विषयसूची:
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1. अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (IYM)- 2023 की शुरुआत हुई:
सामान्य अध्ययन: 3
खाद्य सुरक्षा:
विषय: मुख्य फसलें- प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता;खाद सुरक्षा से सम्बंधित विषय।
प्रारंभिक परीक्षा:अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (IYM)- 2023 से सम्बंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (IYM)- 2023 के महत्व पर चर्चा करते हुए भारत एवं वैश्विक खाद्य सुरक्षा के सन्दर्भ में इस पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- केंद्रीय मंत्रालय, राज्य सरकार और भारतीय दूतावासों की केंद्रित गतिविधियों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (IYM)- 2023 की शुरुआत हुई।
उद्देश्य:
- कृषि और किसान कल्याण विभाग का उद्देश्य बड़े पैमाने पर बाजरे की खेती व इसकी खपत को बढ़ावा देना है और IYM के माध्यम से इसे पूरे विश्व के सामने लाना है।
- केंद्रीय मंत्रालय, राज्य और भारतीय दूतावासों को 2023 में IYM को बढ़ावा देने और बाजरा के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने को लेकर विभिन्न गतिविधियों को करने के लिए एक केंद्रित माह आवंटित किया गया।
- जनवरी, 2023 IYM को लेकर भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय व छत्तीसगढ़, मिजोरम और राजस्थान के लिए कार्यक्रमों/गतिविधियों के आयोजन के लिए केंद्रित माह है।
विवरण:
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- सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान बाजरे की खपत को लेकर प्राप्त कई साक्ष्यों से पता चलता है कि यह भारत में पैदा की जाने वाली पहली फसलों में से एक थी।
- वर्तमान में 130 से अधिक देशों में बाजरा का उत्पादन किया जाता है।
- इसे पूरे एशिया और अफ्रीका में 50 करोड़ से अधिक लोगों के लिए पारंपरिक भोजन माना जाता है।
- वहीं, भारत में बाजरा मुख्य रूप से एक खरीफ फसल है, जिसमें अन्य समान फसल की तुलना में कम जल और कृषि साधनों (इनपुट) की जरूरत होती है।
- बाजरा आजीविका उत्पन्न करने, किसानों की आय बढ़ाने और पूरे विश्व में खाद्य व पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपार क्षमता के कारण बहुत महत्वपूर्ण है।
- वर्तमान में 130 से अधिक देशों में बाजरा का उत्पादन किया जाता है।
- बाजरे की असाधारण क्षमता, जो संयुक्त राष्ट्र के कई सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के अनुरुप है, को मान्यता प्रदान करते हुए भारत सरकार ने इसे प्राथमिकता दी है।
- सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान बाजरे की खपत को लेकर प्राप्त कई साक्ष्यों से पता चलता है कि यह भारत में पैदा की जाने वाली पहली फसलों में से एक थी।
- इससे पहले अप्रैल, 2018 में बाजरे को “पौष्टिक अनाज” के रूप में आगे बढ़ाया गया था। इसके बाद साल 2018 को राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित किया गया।
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- इसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर इसका प्रचार और मांग उत्पन्न करना था। 2021-2026 की पूर्वानुमान अवधि के दौरान वैश्विक बाजार में बाजरे की बढ़ोतरी की दर (CAGR) 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
- संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने 6 दिसंबर 2022 को इटली के रोम में अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष-2023 के उद्घाटन समारोह का आयोजन किया था।
- कृषि और किसान कल्याण विभाग ने IYM- 2023 के उद्देश्य को प्राप्त करने और भारतीय बाजरा को वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए एक सक्रिय बहु-हितधारक जुड़ाव का दृष्टिकोण अपनाया है।
- केंद्रीय मंत्रालयों में जनवरी- 2023 के लिए IYM से संबंधित गतिविधियां भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की ओर से शुरू की जाएंगी।
- इसके अलावा 2023 के दौरान 140 से अधिक देशों में भारत के दूतावास इस उत्सव में प्रदर्शनी, सेमिनार, वार्ता, पैनल चर्चा आदि के माध्यम से भारतीय प्रवासियों को शामिल करते हुए IYM पर कार्यक्रम आयोजित करके हिस्सा लेंगे।
- विभाग ने इस प्रयास के लिए एक सहभागितापूर्ण दृष्टिकोण के माध्यम से सभी से आगे आने और अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष- 2023 के भव्य उत्सव के माध्यम से ‘चमत्कारी बाजरा’ की भूली हुई महत्ता को फिर से स्थापित करने के लिए एक साथ आने का अनुरोध किया है।
- इसके अलावा बाजरा G-20 बैठकों का भी एक अभिन्न हिस्सा है।
- इसके तहत प्रतिनिधियों को इसे चखने, किसानों से मिलने और स्टार्ट-अप व एफपीओ के साथ संवादात्मक सत्रों के माध्यम से बाजरा को लेकर अनुभव प्रदान किया जाएगा।
पृष्ठ्भूमि:
- प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (IYM)- 2023 के प्रस्ताव को प्रस्तुत किया था, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने स्वीकार कर लिया।
- भारत सरकार के लिए यह घोषणा IYM को मनाने में सबसे आगे रहने के लिए सहायक रही है।
इसके अलावा भारत ने स्वयं को ‘बाजरा के लिए वैश्विक केंद्र’ के रूप में स्थापित करने के साथ-साथ IYM-2023 को ‘जन आंदोलन’ बनाने की अपनी सोच को भी साझा किया है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस:
- प्रधानमंत्री 3 जनवरी, 2023 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (ISC) को संबोधित करेंगे।
- इस वर्ष के ISC का मुख्य विषय “महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी” है।
- इस आयोजन के दौरान सतत विकास, महिला सशक्तिकरण और इसे प्राप्त करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
- प्रतिभागी महिलाओं को STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) शिक्षा, अनुसंधान के अवसरों और आर्थिक भागीदारी तक समान पहुंच प्रदान करने के तरीके खोजने के प्रयासों के साथ-साथ शिक्षण, अनुसंधान और उद्योग के शीर्ष क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा और विचार-विमर्श करेंगे।
- बच्चों के बीच वैज्ञानिक रुचि और स्वभाव को प्रोत्साहित करने में मदद करने के लिए बाल विज्ञान कांग्रेस का भी आयोजन किया जाएगा।
- किसान विज्ञान कांग्रेस जैव-अर्थव्यवस्था में सुधार और युवाओं को कृषि के प्रति आकर्षित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
- जनजातीय विज्ञान कांग्रेस भी आयोजित की जाएगी, जो आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान देने के साथ-साथ स्वदेशी प्राचीन ज्ञान प्रणाली और परंपरा को वैज्ञानिक तरीके से दर्शाने के लिए एक मंच होगा।
- कांग्रेस का पहला अधिवेशन 1914 में आयोजित किया गया था। ISC का 108वां वार्षिक सत्र राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में आयोजित किया जाएगा, जो इस वर्ष अपनी शताब्दी भी मना रहा है।
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