20 जून 2022 : समाचार विश्लेषण
A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E.सम्पादकीय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
अर्थव्यवस्था:
पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण :
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G.महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
विश्व व्यापार संगठन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में निहित भारतीय हित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां और मंच-उनकी संरचना, जनादेश।
प्रारंभिक परीक्षा: विश्व व्यापार संगठन (WTO) और इसका मंत्रिस्तरीय सम्मेलन।
मुख्य परीक्षा: विश्व व्यापार संगठन के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के प्रमुख निष्कर्ष।
संदर्भ:
- विश्व व्यापार संगठन (WTO) का 12वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (MC12)।
विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization (WTO)):
- विश्व व्यापार संगठन की स्थापना वर्ष 1995 में उरुग्वे दौर की वार्ता (1986-94) के बाद हुई थी।
- डब्ल्यूटीओ (WTO) ने प्रशुल्क एवं व्यापार पर सामान्य समझौते (General Agreement on Tariffs and Trade (GATT)) का स्थान लिया है,जिसे वर्ष 1948 में स्थापित किया गया था।
- विश्व व्यापार संगठन का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित हैं।
सदस्य देश:
- विश्व व्यापार संगठन के 160 से अधिक देश सदस्य हैं,यह सभी देश वैश्विक व्यापार के लगभग 98% हिस्सेदारी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- विश्व व्यापार संगठन एकमात्र वैश्विक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो इसके सदस्य राष्ट्रों के लिए नियम और उनका क्रियान्वयन करता हैं।
- इस संगठन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वैश्विक व्यापार यथा संभव सुचारू,और स्वतंत्र रूप से हो।
- विश्व व्यापार संगठन में सभी निर्णय विभिन्न परिषदों और समितियों के सदस्य देशों के बीच आम सहमति से किए जाते हैं।
- विश्व व्यापार संगठन अपनी आय अपने सदस्यों के योगदान से प्राप्त करता है और यह योगदान एक सूत्र (formula) पर आधारित होते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सदस्य देशों के हिस्से के आधार पर तय होता है।
विश्व व्यापार संगठन का मंत्रिस्तरीय सम्मेलन:
- मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (MC) विश्व व्यापार संगठन का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है।
- मंत्रिस्तरीय सम्मेलन आमतौर पर द्विवार्षिक (हर दो साल में एक बार) होता हैं।
- मंत्रिस्तरीय सम्मेलन किसी भी बहुपक्षीय व्यापार समझौते के तहत सभी मामलों पर निर्णय ले सकता है।
- विश्व व्यापार संगठन और उसके मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के बारे में अधिक जनकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: WTO and its Ministerial Conference
12वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (MC12):
- WTO का 12वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन जून 2022 में जिनेवा में संपन्न हुआ।
- इस सम्मेलन की सह-मेजबानी कजाकिस्तान द्वारा की गई थी क्योंकि यह सम्मेलन मूल रूप से जून 2020 में नूर-सुल्तान, कजाकिस्तान में आयोजित होने वाला था लेकिन COVID-19 महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया ।
सम्मेलन के नवीनतम संस्करण में “जिनेवा पैकेज” का अनावरण किया गया जिसमें निम्न समझौते शामिल हैं:
- वैश्विक वैक्सीन न्याय सम्मत वितरण के लिए पेटेंट मानदंडों में ढील देना।
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- मात्स्यिकी क्षेत्र को सब्सिडी देना।
- ई-कॉमर्स उद्योग में स्थगन की निरंतरता।
12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (MC12) के महत्वपूर्ण निष्कर्ष:
- कृषि पर चर्चा:
- कृषि पर हुए समझौते भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताए जा रहे हैं।
- इस विषय पर समझौतों का मुख्य फोकस आपात स्थितियों के दौरान जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन की उपलब्धता, पहुंच सुनिश्चित करना था।
- भारत, जिसका विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) में महत्वपूर्ण योगदान रहा है, ने कहा था कि भारत ने कार्यक्रम के तहत खरीद के लिए निर्यात प्रतिबंध कभी नहीं लगाए थे और साथ ही यह भी कहा कि एक व्यापक छूट घरेलू खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में उसके काम को प्रभावित कर सकती है।
- यह व्यापक छूट भारत को अपनी घरेलू आवश्यकताओं की परवाह किए बिना डब्ल्यूएफपी प्रतिबद्धताओं का पालन करना अनिवार्य कर देगी।
- इस बात पर सहमति बनी है कि सदस्य देश डब्ल्यूएफपी के मानवीय उद्देश्यों के लिए खरीदे गए खाद्य पदार्थों पर निर्यात प्रतिबंध नहीं लगाएंगे और यह समझौता सदस्य देशों को घरेलू खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने से नहीं रोकेगा।
- इस सम्मेलन में ऐसे निर्णय लिए हैं जिनसे सदस्य देशों को उपलब्ध अधिशेष के साथ उन्हें विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुपालन में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अधिशेष जारी करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।
- इस समझौतों ने एक कार्य कार्यक्रम को भी जन्म दिया जो एलडीसी (LDCs-कम से कम विकसित देशों) और एनएफआईडीसी (NFIDCs-शुद्ध खाद्य आयात करने वाले विकासशील देशों) को उनकी घरेलू खाद्य सुरक्षा में सुधार करने और उनके कृषि उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करेगा ।
- हालांकि यह समझौता घरेलू खाद्य सुरक्षा के लिए स्वीकार्य सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग सीमा, कृषि के लिए घरेलू समर्थन, कपास और बाजार पहुंच जैसे मुद्दों को हल करने में विफल रहा हैं।
मात्स्यिकी क्षेत्र पर करारः
- भारत एक समझौते पर बातचीत करने में सफल रहा जिसके तहत अवैध और अनियमित मछली पकड़ने में शामिल लोगों को सब्सिडी समाप्त कर दी गई।
- अत्यधिक मछली पकड़ने (ओवरफिशिंग-Overfishing) के लिए सब्सिडी जारी रखना एकमात्र अपवाद तब होता है,जब उनके लिए जैविक रूप से स्थायी स्तर बनाये रखना आवश्यक समझा जाता है।
- अत्यधिक मछली पकड़ने (ओवरफिशिंग-Overfishing) का अर्थ है जितनी तेजी से वे खुद की पुनःपूर्ति कर सकते हैं, उससे कहीं ज्यादा तेजी से मछलियों का दोहन करना।
- मछली के स्टॉक में गिरावट आने से गरीबी बढ़ने का खतरा उत्पन्न हो जाता है,और इससे मछली पकड़ने वाले समुदायों के जीवन और आजीविका प्रभावित हो जाती है।
- इन समझौतों का मतलब यह भी था कि विकासशील या कम विकसित देशों द्वारा अपने विशेष आर्थिक क्षेत्रों (EEZ) exclusive economic zones (EEZ) के भीतर मछली पकड़ने के लिए दी जाने वाली सब्सिडी पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण के स्थगन पर समझौते:
- इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन (ET) संगीत, ई-बुक्स, फिल्म, सॉफ्टवेयर और वीडियो गेम जैसी ऑनलाइन डिलीवरी को तैयार करता है।
- ऑनलाइन ऑर्डर किए जाने के बावजूद, ईटी अन्य क्रॉस-बॉर्डर ई-कॉमर्स से अलग है क्योंकि वे भौतिक रूप से वितरित नहीं होते हैं।
- MC13 तक इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन (ET) पर सीमा शुल्क नहीं लगाने पर मौजूदा स्थगन का विस्तार करने के लिए समझौते किए गए।
- इस कदम को 105 से अधिक देशों ने समर्थन दिया हैं,जिसमें यू.एस., यूके, ऑस्ट्रेलिया, चीन और जापान जैसी उन्नत अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं।
- इन देशों ने महसूस किया कि COVID महामारी की पृष्ठभूमि में, स्थगन का विस्तार व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए निश्चितता और पूर्वानुमेयता सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
- भारत और दक्षिण अफ्रीका ने इस तथ्य को उजागर करते हुए इस कदम का विरोध किया था कि व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के आंकड़ों से पता चला है कि अधिस्थगन के कारण शुल्क मुक्त बाजार पहुंच के विस्तार से विश्व स्तर पर प्रति वर्ष $ 10 बिलियन का नुकसान हुआ और इसका लगभग 95% विकासशील देशों द्वारा वहन किया गया।
- आगे उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन के निर्माण पर अधिक स्पष्टता लाने के लिए भी कहा हैं।
पेटेंट छूट पर चर्चा:
- इस मामले पर अधिक जानकारी के लिए, 18 जून 2022 का व्यापक समाचार विश्लेषण पढ़ें।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सम्पादकीय:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
छोटे पेटेंट से अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा मिल सकता है:
विषय:बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: वैश्विक नवाचार सूचकांक।
मुख्य परीक्षा: भारत के अनुसंधान एवं विकास से संबंधित सुझाव और चिंताएं।
संदर्भ:
- WIPO के 2021 के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) में भारत को 46वां स्थान पर रखा है।
- विगत कुछ वर्षों में भारत की रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है, 2015 में भारत 81वें स्थान पर था।
अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र का महत्व:
- भारत में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास, आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक है।
- एक मजबूत अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र भारत में आर्थिक विकास को आवश्यक गति प्रदान कर सकता है। नवोन्मेषी गतिविधि प्रतिस्पर्धात्मकता और आर्थिक विकास की प्रमुख चालक है। यह रोजगार के अवसर सृजित करते है तथा वैश्विक बाजार में भारतीय कंपनियों को प्रतिस्पर्धा में बढ़त भी प्रदान कर सकते है।
भारत के अनुसंधान एवं विकास खंड में चिंताएं:
- सकल अनुसंधान एवं विकास व्यय (GIRD) का सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत 0.7% है जो अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है।
- R&D व्यय मुख्य रूप से सरकार की ओर से होता है, जिसमें GERD का केवल 30% व्यावसायिक उद्यमों द्वारा खर्च किया जाता है। इसके अलावा, फार्मा और ऑटो क्षेत्रों में कुछ मुट्ठी भर कंपनियों द्वारा नवीन गतिविधियों का संचालन किया जाता है। यह भारतीय उद्यमों में अनुसंधान एवं विकास संस्कृति की कमी का संकेत है। इसके अलावा, इससे नवीन प्रतिद्वंद्विता की कम होती है नवीन प्रतिद्वंदिता से नवाचारों के के बढ़ने से यू.एस. जैसे देशों में आर्थिक विकास हुआ है।
- हालांकि पेटेंटो की संख्या में वृद्धि हो रही है, लेकिन अभी भी यह कम हैं। यह देखा गया है कि कई पेटेंट आवेदन की नवीनता, आविष्कारशील कदम और उपयोगिता के त्रि-आयामी परीक्षण के अनुरूप नहीं हैं।
सुझाव:
अनुसंधान एवं व्यय में वृद्धि:
- भारत को सकल अनुसंधान एवं विकास व्यय (GERD) को सकल घरेलू उत्पाद के 2% से अधिक करने की आवश्यकता है, जैसा कि अग्रणी नवोन्मेषी देशों में देखा गया है।
सहायक नीति:
- केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर सरकारों को भारित कर कटौती, व्यावसायिक उद्यमों द्वारा शुरू की गई विशिष्ट अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं के लिए आंशिक वित्त पोषण जैसी नीतियों के माध्यम से अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों का समर्थन और प्रोत्साहन देना चाहिए।
- विशेष रूप से, विश्व व्यापार संगठन के नियमों के तहत परियोजना लागत के 50% तक की सब्सिडी को गैर-कार्रवाई योग्य बना दिया गया है।
- साथ ही, स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकी पर आधारित उत्पादों को उत्पादन कर छूट तथा नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए नवोन्मेषकों को आयकर रियायतें दी जा सकती हैं।
लचीला पेटेंट प्रणाली:
- वर्तमान पेटेंट प्रणाली के साथ एक बड़ी चुनौती यह है कि यह लघु नवाचारों को प्रोत्साहित करने में विफल रही है क्योंकि IP अधिकार प्रदान करने के मानदंड, लघु अनुकूली नवाचारों की अनदेखी कर बड़े आविष्कारों को प्रमुखता देते हैं।
- लघु नवाचारों के संरक्षण और स्थानीय नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप तथाकथित उपयोगिता मॉडल या छोटे पेटेंट को बढ़ावा दे सकता है।
- छोटी पेटेंट व्यवस्था मामूली वृद्धिशील नवाचारों को सुरक्षा प्रदान करती है। वे सीमित अवधि (पेटेंट के मामले में 20 वर्षों के विपरीत 5-10 वर्ष) की सुरक्षा प्रदान करते हैं। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उनकी आवश्यकताएं और प्रक्रियाएं सरल हैं।
- छोटे पेटेंट घरेलू उद्यमों को भविष्य में उनके द्वारा और अधिक महत्वपूर्ण नवाचारों के लिए मार्ग प्रशस्त करने वाले छोटे नवाचारों को प्रोत्साहित करेंगे। यह भारत में अनुसंधान एवं विकास के विकास के लिए शुभ संकेत है।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
अर्थव्यवस्था:
महिला कामगारों की ‘अनिवार्य’ को मान्यता:
विषय: समावेशी विकास और इससे उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
मुख्य परीक्षा: ग्रामीण महिला कार्यबल के सामने आने वाली चुनौतियाँ और सुझाव।
सन्दर्भ:
- हाल ही में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार ग्रामीण महिलाओं की श्रम भागीदारी दर मार्च 2022 में 9.92% जबकि पुरुषों की 67.24% थी।
- CMIE के अनुसार महिलाओं का “रोजगार छोड़ना” ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों के बीच श्रम भागीदारी दर में इस बड़े अंतर का एक मुख्य कारण है।
ग्रामीण महिला कार्यबल की चुनौतियां:
रोजगार के निश्चित अवसरों का अभाव:
- ग्रामीण महिलाओं को अक्सर रोजगार के विभिन्न अवसरों की तलाश करनी पड़ती है। जबकि कृषि श्रम गतिविधियाँ में उन्हें केवल मौसमी नौकरी ही मिलती हैं। गैर-मौसम की अवधि के दौरान, ग्रामीण महिला श्रमिकों को निर्माण स्थलों में या प्रवासी श्रमिक या अन्य कठिन काम करने पड़तें है। साथ ही, कृषि कार्यों के मशीनीकरण के कारण ग्रामीण महिला कार्यबल के लिए उपलब्ध कार्यदिवसों की संख्या में भारी कमी आई है।
काम की चुनौतियां:
- निर्माण स्थलों पर काम ज्यादातर अंशकालिक होता है इसलिए उन्हें गांवों से पलायन करना पड़ता है। साथ ही, चूंकि उन्हें निर्माण श्रमिकों के रूप में पंजीकृत नहीं किया गया है, इसलिए वे निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड से प्राप्त होने वाले किसी भी कानूनी लाभ के लिए अपात्र होती हैं। साथ ही निर्माण स्थलों पर काम करने वाली महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम वेतन मिलता है
मनरेगा में चुनौतियां:
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ग्रामीण कार्यबल के लिए काम के अवसर प्रदान करता है, लेकिन यह भी कुछ चुनौतियों से ग्रस्त है।
- गारंटीशुदा 100 दिनों के काम के मुकाबले, काम की उपलब्धता के दिन, अनिवार्य कार्यदिवस से कम हो रहें हैं।
- महिलाओं को शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण कार्य करना पड़ रहा है। चुनौतीपूर्ण शारीरिक कार्य को पूरा करने में सक्षम नहीं होने के कारण महिला कार्यबल को कम भुगतान किया जाता हैं।
- क्रेच सुविधा जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव, कार्यस्थल पर पेयजल की व्यवस्था ग्रामीण महिला कार्यबल के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
सुझाव:
न्यूनतम वेतन प्रदान करना:
- विशेष रूप से, महिला श्रमिकों के लिए दरें निश्चित न होने के कारण भारत में महिला मजदूरों को कम भुगतान किया गया है। इस संबंध में विभिन्न प्रकार के महिला श्रम के लिए निर्धारित दरों के साथ महिलाओं के लिए न्यूनतम जीवनयापन मजदूरी सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है।
वित्तीय सहायता:
- ग्रामीण भारत में भूमिहीन मजदूरों विशेषकर महिलाओं को नकद सहायता प्रदान की जानी चाहिए जैसे छोटे किसानों को प्रदान की जा रही है।
काम करने की स्थिति में सुधार:
- उच्च उत्पादकता दरों के आधार पर मनरेगा में मजदूरी को उच्च किया जाना चाहिए और कार्य स्थलों को अधिक श्रमिक-अनुकूल बनाया जाना चाहिए।
डेटा संचालित नीतियां:
- भारत में ग्रामीण महिला कार्यबल की दुर्दशा का पता लगाने के लिए गरीब ग्रामीण महिलाओं के व्यापक सर्वेक्षण की आवश्यकता है। जो उनसे संबंधित मुद्दों को संबोधित करने वाले उपयुक्त कानूनों और नीतियों के निर्माण हेतु मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सके।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
पर्यावरण और पारिस्थितिकी:
ईपीआई खराब हो सकता है लेकिन भारत नीतियों को दोबारा बदल सकता है
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और गिरावट।
इस लेख में हाल ही में जारी पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक में भारत के प्रदर्शन के विभिन्न मापदंडों का विश्लेषण किया गया है। इस विषय पर विस्तृत जानकारी हेतु निम्नलिखित लेख पढ़े:
https://byjus.com/free-ias-prep/environment-perfomance-index-epi/
प्रीलिम्स तथ्य:
1. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
राजव्यवस्था:
विषय: विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति।
प्रारंभिक परीक्षा: उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया।
संदर्भ:
- केंद्र सरकार ने पांच उच्च न्यायालयों के लिए नए मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया:
- संविधान के अनुच्छेद 217 के अनुसार, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- अपने स्वयं के उच्च न्यायालयों में सम्बंधित न्यायाधीशों की वरिष्ठता मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति के उद्देश्य का आधार होती हैं।
- साथ ही,अन्य उच्च न्यायालयों में उन्हें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने पर विचार किया जाता हैं, जब उनके अपने उच्च न्यायालयों में ऐसी नियुक्तियों के लिए विचार किये जाने की बारी आती है।
- भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के प्रस्ताव की पहल करेंगे।
- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए CJI उच्चतम न्यायालय के दो वरिष्ठतम न्यायाधीशों से परामर्श करने के बाद अपनी सिफारिशें उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में केंद्रीय कानून मंत्री को भेजेंगे।
- इसके पश्चात केंद्रीय कानून मंत्री संबंधित राज्य सरकार से इस बारे में विचार विमर्श करेंगे और इन सिफारिशों को प्रधान मंत्री के समक्ष रखेंगे, एवं प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को इनके चयन के बारे में सलाह देंगे।
महत्वपूर्ण तथ्य:
1. भारत, बांग्लादेश को नदी प्रबंधन पर काम करना चाहिए:
- भारत-बांग्लादेश संयुक्त सलाहकार आयोग के सातवें दौर के दौरान, भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और बांग्लादेश को नदियों के व्यापक प्रबंधन के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
- गौरतलब हैं कि दोनों देश लगभग 54 नदियों को साझा करते हैं और हाल के कुछ दिनों में बांग्लादेश और उत्तर पूर्व भारतीय राज्यों के कुछ हिस्सों को अभूतपूर्व बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है।
- इसके लिए दोनों देशों को एक साथ काम करने और इन क्षेत्रों में “पर्यावरणीय जिम्मेदारी” साझा करने की आवश्यकता है।
- मंत्री ने आगे कहा कि दोनों देश अब एक विस्तारित अवधि के लिए बाढ़ प्रबंधन डेटा साझा कर रहे हैं और बाढ़ प्रबंधन और राहत के लिए बांग्लादेश को सहायता की पेशकश की है।
- भारत और बांग्लादेश ने वर्ष 2015 के भूमि सीमा समझौते के माध्यम से सीमा समस्याओं का समाधान किया है,लेकिन अभी भी कई नदियों के बंटवारे पर बातचीत का दौर जारी हैं जो इनके बीच की सीमाओं को बनाती हैं और दोनों पक्षों के जीवन और आजीविका को प्रभावित करती हैं।
2. अग्निवीर के लिए अलग रैंक और प्रतीक चिन्ह होंगे:
- अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए गए अग्निवीरों को मौजूदा रैंकों से एक अलग रैंक मिलेगा और वर्दी पर विशिष्ट प्रतीक चिन्ह भी लगाया जायगा।
- भारतीय वायु सेना (IAF) ने “अग्निपथ योजना” (Agnipath scheme) के बारे में विस्तृत जानकारी में कहा कि अग्निपथ सशस्त्र बलों के लिए एक “नई मानव संसाधन (HR) प्रबंधन योजना” है।
- इसके अलावा, आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 ( Official Secrets Act, 1923) के तहत किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को सेवा के दौरान प्राप्त वर्गीकृत जानकारी का खुलासा करने से अग्निवीरों को रोक दिया जाएगा।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. किंग हमद बिन ईसा अल-खलीफा पुरस्कार निम्नलिखित में से किससे संबंधित है?
(a) शिक्षा
(b) विज्ञान और प्रौद्योगिकी
(c) स्वास्थ्य
(d) पत्रकारिता
उत्तर: a
व्याख्या:
- यूनेस्को का राजा हमद बिन ईसा अल-खलीफा पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के उपयोग के लिए दिया जाता है।
- 2021 संस्करण का विषय “समावेशी संकट-तन्यक शिक्षण प्रणालियों को सक्षम करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग’ (use of technology to enable inclusive crisis-resilient learning systems) हैं।
प्रश्न 2. निम्नलिखित सीमापारीय नदियों पर विचार कीजिए ?
- फेनी
- तीस्ता
- उमंगोट
- कुशियारा
उपर्युक्त में से कितनी नदियाँ भारत और बांग्लादेश के बीच सीमापारीय नदियाँ हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर: d
व्याख्या:
- उपरोक्त सभी नदियाँ भारत और बांग्लादेश के बीच सीमापारीय नदियाँ हैं।
- दोनों देश लगभग 54 नदियों को साझा करते हैं।
प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से गलत है/हैं?
- अंतर्राष्ट्रीय कृषि वस्तु व्यापार के मामले में भारत को शुद्ध घाटा होता है।
- भारत द्वारा कृषि जिंसों के आयात में, खाद्य वनस्पति तेल विगत कुछ वर्षों में मूल्य के मामले में सबसे अधिक आयात किया जाता है।
विकल्प:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 , न ही 2
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 1 गलत है: वित्त वर्ष 2022 में भारत का कृषि-निर्यात 32.4 अरब डॉलर के कृषि-आयात के मुकाबले 50.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इसका मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय कृषि वस्तुओं में व्यापार के मामले में भारत के पास शुद्ध अधिशेष है।
- कथन 2 सही है: हाल के वर्षों में मूल्य के मामले में वनस्पति तेलों का सबसे अधिक आयात किया जाता है और भारत अपने खाद्य तेल की खपत के 70% के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर है।
प्रश्न 4. भारत में विधान परिषदों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- विधान परिषद के निर्माण के लिए संबंधित राज्य की विधान सभा और संसद दोनों को विशेष बहुमत से प्रस्ताव पारित करना होता है।
- किसी राज्य की विधान परिषद में राज्य विधानसभा की कुल संख्या के आधे से अधिक और कम से कम 40 सदस्य होंने चाहिए।
- वर्तमान में, भारत में केवल सात राज्यों में ही विधान परिषद है।
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) उपर्युक्त कोई नहीं
उत्तर: d
व्याख्या:
- कथन 1 सही नहीं है: संविधान का अनुच्छेद 169 राज्यों में विधान परिषदों की समाप्ति या निर्माण का प्रावधान प्रदान करता है।
- अनुच्छेद 168 में कहा गया है की किसी बात के होते हुए भी, संसद विधि द्वारा किसी विधान परिषद वाले राज्य में विधान परिषद के उत्सादन (समाप्ति) के लिए या ऐसे राज्य में, जिसमें विधान परिषद नहीं है, विधान परिषद के सृजन के लिए उपबंध कर सकेगी, यदि उस राज्य की विधानसभा ने इस आशय का संकल्प विधानसभा की कुल सदस्य संख्या के बहुमत द्वारा तथा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों की संख्या के कम से कम दो-तिहाई बहुमत द्वारा पारित कर दिया है।
- कथन 2 गलत है:संविधान के अनुच्छेद 171 के अनुसार,विधानपरिषद के कुल सदस्यों की संख्या राज्य विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के एक-तिहाई (1/3) से अधिक नहीं होगी,किंतु यह सदस्य संख्या 40 से कम नहीं होनी चाहिये।
- विधानपरिषद के सदस्यों का कार्यकाल राज्यसभा सदस्यों की ही तरह 6 वर्षों का होता है तथा कुल सदस्यों में से एक-तिहाई (1/3) सदस्य प्रति दो वर्ष में सेवानिवृत्त हो जाते हैं।
- कथन 3 गलत हैं: वर्तमान में भारत के 6 राज्यों में विधान परिषद है। वे हैं: महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और बिहार।
प्रश्न 5. Cas9 प्रोटीन क्या है जिसका अक्सर समाचारों में उल्लेख किया जाता है? PYQ (2019)
(a) लक्ष्य साधित जीन संपादन (टारगेटेड जीन एडिटिंग) में प्रयुक्त आण्विक कैंची है।
(b) रोगजनकों की ठीक-ठीक पहचान के लिए प्रयुक्त जैव संवेदक।
(c) एक जीन जो पादपों को पीड़क प्रतिरोधी बनाता है।
(d) आनुवंशिक रूपांतरित फसलों में संश्लेषित होने वाला एक शाकनाशी पदार्थ।
उत्तर: a
व्याख्या:
- CRISPR/CAS9 एक जीन-संपादन उपकरण है जो वैज्ञानिकों को अनिवार्य रूप से डीएनए को काटने और चिपकाने (cut-and-paste) की अनुमति देता है।
- सीआरआईएसपीआर एक गतिशील, बहुमुखी उपकरण है जो जीनोमिक स्थान को लक्षित करने में मदद करता है और संभावित रूप से टूटे हुए जीन की मरम्मत करता है।
- यह उच्च जीवों के जीनोम में विशिष्ट डीएनए अनुक्रमों को हटा, जोड़ या बदल सकता है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1. विश्व व्यापार संगठन के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के मुख्य अंशों पर एक टिप्पणी लिखिए। (15 अंक, 250 शब्द) (जीएस III – अर्थव्यवस्था)
प्रश्न 2. क्या सरकार को निजी क्षेत्र में आरक्षण की नीति अपनानी चाहिए? आलोचनात्मक मुल्यांकन कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द) (जीएस II – राजनीति)
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