विषयसूची:
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भारतीय सेना ने “हिम-ड्रोन-ए-थॉन” लॉन्च किया:
सामान्य अध्ययन: 3
सुरक्षा,आर्थिक विकास:
विषय: स्वदेशी ड्रोन परितंत्र: ड्रोन उत्पादों के निर्माण को प्रोत्साहन एवं ड्रोन क्षमताओं का विकास।
प्रारंभिक परीक्षा: ‘हिम ड्रोन-ए-थॉन’
मुख्य परीक्षा: रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के अनुरूप इस पहल का उद्देश्य भारतीय ड्रोन परितंत्र को उत्प्रेरित करना और उसे केंद्रित अवसर प्रदान करना है। कथन की व्याख्या कीजिए।
प्रसंग:
- भारतीय सेना ने भारतीय ड्रोन संघ के सहयोग से 08 अगस्त, 2022 को ‘हिम ड्रोन-ए-थॉन’ कार्यक्रम शुरू किया है।
उद्देश्य:
- रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के अनुरूप इस पहल का उद्देश्य भारतीय ड्रोन परितंत्र को उत्प्रेरित करना और उसे केंद्रित अवसर प्रदान करना है ताकि अग्रिम पंक्ति के सैन्य-दल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अग्रणी ड्रोन क्षमताओं का विकास किया जा सके।
विवरण:
- स्वदेशी ड्रोन परितंत्र के लिए भारतीय सेना का समर्थन इस सिद्धांत पर आधारित है कि ‘स्वदेश में निर्मित ड्रोन अच्छा’ एवं ‘विश्व स्तर पर उपलब्ध सर्वोत्तम’ से बेहतर है।
- हालांकि, रक्षा बलों द्वारा मांग की गई प्रौद्योगिकी में क्रमिक वृद्धि से पहले से बेहतर और अधिक सक्षम ड्रोन उत्पादों के निर्माण को प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।
- ‘हिम ड्रोन-ए-थॉन’ कार्यक्रम का पूरे भारत में उद्योग, शिक्षा जगत, सॉफ्टवेयर डेवलपर्स और ड्रोन उत्पाद निर्माताओं सहित सभी हितधारकों के बीच निरंतर जुड़ाव है।
- इसे मात्रात्मक मापदंडों (जैसे ऊंचाई, वजन, रेंज, स्थिरता आदि) के साथ कई चरणों में आयोजित किया जाएगा, जिसे प्रदर्शित क्षमताओं के आधार पर उत्तरोत्तर बढ़ाया जा रहा है।
प्रारंभिक बिंदु के रूप में, निम्नलिखित श्रेणियों में विकास शामिल हैं:
o उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स / वजन ले जाने वाला ड्रोन।
o स्वायत्त निगरानी / खोज एवं बचाव ड्रोन।
o निर्मित क्षेत्रों में लड़ने के लिए माइक्रो/नैनो ड्रोन।
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भारतीय सेना ने ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:
सामान्य अध्ययन: 3
सुरक्षा:
विषय: सेना में स्वदेशी प्रौद्योगिकी से निर्मित ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा।
प्रारंभिक परीक्षा: आर्मी डिजाइन ब्यूरो,ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया।
प्रसंग:
- भारतीय सेना की ओर से आर्मी डिजाइन ब्यूरो ने ड्रोन, काउंटर-ड्रोन और संबद्ध तकनीकों के अनुसंधान, विकास, परीक्षण व निर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में सहयोगात्मक रूप से काम करने के लिए ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
उद्देश्य:
- इससे भारतीय सेना को इनके परिचालन में सहायता मिल सकती है।
- यह समझौता ज्ञापन हमारे उद्योग को सहायता देने में भारतीय सेना की प्रमाणित प्रतिबद्धता और रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की सोच के अनुरूप स्वदेशी उपकरण व हथियार प्रणालियों को विकसित करने के लिए व्यापक इकोसिस्टम को भी दिखाता है।
विवरण:
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- आर्मी डिजाइन ब्यूरो, भारतीय सेना की नोडल एजेंसी है जो उद्योग, अकादमिक, डीआरडीओ और डीपीएसयू के साथ अनुसंधान व विकास कार्य करती है।
- ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया नीति में बदलाव लाकर, व्यापार के अवसर सृजित करके, एक मजबूत कौशल अवसंरचना विकसित करके, प्रौद्योगिकी व ज्ञान हस्तांतरण की सुविधा, मानकों को विकसित करके और उद्योग- अकादमिक सहयोग के साथ अनुसंधान व विकास के प्रयासों को प्रोत्साहित कर ड्रोन उद्योग को बढ़ावा देता है।
- भारतीय सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के बीच यह समझौता ज्ञापन उद्योग व अकादमिक क्षेत्र को भारतीय सेना की खरीद के लिए विशिष्ट तकनीक तथा उत्पादों को विकसित करने में सहायता करने के प्रयासों को बढ़ावा देगा।
नए समझौता ज्ञापन के अनुसार दोनों पक्ष निम्नलिखित क्षेत्र में सहयोग करेंगे:
भारतीय सेना में ड्रोन, काउंटर-ड्रोन और संबद्ध तकनीकों के लिए एक रोडमैप तैयार करना।
· ड्रोन और संबंधित हिस्सों के डिजाइन, प्रोटोटाइप, परीक्षण तथा निर्माण को सक्षम करने के लिए परीक्षण स्थलों की उपलब्धता के माध्यम से ड्रोन व संबंधित तकनीकों के अनुसंधान, विकास, परीक्षण और स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देना।
· उद्योग, अकादमिक और सशस्त्र बलों के सदस्यों के साथ समूहों में लक्ष्य-आधारित प्रौद्योगिकी अनुसंधान कार्यक्रम विकसित करना।
· उद्योग और सशस्त्र बलों के उपयोगकर्ता समूहों की सहभागिता में क्षेत्र परीक्षणों के लिए आउटरीच को सक्षम करना।
· भारतीय उद्योग के भीतर जागरूकता उत्पन्न करने के लिए उद्योग प्रतिनिधियों व अन्य विशेषज्ञों की सेना बेस और उद्योग की क्षमताओं तथा विकास की सुविधा।
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अमेरिका के विशेष सैन्य बलों के साथ बकलोह, हिमाचल प्रदेश में संयुक्त अभ्यास शुरू हुआ:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: भारत के विकसित एवं विकासशील देशों के साथ होने वाले संयुक्त युद्धाभ्यास और सुरक्षा के क्षेत्र में उनका महत्व।
प्रारंभिक परीक्षा: वज्र प्रहार, 2022
प्रसंग:
- भारत-अमेरिका संयुक्त विशेष सैन्य बलों के 13वें संस्करण का अभ्यास “वज्र प्रहार, 2022” स्पेशल फोर्सेज ट्रेनिंग स्कूल (एसएफटीएस), बकलोह (हिमाचल प्रदेश) में शुरू हो गया।
उद्देश्य:
- वज्र प्रहार की श्रृंखला के संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के विशेष बलों के बीच संयुक्त मिशन योजना और परिचालन रणनीतियों जैसे क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ परिपाटियों और अनुभवों को साझा करने के साथ ही अंतर संचालन में सुधार करना है।
- इस वार्षिक अभ्यास की मेजबानी भारत और अमेरिका बारी बारी से करते रहे हैं। इसका 12वां संस्करण अक्टूबर, 2021 में ज्वाइंट बेस लेविस मैकॉर्ड, वाशिंगटन (यूएसए) हुआ था।
विवरण:
- अमेरिकी दल का प्रतिनिधित्व यूएस स्पेशल फोर्सेज के फर्स्ट स्पेशल फोर्सेज ग्रुप (एसएफजी) और स्पेशल टैक्टिक्स स्क्वाड्रन (एसटीएस) के जवानों ने किया और भारतीय सैन्य दल का गठन एसएफटीएस की अगुआई में विशेष सैन्य बलों को निकालकर किया गया था।
- 21 दिन तक चलने वाले इस अभ्यास में दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त रूप से पहाड़ी इलाकों में पारम्परिक और गैर पारम्परिक परिदृश्यों में आतंकवाद रोधी अभियानों, वायु आधारित अभियानों की एक विशेष श्रृंखला में संयुक्त प्रशिक्षण, योजना और कार्यान्वयन किया जाएगा।
- यह संयुक्त अभ्यास दोनों देशों के विशेष बलों के बीच पारम्परिक मैत्रीपूर्ण तालमेल को मजबूत बनाने के साथ ही भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में सुधार की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है।
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स्वदेश दर्शन योजना (एसडीएस) के तहत तटीय सर्किट विषय के तहत 10 परियोजनाओं को मंजूरी:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय:पर्यटन क्षेत्र में विकास हेतु सरकारी नीतियां और उनमे हस्तक्षेप एवं डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: स्वदेश दर्शन योजना (एसडीएस)
प्रसंग:
- पर्यटन मंत्रालय ने अपनी स्वदेश दर्शन योजना (एसडीएस) के तहत तटीय सर्किट विषय के तहत 10 परियाजनाओं को मंजूरी दी है।
उद्देश्य:
- इस योजना के तहत परियोजनाओं को धन की उपलब्धता, उचित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) की प्रस्तुति, योजना दिशा-निर्देशों का पालन करना और पहले जारी किए गए धन के उपयोग आदि की शर्त पर स्वीकृति प्रदान की जाती है।
- पर्यटन मंत्रालय अपनी ‘स्वदेश दर्शन’ योजना के तहत देश में पर्यटन के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनों/केंद्रीय एजेंसियों आदि को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है।
विवरण:
- पर्यटन मंत्रालय ने अब अपनी स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी2.0) नाम दिया है, जिससे निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ एक जिम्मेदार गंतव्य केंद्रित दृष्टिकोण विकसित किया जा सके :
(ए) स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में पर्यटन के योगदान को बढ़ाना।
(बी) स्थानीय समुदायों के लिए स्वरोजगार सहित नौकरियों का सृजन करना।
(सी) पर्यटन और आतिथ्य सत्कार में स्थानीय युवाओं के कौशल को बढ़ाना।
(डी) पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ाना।
(ई) स्थानीय सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करना और उनमें वृद्धि करना।
- देश में क्रूज पर्यटन की क्षमता का लाभ उठाने के लिए एक कार्य बल का गठन किया गया है। पर्यटन सचिव इसके अध्यक्ष और शिपिंग सचिव इसके सह-अध्यक्ष है।
- इस कार्यबल में बंदरगाह, स्वास्थ मंत्रालय, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, सीमा शुल्क, सीआईएसएफ, तटीय राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
- पहला, अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन 14 से 15 मई, 2022 को मुंबई में आयोजित किया गया था। सभी हितधारकों को एक मंच पर लाने वाला यह पहला क्रूज सम्मेलन था।
- इसके अलावा, पर्यटन मंत्रालय ने एक समग्र रूप में तटीय पर्यटन सहित देश में पर्यटन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजारों में विभिन्न प्रचार गतिविधियां भी शुरू की हैं।
- इसमें ‘अतुल्य भारत’ ब्रॉन्ड-लाइन के तहत मीडिया अभियान जारी करना, प्रचार कार्यक्रम, सोशल मीडिया प्रचार आदि कार्यक्रम शामिल हैं।
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‘प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना’:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकार की योजनाएं,क्रियान्वयन एवं उनका समाज के कमजोर वर्ग पर प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना’।
मुख्य परीक्षा: ‘प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना’ में शामिल घटकों पर चर्चा करते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- जनजातीय कार्य मंत्रालय जनजातीय लोगों के एकीकृत सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए ‘प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना’ लागू कर रहा है।
उद्देश्य:
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य अभिसरण दृष्टिकोण के माध्यम से चयनित किये गये गांवों के एकीकृत सामाजिक-आर्थिक विकास का लक्ष्य हासिल करना है।
विवरण:
- सरकार ने 2021-22 से 2025-26 के दौरान कार्यान्वयन के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएएजीवाई)’ नामकरण के साथ ‘जनजातीय उप-योजना (एससीए से टीएसएस) के लिए विशेष केंद्रीय सहायता’ की पिछली योजना को संशोधित किया है।
- इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य केंद्रीय अनुसूचित जनजाति घटक की विभिन्न योजनाओं के तहत उपलब्ध धन के माध्यम से प्रमुखता देते हुए जनजातीय आबादी वाले गांवों में सुविधाओं तथा व्यवस्थाओं के अंतराल को कम करना और बुनियादी ढांचा प्रदान करना है।
- इस अवधि के दौरान अधिसूचित जनजातियों के साथ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में कम से कम 50% जनजातीय आबादी वाले 36,428 गांवों और 500 जनजातियों को कवर करने की परिकल्पना की गई है।
इसमें निम्नलिखित घटक शामिल हैं।
i. आवश्यकताओं, संभावनाओं और आकांक्षाओं के आधार पर ग्राम विकास योजना तैयार करना;
ii. केंद्र/राज्य सरकारों की व्यक्तिगत/पारिवारिक लाभ योजनाओं के दायरे को अधिकतम करना;
iii. स्वास्थ्य, शिक्षा, कनेक्टिविटी और आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार;- योजना विकास के प्रमुख 8 घटकों जैसे सड़क संपर्क (आंतरिक और अंतर गांव / ब्लॉक), दूरसंचार संपर्क (मोबाइल / इंटरनेट), स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उप-केंद्र, पेयजल सुविधा, जल निकासी और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए तैयार की गई है।
- पीएमएएजीवाई के तहत प्रशासनिक खर्चों सहित अनुमोदित गतिविधियों के लिए प्रति गांव 20.38 लाख रुपये की राशि का प्रावधान ‘गैप-फिलिंग’ के रूप में किया गया है।
- अगले 5 वर्षों में योजना के लिए कैबिनेट द्वारा 7,276 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी गई है।
- इसके अलावा, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पीएमएएजीवाई के तहत चिन्हित किये गए गांवों में बुनियादी ढांचे एवं सेवाओं की व्यवस्था के लिए केंद्रीय / राज्य अनुसूचित जनजाति घटक (एसटीसी) फंड तथा उनके पास उपलब्ध अन्य वित्तीय संसाधनों के उचित उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
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मॉनसून सत्र, 2022:
सामान्य अध्ययन: 2
राजव्यवस्था एवं शासन:
विषय: कार्यपालिका एवं विधायिका की संरचना, संगठन और कामकाज।
प्रारंभिक परीक्षा: संसद के सत्र।
प्रसंग:
- 18 जुलाई को शुरू हुए संसद के मॉनसून सत्र, 2022 की कार्यवाही 08 अगस्त को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।
उद्देश्य:
- 22 दिनों तक चले इस सत्र में 16 बैठकें हुईं।
- 18 जुलाई से 12 अगस्त तक कुल 18 बैठकें होनी थीं, लेकिन आवश्यक सरकारी कामकाज पूरा होने और आगे दो राजपत्रित व संसदीय अवकाशों के मद्देनजर सदस्यों की मांग पर सत्र की कार्यवाही पहले ही स्थगित कर दी गई।
विवरण:
- सत्र के दौरान लोकसभा में 6 विधेयक पेश किए गए।
- लोकसभा से 7 विधेयक और राज्यसभा से 5 विधेयक पारित हुए। एक विधेयक लोकसभा की सहमति से वापस लिया गया।
सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों से कुल 5 विधेयक पारित किए गए। सत्र के दौरान दोनों सदनों में पारित कुछ प्रमुख विधेयक इस प्रकार हैं:
- कुटुंब न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022 के तहत मूल अधिनियम में संशोधन किया गया है जिसमें हिमाचल प्रदेश में 15 फरवरी 2019 से और नगालैंड में 12 सितंबर 2008 से चल रहे पारिवारिक या कुटुंब न्यायालय को कानूनी मान्यता देने का प्रावधान है।
- इसके अलावा, एक नई धारा 3ए को शामिल किया गया है, जिससे इस संबंध में हिमाचल प्रदेश और नगालैंड की राज्य सरकारों की सभी कार्रवाइयों को विधिमान्य किया जा सकेगा।
- • सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों पर पाबंदी) संशोधन विधेयक 2022 के तहत-
- 1. सामूहिक विनाश के हथियारों और उनकी वितरण प्रणालियों के संबंध में किसी भी गतिविधि के लिए फंडिंग को प्रतिबंधित करता है;
- 2. केंद्र सरकार को अधिकार देता है जिससे वह-
क) इस तरह की फंडिंग को रोकने के लिए धन या अन्य वित्तीय संपत्ति या आर्थिक संसाधनों को फ्रीज, जब्त या अटैच कर सके;
ख) सामूहिक विनाश के हथियारों और उनकी वितरण प्रणालियों के संबंध में किसी भी प्रतिबंधित गतिविधि के लिए धन, वित्तीय संपत्ति या आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने पर रोक लगा सके।
- • भारतीय अंटार्कटिक विधेयक 2022, अंटार्कटिक में पर्यावरण और इस पर निर्भर एवं संबद्ध परिवेश के संरक्षण के लिए और अंटार्कटिक संधि को प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कई उपाए किए गए हैं ।
- यह विधेयक अंटार्कटिक समुद्री जीवित संसाधनों के संरक्षण पर कन्वेंशन और अंटार्कटिक संधि के लिए पर्यावरण संरक्षण प्रोटोकॉल व उससे जुड़े मामलों के अनुरूप है।
- • राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी विधेयक 2021, खेलों में डोपिंग रोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी के गठन का प्रावधान करता है।
- इसके साथ ही खेल में डोपिंग के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन को प्रभावी बनाने के लिए और इस तरह के अन्य दायित्वों एवं उसके तहत प्रतिबद्धताओं का पालन सुनिश्चित करना है।
- • केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2022 केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 में संशोधन करने के साथ ही एक कॉर्पोरेट निकाय के रूप में गति शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रावधान करता है।
- 4. लोकसभा में पेश किए गए विधेयक, लोकसभा से पारित बिल, राज्यसभा से पारित बिल और संसद के दोनों सदनों से पारित विधेयकों की सूची संलग्न है।
- 5. अल्प अवधि की चर्चाएं-
- लोकसभा में नियम 193 के तहत मूल्य वृद्धि पर एक छोटी चर्चा हुई।
- भारत में खेलों को बढ़ावा देने की जरूरत और इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों कई उपाए किए गए हैं पर चर्चा की शुरुआत की, लेकिन फिर भी यह अनिर्णायक रहा।
- राज्यसभा में नियम 176 के तहत आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों पर एक छोटी चर्चा हुई।
- 6. लोकसभा का कामकाज लगभग 48 प्रतिशत और राज्यसभा की लगभग 44 प्रतिशत रही।
17वीं लोकसभा के 9वें सत्र और राज्यसभा के 257वें सत्र (मॉनसून सत्र) के दौरान किए गए विधायी कामकाज:
1- लोकसभा में पेश किए गए विधेयक
• कुटुंब न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022
• केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2022
• ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022
• नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (संशोधन) विधेयक 2022
• प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक 2022
• विद्युत (संशोधन) विधेयक 2022
2- लोकसभा से पारित विधेयक
• भारतीय अंटार्कटिक विधेयक 2022
• कुटुंब न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022
• राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2021
• वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2021
• केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2022
• ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022
• नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (संशोधन) विधेयक 2022
3- राज्यसभा से पारित विधेयक
• सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) संशोधन विधेयक, 2022
• भारतीय अंटार्कटिक विधेयक 2022
• राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2021
• कुटुंब न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022
• केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2022
4- संसद के दोनों सदनों से पारित विधेयक
• सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) संशोधन विधेयक, 2022
• भारतीय अंटार्कटिक विधेयक 2022
• राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2021
• कुटुंब न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022
• केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2022
5- लोकसभा में वापस लिया गया विधेयक
निजी डेटा संरक्षण विधेयक 2019 -
डेफ-एक्सपो का 12वां संस्करण 18-22 अक्टूबर, 2022 के बीच:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: देश में स्वदेशी प्रौद्योगिकी के निर्माण एवं उपयोग को बढ़ावा।
प्रारंभिक परीक्षा: डेफएक्सपो 2022
मुख्य परीक्षा: डेफएक्सपो-2022 स्वदेशी निर्माण में भारतीय कंपनियों की सक्रिय भागीदारी को किस प्रकार प्रोत्साहन देगा। चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- भू-आधारित, नौसेनिक और होमलैंड सुरक्षा प्रणालियों पर भारत की प्रमुख प्रदर्शनी डेफएक्सपो का 12वां संस्करण दिनांक 18-22 अक्टूबर, 2022 के बीच गुजरात के गांधीनगर में आयोजित किया जाएगा।
उद्देश्य:
- डेफएक्सपो 2022 का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने और 2025 तक 5 अरब डॉलर का निर्यात करना है ।
विवरण:
- भारत ने सफलतापूर्वक खुद को एक उभरते रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित किया है, जिसमें हाल के वर्षों में भारतीय कंपनियों को कई अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर मिले हैं।
- भारतीय रक्षा उद्योग डेफएक्सपो-2022 का बेसब्री से इंतजार कर रहा है जो रक्षा क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा आयोजन है।
- प्रतिभागियों के समक्ष पेश आ रही रसद संबंधी समस्याओं के कारण इसे मार्च 2022 में स्थगित कर दिया गया था
- भारत अपना ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है, डेफएक्सपो 2022 प्रदर्शनी अपने थीम ‘पाथ टू प्राइड’ के साथ राष्ट्रवादी गौरव का आह्वान करती है।
- रक्षा मंत्रालय ने हाल के वर्षों में कई नीतिगत सुधार किए हैं जैसे औद्योगिक लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल बनाना; स्वचालित मार्ग से 74 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति; केवल भारतीय निर्माताओं से खरीदी जाने वाली वस्तुओं की सकारात्मक सूची जारी करना; सात नई रक्षा कंपनियों का शुभारंभ; रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आई-डेक्स); डिफेंस इनोवेशन स्टार्ट-अप चैलेंज (डीआईएससी); डेफकनेक्ट; रक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआईडीईएफ) आदि।
- रक्षा निर्माण में सुधार से भारतीय रक्षा निर्माताओं की अधिक रुचि पैदा हो रही है और इसलिए यह अनुमान है कि डेफएक्सपो-2022 भारतीय कंपनियों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहन देगा।
- डेफएक्सपो-2022 में प्रतिभागियों को अपने उपकरणों और प्लेटफार्मों को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा और व्यावसायिक साझेदारी बनाने के लिए भारतीय रक्षा उद्योग के विस्तार की ताकत और क्षमताओं का पता लगाने में भी वे सक्षम होंगे।
- यह आयोजन निवेश को बढ़ावा देने, विनिर्माण क्षमताओं का विस्तार करने एवं प्रौद्योगिकी का अवशोषण करने के रास्ते खोजने में मदद करेगा।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- राष्ट्रमंडल खेल 2022 के 10वें दिन भारत ने 5 स्वर्ण, 4 रजत और 6 कांस्य समेत 15 पदक जीते:
- भारत ने राष्ट्रमंडल खेल 2022 के 10वें दिन 5 स्वर्ण, 4 रजत और 6 कांस्य सहित 15 पदक जीते।
- शरत कमल/श्रीजा अकुला (मिक्स्ड डबल्स टीटी), निकहत जरीन (मुक्केबाजी), एल्डोज़ पॉल (पुरुष ट्रिपल जंप), अमित पंघाल (मुक्केबाजी), नीतू घंघास (मुक्केबाजी) ने स्वर्ण पदक जीते।
- अब्दुल्ला अबूबकर (पुरुष ट्रिपल जंप), सागर अहलावत (मुक्केबाजी), अचंता शरत कमल और साथियान ज्ञानसेकरन (टेबल टेनिस) और महिला क्रिकेट टीम ने रजत पदक जीते।
- महिला हॉकी टीम, संदीप कुमार (पुरुषों की 10,000 मीटर रेस-वॉक), अन्नू रानी (महिला भाला फेंक), सौरव घोषाल और दीपिका पल्लीकल (स्क्वॉश, मिश्रित युगल), किदांबी श्रीकांत (बैडमिंटन, पुरुष एकल) और ट्रीसा जॉली व गायत्री गोपीचंद (बैडमिंटन, महिला युगल) ने कांस्य पदक जीते।
- 18 स्वर्ण, 15 रजत और 22 कांस्य पदकों के साथ पदक तालिका में भारत के पदकों की संख्या 55 हुई है।
- प्रधानमंत्री ने बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेल 2022 में महिला क्रिकेट टीम के सदस्यों को रजत पदक जीतने पर शुभकामनाएं दी हैं।
- राष्ट्रमंडल खेलों में क्रिकेट में पहली बार पदक मिलने के कारण, यह हमेशा विशेष रहेगा।
- प्रधानमंत्री 10 अगस्त को पानीपत में 2जी इथेनॉल संयंत्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे:
- विश्व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री 10 अगस्त, 2022 को हरियाणा के पानीपत में दूसरी पीढ़ी के (2जी) इथेनॉल संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
- इस संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित करने का यह कदम देश में जैव ईंधन के उत्पादन एवं उपयोग को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा सालों से उठाए गए कदमों की एक लंबी श्रृंखला का हिस्सा है।
- यह कदम ऊर्जा क्षेत्र को अधिक किफायती, सुलभ, कुशल और टिकाऊ बनाने के निरंतर प्रयासों के अनुरूप है।
- इस 2जी एथेनॉल संयंत्र का निर्माण इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) द्वारा 900 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से किया गया है और यह पानीपत रिफाइनरी के निकट स्थित है।
- अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक पर आधारित, यह परियोजना सालाना लगभग तीन करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन करने हेतु सालाना लगभग दो लाख टन चावल के भूसे (पराली) का उपयोग करके भारत के कचरे से धन अर्जित करने के प्रयासों की दिशा में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगी।
- कृषिगत फसलों के अवशेषों का एक अंतिम उपयोग करके किसानों को सशक्त बनाया जाएगा और उन्हें अतिरिक्त आय सृजित करने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
- इस परियोजना में शून्य तरल प्रवाह होगा।
- चावल के भूसे (पराली) को जलाने में कमी के माध्यम से, यह परियोजना ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा में सालाना लगभग तीन लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन के बराबर की कमी लाने में योगदान देगी, जिसे देश की सड़कों से सालाना लगभग 63,000 कारों के हटने के बराबर माना जा सकता है।
08 अगस्त 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 07 अगस्त 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें। सम्बंधित लिंक्स:
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