विषयसूची:
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1. भारत-फ्रांस मैत्री के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भारत-फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन आयोजित होगा:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: भारत-फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन।
मुख्य परीक्षा:भारत-फ्रांस मैत्री संबंधों पर चर्चा कीजिए ।
प्रसंग:
- भारत फ्रांस मैत्री के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में भारत-फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन 11 अप्रैल, 2023 को आयोजित किया जाएगा।
उद्देश्य:
- शिखर सम्मेलन में हरित भविष्य के निर्माण, उभरती प्रौद्योगिकियों, रक्षा सहयोग और भारत-प्रशांत क्षेत्रों में सहयोग सहित कई विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
विवरण:
- केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल और फ्रांस सरकार के अट्रैक्टिवनेस और फ्रेंच नेशनल्स अब्रॉड के विदेश व्यापार मंत्री प्रतिनिधि श्री ओलिवियर बेख्त भारत-फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे।
- श्री पीयूष गोयल बाद में इटली के रोम जाएंगे, जहां वे उप प्रधानमंत्री और विदेश एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्री श्री एंटोनियो तजानी से मुलाकात करेंगे।
- उनका द्विपक्षीय बैठकों के लिए शीर्ष इतालवी सीईओ से मिलने का कार्यक्रम है, जिसके बाद सीईओ इंटरएक्टिव बिजनेस सेशन होगा।
2. प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के मैसूर में ‘प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने के स्मरणोत्सव’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया:
सामान्य अध्ययन: 3
जैव विविधता:
विषय: जैव विविधता एवं उनका संरक्षण।
प्रारंभिक परीक्षा:इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए),प्रोजेक्ट टाइगर।
मुख्य परीक्षा:भारत में जैव विविधता के संरक्षण हेतु सरकार द्वारा किये जा रहे विभिन्न प्रयासों में प्रोजेक्ट टाइगर,इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) के महत्व पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 09 अप्रैल 2023 को कर्नाटक के मैसूर में मैसूर विश्वविद्यालय में आयोजित ‘प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने के स्मरणोत्सव’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया हैं।
उद्देश्य:
- प्रधानमंत्री ने इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) का भी शुभारंभ किया।
- उन्होंने ‘अमृत काल का विजन फॉर टाइगर कंजर्वेशन’ तथा टाइगर रिजर्व के प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन के पांचवें चक्र की एक सारांश रिपोर्ट का लोकार्पण किया, बाघों की संख्या की घोषणा की और अखिल भारतीय बाघ अनुमान (पाचवां चक्र) की सारांश रिपोर्ट जारी की।
- उन्होंने प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर एक स्मारक सिक्का भी जारी किया।
विवरण:
- प्रधानमंत्री ने भारत में बाघों की बढ़ती आबादी के गौरवपूर्ण क्षण की चर्चा की और बाघों के प्रति सम्मान दर्शाते हुए इसकी सराहना की।
- प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत की आजादी के 75वें वर्ष में दुनिया की 75 प्रतिशत बाघों की आबादी भारत में ही रहती है।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भी एक सुखद संयोग है कि भारत में बाघ अभयारण्य 75,000 वर्ग किलोमीटर भूमि पर फैले हैं और पिछले दस से बारह वर्षों में देश में बाघों की आबादी में 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- भारत के पास दुनिया की कुल भूमि का केवल 2.4 प्रतिशत हिस्सा ही है, लेकिन यह ज्ञात वैश्विक जैव विविधता में आठ प्रतिशत का योगदान देता है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा टाइगर रेंज वाला देश है।
- लगभग तीस हजार हाथियों के साथ यह दुनिया का सबसे बड़ा एशियाई एलीफैंट रेंज वाला देश है और यह एक-सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी आबादी वाला सबसे बड़ा देश भी है। एक-सींग वाले गैंडों की संख्या यहां लगभग तीन हजार है।
- भारत एशियाई शेरों वाला दुनिया का एकमात्र देश है और इन शेरों की आबादी 2015 में लगभग 525 से बढ़कर 2020 में लगभग 675 हो गई है।
- भारत की तेंदुओं की आबादी का भी उल्लेख किया और कहा कि चार वर्षों में इसमें 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
- गंगा जैसी नदियों को साफ करने के लिए किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कुछ जलीय प्रजातियां जिन्हें कभी खतरे में माना जाता था, उनकी संख्या में सुधार हुआ है।
- उन्होंने इन उपलब्धियों का श्रेय लोगों की भागीदारी और संरक्षण की संस्कृति को दिया।
- प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को दोहराया कि प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता के कई आयाम हैं और इसने पर्यटकों की गतिविधियों व जागरूकता कार्यक्रमों में वृद्धि की है और टाइगर रिजर्व के भीतर मानव-पशु संघर्ष में कमी लाई है।
- दशकों पहले भारत में चीता के विलुप्त हो जाने के तथ्य पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए गए चीतों का उल्लेख करते हुए बिग कैट के पहले सफल ट्रांस-कॉन्टिनेंटल ट्रांसलोकेशन की चर्चा की।
- उन्होंने याद दिलाया कि कुनो राष्ट्रीय उद्यान में कुछ दिन पहले चार चीता शावकों का जन्म हुआ है।
- उन्होंने कहा कि करीब 75 साल पहले विलुप्त होने के बाद चीते ने भारत की धरती पर जन्म लिया है।
- उन्होंने जैव विविधता के संरक्षण और समृद्धि के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर बल दिया।
- प्रधानमंत्री ने एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन की जरूरत पर बल देते हुए कहा, “वन्यजीव संरक्षण किसी एक देश का मुद्दा नहीं है, बल्कि एक सार्वभौमिक मुद्दा है।”
- वर्ष 2019 में, उन्होंने वैश्विक बाघ दिवस के अवसर पर एशिया में अवैध वन्यजीव व्यापार और अवैध शिकार के खिलाफ एक गठबंधन बनाने का आह्वान किया था।
- इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस इसी भावना का विस्तार है।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सहित विभिन्न देशों के अनुभवों से उभरे संरक्षण एवं सुरक्षा संबंधी एजेंडे को आसानी से लागू करते हुए बिग कैट से जुड़े पूरे इकोसिस्टम के लिए वित्तीय और तकनीकी संसाधन जुटाना आसान होगा।
- प्रधानमंत्री ने कहा, “इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस का फोकस बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता सहित दुनिया के सात प्रमुख बिग कैट के संरक्षण पर होगा।”
- बिग कैट के निवास स्थान वाले देश इस गठबंधन का हिस्सा होंगे।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर कर्नाटक और तमिलनाडु में बांदीपुर तथा मुदुमलाई टाइगर रिजर्व का दौरा किया।
- उन्होंने मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में थेप्पाकडू हाथी कैंप का भी दौरा किया। प्रधानमंत्री ने ऑस्कर विजेता वृत्तचित्र, “द एलिफेंट व्हिस्परर्स” में दिखाए गए हाथी पालकों के साथ बातचीत भी की।
पृष्ठ्भूमि:
- प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) का शुभारंभ किया।
- जुलाई 2019 में, प्रधानमंत्री ने एशिया में वन्यजीवों के अवैध शिकार और अवैध व्यापार से जुड़ी मांग को समाप्त करने और उसपर दृढ़ता से अंकुश लगाने के लिए वैश्विक नेताओं के गठबंधन का आह्वान किया था।
- प्रधानमंत्री के इसी संदेश को आगे बढ़ाते हुए, अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस का शुभारंभ किया जा रहा है, जो दुनिया की सात प्रमुख बिग कैट यानी बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता के संरक्षण और सुरक्षा पर ध्यान केन्द्रित करेगा और इसके सदस्यों में इन प्रजातियों को शरण देने वाले देश शामिल होंगे।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. तेलंगाना में सब्जियों के अपशिष्ट से बिजली उत्पन्न:
- तेलंगाना की बोवेनपल्ली सब्जी मंडी ने अपनी नवोन्मेषी अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान आकर्षित किया है।
- इस मंडी से एकत्रित सब्जी और फलों के अपशिष्ट के प्रत्येक औंस का उपयोग लगभग 500 यूनिट बिजली और 30 किलो जैव ईंधन उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।
- उत्पन्न विद्युत स्ट्रीटलाइट्स, 170 स्टालों, एक प्रशासनिक भवन और जल आपूर्ति नेटवर्क को बिजली प्रदान करती है, जबकि उत्पादित जैव ईंधन का उपयोग बाजार की व्यावसायिक रसोई में किया जाता है।
- बायोगैस संयंत्र को अब ‘‘सतत भविष्य का मार्ग’’ कहा जाता है।
- बोवेनपल्ली का वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट महिलाओं के लिए अपशिष्ट को छांटने और उन्हें अलग करने, मशीनरी का संचालन करने और प्रशासनिक कार्यों का प्रबंधन करने जैसी विभिन्न भूमिकाओं में काम करने के अवसर प्रदान करके उनके लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराता है।
- यह संयंत्र महिला श्रमिकों को कौशल विकास के अवसर के साथ-साथ एक निरंतर आय भी उपलब्ध कराता है।
- बोवेनपल्ली में प्रतिदिन औसतन 10 टन अपशिष्ट उत्पन्न होता है।
- इस अपशिष्ट में प्रतिवर्ष लगभग 6,290 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करने की क्षमता है जो पर्यावरण के लिए अधिक हानिकारक हो सकती है।
- इस समस्या के समाधान के लिए बोवेनपल्ली सब्जी मंडी के अधिकारियों ने इस अपशिष्ट को ऊर्जा में बदलने का निर्णय किया।
बोवेनपल्ली का बायोगैस संयंत्र:
- बोवेनपल्ली सब्जी मंडी और आस-पास के यार्डों में उत्पन्न अपशिष्ट (सड़ी हुई और न बिकने वाली सब्जियां) शहर भर से एकत्र किया जाता है।
- सब्जियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है और कन्वेयर बेल्ट के ऊपर से श्रेडर तक चलाया जाता है।
- इसके बाद अपशिष्ट को कतरने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जहां सभी सब्जियों को छोटे और समान आकार में क्रश कर दिया जाता है और ग्राइंडर में डाल दिया जाता है।
- यह ग्राइंडर सामग्री को लुगदी में और क्रश कर देती है, जिसे घोल भी कहा जाता है और उन्हें अवायवीय डाइजेस्टर्स में डाल दिया जाता है।
- उत्पन्न गैस को एकत्र किया जाता है और अगले उपयोग तक बैलून में भंडारित किया जाता है।
- जैव खाद गैस के अतिरिक्त उपोत्पाद के रूप में प्राप्त होता है।
- एक अलग टैंक में, बायोगैस एकत्र किया जाता है और खाना पकाने के लिए पाइपलाइन प्रणाली के माध्यम से भेजा जाता है।
- जैव ईंधन को फिर 100 प्रतिशत बायोगैस जनरेटर में आपूर्ति की जाती है जिसका उपयोग कोल्ड स्टोरेज कमरे, पानी के पंप, दुकान, स्ट्रीट लाइट आदि को बिजली देने के लिए किया जाता है।
- जैव प्रौद्योगिकी विभाग और कृषि विपणन तेलंगाना विभाग, गीतानाथ (2021) द्वारा वित्त पोषित बायोगैस संयंत्र सीएसआईआर-आईआईसीटी (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान) के मार्गदर्शन और पेटेंट प्रौद्योगिकी के तहत स्थापित किया गया था, जिसे हैदराबाद स्थित आहूजा इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निष्पादित किया गया था।
प्रभाव:
- प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले लगभग 30 किलोग्राम जैव-ईंधन की आपूर्ति इकाई के पास रसोई की सुविधाओं के लिए की जाती है।
- प्रशासनिक भवन, मंडी जलापूर्ति नेटवर्क, लगभग 100 स्ट्रीट लाइट और मंडी के 170 स्टॉल द्वारा 400-500 यूनिट बिजली का उपयोग किया जा रहा है।
- यह बायोगैस इकाई बिजली के बिल को आधे से कम करने में मदद करती है (पहले औसतन 3 लाख रुपये प्रति माह)।
- तरल जैविक खाद का उपयोग किसानों के खेतों में उर्वरक के रूप में किया जा रहा है।
- इसकी दक्षता प्राप्त करने के बाद जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने उत्पन्न मंडी अपशिष्ट के लिए उपयुक्त अलग-अलग क्षमताओं के साथ विभिन्न मंडी यार्डों में पांच और समान प्रकार के संयंत्र (गुडीमलकापुर, गद्दीनाराम -5 टन /प्रतिदिन, एर्रागड्डा, अलवल, सर्रोरनगर – 500 किलोग्राम /प्रतिदिन) स्थापित करने के लिए और वित्तपोषण की घोषणा की।
- बोवेनपल्ली सब्जी मंडी में अपशिष्ट को ऊर्जा में परिवर्तित करने की इस नवोन्मेषी प्रक्रिया ने जैव ईंधन उत्पन्न करने के लिए एक टिकाऊ प्रणाली के उपयोग के बारे में व्यापक स्तर पर जागरूकता उत्पन्न की है, साथ ही, यह अधिक से अधिक शहरों को शहरी परिदृश्य के रूपांतरण के लिए समान प्रकार की परियोजनाओं को आरंभ करने के लिए भी प्रोत्साहित करती है।
2.राष्ट्रपति ने सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान की उड़ान भरी:
- हाल ही में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने असम के तेजपुर वायु सेना स्टेशन से सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान की उड़ान भरी हैं।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान में ऐतिहासिक उड़ान भरने पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु की सराहना करते हुए ने कहा हैं कि “इसने प्रत्येक भारतीय को प्रेरित किया है! राष्ट्रपति जी ने बार-बार असाधारण नेतृत्व का परिचय दिया है।
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