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01 मार्च 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय वायु सेना के लिए HAL से 70 HTT-40 बेसिक ट्रेनर विमान की खरीद को मंजूरी दी:
  2. अभ्यास शिन्यू मैत्री:
  3. बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य परिषद का गठन:
  4. भारत ने बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र (BEC) के गवर्निंग बोर्ड की पहली बैठक की मेजबानी की:  
  5. मसाला बोर्ड ने 36वीं वर्षगांठ मनाई: 
  6. GEM की स्टार्टअप्स, महिलाओं और युवाओं को प्रोत्साहन देने की पहल “स्वायत्त”:
  7. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन कैडेट प्रशिक्षण जहाजों के लिए L&T के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी:
  8. झारखंड के उत्तरी कर्णपुरा सुपर क्रिटिकल प्लांट में देश का पहला वातानुकूलित कंडेनसर चालू:

1.केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय वायु सेना के लिए HAL से 70 HTT-40 बेसिक ट्रेनर विमान की खरीद को मंजूरी दी:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: सरकार की नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप एवं उनके डिजाइन तथा इनके अभिकल्पन से उत्पन्न होने वाले विषय। 

प्रारंभिक परीक्षा: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), बेसिक ट्रेनर विमान। 

प्रसंग: 

  • केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय वायु सेना के लिए 6,828.36 करोड़ रुपये की लागत से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 70 HTT-40 बेसिक ट्रेनर विमान की खरीद को मंजूरी दे दी है।

उद्देश्य:

  • HTT-40 का अधिग्रहण भारतीय एयरोस्पेस रक्षा इकोसिस्‍टम को प्रोत्‍साहित करेगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में प्रयासों को बढ़ावा देगा।  

विवरण:  

  • इन विमानों की आपूर्ति छह वर्ष की अवधि में की जाएगी।
  • HTT-40 एक टर्बो प्रॉप एयरक्राफ्ट है और इसे अच्छे लो स्पीड हैंडलिंग गुणों और बेहतर प्रशिक्षण प्रभावशीलता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • इस पूरी तरह से एरोबेटिक टैंडेम सीट टर्बो ट्रेनर में वातानुकूलित कॉकपिट, आधुनिक एवियोनिक्स, हॉट री-फ्यूलिंग, रनिंग चेंज ओवर और जीरो-जीरो इजेक्शन सीटें हैं।
  • विमान नए शामिल पायलटों के प्रशिक्षण के लिए भारतीय वायुसेना के बुनियादी ट्रेनर विमान की कमी को पूरा करेगा। 
  • खरीद में सिमुलेटर सहित संबद्ध उपकरण और प्रशिक्षण सहायक शामिल होंगे। 
  • एक स्वदेशी विमान होने के नाते, विमान को भारतीय सशस्त्र बलों की भविष्य की आवश्यकताओं को शामिल करने के लिए अपग्रेड किया जा सकता है।
  • HTT-40 में लगभग 56 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है जो प्रमुख पुर्जों और उप-प्रणालियों के स्वदेशीकरण के माध्यम से 60 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ जाएगी। 
  • HAL अपनी आपूर्ति श्रृंखला में MSME सहित भारतीय निजी उद्योग को शामिल करेगा। 
  • इस खरीद से लगभग 1,500 कर्मियों को प्रत्यक्ष रोजगार और 100 से अधिक MSME में फैले 3,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है।

2.अभ्यास शिन्यू मैत्री:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार। 

प्रारंभिक परीक्षा: शिन्यू मैत्री अभ्यास, धर्म गार्जियन वायु अभ्यास। 

प्रसंग: 

  • भारतीय वायु सेना (IAF) जापान की एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स (JASDF) के साथ शिन्यू मैत्री अभ्यास में भाग ले रही है। 

उद्देश्य:

  • यह विशेष अभ्यास संबंधित विषय वस्तु विशेषज्ञों को एक-दूसरे के संचालन दर्शन एवं सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों पर आपसी तालमेल बढ़ाने तथा विचार-विमर्श करने का अवसर देता है। 
  • यह अभ्यास भारतीय वायु सेना और जापान की एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स के बीच आपसी समझ व पारस्परिकता को भी बढ़ाएगा।  

विवरण:  

  • यह वायु अभ्यास भारत-जापान संयुक्त सेना अभ्यास धर्म गार्जियन के साथ-साथ ही आयोजित किया जा रहा है। 
  • धर्म गार्जियन वायु अभ्यास 13 फरवरी 2023 से 02 मार्च 2023 तक जापान के कोमात्सु में संचालित हो रहा है।
  • भारतीय वायु सेना का दल एक C-17 ग्लोबमास्टर III विमान के साथ अभ्यास शिन्यू मैत्री 23 में हिस्सा ले रहा है। 
  • यह अभ्यास 01 और 02 मार्च 2023 को आयोजित किया जा रहा है। 
    • अभ्यास के पहले चरण में परिवहन संचालन और सामरिक युद्धाभ्यास पर चर्चा शामिल है, इसके बाद भारतीय वायु सेना के C-17 और जापान की एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स के C-2 परिवहन विमानों द्वारा उड़ान अभ्यास का दूसरा चरण आयोजित किया जा रहा है। 
  • शिन्यू मैत्री 2023 अभ्यास दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा; साथ ही भारतीय वायु सेना के लिए दुनिया भर में विविध परिवेश में कार्य करने के उद्देश्य से यह अभ्यास ऐसे समय में किया जा रहा है, जब भारतीय वायुसेना के भारी लिफ्ट परिवहन विमान बेड़े भी संयुक्त अरब अमीरात में एक्सरसाइज डेजर्ट फ्लैग VIII तथा ब्रिटेन में एक्सरसाइज कोबरा वॉरियर में हिस्सा ले रहे हैं।

3. बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य परिषद का गठन:

सामान्य अध्ययन: 3

पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण:

विषय:  

प्रारंभिक परीक्षा: केन-बेतवा लिंक परियोजना (KBLP),पन्ना टाइगर रिजर्व (PTR)। 

मुख्य परीक्षा: बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य परिषद (GPLC) का महत्व।    

प्रसंग: 

  • सूखा प्रभावित बुंदेलखंड क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक समृद्धि के लिए परिवर्तनकारी केन-बेतवा लिंक परियोजना (KBLP) के तहत पन्ना टाइगर रिजर्व (PTR) और आसपास के क्षेत्रों में वन्य जीवन और जैव विविधता के संरक्षण के लिए एक व्यापक एकीकृत भू-दृश्य प्रबंधन योजना (ILMP) तैयार की गई है। 

उद्देश्य:

  • परियोजना का उद्देश्य न केवल बुंदेलखंड में जल सुरक्षा प्रदान करना है बल्कि क्षेत्र के समग्र संरक्षण और विशेष रूप से बाघ, गिद्ध और घड़ियाल जैसे परिदृश्य पर निर्भर प्रजातियों के संरक्षण को सुनिश्चित करना है।   

विवरण:  

  • बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य प्रबंधन योजना के व्यवस्थित और समयबद्ध कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सभी हितधारकों के सदस्यों के साथ बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य परिषद (GPLC) का गठन किया गया है।
  • केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत पर्यावरण प्रबंधन योजना और एकीकृत भू-दृश्य प्रबंधन योजना के कार्यान्वयन के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान निर्धारित किए गए हैं। 
  • यह मॉडल “विकास भी, पर्यावरण भी” के मोटो के साथ भविष्य के विकास के लिए एक खाका होगा।
  • मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य परिषद (GPLC) का गठन किया गया।
  • केन-बेतवा लिंक परियोजना का उद्देश्य समग्र परिदृश्य और वन्यजीव संरक्षण सुनिश्चित करते हुए बुंदेलखंड क्षेत्र में जल सुरक्षा प्रदान करना है।
  • बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य में एकीकृत भू-दृश्य प्रबंधन योजना भारत के संरक्षण इतिहास में एक प्रमुख और अनूठा उपाय है।
  • GPL का लक्ष्य संतुलित दृष्टिकोण के आधार पर विकास प्रक्रिया के साथ एकीकरण के माध्यम से संरक्षण के लिए “लाभदायक” स्थिति सुनिश्चित करना है।
  • GPL और परिषद का लक्ष्य एक संतुलित दृष्टिकोण के आधार पर विकास प्रक्रिया के साथ एकीकरण के माध्यम से संरक्षण के लिए “लाभकारी” स्थिति सुनिश्चित करना है और विविध हिस्सेदारी पर विचार करना है। 
  • इसका व्यापक उद्देश्य प्रमुख प्रजातियों जैसे बाघ, गिद्ध और घड़ियाल के लिए आवास, संरक्षण और प्रबंधन की बेहतरी को सक्षम करना है; स्थानिक प्राथमिकता और वन पर निर्भर समुदायों की भलाई के माध्यम से समग्र जैव विविधता संरक्षण के लिए परिदृश्य को मजबूत करना; और फीडबैक लूप और अनुकूली प्रबंधन विकल्पों के संदर्भ में एकीकृत भूदृश्य प्रबंधन के तहत प्रजाति-विशिष्ट और स्थल-विशिष्ट निगरानी रणनीतियां प्रदान करना है।
  • केन-बेतवा लिंक परियोजना (KBLP), कार्यान्वयन के लिए ली गई राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (NPP) के तहत नदियों को जोड़ने वाली पहली परियोजना है, जो बार-बार सूखे की स्थिति का सामना करने वाले बुंदेलखंड क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक समृद्धि के लिए एक परिवर्तनकारी कदम साबित होगी।  
  • अनुमोदित पर्यावरण प्रबंधन योजना के अनुसार उपाय करने के अलावा, भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) ने न केवल पन्ना टाइगर रिजर्व (PTR) में बल्कि में आसपास के क्षेत्रों भी वन्यजीव और जैव विविधता के संरक्षण के लिए एक व्यापक एकीकृत परिदृश्य प्रबंधन योजना (ILMP) तैयार की है। 
  • बृहत्तर पन्ना भू-दृश्य (GPL) में एकीकृत भू-दृश्य प्रबंधन योजना भारत के संरक्षण इतिहास में शुरू किए जा रहे प्रमुख और अद्वितीय संरक्षण उपायों में से एक है।

4.भारत ने बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र (BEC) के गवर्निंग बोर्ड की पहली बैठक की मेजबानी की:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच- उनकी संरचना, और जनादेश।  

प्रारंभिक परीक्षा:  बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र (BEC)। 

मुख्य परीक्षा: बिम्सटेक के सन्दर्भ में भारत की “पड़ोसी पहले” और “एक्ट ईस्ट” नीतियों पर चर्चा कीजिए।   

प्रसंग: 

  • भारत ने 27 फरवरी, 2023 को बेंगलुरु में बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र (BEC) के गवर्निंग बोर्ड की पहली बैठक की मेजबानी की।

विवरण:  

  • इस बैठक में बिम्सटेक सचिवालय के साथ सभी बिम्सटेक देशों यानी बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड ने अपनी सक्रिय भागीदारी की है। 
  • इस बैठक के दौरान भारत की “पड़ोसी पहले” और “एक्ट ईस्ट” नीतियों को रेखांकित किया गया। 
  • बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र के मेजबान के रूप में भारत ने अपने यहां बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र (BEC) की स्थापना पर एक प्रस्तुति दी। 
  • इसके अलावा सदस्य देशों को इसकी जानकारी दी गई कि बेंगलुरु स्थित केंद्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान (CPRI) के परिसर में BEC को स्थापित किया जाएगा।
  • केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) के अध्यक्ष श्री घनश्याम प्रसाद को बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र के पहले कार्यकारी निदेशक के रूप में नामित किया गया। 
  • इस बैठक में “भारत सरकार और बिम्सटेक सचिवालय के बीच मेजबान देश समझौते” को लेकर टिप्पणी (नोट) पर विचार किया और उसे अंतिम रूप दिया। 
  • इसके साथ ही, बिम्सटेक स्थायी कार्य समिति की सातवीं बैठक में विचार के लिए इसकी सिफारिश की गई।
  • बिम्सटेक क्षेत्र में मौजूदा ऊर्जा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए इस बैठक में BEC की विशेष शाखाओं के तहत अतिरिक्त क्षेत्रों को जोड़ने की सिफारिश की गई। 
    • इनमें (1) साइबर सुरक्षा, (2) हरित हाइड्रोजन और (3) ऊर्जा रूपांतरण शामिल हैं।
  • सदस्य देशों ने बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र के गवर्निंग बोर्ड की पहली बैठक आयोजित करने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की। 
  • इसके अलावा सभी देशों ने बिम्सटेक की ऐसी बैठकों को नियमित अंतराल पर आयोजित करने की संभावना को भी व्यक्त किया।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.मसाला बोर्ड ने 36वीं वर्षगांठ मनाई:

  • 01 मार्च 2023 को वाणिज्य मंत्रालय ने कोच्चि में मसाला बोर्ड की 36वीं वर्षगांठ मनाई।
  • अपनी 36वीं वर्षगांठ समारोहों के एक हिस्से के रूप में, निर्यात को दोगुना करने पर मसाला उद्योग के अग्रणी व्यक्तियों तथा निर्यातकों के साथ एक पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। 
  • बोर्ड 2030 तक मसालों के निर्यात में 10 बिलियन डॉलर अर्जित करने के लिए कार्यनीति बना रहा है।
  • अपने 36वें संस्थापना दिवस पर, मसाला बोर्ड ने अतिरिक्त गुणवत्ता वाले मसालों के उत्पादन के लिए खाद्य सुरक्षा और मसालों की गुणवत्ता पर संदेश और जागरुकता फैलाने के लिए 20 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करते हुए ‘ स्वच्छ और सुरक्षित मसालों ‘ पर एक राष्ट्रव्यापी अभियान का भी आयोजन किया।
  • भारतीय मसालों के विकास तथा विश्व व्यापी संवर्धन के लिए मसाला बोर्ड ( वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार) का गठन तत्कालीन इलायची बोर्ड तथा मसाला निर्यात संवर्धन परिषद के विलय के साथ 26 फरवरी 1987 को किया गया था। 
  • मसाला बोर्ड भारतीय निर्यातकों और विदेशों में स्थित आयातकों के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय कड़ी के रूप में काम करता है और यह विभिन्न कार्यकलापों में शमिल रहा है जो मसाला सेक्टर के प्रत्येक वर्ग को छूता है।

2.GEM की स्टार्टअप्स, महिलाओं और युवाओं को प्रोत्साहन देने की पहल “स्वायत्त”:

  • सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GEM) ने GEM पर ईट्रांजेक्शंस के माध्यम से स्टार्टअप्स, महिलाओं और युवाओं को प्रोत्साहन देने की पहल “स्वायत्त” की सफलता के उपलक्ष्य में एक समारोह का आयोजन किया। 
  • इस अवसर पर GEM पोर्टल पर 8.5 लाख से ज्यादा सूक्ष्म एवं लघु उपक्रमों (MSE) के पंजीकरण के जरिये सामाजिक और वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहन देने में अभी तक हुई प्रगति के बारे में बताया, जो 68 लाख से ज्यादा ऑर्डर्स के सहारे 1.87 लाख से ज्यादा का कारोबार हासिल करने में सक्षम रहे हैं। 
  • GEM पर “स्टार्ट-अप्स, वूमेन एंड यूथ एडवांटेज थ्रू ईट्रांजेक्शंस” (स्वायत्त) को प्रोत्साहन देने की पहल को सबसे पहले फरवरी, 2019 में शुरू किया गया था। 
  • स्वायत्त 2019 का उद्देश्य विनिर्माताओं और विक्रेताओं की ऐसी विशिष्ट श्रेणी के प्रशिक्षण और पंजीकरण की सुविधा के लिए सक्रिय कदम उठाकर पोर्टल पर विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं की विभिन्न श्रेणियों के समावेशन को बढ़ावा देना, महिला उद्यमिता का विकास करना और सार्वजनिक खरीद में MSME क्षेत्र और स्टार्ट-अप्स की भागीदारी को प्रोत्साहन देना था।
  • सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GEM) केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों के विभागों, PSE और स्वायत्त संस्थानों में वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए वाणिज्य विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत स्थापित धारा 8 की कंपनी है। 
  • GEM में सामाजिक समावेश को प्रमुखता दी गई है और इसमें सार्वजनिक खरीद में चुनौतियों का सामना करने वाले कमजोर विक्रेताओं की भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

3.केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन कैडेट प्रशिक्षण जहाजों के लिए L&T के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी:

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘खरीद – भारतीय-आईडीडीएम’ (स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित) श्रेणी के अंतर्गत 3,108.09 करोड़ रुपये की कुल लागत से तीन कैडेट प्रशिक्षण जहाजों के अधिग्रहण के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (L&T) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी दे दी है। 
  • इन जहाजों की डिलीवरी 2026 से शुरू होनी प्रस्तावित है।
  • ऑफिसर कैडेट्स, जिनमें महिला कैडेट भी शामिल हैं, उनके बुनियादी प्रशिक्षण के बाद ये जहाज समुद्र में उन्हें ट्रेनिंग देने के काम आएंगे ताकि भारतीय नौसेना की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। 
  • राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से ये पोत मित्र देशों के कैडेटों को प्रशिक्षण भी देंगे। 
  • इन जहाजों को लोगों के बचाव कार्यों और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) के लिए भी तैनात किया जा सकता है।
  • इन जहाजों को चेन्नई के कट्टुपल्ली में L&T के शिपयार्ड में स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। 
  • ये परियोजना साढ़े चार साल की अवधि में 22.5 लाख मानव-दिवस का रोजगार सृजित करेगी। 
  • ये MSME सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी। 
  • स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ, ये पोत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप ‘आत्मनिर्भर भारत’ के भी गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

4.झारखंड के उत्तरी कर्णपुरा सुपर क्रिटिकल प्लांट में देश का पहला वातानुकूलित कंडेनसर चालू:

  • NTPC ने रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल के माध्यम से जल संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए, भारत का पहला वातानुकूलित कंडेनसर वाला सुपर क्रिटिकल प्लांट चालू किया है।
  • देश की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत उत्पादक कंपनी, NTPC ने 01 मार्च 2023 को झारखंड के उत्तरी कर्णपुरा (3*660 मेगावाट) में 660 मेगावाट की पहली इकाई का वाणिज्यिक परिचालन शुरू किया है।
  • इस परियोजना की परिकल्पना एयर कूल्ड कंडेनसर (ACC) के साथ की गई है, जिसमें पारंपरिक वाटर कूल्ड कंडेनसर (WCC) की तुलना में लगभग 1/3 वाटर फुटप्रिंट है। 
  • इसके माध्यम से एक वर्ष में लगभग 30.5 MCM पानी की बचत होगी और इस प्रकार से इस क्षेत्र में वार्षिक रूप से लगभग 15 लाख लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति होगी।
  • NTPC द्वारा पहले ही अपने संयंत्रों में जल का ठोस प्रबंधन करने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं। NTPC, विद्युत उत्पादन की अपनी मुख्य व्यावसायिक गतिविधि के साथ-साथ जल संरक्षण और प्रबंधन करने के लिए 3R (रिड्यूस, रियूज, रीसायकल) को बढ़ावा देगा। NTPC लिमिटेड प्रतिष्ठित यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट्स सीईओ वाटर मैंडेट का एक हस्ताक्षरकर्ता भी है।
  • NTPC जल नीति को लागू करते हुए जल संवहनीयता के मुद्दों को सक्रिय रूप से संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो जल प्रबंधन रणनीतियों, प्रणालियों, प्रक्रियाओं, प्रथाओं और अनुसंधान पहलों की स्थापना के लिए एक दिशासूचक के रूप में काम करेगा।
  • उत्तरी कर्णपुरा संयंत्र में 660 मेगावाट की 3 इकाइयां होंगी जिसकी कुल क्षमता 1,980 मेगावाट होगी। 
  • यह संयंत्र सबसे कुशल सुपरक्रिटिकल प्रौद्योगिकी पर आधारित है और एक पिट हेड संयंत्र (कोयला खदान से 10 किमी) होने के कारण झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्यों को सस्ते दामों पर विद्युत की आपूर्ति करेगा।
  • NTPC प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने में हमेशा सबसे आगे रहा है और विद्युत क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने का बीड़ा उठाया है। 
  • NTPC वर्तमान में कोयला, गैस, हाइड्रो, सौर और पवन संयंत्रों के माध्यम से देश में विद्युत की 24 प्रतिशत मांग को पूरा करता है।

 

01 March PIB :- Download PDF Here

लिंक किए गए लेख में 28 फरवरी 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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