथ उपभोक्ताओं को मिलेंगे।
क्या इन भुगतानों के लिए व्यापारी छूट दर लागू होगी?
- UPI के माध्यम से क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके किए जाने वाले लेनदेन पर व्यापारी छूट दर (MDR) लागू होगी या नहीं, अभी इस पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। अभी तक RuPay के माध्यम से भुगतान करने पर ऐसा कोई शुल्क नहीं लगता है।
- वर्तमान में, चूंकि क्रेडिट कार्ड नेटवर्क व्यवसाय पर विदेशी कार्ड जारीकर्ता जैसे वीज़ा और मास्टरकार्ड की अधिक हिस्सेदारी है, अतः शुल्क का एक हिस्सा उन्हें प्राप्त होता है।
- हालांकि, भारत सरकार स्वदेशी रुपे कार्ड प्रणाली को बढ़ावा दे रही है।
- अभी यह देखा जाना शेष है कि क्या वास्तव में व्यापारियों के लिए क्रेडिट कार्ड वाले उपयोगकर्ताओं (विदेशी जारीकर्ताओं से) से भुगतान स्वीकार करना किफायती साबित होगा।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
राजव्यवस्था:
‘सबक सिखाने’ के लिए बुलडोजर अन्याय
विषय:भारत के संविधान की विशेषताएं, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
मुख्य परीक्षा: राजनीतिक कार्यकर्ताओं के घरों को ध्वस्त करने के उत्तर प्रदेश सरकार के कदम का समालोचनात्मक मूल्यांकन।
संदर्भ:
- उत्तर प्रदेश सरकार ने पैगंबर मुहम्मद पर की गई टिप्पणियों के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले एक राजनीतिक कार्यकर्ता के घर को ध्वस्त कर दिया।
पृष्टभूमि:
- “अपराध करने का दोषी कौन है – क्या यह वह है जो उकसाता है या जो उकसाया जाता है” यह सवाल सदियों से व्यापक बहस का मुद्दा रहा है।
- भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने देशद्रोह कानून (law on sedition) को स्पष्ट किया है कि जो हिंसा को उकसाता है वह दोषी है।
- इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता (IPC) और अन्य कानूनों जैसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) और सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत पुलिस को हिंसा को उकसाने के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु पर्याप्त अधिकार व प्रावधान हैं।
- हालाँकि, हाल के दिनों में, हिंसा भड़काने वाले या उकसाने वाले की अनदेखी की जा रही है और जिन्हें उकसाया गया है उन्हें अक्सर दंडित किया जाता है।
- इन व्यक्तियों को गिरफ्तार कर उनके घरों को मनमाने ढंग से ध्वस्त किया जा रहा है इसे “बुलडोजर न्याय” कहा जाता है।
क्या किसी विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा का सहारा लेने का संवैधानिक अधिकार है?
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“आश्रय का अधिकार” पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय:
- आवास एवं विकास परिषद यूपी बनाम फ्रेंड्स कॉप हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड (1996) मामला
- शीर्ष अदालत ने कहा कि “आश्रय का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, जो संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (e) में गारंटीकृत निवास के अधिकार और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार से लिया गया है।”
- चमेली सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (1996) मामला
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “आश्रय का अधिकार जब गरिमा पूर्ण जीवन के अधिकार के लिए आवश्यक रूप में उपयोगी है तो इसे मौलिक अधिकार के रूप में गारंटीकृत माना जाना चाहिए”।
राज्य द्वारा विध्वंस का औचित्य:
- राज्य प्रशासन ने कहा कि घर का निर्माण अवैध था और इसे ध्वस्त करने का नोटिस “दीवार पर चिपकाया गया था”।
सदन को गिराने के राज्य के कदम की आलोचना:
- राज्य से सवाल किया गया है कि उसने तथाकथित “अवैध निर्माण” के लिए कर कैसे एकत्र किया।
- आलोचक यह भी सवाल करते हैं कि पहले घर के अवैध निर्माण की अनुमति कैसे दी गई तथा राज्य द्वारा मिलीभगत करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
- आलोचकों का कहना है कि तोड़फोड़ का आदेश शनिवार की रात घर की दीवार पर चिपका दिया गया था और तोड़फोड़ रविवार की सुबह हुई, जिससे व्यक्ति को अदालत में इस आदेश को चुनौती देने का समय नहीं मिला।
- व्यक्ति को कानून के अनुसार सुनवाई का अवसर प्रदान नहीं किया गया था।
- पारंपरिक सिद्धांतों के अनुसार राज्य के कार्यों को न्यायसंगत, निष्पक्ष और उचित जनादेश की आवश्यकता होती है और आलोचकों का मानना है कि व्यक्ति को सुनवाई का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए था।
- इसके अलावा, घर को छुट्टी के दिन यानि रविवार को ध्वस्त कर दिया गया था।
सुझाव:
- राज्य को जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए और दण्ड से मुक्ति की संस्कृति को समाप्त करना चाहिए।
- विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य को व्यक्ति को घर के पुनर्निर्माण हेतु मुआवजा देना चाहिए और मानसिक कष्ट की भरपाई भी करनी चाहिए।
- संबंधित अधिकारियों के खिलाफ हर स्तर पर कार्रवाई की जाए।
- उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग को भी इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
अर्थव्यवस्था:
नौकरी की प्रतीक्षा में
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) तथा श्रम बल भागीदारी दर (LFPR)
मुख्य परीक्षा: भारत में बेरोजगारी को लेकर चिंता।
सन्दर्भ:
- केंद्र सरकार ने “मिशन मोड” पर कर्मियों की भर्ती करने का फैसला लिया है।
विवरण:
- नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार मार्च 2020 तक सभी केंद्रीय विभागों में लगभग 8.86 लाख रिक्तियां थीं।
- भारत के प्रधान मंत्री ने घोषणा की कि सरकार आगामी 18 महीनों के भीतर 10 लाख कर्मियों की भर्ती करेगी।
- इन कर्मियों को रेलवे, सशस्त्र बलों और जीएसटी विभागों में मौजूदा रिक्तियों में भर्ती किया जाएगा।
भारत में बेरोजगारी को लेकर चिंता:
- 2018 में लीक हुई आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) रिपोर्ट के अनुसार भारत की बेरोजगारी दर चार दशकों में सबसे अधिक (6.07%) थी।
- नवीनतम PLFS आंकड़ों के अनुसार 2019-20 में समग्र बेरोजगारी दर 4.8% की तुलना में 2020-21 में 4.2% थी तथा श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 2020-21 में बढ़कर 41.6% हो गई, जो 2019-20 में 40.1% थी।
- बेरोज़गारी दर में कमी से प्रसन्नता योग्य नहीं है क्योंकि वर्तमान में वेतनभोगी रोजगारों में कमी हो रही है तथा लोग कम उत्पादक और अवैतनिक नौकरियों की ओर स्थानांतरित हो रहें है।
- साथ ही, कृषि और कृषि से संबंधित नौकरियों में वृद्धि के साथ औद्योगिक नौकरियां में कमी हुई हैं। महामारी और लॉकडाउन के बाद इस प्रवृत्ति में वृद्धि हुई है और तब से इसमें कोई बदलाव नहीं आया है।
- चिंता का एक अन्य कारण शिक्षितों में बेरोजगारी दर में बहुत मामूली कमी है, यानी माध्यमिक शिक्षा से ऊपर 9.1% और युवाओं में बेरोजगारी दर (15-29 के बीच की आयु) 12.9% है।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक व्यापक रूप से स्वीकृत आंकड़ों के अनुसार, बेरोजगारी की वर्तमान साप्ताहिक स्थिति 2020-21 में सभी व्यक्तियों के लिए 7.5% बताई गई है।
- इसके अलावा, पूर्व-महामारी अवधि की तुलना में वेतनभोगी नौकरियों और स्वरोजगार में कार्यरत लोगों की मजदूरी दर कम बनी हुई है।
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
- अमेरिका तीन भारतीय शोध संस्थानों को आर्थिक मदद देगा
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: भारत के हितों पर विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण (One Health Approch)।
- संयुक्त राज्य अमेरिका ने महामारियों को रोकने के लिए शीर्ष तीन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों को 122 मिलियन डॉलर की सहायता देने की घोषणा की है।
- कुल धनराशि, तीन शीर्ष भारतीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थानों- भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) और राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान (NII) को दी जाएगी।
- यह सहायता ‘एक स्वास्थ्य’ दृष्टिकोण के माध्यम से जूनोटिक रोगों के प्रकोप का पता लगाने और उन्हें नियंत्रित करने में सहायक होगी।
एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण:
- एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण लोगों, जानवरों, पौधों और उनके साझा पर्यावरण के बीच परस्पर संबंध को पहचानते हुए इष्टतम स्वास्थ्य परिणामों को प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ एक सहयोगी, बहुक्षेत्रीय और अंतःविषय दृष्टिकोण है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- 2022 की पहली तिमाही में बेरोजगारी दर में गिरावट: सर्वेक्षण
- आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के अनुसार, वर्ष 2022 में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर घटकर 8.2% हो गई है, जो पिछली तिमाही में 8.7% थी।
- सर्वेक्षण रिपोर्ट बेरोजगारी दर को श्रम बल के बीच बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित करती है।
- भारत में आकस्मिक मृत्यु एवं आत्महत्याएँ:
- राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा ‘भारत में आकस्मिक मृत्यु एवं आत्महत्याओं’ पर जारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में, ऊष्माघात (हीटस्ट्रोक) भारत में प्राकृतिक कारणों से होने वाली मौतों का दूसरा प्रमुख कारण बन गया है।
- दिन और रात के उच्च तापमान का संयोजन खतरनाक है क्योंकि यह लोगों (विशेष रूप से बुजुर्गों) के रक्त परिसंचरण और अन्य शारीरिक कार्यों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
- वर्ष 2013 में अहमदाबाद में लागू किए गए भारत के पहले हीट एक्शन प्लान से अंतर्दृष्टि लेते हुए, केंद्र वर्तमान में इसी तरह की कार्य योजना को लागू करने के लिए 23 हीटवेव-प्रवण राज्यों और दिल्ली सहित 130 से अधिक शहरों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
- बढ़ते शहरी ऊष्मा द्वीपों (Heat Island) का कारण ग्लोबल वार्मिंग है और ये ऊष्मा द्वीप सूक्ष्म-जलवायु परिवर्तन से जुड़े हैं। ऊष्मा द्वीपों का निर्माण तब होता है जब हम अपने परिदृश्य को बाधित करना शुरू करते हैं।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. निम्नलिखित में से किस अंतर्राष्ट्रीय समूह का भारत सदस्य है, लेकिन कोई भी आसियान राष्ट्र इसका सदस्य नहीं है?
- मेकांग गंगा सहयोग
- शंघाई सहयोग संगठन
- सार्क
- बिम्सटेक
सही कूट का चयन कीजिए:
- उपर्युक्त में से कोई 1
- उपर्युक्त में से कोई 2
- उपर्युक्त में से कोई 3
- उपर्युक्त सभी
उत्तर b
व्याख्या:
- मेकांग गंगा सहयोग (MGC) छह देशों – भारत और पांच आसियान देशों – कंबोडिया, लाओ पीडीआर, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम की एक पहल है।
- शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन है जिसमें यूरेशिया के 8 सदस्य देश और 4 पर्यवेक्षक शामिल हैं।
- दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) दक्षिण एशिया के आठ देशों का एक आर्थिक और राजनीतिक संगठन है।
- बिम्सटेक के कुल सात सदस्य देश हैं जिसमें दक्षिण एशिया से पांच देश बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका और दक्षिण पूर्व एशिया से दो देश म्यांमार और थाईलैंड शामिल हैं।
- अत: b सही विकल्प है
प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यूनेस्को ने चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान को विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया है और इसे एकमात्र “पूर्ण और अपरिवर्तित इस्लामी पूर्व-मुगल शहर” कहा है।
- कालिका माता मंदिर चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान के भीतर स्थित है।
- मंदिर परिसर में एक दरगाह भी है।
गलत कूट का चयन कीजिए:
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- उपर्युक्त सभी
उत्तर: d
व्याख्या:
- यूनेस्को ने चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान को विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया है और इसे एकमात्र “पूर्ण और अपरिवर्तित इस्लामी पूर्व-मुगल शहर” कहा है।
- इसमें पहाड़ी पर कालिका माता मंदिर और तलहटी में जामा मस्जिद भी शामिल है।
- ट्रस्ट के नोट के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि 15 वीं शताब्दी में, सुल्तान महमूद बेगड़ा ने चंपानेर पर विजय प्राप्त कर वहां अपनी राजधानी स्थापित की और ‘मंदिर के शिखर को नष्ट कर दिया’। सदनशाह पीर दरगाह उस समय के आसपास बनाई गई थी।
- अतः सभी कथन सही हैं।
प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन-सा/से राष्ट्र I2U2 समूह का/के सदस्य नहीं है/हैं?
- इंडोनेशिया
- यूनाइटेड किंगडम
- इजराइल
- संयुक्त अरब अमीरात
- भारत
- यूक्रेन
सही कूट का चयन कीजिए:
- केवल 1, 5 और 6
- केवल 1, 2 और 6
- केवल 3, 4 और 5
- केवल 2, 3 और 4
उत्तर: b
व्याख्या:
- वर्ष 2022 में, भारत, इज़राइल, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका मिलकर I2U2 समूह की स्थापना करेंगे।
- संगठन का लक्ष्य दुनिया भर में अमेरिकी संबंधों को फिर से सक्रिय और पुनर्जीवित करना है।
- इसलिए इंडोनेशिया, यूनाइटेड किंगडम और यूक्रेन I2U2 समूह के सदस्य नहीं हैं।
- अतः विकल्प 2 सही है।
प्रश्न 4. कुख्यात ‘ब्लैक डेथ’ महामारी निम्नलिखित में से किस सूक्ष्मजीव के कारण फैली थी?
- जीवाणु
- विषाणु
- कवक
- प्रोटोजोआ
उत्तर: a
व्याख्या:
- ब्लैक डेथ लगभग 500 साल लंबी महामारी की पहली लहर थी जिसे दूसरी प्लेग महामारी के रूप में जाना जाता हैऔर यह मानव इतिहास में सबसे विनाशकारी संक्रामक रोग आपदाओं में से एक है।
- प्लेग जूनोटिक जीवाणु येरसिनिया पेस्टिस के कारण होता है, जो छोटे जानवरों और उनके पिस्सू में मौजूद होता है।
- इसलिए, विकल्प a सही है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित में से किसके अंगीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए ‘R2 व्यवहार संहिता (R2 कोड ऑफ प्रैक्टिसेज)’ साधन उपलब्ध करती है?
- इलेक्ट्रॉनिकी पुनर्चक्रण उद्योग में पर्यावरणीय दृष्टि से विश्वसनीय व्यवहार
- रामसर कन्वेंशन के अंतर्गत ‘अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आई भूमि’ का पारिस्थितिक प्रबंधन
- निम्नीकृत भूमि पर कृषि फसलों की खेती का संधारणीय व्यवहार
- प्राकृतिक संसाधनों के दोहन में ‘पर्यावरणीय प्रभाव आकलन’
उत्तर: विकल्प a
व्याख्या:
- R2 का शाब्दिक अर्थ रेस्पोंसिबल रीसाइक्लिंग (Responsible Recycling) है और यह सस्टेनेबल इलेक्ट्रॉनिक्स रीसाइक्लिंग इंटरनेशनल (SERI) द्वारा विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स रीसाइक्लिंग उद्योग के लिए निर्मित एक मानक है। R2 प्रमाणित कंपनियों को पुन: उपयोग, सामग्री और ऊर्जा रिकवरी और/या निपटान जैसी रणनीतियों पर आधारित प्रयुक्त और अनुपयोगी (एन्ड ऑफ़ लाइफ) इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों, घटकों और सामग्रियों के प्रबंधन की नीति बनानी चाहिए। यह प्रमाणपत्र इलेक्ट्रॉनिक्स पुनर्चक्रण करने वालों के लिए आवश्यक है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. |
कई राज्यों में चलाए जा रहे विध्वंस अभियान ‘विधि की सम्यक प्रक्रिया’ (due process) का उल्लंघन है। चर्चा कीजिए। |
जीएस-2 |
राजव्यवस्था |
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प्रश्न 2. |
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) पर टिप्पणी कीजिए और बताइए कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर्याप्त रोजगार क्यों सृजित नहीं कर रही है? |
जीएस-3 |
अर्थव्यवस्था |
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