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04 फ़रवरी 2024 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. “गगनयान” मिशन से पहले महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री “व्योममित्र” अंतरिक्ष में उड़ान भरेगी:
  2. विकसित भारत @2047 के नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विषय पर आधारित स्वदेशी तकनीक से विकसित तीन प्रौद्योगिकियाँ उद्योगों को हस्तांतरित की गई:
  3. भारत की सबसे बड़ी और एकमात्र सर्वव्यापी ऊर्जा प्रदर्शनी और सम्मेलन- भारत ऊर्जा सप्ताह 2024:

1. “गगनयान” मिशन से पहले महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री “व्योममित्र” अंतरिक्ष में उड़ान भरेगी:

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी में भारत कि उपलब्धियां; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।

प्रारंभिक परीक्षा: महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री “व्योममित्र”, “गगनयान” मिशन।

मुख्य परीक्षा: अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के लिए “गगनयान” मिशन के महत्व पर प्रकाश डालिये।

प्रसंग:

  • इसरो के महत्वाकांक्षी “गगनयान” मिशन से पहले महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री “व्योममित्र” अंतरिक्ष में उड़ान भरेगी, जो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने वाली भारत की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान होगी।

उद्देश्य:

  • “व्योममित्र” अंतरिक्ष यात्री को इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे कि अंतरिक्ष के वातावरण में मानव कार्यों का अनुकरण किया जा सके और इसका लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ तारतम्य बैठाया जा सके।

विवरण:

  • मानवरहित “व्योममित्र” मिशन इस वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए निर्धारित है, जबकि एक मानवयुक्त मिशन “गगनयान” अगले वर्ष अर्थात 2025. में प्रक्षेपित किया जाना है।
  • महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री “व्योममित्र” भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी “गगनयान” मिशन से पहले अंतरिक्ष में उड़ान भरेगी जो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने वाली भारत की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान होगी।
  • मानव रहित रोबोट उड़ान “व्योममित्र” इस वर्ष होगी, “गगनयान” अगले वर्ष अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा।
  • “व्योममित्र” नाम संस्कृत के दो शब्दों “व्योम” (जिसका अर्थ है अंतरिक्ष) और “मित्र” (जिसका अर्थ है मित्र) से मिलकर बना है।
  • यह महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री मॉड्यूल के मानकों (पैरामीटर्स) की निगरानी करने, चेतावनी जारी करने और जीवन रक्षक कार्यों (लाइफ सपोर्ट ऑपरेशन्स) निष्पादित करने की क्षमता से युक्त है।
  • यह उल्लेख करना उचित होगा कि भारत की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान जिसका नाम “गगनयान” है, के प्रक्षेपण की तैयारी के रूप में, पहली परीक्षण वाहन उड़ान (टेस्ट फ्लाइट) टीवी डी 1 पिछले वर्ष 21 अक्टूबर को पूरी कर ली गई थी।
  • इसका उद्देश्य चालक दल की आपातकालीन स्थिति में बचाव प्रणाली (क्रू एस्केप सिस्टम) और पैराशूट प्रणाली को योग्य बनाना था।
  • प्रक्षेपण यान की मानव रेटिंग पूरी हो गई है। सभी प्रणोदन चरण (प्रोपल्शन स्टेजेज) उपयुक्त पाए गए हैं और सभी तैयारियां हो चुकी हैं।
  • मानव रहित रोबोट उड़ान “व्योममित्र” इस ​​वर्ष होगी, जबकि “गगनयान” अगले वर्ष प्रक्षेपित किया जाएगा।
  • गगनयान परियोजना में अंतरिक्ष यात्रियों के एक दल को 400 किलोमीटर की कक्षा में भेज कर और फिर इन मानव अंतरिक्ष यात्रियों को भारत के समुद्री जल में उतारकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष क्षमताओं के प्रदर्शन की परिकल्पना की गई है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. विकसित भारत @2047 के नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विषय पर आधारित स्वदेशी तकनीक से विकसित तीन प्रौद्योगिकियाँ उद्योगों को हस्तांतरित की गई:

  • आईआईआईटी- दिल्ली में आयोजित “डिजिटल इंडिया फ्यूचरलैब्स समिट 2024” के लॉन्च समारोह के अवसर पर एमईआईटीवाई के इन ट्रानसे प्रोग्राम के तहत सीडीएसी तिरुवनंतपुरम द्वारा डिजाइन और विकसित की गई तीन स्वदेशी तकनीकों- थर्मल कैमरा, सीएमओएस कैमरा और फ्लीट मैनेजमेंट सिस्टम को 12 उद्योगों को हस्तांतरित किया गया।
  • यह विकसित भारत @2047 के नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विषय की दिशा में उठाया गया कदम है।
  • थर्मल कैमरा: थर्मल स्मार्ट कैमरे में विभिन्न एआई आधारित एनालिटिक्स चलाने के लिए एक इनबिल्ट डीपीयू है।
    • स्वदेशी प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग स्मार्ट शहरों, उद्योगों, रक्षा, स्वास्थ्य और अन्य विभिन्न कार्य क्षेत्रों के लिए लक्षित किया गया है।
    • इस कैमरे का क्षेत्रीय कार्यान्वयन, परीक्षण और सत्यापन सड़क यातायात अनुप्रयोगों के लिए किया गया था।
  • प्रौद्योगिकी को एक साथ आठ उद्योगों में हस्तांतरित किया गया था।
  • सीएमओएस कैमरा: इंडस्ट्रियल विज़न सेंसर आईवीआईएस 10जीआईजीई एक सीएमओएस आधारित विज़न प्रोसेसिंग सिस्टम है जिसमें आने वाली पीढ़ियों के औद्योगिक मशीन विज़न अनुप्रयोगों को निष्पादित करने के लिए एक शक्तिशाली ऑन-बोर्ड कंप्यूटिंग इंजन है।
  • यह प्रौद्योगिकी मेसर्स स्पूकफिश इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित की गई है।
  • बेड़ा (फ्लीट) प्रबंधन प्रणाली: फ्लेक्सीफ्लीट का उद्देश्य संचालन को अनुकूलित करना और बेड़े ऑपरेटरों और पारगमन एजेंसियों की कार्यक्षमता को बढ़ाना है।
    • वाहन स्थान ट्रैकिंग के अलावा, यह ओवर स्पीड, जियोफेंस, इग्निशन, निष्क्रिय, रुकना और रैश ड्राइविंग जैसी विभिन्न स्थितियों के लिए सचेतक का कार्य करता है।
    • पर्सनलाइज्ड ट्रांजिट रूट गाइडेंस सिस्टम एक मोबाइल ऐप है जिसका उद्देश्य यात्रियों के लिए यात्रा अनुभव को और अधिक बेहतर बनाना है क्योंकि यह यात्रियों को उनकी पसंद के सबसे सुगम और निजी मार्ग चुनने का विकल्प प्रदान करता है।
    • हेडवे विश्वसनीयता के लिए परिचालन रणनीतियाँ ट्रांजिट ऑपरेटरों के लिए एक गतिशील शेड्यूलिंग निर्णय समर्थन उपकरण के रूप में कार्य करती है, जिसका उद्देश्य बस बंचिंग को कम करके सार्वजनिक पारगमन सेवाओं की विश्वसनीयता को बढ़ावा देना है।

2. भारत की सबसे बड़ी और एकमात्र सर्वव्यापी ऊर्जा प्रदर्शनी और सम्मेलन- भारत ऊर्जा सप्ताह 2024:

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए 2023 संस्करण की सफलता के आधार पर, भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 भारत के गोवा में 6 से 9 फरवरी 2024 तक फिर से लौट रहा है।
  • यह आयोजन वैश्विक प्रदर्शकों की एक विस्तृत श्रृंखला की मेजबानी करेगा, जो मुख्य रूप से तेल क्षेत्र सेवाओं को फैलाएगा, वातावरण को गतिशीलता देगा और ऊर्जा इकोसिस्टम के सर्वोत्तम और प्रतिभाशाली लोगों को एक साथ लाने के लिए एक अद्वितीय वैश्विक मंच प्रदान करेगा।
  • ऊर्जा इकोसिस्टम की वैश्विक सभा को 6 से 9 फरवरी के बीच पेट्रोलियम सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण प्रबंधन संस्थान (आईपीएसएचईएम)-तेल और प्रकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) प्रशिक्षण संस्थान में गतिशील और जीवंत तटीय राज्य गोवा में एक आदर्श मेजबान बनेगा।
  • भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय पेट्रोलियम उद्योग संघ (एफआईपीआई) द्वारा आयोजित, भारत ऊर्जा सप्ताह, 2024 उद्योग विशेषज्ञों, नीति निर्माता, शिक्षाविद और उद्यमियों के बीच सार्थक चर्चा, ज्ञान के आदान-प्रदान और सहयोग के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।
  • भारत ऊर्जा सप्ताह, 2024 के दौरान, मंत्रिस्तरीय, नेतृत्व, तकनीकी सत्र और गोलमेज सम्मेलन ग्लोबल साउथ के ऊर्जा उपयोग में परिवर्तन, भविष्य के लिए तैयार ऊर्जा स्टैक का निर्माण, ऊर्जा की वैकल्पिकता के लिए वैकल्पिक ईंधन की रूपरेखा को तैयार करना और ऊर्जा पर स्थानीयकरण, क्षेत्रीयकरण और संबंधित औद्योगीकरण और विनिर्माण प्रक्रियाओं के वैश्वीकरण के प्रभाव जैसे विभिन्न विषयों का पता लगाएंगे।

भारत ऊर्जा सप्ताह, 2024 का महत्व:

  • भारत को ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा उपयोग में परिवर्तन सुनिश्चित करने की चुनौतियों का एक साथ जवाब देने में उल्लेखनीय सफलता मिली है।
  • देश ने घरेलू कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की खोज और उत्पादन में वृद्धि, आयात में कटौती और कीमतों को किफायती बनाए रखने के लिए पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को तेजी से बढ़ाने और ताप विद्युत की तुलना में कम लागत पर नवीकरणीय विद्युत उत्पादन क्षमता को बड़े पैमाने पर लागू करने सहित कई उपायों के माध्यम से इस कठिन चुनौती का उत्तर दिया है, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है।
  • भारत ऊर्जा सप्ताह दुनिया को अपने नागरिकों के लिए सुलभ, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए अस्थिरता की स्थिति में भारत के गतिशील निर्णय लेने से सीखने का अवसर प्रदान करता है।
  • आशा है कि भारत ऊर्जा सप्ताह जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भारत के नेतृत्व को उजागर करेगा, साथ ही ऊर्जा क्षेत्र के हितधारकों को विचारों का स्वतंत्र रूप से आदान-प्रदान करने और एक ही छत के नीचे अवसरों का पता लगाने की अनुमति देगा।
  • भारत में, दुनिया को ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा उपयोग में परिवर्तन की दोहरी चुनौतियों को संतुलित करने के लिए एक व्यावहारिक नमूना मिल गया है। गोवा में, वैश्विक ऊर्जा इकोसिस्टम भारत के नमूने का अध्ययन कर सकता है और एक समृद्ध और टिकाऊ दुनिया के लिए नई रणनीतियां विकसित कर सकता है।

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