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01 जून 2022 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जीईएम का विस्‍तार करने की मंजूरी दी: 
  2. भारत और बांग्लादेश के बीच मैत्री के बंधन की पुनर्स्थापना:
  3. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने चेन्नई के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए: 
  4. भारत और स्वीडन ने स्टॉकहोम में उद्योग संक्रांति वार्ता की मेजबानी की:

1. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जीईएम का विस्‍तार करने की मंजूरी दी:

सामान्य अध्ययन: 3

अर्थव्यवस्था: 

विषय: कृषि क्षेत्र में विकास के लिए सरकारी नीतियां,हस्तक्षेप,उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

प्रारंभिक परीक्षा: गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल,भारत में सहकारिता अभियान। 

प्रसंग: 

  • प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीददारों के रूप में सहकारी समितियों द्वारा जीईएम पर खरीद की अनुमति के लिए जीईएम के कार्यादेश का विस्‍तार करने की मंजूरी दे दी है। 

उद्देश्य:

  • मौजूदा कार्यादेश के अनुसार, जीईएम निजी क्षेत्र के खरीददारों के लिए उपलब्ध नहीं है। 
  • आपूर्तिकर्ता (विक्रेता) सरकारी या निजी क्षेत्र से हो सकते हैं ।
  • इस पहल से 8.54 लाख से अधिक पंजीकृत सहकारी समितियां और उनके 27 करोड़ सदस्य लाभान्वित होंगे।
    • जीईएम पोर्टल देश भर के सभी खरीददारों और विक्रेताओं के लिए खुला है।  
  • सरकारी खरीददारों के लिए एक खुला और पारदर्शी खरीद प्लेटफार्म बनाने के क्रम में, भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा 9 अगस्त, 2016 को गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जीईएम) लॉन्च किया गया था। 
  • गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम एसपीवी) के नाम से एक विशेष प्रयोजन कंपनी (एसपीवी) को राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल के रूप में 17 मई, 2017 को स्थापित किया गया था, जिसका अनुमोदन केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 12 अप्रैल, 2017 को किया गया था।
  • वर्तमान में, प्लेटफ़ॉर्म सभी सरकारी खरीददारों के लिए खुला है।

विवरण:  

  • सामान्य उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की सुविधा के लिए जीईएम को पहले से ही वन स्टॉप पोर्टल के रूप में विकसित किया गया है। 
  • यह पारदर्शी व कुशल है, बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्था है और खरीद को तेजी से पूरा करता है। सहकारी समितियों को अब जीईएम से वस्तु और सेवाओं की खरीद की अनुमति होगी।
  • सहकारी समितियों को जीईएम पर खरीददारों के रूप में पंजीकरण की अनुमति देने से सहकारी समितियों को खुली और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिस्पर्धी मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
  • यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जीईएम पर खरीददारों के रूप में सहकारी समितियों को शामिल करने की गति तय करते समय जीईएम प्रणाली की तकनीकी क्षमता और लोजिस्टिक्स को भी ध्यान में रखा जाए।
  • सहकारिता मंत्रालय अधिक पारदर्शिता, दक्षता और प्रतिस्पर्धी कीमतों का लाभ उठाने के लिए वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के क्रम में जीईएम प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए सहकारी समितियों को प्रोत्साहित करने के सन्दर्भ में आवश्यक सलाह जारी करेगा।
  • जीईएम पर व्यापक विक्रेता समुदाय के हितों की रक्षा करने और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए, भुगतान प्रणाली के तौर-तरीके सहकारिता मंत्रालय के परामर्श से जीईएम द्वारा तय किए जाएंगे।

कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्य:

  • जीईएम के कार्यों में निम्न शामिल होंगे – जीईएम पोर्टल पर आवश्यक सुविधाओं और कार्य-तरीकों का निर्माण, अवसंरचना का उन्नयन, हेल्पडेस्क और प्रशिक्षण इकोसिस्टम को मजबूत करना और सहकारी समितियों को शामिल करना।  

रोजगार सृजन क्षमता:

  • जीईएम के माध्यम से खरीद से न केवल आम आदमी को आर्थिक रूप से लाभ होगा, बल्कि इससे सहकारी समितियों की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। 
  • इससे सहकारी समितियों के लिए समग्र “कारोबार में आसानी” और बेहतर होने की उम्मीद है, जबकि जीईएम पंजीकृत विक्रेताओं को भी खरीददारों का एक बड़ा आधार प्रदान करेगा।

शामिल व्यय:

  • जीईएम एसपीवी प्रस्तावित विस्तारित कार्यादेश का समर्थन करने के लिए मौजूदा प्लेटफॉर्म और संगठन का लाभ उठाना जारी रखेगा, इसे अतिरिक्त प्रौद्योगिकी अवसंरचना और अतिरिक्त प्रशिक्षण व सहायक संसाधनों में कुछ निवेश करने की आवश्यकता हो सकती है। 

पृष्ठभूमि:

  • जीईएम एसपीवी ने अपनी स्थापना के बाद से महत्वपूर्ण प्रगति की है। 
  • वित्त वर्ष 2018-19 से वित्त वर्ष 2021-22 तक सकल वाणिज्यिक मूल्य (जीएमवी) 84.5 प्रतिशत से अधिक के के सीएजीआर के साथ बढ़ा है।
  • पोर्टल ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीएमवी में 178% की वृद्धि दी है,और अकेले वित्त वर्ष 2021-22 में 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर लिया है, जो वित्त वर्ष 2020-21 तक की संचयी जीएमवी से अधिक है।
  • जीईएम के तीन स्तंभों अर्थात समावेशन, पारदर्शिता और दक्षता में से प्रत्येक में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
  • संचयी लेनदेन मूल्य में एमएसएमई का योगदान लगभग 58% है।
  • विश्व बैंक और राष्ट्रीय आर्थिक सर्वेक्षण 2021 सहित विभिन्न स्वतंत्र अध्ययनों ने अधिक भागीदारी और लागत प्रभावी विकल्प प्रदान करने में जीईएम की क्षमता के कारण पर्याप्त बचत का संकेत दिया है।
  • भारत में सहकारिता अभियान उल्लेखनीय रूप से विकसित हुआ है, विशेष रूप से कृषि, बैंकिंग और आवास क्षेत्रों में, भारत में वंचित वर्गों की विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
  • वर्तमान में 8.54 लाख पंजीकृत सहकारी समितियां हैं। ये सहकारी समितियां सामूहिक रूप से बड़ी मात्रा में खरीद और बिक्री करती हैं।
  • वर्तमान में, “खरीददारों” के रूप में सहकारी समितियों का पंजीकरण जीईएम के मौजूदा कार्यादेश के अंतर्गत नहीं आता था।

2. भारत और बांग्लादेश के बीच मैत्री के बंधन की पुनर्स्थापना: 

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध: 

विषय: भारत के हितों पर पडोसी देशों की नीतियां और राजनीति का प्रभाव।  

मुख्य परीक्षा: भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर एक लेख लिखिए।   

प्रसंग: 

  • रेल के माध्यम से भारत और बांग्लादेश के लोगों के बीच संपर्क को और मजबूत करने के लिए, भारत सरकार और बांग्लादेश ने कई बैठकों के बाद, हाल ही में बहाल किए गए हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल लिंक के माध्यम से एक नई यात्री रेल सेवा मिताली एक्सप्रेस शुरू करने का निर्णय लिया।

उद्देश्य:

  • नई यात्री सेवा, मिताली एक्सप्रेस, दोनों देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देगी क्योंकि यह बांग्लादेश को उत्तर बंगाल के साथ-साथ भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र से जोड़ती है। 
  • रेलगाड़ी द्वारा भारत के माध्यम से बांग्लादेशी नागरिकों को नेपाल जाने का साधन भी प्रदान करेगा।

विवरण:  

  • न्यू जलपाईगुड़ी (भारत) – ढाका (बांग्लादेश) – के बीच चलने वाली तीसरी यात्री रेल मिताली एक्सप्रेस को वर्चुअल माध्यम से नई दिल्ली में रेल भवन से 1 जून, 2022 को भारत के रेल मंत्री और बांग्लादेश के रेल मंत्री मोहम्मद नूरुल इस्लाम सुजान द्वारा संयुक्त रूप से झंडी दिखा कर रवाना किया गया। 
  • इस रेल सेवा का उद्घाटन 27 मार्च, 2021 को दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा वर्चुअल माध्यम से किया गया था। इससे पहले, यह रेलगाड़ी कोविड महामारी प्रतिबंधों के कारण शुरू नहीं की जा सकी थी।
  • यह नई रेलगाड़ी भारत और बांग्लादेश के बीच दो मौजूदा यात्री रेल सेवाओं, कोलकाता-ढाका-कोलकाता मैत्री एक्सप्रेस (सप्ताह में पांच दिन) और कोलकाता-खुलना-कोलकाता बंधन एक्सप्रेस (सप्ताह में दो दिन) के अतिरिक्त है।
  • उपरोक्त दो रेलगाड़ियों की सेवाएं, जिन्हें कोविड महामारी संबंधी प्रतिबंधों के कारण निलंबित कर दिया गया था, अब 29 मई 2022 से फिर से शुरू कर दी गई हैं।

 3. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने चेन्नई के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए: 

सामान्य अध्ययन: 3

आर्थिक विकास: 

विषय: देश में व्यापक भागीदारी और व्यापक आधार वाले स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को प्रोहत्साहन। 

मुख्य परीक्षा: ये अनुंसधान जहाज देश में प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और समुद्री अनुसंधान और अवलोकन के लिए किस प्रकार महत्वपूर्ण हैं ?  

प्रसंग: 

  • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने मैसर्स एबीएस मरीन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई के साथ 31 मई 2022 को सभी छह अनुसंधान जहाजों के संचालन, कार्मिक आवश्यकता, रख-रखाव (वैज्ञानिक उपकरणों के रख-रखाव और संचालन सहित), खान-पान और साफ-सफाई के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

उद्देश्य:

  • अनुबंध में छह अनुसंधान जहाजों का रखरखाव शामिल है जिनमें सागर निधि, सागर मंजूषा, सागर अन्वेषिका और सागर तारा का प्रबंधन राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), चेन्नई करता है; सागर कन्या का प्रबंधन नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (एनसीपीओआर), गोवा और सागर संपदा का प्रबंधन सेंटर फॉर मरीन लिविंग रिसोर्सेज एंड इकोलॉजी (सीएमएलआरई), कोच्चि करता है।  

विवरण: 

  •  ये अनुंसधान जहाज देश में प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और समुद्री अनुसंधान और अवलोकन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं और हमारे महासागरों और उनके संसाधनों के बारे में ज्ञान बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 
  • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय इसरो, पीआरएल, एनजीआरआई, अन्ना विश्वविद्यालय जैसे अन्य अनुसंधान संस्थानो और संगठनों के लिए राष्ट्रीय सुविधा के रूप में अनुसंधान जहाजों का विस्तार कर रहा है।
  • यह कंपनी विभिन्न एजेंसियों के साथ पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मौजूदा समझौतों के विपरीत जहाज से संबंधित सभी तौर-तरीकों के लिए संपर्क का एकल बिंदु होगी।
  • यह कदम सरकार की कारोबारी सुगमता की पहल और सरकारी अनुबंधों में निजी क्षेत्र की भागीदारी के अनुरूप है।
  • अनुबंध पर हस्ताक्षर 03 साल की अवधि में लगभग 142 करोड़ रुपये की राशि के लिए किए गए।
  • इस अनुबंध की एक महत्वपूर्ण विशेषता पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसंधान जहाजों और जहाज पर उच्च तकनीक वाले वैज्ञानिक उपकरण/प्रयोगशालाओं के संचालन और रख-रखाव शुल्क में मंत्रालय द्वारा की गई पर्याप्त वर्ष-वार बचत है।
  • नई जहाज प्रबंधन सेवाओं की मदद से, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का लक्ष्य बचत के साथ-साथ नवीन, विश्वसनीय और लागत प्रभावी तरीकों के माध्यम से समुद्री बेड़े की उपयोगिता में वृद्धि करना है।

 4. भारत और स्वीडन ने स्टॉकहोम में उद्योग संक्रांति वार्ता की मेजबानी की: 

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध: 

विषय: भारत के हितों पर विभिन्न विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियां और प्रभाव।  

प्रारंभिक परीक्षा: लीडरशिप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन (लीडआईटी)।     

प्रसंग: 

  • भारत और स्वीडन ने अपनी संयुक्त पहल यानी लीडरशिप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन (लीडआईटी) के एक हिस्से के रूप में स्टॉकहोम में उद्योग संक्रांति वार्ता की मेजबानी की। 

उद्देश्य:

  • लीडआईटी पहल उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देती है जो वैश्विक जलवायु कार्य में प्रमुख हितधारक हैं और जिसमे विशिष्ट हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
  • इस उच्च स्तरीय संवाद ने संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन ‘स्टॉकहोम + 50′: सभी की समृद्धि के लिए एक स्वस्थ धरती, हमारी जिम्मेदारी, हमारा अवसर’ में योगदान दिया है, जो 2 और 3 जून 2022 को हो रहा है और इसने सीओपी27 के लिए एजेंडा निर्धारित किया है।

विवरण: 

  •  इस कार्यक्रम की शुरुआत भारत के केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री और स्वीडन के जलवायु और पर्यावरण मंत्री सुश्री अन्निका स्ट्रैंडहॉल के संबोधन से हुई।  
  • उद्घाटन भाषण में केंद्रीय मंत्री ने 1972 में हुए मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन की आगामी 50वीं वर्षगांठ के लिए दुनिया को बधाई दी और पर्यावरण के मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय चिंताओं में सबसे आगे रखा।
  • 50 साल की सहयोगी कार्रवाई और इस बात पर आत्मनिरीक्षण करने का भी वक्त है कि अब तक क्या हासिल किया गया है और क्या किया जाना बाकी है।
  • उन्होंने कहा कि “विकासशील देशों को केवल औद्योगिक ‘संक्रांति’ की ही नहीं बल्कि एक औद्योगिक पुनर्जागरण – उभरते उद्योगों की जरूरत है जो स्वच्छ वातावरण के साथ-साथ रोजगार और समृद्धि पैदा करे।
  • विकसित देशों को अपने ऐतिहासिक अनुभवों के साथ नेट-जीरो और लो कार्बन उद्योग की ओर वैश्विक संक्रांति का नेतृत्व करना चाहिए।”
  • इस पहल के नए सदस्यों जापान और दक्षिण अफ्रीका का स्वागत किया गया।
  • इसके साथ ही देशों और कंपनियों को मिलाकर लीडआईटी की कुल सदस्यता 37 हो गई है।
  • आयोजन के दौरान, भारत ने 2022-23 के कार्यान्वयन के लिए प्राथमिकताओं पर गोलमेज वार्ता की अध्यक्षता की।
  • इसमें सभी वक्ताओं ने जलवायु कार्रवाई में तेजी लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसमें देशों और कंपनियों ने अपनी पहलों, सफलता की कहानियों और भविष्य के लिए बनाई गई योजनाओं को साझा किया।

 प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

 आज इससे सम्बंधित कोई समाचार नहीं हैं। 

सम्बंधित लिंक्स:

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