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विषयसूची:

  1. राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) ने अर्थ गंगा के तहत ‘समुदाय और स्थानीय संसाधनों का लाभ उठाने के लिए प्रौद्योगिकी पर आधारित क्षमता निर्माण कार्यक्रम’ पर परियोजना की शुरुआत की
  2. ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र के उद्यमों में त्वरित ऊर्जा दक्षता पर राष्ट्रीय  सम्मेलन’ का आयोजन किया
  3. बांग्लादेश द्वारा पहले अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू का आयोजन किया गया

1.राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) ने अर्थ गंगा के तहत ‘समुदाय और स्थानीय संसाधनों का लाभ उठाने के लिए प्रौद्योगिकी पर आधारित क्षमता निर्माण कार्यक्रम’ पर परियोजना की शुरुआत की

सामान्य अध्ययन: 3

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी:

विषय: नदी संरक्षण के लिए योजनाएं।

प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा: गंगा संरक्षण के लिए योजनाएं, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, अर्थ गंगा।

संदर्भ:

  • अर्थ गंगा के तहत ‘समुदाय और स्थानीय संसाधनों का लाभ उठाने के लिए प्रौद्योगिकी पर आधारित क्षमता निर्माण कार्यक्रम’ पर परियोजना की शुरुआत की गई।

विवरण:

  • यह परियोजना संयुक्त रूप से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और हिमालयी पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन के द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। 
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य अर्थ गंगा परियोजना के तहत गंगा नदी के किनारे स्थित स्थानीय समुदाय के बीच भविष्य के लिए नई जरूरत- आधारित कौशल विकसित करना और समुदाय के सदस्यों को वैकल्पिक समाधान प्रदान करना है।
  • अर्थ गंगा के तहत ‘समुदाय और स्थानीय संसाधनों का लाभ उठाने के लिए प्रौद्योगिकी पर आधारित क्षमता निर्माण कार्यक्रम’ पर परियोजना का उद्देश्य पारिस्थितिक पूर्वधारणाओं के माध्यम से गंगा बेसिन के स्थानीय समुदायों के आर्थिक उन्नति की दिशा में काम करके उन्हें सशक्त बनाना है। 
  • इसके अलावा इस परियोजना में अर्थ गंगा केंद्र (AGC) और तीन गंगा संसाधन केंद्र (GRC) स्थापित करने की भी परिकल्पना की गई है। 
  • यह कार्यक्रम नवीनतम तकनीकों का भी स्रोत होगा तथा समुदाय के लिए आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से व्यावहारिक पहलों का प्रसार करेगा। 
  • इस परियोजना के तहत 4 राज्यों- उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में समुदायों के लिए क्षमता निर्माण कार्यशालाओं/प्रशिक्षणों का आयोजन हिमालयी पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन के प्रमुख प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में  गंगा संसाधन केंद्रों के जरिए किया जाएगा।
मुख्य बिंदु:

  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य गंगा नदी के किनारे रहने वाले स्थानीय समुदाय के बीच भविष्य के लिए नई जरूरत- आधारित कौशल विकसित करना है।
  • यह कार्यक्रम अर्थ गंगा के तहत समुदाय के सदस्यों को वैकल्पिक समाधान प्रदान करने के लिए है।
  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन गंगा आरती और गंगा सेवक के लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण देने पर भी काम कर रहा है।
  • अर्थ गंगा के तहत लक्षित क्षेत्रों में से एक किसानों के बीच प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना रहा है।
  • नमामि गंगे और अर्थ गंगा के तहत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन गंगा से जुड़े उत्पादों को ब्रांड के तौर पर बाजार में उतारने की तैयारी कर रहा है।
  • लोगों को जिम्मेदार पर्यटन और इकोसिस्टम के संरक्षण के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
  • इस परियोजना में अर्थ गंगा केंद्र (AGC) और तीन गंगा संसाधन केंद्र (GRC) स्थापित करने की भी परिकल्पना की गई है।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG):

  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण का क्रियान्वयन स्कंध है। 
  • राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण के अधिदेश का क्रियान्वयन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा किया जा रहा है | राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन एक समन्वय निकाय है जिसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार और पश्चिम बंगाल राज्य स्तरीय कार्यक्रम प्रबंधन समूहों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है जो सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत पंजीकृत है तथा झारखंड में स्थित समर्पित नोडल केंद्र भी इसे सहयोग करता है।
  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के प्रचालन का क्षेत्र गंगा नदी घाटी है जिसमें वे राज्य भी शामिल हैं जहां से होकर गंगा नदी गुजरती है तथा इसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र, दिल्ली भी सम्मिलित है। 
  • इसके प्रचालन के क्षेत्र में शासी परिषद द्वारा भविष्य में विस्तार, परिवर्तन अथवा परिवर्धन भी किया जा सकता है तथा इनमें ऐसे अन्य राज्य भी शामिल किए जा सकते हैं जहां से होकर गंगा नदी की सहायक नदियां गुजरती हैं।
  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की प्राथमिकता गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषित जल को गिरने से रोकना है।
  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत अब तक लगभग 973 मिलियन लीटर प्रति दिन की सीवेज शोधन क्षमता सृजित की जा चुकी है।

अर्थ गंगा:

  • अर्थ गंगा परियोजना को नदी के संरक्षण के लिए एक आर्थिक मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है।  
  • ‘अर्थ गंगा’ की मूल भावना गंगा किनारे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के साथ लोगों को गंगा से जोड़ने पर केंद्रित है। 
  • यह गंगा से जुड़ा सतत विकास का मॉडल है। 
  • अर्थ गंगा मॉडल के अंतर्गत प्राकृतिक खेती, घाट पे हाट, जलज, गंगा सेवकों का प्रशिक्षण, गंगा कारीगर आदि शामिल हैं। 
  • अर्थ गंगा के छह महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्रों में शून्य बजट वाली प्राकृतिक खेती, मुद्रीकरण और कीचड़ तथा अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग, आजीविका सृजन, सार्वजनिक भागीदारी, सांस्कृतिक विरासत तथा पर्यटन और संस्थागत भवन शामिल हैं।
  • नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत सीवरेज प्रबंधन और अन्य गतिविधियों के अलावा अब ध्यान अर्थ गंगा पर है, जिसका 2019 में आयोजित राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक में प्रधानमंत्री ने अनुमोदन किया था।

2.ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र के उद्यमों में त्वरित ऊर्जा दक्षता पर राष्ट्रीय  सम्मेलन’ का आयोजन किया

सामान्य अध्ययन: 3

अर्थव्यवस्था:

विषय: ऊर्जा संरक्षण।

प्रारंभिक परीक्षा: त्वरित ऊर्जा दक्षता पर राष्ट्रीय सम्मेलन से संबंधित तथ्य।

संदर्भ:

  • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र के उद्यमों में त्वरित ऊर्जा दक्षता पर राष्ट्रीय  सम्मेलन’ का आयोजन किया।

विवरण:

  • भारत विश्व में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए दूसरे सबसे बड़े आधार का निर्माण करता है और सकल घरेलू उत्पाद में इसका सबसे बड़ा योगदान है। 
  • अधिकांश MSME ने अभी तक ऊर्जा दक्षता अथवा प्रौद्योगिकी उन्नयन के उपायों को नहीं अपनाया है। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो और  विद्युत मंत्रालय नीति केन्द्रित हस्तक्षेपों के आधार पर, इस क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण की बड़ी क्षमता और ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों के लिए एक बाजार है।
  • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने अपनी सुधारवादी परियोजनाओं के माध्यम से अनुभव किया है कि इन MSME के एक बड़े हिस्से में बेहतर तकनीकों, उपायों और संचालन प्रथाओं की पहचान करने, उन तक पहुंचने और उन्हें अपनाने के लिए निरंतर तकनीकी क्षमता का अभाव है। 
  • ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने में MSME के महत्व को स्वीकार करते हुए, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से, बेहतर प्रौद्योगिकियों और संचालन प्रथाओं की पहचान करने एवं  उन तक पहुंचने और उन्हें अपनाने के लिए अपनी तकनीकी क्षमता में सुधार करने के लिए क्षेत्र को साथ मिलकर चलने (हैंड-होल्डिंग) की सेवा सहायता प्रदान की। 
  • BEE-SME कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में ऊर्जा- कुशल तकनीकों को अपनाने, ज्ञान साझा करने, क्षमता निर्माण और नवीन वित्तीय तंत्रों के वित्तीय विकास के माध्यम से भारत में MSME क्षेत्र की ऊर्जा दक्षता में सुधार करना है।
  • यह राष्ट्रीय सम्मेलन ” सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) में ऊर्जा दक्षता के लिए एक समावेशी और टिकाऊ दृष्टिकोण की ओर बढ़ने के लिए वर्तमान पोर्टफोलियो के साथ-साथ भविष्य के कार्यक्रम के संचालन और कार्यान्वयन को मजबूत करने में योगदान देगा। 
  • राष्ट्रीय सम्मेलन MSME क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियों और एक कार्य योजना पर विचार-विमर्श करने, विभिन्न हितधारकों के लिए परियोजनाओं द्वारा किए गए प्रयासों की जानकारी और परस्पर समन्वयन के लिए एक सामान्य मंच के रूप में कार्य करेगा। 
  • इस अवसर पर MSME क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं को तेजी से अपनाने के लिए ऊर्जा दक्षता पर एकीकृत नेविगेशन उपकरण भी जारी किया गया है, जिसे ऊर्जा दक्षता ब्यूरो और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है और यह MSME को परामर्श के लिए निष्पादन, उपलब्धि एवं अर्जन योजना पर मसौदा अवधारणा नोट पर आधारित एक स्वैच्छिक बाजार-आधारित तंत्र है।

पृष्ठभूमि:

  • संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO) ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) के सहयोग से “भारत में चयनित MSME समूहों में ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना” शीर्षक से एक वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) से वित्त पोषित राष्ट्रीय परियोजना को क्रियान्वित कर रहा है। 
  • वर्ष 2011 में शुरू की गई इस परियोजना का उद्देश्य चयनित ऊर्जा-गहन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) क्षेत्रों में प्रक्रिया अनुप्रयोगों में ऊर्जा दक्षता (EE) और नवीकरणीय ऊर्जा (RE) प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ाने के लिए बाजार के वातावरण  को विकसित करना और बढ़ावा देना है। 
  • परियोजना को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा समर्थित किया गया है। इस परियोजना ने 26 समूहों में पांच अलग-अलग ऊर्जा में अपने प्रोग्रामेटिक हस्तक्षेप को लागू किया है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. बांग्लादेश द्वारा पहले अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू का आयोजन किया गया:
  • भारतीय नौसेना ने 07 दिसंबर 2022 को कॉक्स बाजार में बांग्लादेश द्वारा आयोजित पहले अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू (IFR) में भाग लिया।
  • पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश की प्रधानमंत्री महामहिम शेख हसीना ने बांग्लादेश नौसेना के जहाजों और छह अन्य देशों के आठ जहाजों वाले अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट की समीक्षा की। 
  • तीन जहाजों के साथ भारतीय नौसेना का दल इस अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में भाग लेने वाली विदेशी नौसेनाओं में सबसे बड़ा था। भाग लेने वाले अन्य पांच जहाज चीन, मलेशिया, म्यांमार, थाईलैंड एवं संयुक्त राज्य अमेरिका से थे।
  • बांग्लादेश में इस बहुराष्ट्रीय कार्यक्रम में इन जहाजों की उपस्थिति ने भारतीय शिपयार्डों की स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करने में योगदान दिया।
  • यह बांग्लादेश द्वारा आयोजित किया जाने वाला पहला अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू था। अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू बांग्लादेश की मुक्ति के 50 साल पूरे होने के जश्न और ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ के साथ-साथ हर साल 06 दिसंबर को मनाए जाने वाले ‘मैत्री दिवस’ का पूरक है जो भारत और बांग्लादेश के बीच औपचारिक राजनयिक संबंधों की स्थापना का प्रतीक है।
  • इस तरह बांग्लादेश द्वारा आयोजित पहले अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में भारतीय नौसेना की उपस्थिति भारत और बांग्लादेश के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों और समुद्री क्षेत्र में रक्षा सहयोग को मजबूत करने में भारतीय नौसेना की भूमिका के महत्त्व को इंगित करती है।

 

09 December Hindi PIB:- Download PDF Here

लिंक किए गए लेख में 08 दिसंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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