विषयसूची:
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1. एनएचएआई ने “हरित आवरण सूचकांक” के विकास और रिपोर्ट के लिए राष्ट्रीय सुदूर संवेदी केंद्र के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), राष्ट्रीय सुदूर संवेदी केंद्र (एनआरएससी) ,भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)।
मुख्य परीक्षा: “हरित आवरण सूचकांक” एवं हरित राजमार्ग नीति के बारे में चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों के व्यापक नेटवर्क के “हरित आवरण सूचकांक” को विकसित करने और रिपोर्ट करने के लिए राष्ट्रीय सुदूर संवेदी केंद्र (एनआरएससी) , जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के तहत कार्य करता है, के साथ तीन साल की अवधि के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
उद्देश्य:
- वर्ष 2015 में हरित राजमार्ग नीति की शुरुआत के बाद से, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) और एनएचएआई के लिए राजमार्ग गलियारों को हरित करने का कार्य प्राथमिकता के केंद्र बिंदु में रहा है।
- वर्तमान में, वृक्षारोपण की निगरानी क्षेत्रीय कर्मियों द्वारा स्थल के दौरे पर निर्भर करती है।
विवरण:
- मूल स्थान पर डेटा संग्रह को बढ़ाने और वृक्षारोपण प्रबंधन व निगरानी को सहायता प्रदान करने के साथ-साथ एनएचएआई द्वारा किए गए प्रदर्शन ऑडिट समेत उभरती प्रौद्योगिकियों की क्षमताओं का उपयोग करते हुए, एनआरएससी राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए हरित आवरण का अखिल भारतीय आकलन करेगा, जिसमें हाई-रिज़ॉल्यूशन उपग्रह इमेजरी का उपयोग किया जाएगा।
- इसका संदर्भ “हरित आवरण सूचकांक” के रूप में दिया जाता है।
- यह नवोन्मेषी दृष्टिकोण एक मजबूत और विश्वसनीय व्यवस्था का वादा करता है, जो राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे हरियाली की गहनता का एक वृहद-स्तरीय अनुमान करने के क्रम में समय की बचत करने के साथ, लागत प्रभावी समाधान प्रदान करता है। यह उन क्षेत्रों में लक्षित कार्यक्रमों की सुविधा भी प्रदान करेगा, जहां पर्याप्त हरित आवरण की कमी है।
- एनआरएससी, जिसका मुख्यालय हैदराबाद में है, को उपग्रह डेटा प्राप्त करने, डेटा उत्पादों के उत्पादन और अन्य चीजों के अलावा सुशासन के लिए भू-स्थानिक सेवाओं सहित सुदूर संवेदी अनुप्रयोगों के लिए तकनीकों के विकास के संदर्भ में भू-स्टेशन की स्थापना करने का अधिकार है।
- एनआरएससी ने पहले ही राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे हरित आवरण के आकलन के लिए सफल पायलट परियोजनाएं संचालित की हैं।
- परियोजना का व्यापक प्रयास पहले मूल्यांकन चक्र में राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए क्षेत्र-वार हरित आवरण सूचकांक प्राप्त करना है।
- इसके बाद के वार्षिक चक्रों में वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करके राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए हरित आवरण के विकास पैटर्न का आकलन करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- सूचकांक के निष्कर्षों से विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों की तुलना और रैंकिंग की सुविधा मिलेगी, जिससे समय पर और आवधिक हस्तक्षेप किये जा सकेंगे।
- चूंकि राष्ट्रीय राजमार्गों की प्रत्येक 1 किमी लंबाई के लिए हरित आवरण का अनुमान लगाया जाएगा, इसलिए व्यक्तिगत परियोजनाओं/पैकेजों के लिए भी विस्तृत माप रूपरेखा उत्पन्न करना संभव होगा।
- यह पहल, राजमार्गों के हरित परिवर्तन को बढ़ावा देने में एनएचएआई की महत्वपूर्ण भूमिका का मूल्यांकन करने की निष्ठावान प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, जो देश के समग्र पर्यावरण के कल्याण में योगदान देगी।
2. नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की वर्षांत समीक्षा 2023:
सामान्य अध्ययन: 3
बुनियादी ढांचा:
विषय:बुनियादी ढांचा- ऊर्जा।
प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन,हरित ऊर्जा गलियारा,सौर पार्क,अपतटीय पवन ऊर्जा।
मुख्य परीक्षा: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की वर्षांत समीक्षा 2023 पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की वर्ष 2023 की वर्षांत समीक्षा की गई हैं।
अवलोकन:
- कैलेंडर वर्ष 2023 के दौरान लगभग 13.5 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी गई।
- भारत वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता में चौथे स्थान पर, पवन ऊर्जा क्षमता में चौथे स्थान पर और सौर ऊर्जा क्षमता में पांचवें स्थान पर है।
- डेवलपर्स को अपतटीय पवन समुद्री ब्लॉकों के आवंटन को विनियमित करने के लिए “अपतटीय पवन ऊर्जा पट्टा नियम, 2023” अधिसूचित किया गया।
- भारत ने हरित हाइड्रोजन की परिभाषा की घोषणा की; भारत में 4.5 लाख टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन सुविधाएं स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत प्रक्रिया शुरू की गई।
- पीएम कुसुम के घटक बी और सी के तहत संशोधित लक्ष्य के अनुसार 49 लाख पंप स्थापित/सोलरीकृत किए जाएंगे।
विवरण:
- कॉप26 में प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुरूप, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म आधारित बिजली उत्पादन क्षमता प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहा है।
- कैलेंडर वर्ष 2023 के दौरान लगभग 13.5 गीगावॉट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित होने की उम्मीद है, जो लगभग 74,000 करोड़ रुपए के निवेश के अनुरूप है।
- भारत विश्व स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता में चौथे, पवन ऊर्जा क्षमता में चौथे और सौर ऊर्जा क्षमता में पांचवें स्थान पर है (अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी – नवीकरणीय क्षमता सांख्यिकी 2023 के अनुसार)।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन:
- नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय 4 जनवरी 2023 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ अनुमोदित राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को कार्यान्वित कर रहा है।
- मिशन का व्यापक उद्देश्य भारत को हरित हाइड्रोजन और उसके व्युत्पन्न (डेरिवेटिव) के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए वैश्विक केंद्र बनाना है।
- हरित हाइड्रोजन ट्रांज़िशन के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप (एसआइजीएचटी) कार्यक्रम 17,490 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ मिशन के अंतर्गत एक प्रमुख वित्तीय कदम है।
- कार्यक्रम में इलेक्ट्रोलाइज़र के घरेलू विनिर्माण और हरित हाइड्रोजन के उत्पादन का समर्थन करने के लिए दो अलग-अलग वित्तीय प्रोत्साहन तंत्र शामिल हैं।
- इसके अलावा, यूरोप, जापान, सिंगापुर और कोरिया के साथ देशों की गोलमेज बैठकें भी आयोजित की गईं, जिसमें इन देशों के प्रतिनिधियों और भारतीय हरित हाइड्रोजन उद्योग के बीच विचार-विमर्श हुआ।
- भारत के लिए हरित हाइड्रोजन मानक को 19 अगस्त 2023 को अधिसूचित किया गया है, जिसमें नवीकरणीय स्रोतों से उत्पादित हाइड्रोजन को ‘हरित’ के रूप में वर्गीकृत करने के लिए उत्सर्जन सीमा को पूरा करने की रूपरेखा दी गई है।
- राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए अनुसंधान एवं विकास रोडमैप का अनावरण 7 अक्टूबर 2023 को किया गया है।
हरित ऊर्जा गलियारा – लद्दाख में 13 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अंतर-राज्य ट्रांसमिशन प्रणाली:
- नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने लद्दाख में 12000 मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) के साथ 13,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित करने की योजना बनाई है।
- 18.10.2023 को, आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने लद्दाख में 13 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की बिजली निकासी और ग्रिड एकीकरण और लद्दाख से देश के अन्य हिस्सों में बिजली भेजने के लिए एक अंतर-राज्य ट्रांसमिशन सिस्टम के निर्माण को मंजूरी दी।
- कैबिनेट ने लद्दाख में 13 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना के लिए हरित ऊर्जा कॉरिडोर (जीईसी) चरण-II – अंतर-राज्य ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) को मंजूरी दी
- यह परियोजना लद्दाख क्षेत्र के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में भी विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
- वर्तमान में, पावरग्रिड (परियोजना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी) फ्रंट एंड इंजीनियरिंग डिजाइन (फीड) अध्ययन कर रही है। अध्ययन की रिपोर्ट दिसंबर 2024 तक आने की उम्मीद है।
उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के लिए पीएलआई योजना:
- भारत सरकार उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल में गीगावाट (जीडब्ल्यू) पैमाने की विनिर्माण क्षमता प्राप्त करने के लिए उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना लागू कर रही है।
- तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले के श्रीपेरंबुदूर में एफएस इंडिया सोलर वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित थिन फिल्म सोलर पीवी मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता में उत्पादन शुरू हो गया है।
- रीन्यू फोटोवोल्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड, महिंद्रा वर्ल्ड सिटी, जयपुर, राजस्थान; ग्रेव एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, डूडू, जयपुर, राजस्थान; और टीपी सोलर लिमिटेड, गंगाईकोंडान, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु द्वारा स्थापित विनिर्माण क्षमताओं में सौर पीवी मॉड्यूल का उत्पादन शुरू हो गया है।
अपतटीय पवन ऊर्जा:
- भारत को लगभग 7600 किमी (मुख्य भूमि) की तटरेखा को सौभाग्य प्राप्त है जो तीन तरफ से पानी से घिरी हुई है और इसमें अपतटीय पवन ऊर्जा उत्पादन की अच्छी क्षमता है।
- पहचाने गए क्षेत्रों के भीतर अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता का प्रारंभिक मूल्यांकन गुजरात और तमिलनाडु के तट पर लगभग 70 गीगावॉट होने का अनुमान लगाया गया है।
- अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए एक संशोधित रणनीति सितंबर, 2023 में जारी की गई है, जो अपतटीय पवन ऊर्जा की 37 गीगावॉट क्षमता की स्थापना के लिए बोली के प्रक्षेप पथ का संकेत देती है।
- इसके अलावा, सेंट्रल ट्रांसमिशन यूटिलिटी ने प्रारंभिक 10 गीगावॉट अपतटीय क्षमता (गुजरात और तमिलनाडु तटों पर प्रत्येक 5 गीगावॉट) के लिए अपतटीय पवन परियोजनाओं के लिए आवश्यक ट्रांसमिशन बुनियादी ढांचे की योजना पूरी कर ली है।
- डेवलपर्स को अपतटीय पवन समुद्री ब्लॉकों के आवंटन को विनियमित करने के लिए “ऑफशोर पवन ऊर्जा लीज नियम, 2023” 19.12.2023 को अधिसूचित किया गया है।
- गुजरात सरकार और तमिलनाडु सरकार अपने-अपने तटों से प्रारंभिक अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं से 4.00 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली लेने पर सहमत हुए हैं।
सौर पार्क:
- “सौर पार्कों और अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास” की योजना दिसंबर 2014 में शुरू की गई थी, जिसकी कुल क्षमता 20,000 मेगावाट थी।
- इसके अलावा, मार्च 2017 में 2025-26 तक सोलर पार्क योजना की क्षमता 20,000 मेगावाट से बढ़ाकर 40,000 मेगावाट कर दी गई।
- 30-11-2023 तक, मंत्रालय ने देश भर के 12 राज्यों में लगभग 37,490 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 50 सौर पार्कों को मंजूरी दे दी है।
- इन स्वीकृत पार्कों में, 10,401 मेगावाट की कुल क्षमता वाली सौर परियोजनाएँ चालू की गई हैं, जिनमें से 284 मेगावाट 2023 के कैलेंडर वर्ष में चालू की गई हैं।
पीएम कुसुम:
- सरकार ने योजना के घटक बी और सी के तहत स्थापित/सोलरीकृत किए जाने वाले 49 लाख पंपों के संशोधित लक्ष्य के साथ पीएम कुसुम योजना के विस्तार को मंजूरी दे दी।
- घटक ‘सी’ में भूमि एकत्रीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए योजना के दिशानिर्देशों को संशोधित किया गया है।
- मंत्रालय ने क्रमशः जुलाई और सितंबर, 2023 के दौरान घटक ‘बी’ के तहत विक्रेताओं और बेंचमार्क लागत की सूचीबद्ध सूची जारी की है।
रूफटॉप सौर ऊर्जा:
- जनवरी से नवंबर 2023 के दौरान ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सौर कार्यक्रम के तहत लगभग 741 मेगावाट क्षमता स्थापित की गई है।
- इस अवधि के दौरान केंद्रीय वित्तीय सहायता के साथ या उसके बिना सभी क्षेत्रों में लगभग 2.77 गीगावॉट अतिरिक्त क्षमता स्थापित की गई है।
जैव ऊर्जा:
- बायोसीएनजी संचालित वैन के माध्यम से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में बायोमास न जलाने और इसे बायोएनर्जी रूपांतरण के लिए उपयोग करने का संदेश फैलाने की पहल की गई।
- वर्ष के दौरान बायोएनर्जी परियोजनाओं (बायोमास और अपशिष्ट से ऊर्जा परियोजनाएं) की 105 मेगावाट क्षमता स्थापित की गई।
- 12,693 छोटे बायोगैस संयंत्र और 1.107 एमवेक (मध्यम आकार के बायोगैस संयंत्र) स्थापित किए गए। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान राज्यों की नामित कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसियों को 46,000 संख्या में छोटे बायोगैस संयंत्र स्थापना का वार्षिक लक्ष्य आवंटित किया गया था।
- 180 टीपीएच (टन प्रति घंटा) से अधिक क्षमता वाली ब्रिकेट/पेलेट परियोजनाएं स्थापित की गई हैं।
नवीकरणीय खरीद दायित्व (आरपीओ):
- भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत मार्च 2030 तक नामित उपभोक्ताओं के लिए नवीकरणीय खरीद दायित्व (आरपीओ) लक्ष्यों को अधिसूचित किया है।
- नवीकरणीय ऊर्जा का न्यूनतम हिस्सा पिछले कुछ वर्षों में उत्तरोत्तर बढ़ने वाला है। 2024-25 में कुल ऊर्जा का 29.91 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से आना चाहिए। यह 2029-30 में धीरे-धीरे बढ़कर 43.33 प्रतिशत हो जाएगा।
- ‘वितरित नवीकरणीय ऊर्जा (डीआरई)’ के लिए अलग आरपीओ पेश किया गया है।
- नया प्रक्षेप पथ हरित और अधिक टिकाऊ ऊर्जा परिदृश्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है और लंबी अवधि की योजना बनाने में संस्थाओं की मदद करेगा।
अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी प्रेसीडेंसी:
- भारत ने 14-15 जनवरी, 2023 को अबू धाबी में आयोजित बैठक में अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) की 13वीं सभा की अध्यक्षता ग्रहण की, जो विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने वाला पहला अंतरराष्ट्रीय संगठन है।
जी20 ऊर्जा परिवर्तन कार्य समूह और ऊर्जा परिवर्तन मंत्रिस्तरीय बैठक:
- भारत के जी20 प्रेसीडेंसी के तहत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने शेरपा ट्रैक के तहत तेरह कार्य समूहों में से एक, एनर्जी ट्रांज़िशन वर्किंग ग्रुप (ईटीडब्ल्यूजी) के तहत चर्चा और वार्ता में भाग लिया, जो ऊर्जा सुरक्षा, पहुंच और सामर्थ्य, ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा, नवाचार, प्रौद्योगिकी और वित्त पोषण पर चर्चा करता है।
- प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में विचार-विमर्श करने और कार्यों की पहचान करने के लिए, फरवरी से जुलाई 2023 के दौरान 4 ईटीडब्ल्यूजी बैठकें आयोजित की गईं।
- बैठकों में जी20 सदस्य देशों, विशेष आमंत्रित देशों और आईईए, आईआरईएनए, विश्व बैंक, एडीबी, सीईएम-एमआई, यूनिडो, यूएनईपी और डब्ल्यूईएफ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लगभग 150 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- चर्चा वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन के संदर्भ में जलवायु परिवर्तन, स्थिरता, ऊर्जा सुरक्षा, न्यायसंगत ऊर्जा पहुंच और वित्तपोषण से संबंधित महत्वपूर्ण चुनौतियों पर केंद्रित थी।
- बैठकों में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के अनुरूप सार्वभौमिक ऊर्जा पहुंच और उचित, किफायती और समावेशी ऊर्जा बदलाव सुनिश्चित करते हुए वैश्विक ऊर्जा बदलावों में तेजी लाने के लिए व्यवहार्य, सहयोगात्मक और जवाबदेह नीतिगत कार्रवाइयों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- जुलाई में मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद, ईटीमएम परिणाम दस्तावेज़ और अध्यक्षीय सारांश जारी किया गया, जिसमें “हाइड्रोजन पर जी20 उच्च स्तरीय स्वैच्छिक सिद्धांत” भी शामिल था।
- भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत ईटीडब्ल्यूजी के दौरान नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को जी20 नेताओं की घोषणा में शामिल किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की छठी सभा:
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) सभा का छठा सत्र 31 अक्टूबर, 2023 को भारत मंडपम, प्रगति मैदान में आयोजित किया गया था।
- सभा की अध्यक्षता आईएसए के अध्यक्ष के रूप में माननीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत मंत्री ने की।
- सभा में 121 देशों, 20 भागीदार संगठनों और 09 विशेष आमंत्रित सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में 20 मंत्रियों और 8 उपमंत्रियों ने हिस्सा लिया। महत्वपूर्ण परिणामों में से एक 05 से अधिक सदस्य देशों द्वारा स्वैच्छिक योगदान की पुष्टि थी।
3. वर्षांत समीक्षा 2023: संसदीय कार्य मंत्रालय:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: संसद और राज्य विधायिका-संरचना,कार्य,कार्य संचालन,शक्तियां एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: शून्यकाल का महत्व।
मुख्य परीक्षा: वर्ष 2023 के दौरान संसदीय कार्य मंत्रालय की प्रमुख पहल/कार्यक्रम/उपलब्धियों पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- वर्षांत समीक्षा 2023: संसदीय कार्य मंत्रालय – वर्ष 2023 के दौरान संसदीय कार्य मंत्रालय की प्रमुख पहल/कार्यक्रम/उपलब्धियाँ।
अवलोकन:
- संसद की नई इमारत “संसद भवन” ने काम करना शुरू किया।
- वर्ष (जनवरी-दिसम्बर, 2023) के दौरान संसद के दोनों सदनों ने 49 विधेयक पारित किए।
- राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नीति निर्माण में महिलाओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संसद ने ऐतिहासिक “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” पारित किया।
- क़ानून की पुस्तकों से पुराने, व्यर्थ और अप्रचलित कानून ख़त्म करना। (2014 से अब तक कुल 1562)
- सांसदों का सद्भावना प्रतिनिधिमंडल ब्राजील और उरुग्वे भेजा गया।
विवरण:
- संसदीय कार्य मंत्रालय को संसद में सरकार की ओर से विविध संसदीय कार्यों को कुशलतापूर्वक निपटाने का काम सौंपा गया है।
- इस प्रकार, मंत्रालय समय-समय पर सौंपी गई कुछ अतिरिक्त जिम्मेदारियों और कार्यों के साथ संसद के दोनों सदनों और सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है।
वर्ष 2023 के दौरान संसदीय कार्य मंत्रालय की प्रमुख पहल/कार्यक्रम/उपलब्धियाँ इस प्रकार रही :
- वर्तमान सरकार ने पुराने, व्यर्थ और अप्रचलित कानूनों को कानून की पुस्तकों से हटाकर एक कीर्तिमान रचा है। 2014 से अब तक कुल 1562 पुराने और अनावश्यक कानून निरस्त किये जा चुके हैं।
संसद का विशेष सत्र:
- सितम्बर, 2023 का महीना एक ऐतिहासिक अवसर था जब देश को संसद की नई इमारत का उपहार मिला।
- संसद का एक विशेष सत्र बुलाया गया जो 18 सितम्बर, 2023 को पुराने संसद भवन में शुरू हुआ, जिसमें दोनों सदनों में ‘संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्षों की संसदीय यात्रा – उपलब्धियां, अनुभव, यादें और ज्ञान’ पर चर्चा हुई।
- प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने 19 सितम्बर, 2023 को सेंट्रल हॉल में एकत्र संसद सदस्यों को संबोधित किया और उसके बाद, संबंधित सदनों ने संसद की नई इमारत में अपनी कार्यवाही शुरू की, जिसे संसद भवन का नाम दिया गया, जबकि सेंट्रल हॉल सहित पुराने संसद भवन को ‘संविधान सदन’ नाम दे दिया गया।
- विशेष सत्र एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना जब राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नीति निर्धारण में जन प्रतिनिधियों के रूप में महिलाओं अधिक भागीदारी को सक्षम करने के लिए लोकसभा और राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश के विधानमंडलों में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने के लिए “नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023 यानी संविधान (एक सौ छह वां संशोधन) कानून, 2023” पारित किया गया।
- लोकसभा में इसके पक्ष में 454 और विपक्ष में सिर्फ 2 सदस्यों ने वोट किया। राज्यसभा में इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
वर्ष (जनवरी-दिसम्बर, 2023) के दौरान अमल में लाए गए महत्वपूर्ण कानूनों का विवरण:
- इस अवधि के दौरान, संसद के दोनों सदनों ने 49 विधेयक पारित किये और राष्ट्रपति ने उन पर अपनी सहमति दी।
कुछ महत्वपूर्ण कानूनों के लक्ष्य और उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- भारतीय दंड संहिता 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य कानून, 1872 का स्थान लेने वाले पीड़ित-केंद्रित न्याय सुनिश्चित करने के लिए आपराधिक न्याय प्रणाली से संबंधित तीन ऐतिहासिक विधेयक, अर्थात् भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 को शीतकालीन सत्र, 2023 के दौरान संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया।
- संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) कानून, 2023 छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सूची में संशोधन का प्रावधान करता है।
- संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) कानून, 2023 हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों की सूची में संशोधन का प्रावधान करता है।
- बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) कानून, 2023 (i) मौजूदा कानून को पूरक करके और 57वें संवैधानिक संशोधन के प्रावधानों को शामिल करके बहु-राज्य सहकारी समितियों में शासन को मजबूत करने, पारदर्शिता बढ़ाने, जवाबदेही बढ़ाने, चुनावी प्रक्रिया में सुधार आदि प्रदान करता है। (ii) निगरानी तंत्र में सुधार और बहु-राज्य सहकारी समितियों के लिए व्यवसाय में सुगमता सुनिश्चित करता है।
- जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) कानून, 2023 व्यवसाय में सुगमता और जीवन यापन में आसानी की सुविधा के लिए अनुभागों/उप-वर्गों/खंडों के युक्तिकरण के लिए 19 केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों में 42 कानूनों में संशोधन करता है। इस कानून में केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों द्वारा प्रशासित कानूनोंके कुछ मौजूदा प्रावधानों में संशोधन, अंतर्वेश और हटाना शामिल है।
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) कानून, 2023 सेवाओं पर केन्द्र सरकार का नियंत्रण बढ़ाने का प्रावधान करता है और राजधानी की निर्वाचित सरकार पर दिल्ली के उपराज्यपाल को शक्तियां प्रदान करता है।
- संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश संशोधन कानून, 2023 में महरा, महारा समुदाय को महार, मेहरा, मेहर के पर्यायवाची शब्द के रूप छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जाति की सूची में क्रमांक 33 में शामिल करने का प्रावधान किया गया है।
- डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून, 2023 डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण को इस तरीके से प्रदान करता है जो व्यक्तियों के अपने व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के अधिकार और वैध उद्देश्यों के लिए व्यक्तिगत डेटा को संसाधित करने की आवश्यकता और उससे जुड़े मामलों दोनों को मान्यता देता है। जानकारी को सुगम बनाने के लिए कानूनसीधी और सरल भाषा का उपयोग करता है। यह कानून भारत में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण को नियंत्रित करने वाला व्यापक कानूनी ढांचा स्थापित करता है।
- जैविक विविधता (संशोधन) कानून, 2023 जैविक विविधता कानून, 2002 में संशोधन करता है और घरेलू कंपनियों के लिए अनुपालन आवश्यकताओं को सरल बनाता है। संहिताबद्ध पारंपरिक ज्ञान के उपयोगकर्ताओं और आयुष चिकित्सकों को स्थानीय समुदायों के साथ लाभ साझा करने से छूट दी जाएगी। कानून लाभ साझाकरण आवश्यकताओं के दायरे से अनुसंधान और जैव-सर्वेक्षण गतिविधियों को हटा देता है
- मध्यस्थता कानून, 2023 मध्यस्थता पर एक व्यापक परिपूर्ण कानून लाया है। यह कानून विवादित पक्षों द्वारा अपनाई जाने वाली मध्यस्थता के लिए विधायी ढांचा तैयार करता है, विशेष रूप से संस्थागत मध्यस्थता जहां भारत में एक मजबूत और प्रभावकारी मध्यस्थता इकोसिस्टम स्थापित करने के लिए विभिन्न हितधारकों की पहचान की गई है।
- अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन कानून, 2023 गणितीय विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और पृथ्वी विज्ञान,स्वास्थ्य और कृषि, साथ ही मानविकी और सामाजिक विज्ञान के वैज्ञानिक और तकनीकी इंटरफेस, और विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड कानून, 2008 को निरस्त करने सहित प्राकृतिक विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता के लिए उच्च स्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (फाउंडेशन) की स्थापना करता है।
- राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग कानून, 2023 एक राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग की स्थापना और दंत चिकित्सक कानून, 1948 को निरस्त करने का प्रावधान करता है।
- राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग कानून, 2023 एक राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग (एनएनएमसी) की स्थापना और भारतीय नर्सिंग परिषद कानून, 1947 को निरस्त करने का प्रावधान करता है।
- अधिवक्ता (संशोधन) कानून, 2023अधिवक्ता कानून, 1879 को निरस्त करने और अधिवक्ता कानून, 1961 में कानूनी व्यवसायी कानून 1879 की धारा 36 के प्रावधानों को शामिल करने का प्रावधान करता है।
- जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) कानून, 2023 जम्मू और कश्मीर आरक्षण कानून, 2004 में ‘कमजोर और वंचित वर्गों (सामाजिक जातियों)’ की नामावली को ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ में बदलने का प्रावधान करता है।
- जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) कानून, 2023 में दो सदस्यों के नामांकन का प्रावधान करता है, जिनमें से एक कश्मीरी विस्थापितों के समुदाय की महिला होगी और एक सदस्य पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर से जम्मू और कश्मीर विधानसभा विस्थापित व्यक्ति होगा।
- केन्द्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) कानून, 2023 तेलंगाना में एक केन्द्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रावधान करता है।
- निरसन और संशोधन कानून, 2023, 76 अनावश्यक और अप्रचलित कानूनों को निरस्त करने का प्रावधान करता है।
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) कानून, 2023 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा कानून, 2011 की वैधता को 01.01.2024 से31.12.2026 तक तीन साल की अवधि के लिए बढ़ाने का प्रावधान करता है जिससे दिल्ली में कुछ प्रकार के अनधिकृत घटनाओं को दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की जा सके।
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) कानून, 2023 मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि निर्वाचन आयोग द्वारा कामकाज के प्रबंध और संबंधित मामलों को नियंत्रित करने की प्रक्रिया प्रदान करता है।
- प्रेस और पत्र-पत्रिकाओं का पंजीकरण कानून, 2023 प्रेस से संबंधित मामलों, पत्र-पत्रिकाओं के पंजीकरण और प्रेस से जुड़े मामलों के लिए है।
- दूरसंचार कानून, 2023ने दूरसंचार सेवाओं और दूरसंचार नेटवर्क; स्पेक्ट्रम देने; और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक मामलों के विकास, विस्तार और संचालन से संबंधित कानूनों को संशोधित और समेकित किया।
लोक सभा में नियम 377 के तहत और राज्य सभा में विशेष उल्लेख के माध्यम से उठाए गए मामले:
- लोकसभा के सदस्य जो किसी ऐसे मामले को सदन के ध्यान में लाना चाहते हैं जो व्यवस्था का प्रश्न नहीं है, उन्हें लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम के नियम 377 के तहत अध्यक्ष द्वारा मामला उठाने की अनुमति दी जाती है।
- राज्यसभा में, सभापति सदस्यों को राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के नियम 180 ए-ई के तहत तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामलों का उल्लेख करने की अनुमति देते हैं, जिन्हें आम तौर पर विशेष उल्लेख के रूप में जाना जाता है।
- ये मामले आम तौर पर प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के निपटारे के बाद उठाए जाते हैं।
- संसदीय कार्य मंत्रालय लोकसभा में नियम 377 के तहत और राज्यसभा में विशेष उल्लेख के माध्यम से नियम 180 ए-ई के तहत उठाए गए मुद्दों के समय पर निपटान के लिए मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध करके अनुवर्ती कार्रवाई करता है। 01.01.2023 से 08.12.2023 की अवधि के दौरान, लोकसभा में नियम 377 के तहत 951 मामले उठाए गए और राज्यसभा में नियम 180 ए-ई के तहत विशेष उल्लेख के माध्यम से 60 मुद्दे उठाए गए। रिपोर्ट के तहत अवधि के दौरान, लोकसभा में उठाए गए 77 प्रतिशत मुद्दों और राज्यसभा में उठाए गए 80 प्रतिशत मुद्दों का उत्तर दिया गया।
शून्यकाल का महत्व:
- ‘शून्यकाल’ के दौरान दोनों सदनों में सदस्य पीठासीन अधिकारी की अनुमति से अत्यावश्यक सार्वजनिक महत्व के मामले उठाते हैं।
- अवधि के दौरान लोकसभा में 333 मामले और राज्यसभा में 204 मामले उठाए गए। उचित समझे जाने पर सभी मामलों को उचित कार्रवाई करने के लिए संबंधित मंत्रालयों को भेज दिया गया।
सलाहकार समितियाँ:
- मंत्रालय संसद सदस्यों की सलाहकार समितियों गठित करता है और सत्र और दो सत्रों की अवधि के बीच उनकी बैठकें आयोजित करने की व्यवस्था करता है।
- 17वीं लोकसभा के गठन के बाद विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के लिए 37 सलाहकार समितियों का गठन किया गया।
- श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और कानून एवं न्याय मंत्रालय के लिए दो और सलाहकार समितियां क्रमशः 28.07.2020 और 20.04.2022 को गठित की गईं।
वर्ष 2023 के दौरान निम्नलिखित कार्य शुरू किए गए:
- इसके अलावा 24 मार्च, 2023 को सहकारिता मंत्रालय के लिए एक और सलाहकार समिति का गठन किया गया।
- विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की हिंदी सलाहकार समितियों में 15 संसद सदस्यों (लोकसभा और राज्यसभा) को नामांकित किया गया।
- 12 संसद सदस्यों (लोकसभा और राज्यसभा) को भारत सरकार के तहत स्थापित विभिन्न बोर्डों/परिषदों/आयोगों में मनोनीत किया गया।
- 26 संसद सदस्यों (लोकसभा और राज्यसभा) को विभिन्न रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समितियों में मनोनीत किया गया।
- जोनल रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समितियों का 16 जोनों के लिए 12.07.2023 को 2 साल की अवधि के लिए पुनर्गठनकिया गया।
- विभिन्न मंत्रालयों के लिए सलाहकार समितियों में157 संसद सदस्यों (लोकसभा और राज्यसभा) को मनोनीत किया गया।
- संसद सदस्यों की सेवानिवृत्ति/इस्तीफे/निधन पर विभिन्न मंत्रालयों की सलाहकार समितियों से 69 संसद सदस्यों (लोकसभा और राज्यसभा) के नाम हटा दिए गए।
- सलाहकार समितियों की 2023 में 73 बैठकें आयोजित की गईं।
आश्वासन (लोक सभा और राज्य सभा):
- संसदीय कार्य मंत्रालय ने 9 अक्टूबर, 2018 को सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन ओएएमएस (ऑनलाइन एश्योरेंस मॉनिटरिंग सिस्टम) शुरू किया।
- इस प्रणाली के माध्यम से, मंत्रालय को बड़ी संख्या में कार्यान्वयन रिपोर्ट प्राप्त हो रही है। लंबित आश्वासनों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर मंत्री, सचिव, अपर सचिव के स्तर पर सभी मंत्रालयों/विभागों को याद दिलाया जाता है।
- इसके अलावा, लंबित आश्वासनों के शीघ्र निपटान के लिए सरकारी आश्वासन समिति द्वारा इस संबंध में विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के मौखिक साक्ष्य लिए जाते हैं।
- लागू की गई निगरानी प्रणाली प्रभावी है, जिससे लंबित मामलों में काफी कमी आई है।
- वर्ष 2023 में कुल 395 कार्यान्वयन रिपोर्ट लोकसभा में और कुल 303 कार्यान्वयन रिपोर्ट राज्यसभा में रखी गईं।
राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन (एनईवीए):
- संसदीय कार्य मंत्रालय विधानमंडल वाले सभी राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों में एनईवीए एमएमपी के कार्यान्वयन के लिए ‘केन्द्रीय मंत्रालय’ है और इसे विधानमंडल वाले सभी 31 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (एनईवीए)के रूप में पुनः नामित ई-विधान को बढ़ावा देने और लागू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का अधिकार दिया गया है।
- एनईवीए परियोजना ने अपनी उल्लेखनीय यात्रा में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। वर्तमान में, 22 विधानमंडलों ने मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
- इनमें से 18 को परियोजना की मंजूरी और सहायता राशि मिल चुकी है। इसके अलावा, बिहार परिषद, नागालैंड, मेघालय, उत्तर प्रदेश (दोनों सदन), हरियाणा, तमिलनाडु, सिक्किम, मिजोरम, त्रिपुरा, गुजरात और पंजाब जैसे 12 विधानमंडलों ने एनईवीए प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने सदनों को सफलतापूर्वक डिजिटल कर दिया है।
- ये उपलब्धियाँ परियोजना के प्रभावी कार्यान्वयन और बढ़ते प्रभाव को रेखांकित करती हैं।
- यह वर्ष एनईवीए परियोजना में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ क्योंकि एनईवीए कार्यान्वयन के लिए उत्तराखंड विधानसभा द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के अलावा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को भी एनईवीए की अधिकार प्राप्त समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था।
- तमिलनाडु विधान सभा, सिक्किम विधान सभा, त्रिपुरा विधान सभा और गुजरात विधान सभा सफलतापूर्वक एनईवीए के साथ सजीव हो गईं।
- यह एनईवीए के सभी हितधारकों के लिए गर्व की बात थी कि भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने इस दौरान गुजरात विधानसभा में डिजिटल विधानमंडल के लिए एनईवीए परियोजना का उद्घाटन किया।
प्रोटोकॉल और कल्याण:
- संसद सदस्यों के सरकार प्रायोजित सद्भावना प्रतिनिधिमंडल का विदेश दौरा
- किसी देश के सांसद देश की नीतियों को निर्धारित करने और दूसरे देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- विशेष रूप से, भारत जैसे लोकतांत्रिक और विकासशील देश के लिए यह वास्तव में उपयोगी और आवश्यक है कि कुछ संसद सदस्यों और प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों का चयन किया जाए और उनकी सेवाओं का उपयोग अन्य देशों में हमारी नीतियों, कार्यक्रमों, समस्याओं और विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों को उनके समकक्षों और अन्य राय निर्माताओं को बताने के लिए किया जाए और भारत के पक्ष में उनका समर्थन सुरक्षित किया जाए।
- विदेश मंत्रालय और भारत के संबंधित मिशनों के परामर्श से संसदीय कार्य मंत्री के नेतृत्व में 11 जून, 2023 से 19 जून, 2023 के दौरान सांसदों का एक सद्भावना प्रतिनिधिमंडल ब्राजील और उरुग्वे भेजा गया था।
विदेश से आए प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात:
- प्रतिनिधिमंडलों को विदेश भेजने के अलावा, विदेश से आए विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों ने संसदीय कार्य मंत्री/संसदीय कार्य राज्य मंत्री से मुलाकात की और संसद के कामकाज और आपसी हित के अन्य मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
- इस वर्ष, अर्जेंटीना और ब्राजील के दो ऐसे संसदीय प्रतिनिधिमंडलों ने क्रमशः 06.2.2023 और 18.07.2023 को संसदीय कार्य मंत्री से मुलाकात की।
संसद में विभिन्न दलों/समूहों के नेताओं के साथ संपर्क:
- भारत सरकार (कार्य आवंटन) नियम, 1961 के तहत संसदीय कार्य मंत्रालय को आवंटित महत्वपूर्ण कार्यों में से एक संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों और समूहों के नेताओं और सचेतकों के साथ संपर्क करना है।
- मंत्रालय महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए प्रधानमंत्री और अन्य केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा संसद में बुलाई गई विभिन्न राजनीतिक दलों/समूहों के नेताओं की बैठकों की आवश्यक व्यवस्था/समन्वय करता है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. आरईसी लिमिटेड ने 5 वर्षों के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड के साथ समझौता किया:
- आरईसी लिमिटेड ने 35,000 करोड़ रुपये तक की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
- इन परियोजनाओं को अगले 5 वर्षों में आरवीएनएल पूरा करेगा।
- इन परियोजनाओं में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब परियोजनाएं, रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, सड़क, बंदरगाह और मेट्रो परियोजनाएं शामिल हैं।
- ऊर्जा मंत्रालय के तहत 1969 में स्थापित महारत्न सीपीएसई- आरईसी लिमिटेड ऊर्जा-बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक ऋण और अन्य वित्त उत्पाद प्रदान करता है जिसमें उत्पादन, ट्रांसमिशन, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी स्टोरेज और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
- आरईसी ने हाल ही में गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता ला दी है, जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह तथा स्टील और रिफाइनरी जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्र के लिए इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) कार्य शामिल हैं।
- आरईसी की ऋण पुस्तिका के अनुसार, आरईसी ने 4,74,275 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण दिए हैं।
- आरवीएनएल, रेल मंत्रालय के अधीन “अनुसूची ‘ए’ नवरत्न” केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है, जो भारतीय रेलवे की लगभग 30 प्रतिशत बुनियादी ढांचा आवश्यकताओं को पूरा करता है और पीपीपी मॉडल के तहत बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कार्यान्वयन में भी अग्रणी रहा है।
- आरवीएनएल मुख्य रूप से रेलवे परियोजनाओं पर काम करता है और इसने सड़क, बंदरगाह, सिंचाई तथा मेट्रो परियोजनाओं में भी काम करना शुरू किया है, जिनमें से कई का रेलवे के बुनियादी ढांचे के साथ किसी न किसी तरह का जुड़ाव है।
2. 4 जनवरी को मनाया जाएगा विश्व ब्रेल दिवस:
- नेत्रहीन और आंशिक रुप से दृष्टि बाधित लोगों के लिए संचार माध्यम के रूप में ब्रेल के महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है।
- 4 जनवरी ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल का जन्मदिन है, जिनका जन्म फ्रांस में 1809 में हुआ था।
- लुई ब्रेल की याद में और शिक्षा, संचार और सामाजिक समावेशन में ब्रेल के महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने हर वर्ष 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है।
- ब्रेल कोई भाषा नहीं है बल्कि यह एक कोड है जिसका उपयोग किसी भी भाषा को लिखने के लिए किया जाता है।
- ब्रेल कई भाषाओं में उपलब्ध है जैसे संस्कृत, अरबी, चीनी, हिब्रू, स्पेनिश व अन्य भाषाएं।
- आगामी 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के उपलक्ष्य में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अधीन नेशनल इंस्टीट्यूट, सीआरसी, आरसी व अन्य गैर-सरकारी संगठन कई सारे कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
3. आयुर्वेद शिक्षण पेशेवरों के लिए ‘स्मार्ट 2.0’ का शुभारंभ:
- केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् (सीसीआरएएस) ने भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएसएम) के साथ मिलकर आपसी सहयोग से देश भर के आयुर्वेद शैक्षणिक संस्थानों/अस्पतालों के साथ आयुर्वेद के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में मजबूत नैदानिक अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए ‘स्मार्ट 2.0’ (शिक्षण पेशेवरों के बीच आयुर्वेद अनुसंधान को मुख्यधारा में लाने का दायरा) कार्यक्रम शुरू किया है।
- इस अध्ययन का उद्देश्य बाल कासा, कुपोषण, अपर्याप्त स्तनपान, असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव, रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस और डायबिटीज मेलिटस (डीएम) II जैसे अनुसंधान के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सुरक्षा, सहनशीलता और आयुर्वेद फॉर्मूले का पालन करना है।
- सीसीआरएएस आयुर्वेद में वैज्ञानिक आधार पर अनुसंधान के नियमन, समन्वय, विकास और प्रचार का शीर्ष संगठन है जो आयुष मंत्रालय के तहत कार्य करता है।
- ‘स्मार्ट 2.0’ का उद्देश्य अंतःविषय अनुसंधान विधियों का उपयोग करके आयुर्वेद विधियों की प्रभावकारिता और सुरक्षा को प्रदर्शित करने तथा इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल में बदलने के लिए एक वास्तविक प्रमाण तैयार करना है।
- ‘स्मार्ट 1.0’ के तहत, 38 कॉलेजों के शिक्षण पेशेवरों की सक्रिय भागीदारी से लगभग 10 बीमारियों को शामिल किया गया।
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