Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

विषयसूची:

  1. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा शिकागो विश्वविद्यालय की विकास नवाचार प्रयोगशाला (DIL) ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:
  2. महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड ने विहंगम ड्रोन प्रौद्योगिकी और नवीनतम सुरक्षा उपकरण प्रस्तुत किए:

1. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा शिकागो विश्वविद्यालय की विकास नवाचार प्रयोगशाला (DIL) ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:

सामान्य अध्ययन: 3

अर्थव्यवस्था: 

विषय: किसानों की सहायता के लिए ई-प्रौद्योगिकी। 

प्रारंभिक परीक्षा: विकास नवाचार प्रयोगशाला के बारे में।   

मुख्य परीक्षा: कृषि विकास में तकनीक की भूमिका।  

प्रसंग:

  • विकास नवाचार प्रयोगशाला, कृषि और किसान कल्याण विभाग को जलवायु परिवर्तन से निपटने तथा भारत के सीमान्त किसानों का समर्थन के लिए नवाचारों के रूप में सहायता प्रदान करेगी। 

उद्देश्य:

  • भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत कृषि और किसान कल्याण विभाग (DA & FW) ने खाद्य सुरक्षा में सुधार, जलवायु परिवर्तन के समाधान और किसानों को अपनी आय बढ़ाने में नवाचार के उपयोग के अवसरों का पता लगाने के लिए नई दिल्ली में शिकागो विश्वविद्यालय की विकास नवाचार प्रयोगशाला (DIL) के साथ साझेदारी की है। 

विवरण:  

  • साझेदारी जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में कृषि और खाद्य सुरक्षा से संबंधित नवाचार के अवसरों पर ध्यान देगी, जिसका वर्तमान परिदृश्य में अत्यधिक तापमान, बाढ़ और सूखे में वृद्धि के साथ-साथ मॉनसून प्रणाली में बदलाव के जरिये अनुभव किया जा रहा है। 
  • डिजिटल सेवाओं, मौसम के पूर्वानुमान और मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन में नवाचार; किसानों को इन संकटों का सामना करने के लिए अनुकूल होने और आजीविका में सुधार लाने में मदद कर सकते हैं। 
  • इससे कृषि की पर्यावरणीय स्थिरता में भी सुधार होगा। DIL, उपरोक्त और अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में नवाचारों की पहचान, विकास, परीक्षण और परिशोधन के प्रयासों में DA & FW की सहायता करेगा, ताकि भारत के छोटे धारक किसानों का सहयोग किया जा सके।

 विकास नवाचार प्रयोगशाला के बारे में 

  • DIL की स्थापना नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. माइकल क्रेमर, शिकागो विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विश्वविद्यालय प्रोफेसर और 2019 में अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में स्वेरिगेस रिक्सबैंक पुरस्कार के सह-प्राप्तकर्ता द्वारा की गयी है, जिसका प्रतिनिधित्व समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर के दौरान भारत में शिकागो विश्वविद्यालय ट्रस्ट द्वारा किया गया।
  • विकास नवाचार प्रयोगशाला (DIL) कम और मध्यम आय वाले देशों में लाखों लोगों को लाभान्वित करने की क्षमता वाले नवाचारों को विकसित करने के लिए अर्थशास्त्र के उपकरणों का उपयोग करता है।

2. महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड ने विहंगम ड्रोन प्रौद्योगिकी और नवीनतम सुरक्षा उपकरण प्रस्तुत किए:

सामान्य अध्ययन: 3

अर्थव्यवस्था: 

विषय: बुनियादी ढांचा : ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।। 

प्रारंभिक परीक्षा: महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड के बारे में ।   

मुख्य परीक्षा: कोयला खनन में प्रौद्योगिकी की भूमिका।  

प्रसंग: 

  • कोयला मंत्रालय के अधीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख उद्यम (CPSE) महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (MCL) ने ड्रोन और जमीनी स्तर की नियंत्रण प्रणाली के साथ एक वेब-आधारित पोर्टल विहंगम लॉन्च करते हुए कोयला खदानों में ड्रोन तकनीक की शुरुआत की है।

उद्देश्य:

  • ड्रोन तकनीक की मदद से कोयला खनन की निगरानी।

विवरण:  

  • पोर्टल, अधिकृत कर्मी को खानों के पास विशेष रूप से अधिकृत 40 एमबीपीएस इंटरनेट लीज लाइन के माध्यम से वास्तविक समय के ड्रोन वीडियो का उपयोग करने की अनुमति प्रदान करता है। 
  • इसमें एक नियंत्रण केंद्र भी है, जो ड्रोन को संचालित करता है और विशेष बात यह है कि पूरी प्रणाली को कहीं से भी पोर्टल के माध्यम से संचालित किया जा सकता है। यह प्रायोगिक परियोजना वर्तमान में तालचेर कोलफील्ड्स की भुवनेश्वरी और लिंगराज ओपनकास्ट खदानों में शुरू की गई है।
  • वर्तमान में MCL खनन प्रक्रिया के डिजिटलीकरण के उद्देश्य से पर्यावरण निगरानी, ​​मात्रा माप तथा खदान की फोटोग्राममेट्रिक मैपिंग के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है।
  • MCL ने रिकॉर्ड कोयला उत्पादन को और बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक को इस्तेमाल करने के अलावा, सुरक्षा मानकों को नवीनतम करने के उद्देश्य से आधुनिक उपकरणों के उपयोग को भी आगे बढ़ाया है। इसने हाल ही में अपने कोयला स्टॉकयार्ड में रोबोटिक नोजल वाटर स्प्रेयर तैनात किया है।

महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड 

  • महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (MCL) ओडिशा के सुंदरगढ़, झारसुगुडा और अंगुल जिलों में कोयला खनन गतिविधियों में कार्यरत है, जो भारत में उत्पादित कुल कोयले में 20% से अधिक का योगदान देता है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का स्तर बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे देश में ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय PMKSY, PLISFPI और PMFME जैसी विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहा है:  

  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY): 1 जुलाई, 2015 को “हर खेत को पानी” के आदर्श वाक्य के साथ शुरू की गई प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) सुनिश्चित सिंचाई के साथ खेती वाले क्षेत्र का विस्तार करने, पानी की बर्बादी को कम करने तथा पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार करने के लिए क्रियान्वित की जा रही है। PMKSY न केवल सुनिश्चित सिंचाई के लिए स्रोत बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि “जल संचय” और “जल सिंचन” के माध्यम से सूक्ष्म स्तर पर वर्षा जल का दोहन करके सुरक्षात्मक सिंचाई का निर्माण भी करती है। “प्रति बूंद-अधिक फसल” सुनिश्चित करने के लिए सूक्ष्म सिंचाई को भी सब्सिडी के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाता है।
  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLISFPI): भारत के प्राकृतिक संसाधन बंदोबस्ती के अनुरूप वैश्विक खाद्य निर्माण चैंपियन के निर्माण का सहयोग करने और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में खाद्य उत्पादों के भारतीय ब्रांडों का समर्थन करने के लिए योजना है।
  • भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 29 जून, 2020 को PMFME योजना की शुरुआत की गई थी।

 

03 February PIB :- Download PDF Here

सम्बंधित लिंक्स:

Comments

Leave a Comment

Your Mobile number and Email id will not be published.

*

*