विषयसूची:
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02 July 2024 Hindi PIB
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1. रक्षा मंत्रालय और तमिलनाडु रक्षा औद्योगिक गलियारे के बीच समझौता:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी,रक्षा और सुरक्षा:
विषय: देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।सुरक्षा प्रौद्योगिकी।
प्रारंभिक परीक्षा: रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’।
मुख्य परीक्षा: सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच रक्षा औद्योगिक गलियारों के माध्यम से अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाओं के विकास की चुनौतियों और लाभों पर विचार कीजिए।
प्रसंग:
- रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने तमिलनाडु रक्षा औद्योगिक गलियारे के तहत चेन्नई में तीन अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जो मानव रहित हवाई प्रणाली (यूएएस), इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) और इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स (ईओ) डोमेन से संबंधित हैं।
उद्देश्य:
- परियोजना के पूरा होने पर, वे सरकारी और निजी उद्योग दोनों को उन्नत परीक्षण उपकरण और सेवाएं प्रदान करेंगे, जिससे रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा मिलेगा।
विवरण:
- डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम ( DTIS ) के तहत समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान 2 जुलाई, 2024 को नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय और तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच किया गया।
- केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने मई 2020 में 400 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डीटीआईएस का शुभारंभ किया था।
- इसका उद्देश्य निजी कंपनियों और केंद्र/ राज्य सरकार के सहयोग से अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाएं स्थापित करना, स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना, सैन्य उपकरणों के आयात को कम करना और आत्मनिर्भरता बढ़ाना है।
- रक्षा औद्योगिक गलियारों (डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स- Defence Industrial Corridors) के भीतर रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों को गति प्रदान करने के लिए सात परीक्षण सुविधाओं को मंजूरी दी गई।
- इसके तहत तमिलनाडु में चार और उत्तर प्रदेश में तीन परीक्षण सुविधाएं स्थापित की जानी हैं। तमिलनाडु में तीन सुविधाओं के लिए आज समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- डीटीआईएस 75 प्रतिशत तक सरकारी निधि ‘अनुदान सहायता’ के रूप में उपलब्ध कराता है, जबकि शेष 25 प्रतिशत निधि स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) द्वारा दी जाती है, जिसमें भारतीय निजी कंपनियां और राज्य/ केंद्र सरकारें शामिल हैं।
- यूएएस परीक्षण सुविधा के लिए, केरल सरकार का उपक्रम केलट्रॉन प्रमुख एसपीवी सदस्य है, जबकि कुछ निजी क्षेत्र की कंपनियां कंसोर्टियम की सदस्य हैं।
- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल) क्रमशः ईडब्ल्यू और ईओ परीक्षण सुविधाओं में प्रमुख एसपीवी सदस्य हैं।
- इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Atmanirbhar in Defence
2. निर्माण (NIRMAN) पोर्टल का शुभारंभ:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: निर्माण – राष्ट्रीय सिविल सेवा परीक्षा (निर्माण) के मुख्य परीक्षार्थियों को पुरस्कृत करने की महान पहल,(Noble Initiative for Rewarding Mains Aspirants of National Civil Services Examination (NIRMAN)।
प्रसंग:
- केन्द्रीय कोयला तथा खान मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने 02 जुलाई 2024 को नई दिल्ली में “राष्ट्रीय सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के उम्मीदवारों को पुरस्कृत करने की उत्कृष्ट पहल (निर्माण(Noble Initiative for Rewarding Mains Aspirants of National Civil Services Examination (NIRMAN)))” पोर्टल का शुभारंभ किया।
उद्देश्य:
- इस योजना का उद्देश्य प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण उन उम्मीदवारों को 1,00,000/- रुपये (एक लाख रुपये) की सहायता प्रदान करना है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये से कम है और जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला या थर्ड जेंडर से संबंधित हैं तथा सीआईएल की गतिविधियों के संचालन वाले 39 जिलों में से किसी एक के स्थायी निवासी हैं।
विवरण:
- “मिशन कर्मयोगी” की परिकल्पना के अनुरूप, यह कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा अपनी गतिविधियों के संचालन वाले जिलों के उन मेधावी युवाओं के लिए शुरू की गई एक अनूठी सीएसआर (CSR) योजना है, जिन्होंने 2024 में यूपीएससी परीक्षा (सिविल सेवा और वन सेवा के लिए) के प्रारंभिक दौर में अर्हता प्राप्त की है।
- आवेदनों की पूर्ण पारदर्शी एवं निर्बाध जांच सुनिश्चित करने हेतु पूरी आवेदन प्रक्रिया एक ऐसे समर्पित पोर्टल के जरिए होती है, जो डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करता है।
- इस लिंक पर क्लिक कीजिए: UPSC Prelims Results 2024
पृष्ठ्भूमि:
- कोयला मंत्रालय की सीपीएसई, कोल इंडिया लिमिटेड, एक ऐसी महारत्न कंपनी है जो न केवल देश की ऊर्जा सुरक्षा की रीढ़ है, बल्कि कोयला धारक क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु एक सामाजिक रूप से जिम्मेदार कॉरपोरेट की महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाती है।
3. वायु सेना प्रमुख ने हैदराबाद के बेगमपेट में हथियार प्रणाली स्कूल का उद्घाटन किया:
सामान्य अध्ययन: 3
रक्षा और सुरक्षा:
विषय: सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन।
प्रारंभिक परीक्षा: हथियार प्रणाली स्कूल (डब्ल्यूएसएस), सुखोई-30 एमकेआई और सी-130जे ।
मुख्य परीक्षा: रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’
प्रसंग:
- वायु सेना प्रमुख (सीएएस) एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने 01 जुलाई, 2024 को हैदराबाद के एयर फोर्स स्टेशन बेगमपेट में हथियार प्रणाली स्कूल (डब्ल्यूएसएस) का उद्घाटन किया। इसके साथ ही भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के इतिहास में एक नया अध्याय का शुभारंभ हुआ है।
उद्देश्य:
- वर्ष 2022 में भारतीय वायुसेना में अधिकारियों की एक नई इकाई हथियार प्रणाली स्कूल (डब्ल्यूएसएस) को स्वीकृति देने के बाद इसकी शुरूआत हुई।
- भारतीय वायु सेना को भविष्योन्मुख बल के रूप में पुन: व्यवस्थित करने और समयानुसार परिवर्तित करने के उद्देश्य से, इस नए प्रशिक्षण प्रतिष्ठान का गठन हुआ है।
- सामान्य रूप से सशस्त्र बलों और विशेष रूप से भारतीय वायु सेना के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
विवरण:
- वायु सेना प्रमुख का स्वागत हथियार प्रणाली स्कूल के कमांडेंट एयर वाइस मार्शल प्रेमकुमार कृष्णस्वामी ने किया।
- हथियार प्रणाली शाखा (डब्ल्यूएसएस) प्रकृति के अनुकूल प्रभाव आधारित प्रशिक्षण प्रदान करेगा और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की आवश्यकताओं के अनुरूप नवगठित शाखा के अधिकारियों को तैयार करेगा।
- हथियार प्रणाली शाखा के फ्लाइट कैडेट इस संस्थान में अपने दूसरे सेमेस्टर का प्रशिक्षण लेंगे।
- नई शाखा में सुखोई-30 एमकेआई और सी-130जे, हवाई प्लेटफार्मों में हथियारों और प्रणालियों को संचालित करने के लिए फ्लाइंग स्ट्रीम; दूर से संचालित विमानों को संचालित करने के लिए रिमोट स्ट्रीम; सतह से हवा और सतह से सतह पर मार करने वाली हथियार प्रणालियों के लिए मिशन कमांडर, ऑपरेटर और अंतरिक्ष-आधारित खुफिया और इमेजरी को संभालने के लिए इंटेलिजेंस स्ट्रीम चार धाराएँ शामिल होंगी।
- वायु सेना प्रमुख (सीएएस) एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि हथियार प्रणाली स्कूल के निर्माण के साथ, जमीन आधारित और विशेषज्ञ हथियार प्रणालियों के संचालक एक मंच पर आ जाएंगे, जिससे भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
- उन्होंने प्रशिक्षकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे इस एक नवगठित शाखा में अग्रणी है। इस कारण वे ऐसे स्तंभ हैं जिन पर परिकल्पित प्रशिक्षण व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी है। इससे वायु सेना सुदृढ़ होगी।
- वायु सेना प्रमुख ने सभी कर्मियों से देश में हथियार प्रणालियों के प्रशिक्षण के लिए स्कूल को एक नोडल केंद्र के रूप में स्थापित करने का आग्रह किया।
- वायु सेना प्रमुख (सीएएस) ने 08 अक्टूबर, 2022 वायु सेना दिवस परेड समारोह के दौरान हथियार प्रणाली स्कूल के गठन की घोषणा की थी।
4. भारत सरकार और एडीबी ने महामारी के खिलाफ तैयारियों और जवाबी कार्रवाई को मजबूत करने के लिए 170 मिलियन डॉलर के ऋण पत्र पर हस्ताक्षर किए:
सामान्य अध्ययन: 2
स्वास्थ्य:
विषय: स्वास्थ्य,शिक्षा,मानव संसाधनों से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र /सेवाओं के विकास एवं उनसे प्रबंधन से सम्बंधित मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: एशियाई विकास बैंक (एडीबी)।
मुख्य परीक्षा: महामारी के खिलाफ तैयारियों और जवाबी कार्रवाई को मजबूत करने के लिए भारत और एडीबी ऋण पर हस्ताक्षर का स्वास्थ्य प्रणाली पर प्रभाव।
प्रसंग:
- भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (ADB) ने 02 जुलाई 2024 को भारत की स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों और भविष्य की महामारियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई क्षमता को एकीकृत तथा मजबूत करने के लिए 170 मिलियन डॉलर के नीति-आधारित ऋण पत्र पर हस्ताक्षर किए।
उद्देश्य:
- यह कार्यक्रम भारत सरकार के साथ एडीबी की साझेदारी पर आधारित है, ताकि देश की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत किया जा सके और परिवर्तनकारी समाधान अपनाए जा सकें।
- इस नीति-आधारित ऋण के माध्यम से, एडीबी सरकार को नीतिगत, विधायी और संस्थागत शासन और संरचनाओं की कमियों को दूर करने में मदद करेगा और महामारी के खिलाफ तैयारी और जवाबी कार्रवाई को मजबूत करने के लिए गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुँच प्रदान करने के भारत के लक्ष्य में योगदान देगा।
- एडीबी कार्यक्रम रोग निगरानी को और मजबूत करने, स्वास्थ्य कर्मियों की पर्याप्त उपलब्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा जलवायु-सहनीय सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और सेवा वितरण को बढ़ावा देने में सरकार के चल रहे प्रयासों में मदद करेगा।
विवरण:
- भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग की संयुक्त सचिव सुश्री जूही मुखर्जी और एडीबी की ओर से एडीबी के इंडिया रेजिडेंट मिशन की निदेशक सुश्री मियो ओका ने ‘सुदृढ़ और परिवर्तनकारी स्वास्थ्य प्रणाली कार्यक्रम के लिए मजबूत और मापनीय कार्रवाई (उप-कार्यक्रम 1)’ पर हस्ताक्षर किए।
- यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 (National Health Policy 2017); प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम), राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन और स्वास्थ्य के लिए मानव संसाधन (एचआरएच) को मजबूत करने के सरकार के प्रयासों सहित प्रमुख सरकारी योजनाओं और पहलों पर केन्द्रित होगा।
- कार्यक्रम के माध्यम से लक्षित सुधार क्षेत्रों में शामिल हैं: (i) मजबूत रोग निगरानी और बहुक्षेत्रीय जवाबी कार्रवाई, (ii) स्वास्थ्य के लिए मजबूत मानव संसाधन, और (iii) विस्तारित जलवायु सहनीय सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और अभिनव सेवा वितरण।
- यह कार्यक्रम राज्य, संघ और महानगर स्तर पर संक्रामक रोग निगरानी के लिए प्रयोगशाला नेटवर्क स्थापित करने तथा गरीबों, महिलाओं और अन्य कमजोर समूहों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की निगरानी और समन्वय के संदर्भ में मजबूत डेटा प्रणाली तैयार करके सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए रोग निगरानी प्रणालियों को मजबूत करेगा।
- यह कार्यक्रम भारत के वन हेल्थ दृष्टिकोण (One Health approach,) के कार्यान्वयन और उभरते संक्रामक रोगों के लिए इसकी बहुक्षेत्रीय जवाबी कार्रवाई में सुधार करेगा।
- एडीबी नीति सुधारों का समर्थन करेगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि पर्याप्त और सक्षम स्वास्थ्य पेशेवर और कर्मचारी हों।
- इसमें ऐसे कानून शामिल हैं, जो नर्सों, सहायिकाओं, संबद्ध कर्मचारियों और डॉक्टरों की शिक्षा, सेवाओं और पेशेवर आचरण के मानकों को विनियमित करेंगे और बनाए रखेंगे।
- यह कार्यक्रम संक्रामक रोगों और गंभीर बीमारियों के प्रति सेवाओं में सुधार करने के लिए पांच राज्यों और जिला क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉकों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं का प्रबंधन करने में मदद करेगा।
- यह हरित और जलवायु-सहनीय स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की स्थापना में अंतर-क्षेत्रीय शासी निकाय और बहु-क्षेत्रीय टास्क फोर्स की सहायता करेगा। सेवा वितरण के लिए अभिनव समाधानों का भी समर्थन किया जाएगा।
5. भारत-थाईलैंड संयुक्त सैन्य अभ्यास मैत्री में भाग लेने के लिए भारतीय सेना की टुकड़ी थाईलैंड रवाना:
सामान्य अध्ययन: 3
रक्षा और सुरक्षा:
विषय: सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन।
प्रारंभिक परीक्षा: संयुक्त सैन्य अभ्यास मैत्री।
प्रसंग:
- भारत-थाईलैंड संयुक्त सैन्य अभ्यास मैत्री (Exercise Maitree) के 13वें संस्करण में भाग लेने के लिए भारतीय सेना की टुकड़ी कल थाईलैंड रवाना हुई।
उद्देश्य:
- मैत्री अभ्यास का उद्देश्य भारत और थाईलैंड के बीच सैन्य सहयोग को प्रोत्साहन देना है।
- यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के अन्तर्गत जंगल और शहरी वातावरण में संयुक्त उग्रवाद और आतंकवाद से निपटने के लिए अभियानों को अंजाम देने में संयुक्त क्षमताओं को बढ़ाएगा।
- यह अभ्यास उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और संयुक्त सामरिक अभ्यास पर केंद्रित होगा।
विवरण:
- यह अभ्यास 1 से 15 जुलाई 2024 तक थाईलैंड के टाक प्रांत के फोर्ट वाचिराप्रकन में आयोजित किया जा रहा है।
- इसी अभ्यास का पिछला संस्करण सितंबर 2019 में मेघालय के उमरोई में आयोजित किया गया था।
- भारतीय सेना की टुकड़ी में 76 कर्मी शामिल हैं। इनमें मुख्य रूप से लद्दाख स्काउट्स की एक बटालियन के साथ-साथ अन्य शाखाओं और सेवाओं के कर्मी भाग ले रहे हैं।
- रॉयल थाईलैंड आर्मी की टुकड़ी में भी 76 कर्मी शामिल हैं, जिनमें मुख्य रूप से 4 डिवीजन की 14 इन्फैंट्री रेजिमेंट की पहली बटालियन से हैं।
- इस दौरान किए जाने वाले सामरिक अभ्यासों में संयुक्त ऑपरेशन केंद्र का निर्माण, खुफिया और निगरानी केंद्र की स्थापना, ड्रोन और काउंटर ड्रोन सिस्टम का उपयोग, लैंडिंग साइट की सुरक्षा, छोटी टीम का प्रवेश और निकासी, विशेष हेलीबोर्न ऑपरेशन, कॉर्डन और तलाशी अभियान, रूम इंटरवेंशन ड्रिल और अवैध संरचनाओं को नष्ट करना शामिल होंगे।
- मैत्री अभ्यास से दोनों पक्षों को संयुक्त अभियानों के संचालन के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपने सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा करने का अवसर मिलेगा।
- यह अभ्यास दोनों देशों के सैनिकों के बीच अंतर-संचालन और आपसी सौहार्द विकसित करने में सहायक होगा।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे सम्बंधित कुछ नहीं हैं।
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