विषय सूची:
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सतत वित्त पर विशेषज्ञ समिति ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण को रिपोर्ट सौंपी
सामान्य अध्ययन: 3
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी:
विषय: समावेशी विकास एवं इससे उत्पन्न विषय।
मुख्य परीक्षा: सतत वित्त पर विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें।
संदर्भ:
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अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण द्वारा गठित ‘सतत वित्त पर विशेषज्ञ समिति’ ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के अध्यक्ष को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी।
विवरण:
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समिति की अध्यक्षता पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के पूर्व सचिव श्री सी.के. मिश्रा ने की थी।
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समिति के सदस्यों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों सहित सतत वित्त के सम्पूर्ण इकोसिस्टम के विशेषज्ञ शामिल थे।
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जिन मुख्य क्षेत्रों पर समिति को विचार करने के निर्देश दिए गए थे, उनमें शामिल हैं –
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अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) नियमों को अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप बनाना।
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IFSC के माध्यम से पूंजी प्रवाह को बढ़ाने के तरीकों का पता लगाना।
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हरित व सतत वित्त के क्षेत्र में अभिनव वित्तीय उत्पादों के विकास का समर्थन करना।
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समिति ने उत्पादों, नीतियों तथा विनियमों, क्षमता निर्माण और हरित तथा सतत वित्त से संबंधित आउटरीच पहल समेत सतत वित्त के विभिन्न पहलुओं पर अपनी सिफारिशें दी हैं।
कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशें:
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स्वैच्छिक कार्बन मार्केट विकसित करना।
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परिवर्तनशील बांड के लिए फ्रेमवर्क तैयार करना।
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जोखिम-मुक्त व्यवस्था बनाना।
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ग्रीन फिनटेक के लिए नियामक सैंडबॉक्स को बढ़ावा देना और वैश्विक जलवायु गठबंधन के निर्माण को सुविधाजनक बनाना।
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देश के आर्थिक विकास में एमएसएमई क्षेत्र के महत्व को ध्यान में रखते हुए, समिति ने सतत ऋण सुविधा देने के लिए एक समर्पित एमएसएमई प्लेटफार्म स्थापित करने की भी सिफारिश की है।
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समिति ने आपदा बांड, नगरपालिका बांड, हरित प्रतिभूतिकरण और मिश्रित वित्त जैसे नवीन उपकरणों के उपयोग को सुविधाजनक बनाने की सिफारिश की है।
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IFSC में पूंजी प्रवाह को बढ़ाने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, समिति ने IFSC में एकत्रीकरण सुविधाओं, प्रभाव निधि, ग्रीन इक्विटी आदि को सक्षम करने की आवश्यकता आदि की भी अनुशंसा की है।
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उपरोक्त के अलावा, समिति ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण को क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की सिफारिश की है, जो वित्तीय प्रणाली को हरित बनाने की आधारशिला है।
रिपोर्ट का महत्व:
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विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट, हरित वित्त के एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में उभरने से सम्बंधित GIFT IFSC (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी – अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र) की रणनीतियों को अंतिम रूप देने में मील का पत्थर साबित होगी, साथ ही भारत की शुद्ध शून्य प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए वैश्विक पूंजी का मार्ग प्रशस्त करेगी।
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प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- भारत, दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक तथा उपभोक्ता और दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्यातक बना:
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भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक तथा उपभोक्ता और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्यातक बन गया है।
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देश में चीनी सत्र (अक्टूबर-सितंबर) 2021-22 के दौरान 5000 लाख मीट्रिक टन से अधिक गन्ने का उत्पादन हुआ है, जिसमें से लगभग 3574 लाख मीट्रिक टन गन्ने को चीनी मिलों ने संवर्धित कर करीब 394 लाख मीट्रिक टन चीनी (सुक्रोज) का उत्पादन किया है। इसमें से एथेनॉल तैयार करने के लिए 35 लाख मीट्रिक टन चीनी का इस्तेमाल किया गया और चीनी मिलों द्वारा 359 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया गया।
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यह सत्र भारतीय चीनी उद्योग के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हुआ है। गन्ना उत्पादन, चीनी उत्पादन, चीनी निर्यात, गन्ना खरीद, गन्ना बकाया भुगतान और इथेनॉल उत्पादन के सभी रिकॉर्ड इसी सीजन के दौरान बनाए गए।
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वर्तमान सीजन में लगभग 109.8 लाख मीट्रिक टन का रिकॉर्ड चीनी का निर्यात किया गया है।
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- विशाल किसान सम्मेलन:
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राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और सहकार भारती ने नमामि गंगे कार्यक्रम और अर्थ गंगा के तहत हरियाणा के सोनीपत जिले के बयांपुर गांव में ‘विशाल किसान सम्मेलन’ का आयोजन किया।
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इसका उद्देश्य गंगा बेसिन में किसानों के बीच प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना था।
अर्थ गंगा:
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अर्थ गंगा परियोजना को नदी के संरक्षण के लिए एक आर्थिक मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
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‘अर्थ गंगा’ की मूल भावना गंगा किनारे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के साथ लोगों को गंगा से जोड़ने पर केंद्रित है।
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यह गंगा से जुड़ा सतत विकास का मॉडल है।
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05 अक्टूबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 04 अक्टूबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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