विषयसूची:
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परियोजना मौसम:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: जलवायु परिवर्तन,उसके दुष्प्रभाव एवं रोकथाम के उपाय।
प्रारंभिक परीक्षा: परियोजना मौसम, यूनेस्को ।
प्रसंग:
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एएसआई ने परियोजना मौसम – जलधिपुरायात्रा: हिंद महासागर रिम देशों के बहु-सांस्कृतिक संबंधों पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया हैं।
उद्देश्य:
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भविष्य में अनुसंधान को बढ़ावा देने और इस विषय के बारे में हमारी समझ को व्यापक बनाने के उद्देश्य से, एएसआई ने 7 और 8 अक्टूबर, 2022 को नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
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इस “जलधिपुरायात्रा: हिंद महासागर रिम देशों के बीच बहु-संस्कृति संबंधों की खोज’’ सम्मेलन में समुद्री आदान-प्रदान और परस्पर संवाद के कई पहलुओं को शामिल किया गया।
विवरण:
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मानसूनी हवाओं और अन्य जलवायु कारकों तथा इतिहास में इन प्राकृतिक तत्वों के प्रभाव को समझने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में विभिन्न देशों के बीच वार्ता के लिए ‘प्रोजेक्ट मौसम’ भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा 2014 में दोहा, कतर में आयोजित यूनेस्को की 38वीं विश्व विरासत समिति की बैठक में शुरू किया गया था ।
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वर्तमान में, परियोजना का संचालन एएसआई द्वारा किया जा रहा है।
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इस अवसर पर भारत की समुद्री विरासत की संक्षिप्त रूपरेखा और भारत की विश्व धरोहर संपत्तियों की विषय सूची के साथ मौसम परियोजना के उद्देश्यों और दायरे पर एक विवरणिका जारी की गई।
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सम्मेलन भारत के सामुद्रिक संवाद के एक विशेष पहलू से संबंधित था।
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सम्मेलन का एक सत्र विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र के विभिन्न देशों में स्थित ऐतिहासिक स्थलों और संरचनाओं की पहचान और विश्व धरोहर संपत्तियों से संबंधित मुद्दों पर था।
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दूसरे दिन हिंद महासागर रिम देशों के राजदूतों के साथ एक संवाद सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें राजदूतों के साथ विशेष रूप से वस्त्र, मसाले और मसालेदार व्यंजन, वास्तुकला और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के अन्य पहलुओं से संबंधित अंतर-देशीय लिंक से जुड़े परियोजना मौसम के मुद्दों पर चर्चा हुई।
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सम्मेलन के अकादमिक सत्रों में भारत के बीस से अधिक विद्वानों ने भाग लिया।
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इनमें मौसम विज्ञानी, पुरातत्वविद्, इतिहासकार और जलवायु परिवर्तन, पानी के भीतर की खोज और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात विशेषज्ञ शामिल थे।
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चतुर्थ एनआईसीडीसी निवेशक गोलमेज सम्मेलन:
सामान्य अध्ययन: 3
आधारभूत संरचना:
विषय: बुनियादी ढांचा।
प्रारंभिक परीक्षा: नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनआईसीडीसी),राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम,एमआईटीएल,प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई)।
प्रसंग:
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भारत की वित्तीय राजधानी में निवेशकों के गोलमेज सम्मेलन का आयोजन 10 अक्टूबर को किया जाएगा।
उद्देश्य:
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इस सम्मेलन का उद्देश्य हितधारकों के बीच एक सार्थक चर्चा करना और इस प्रकार निवेशकों के लिए विभिन्न सहयोग अवसरों की पहचान करना है।
विवरण:
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महाराष्ट्र औद्योगिक टाउनशिप लिमिटेड (एमआईटीएल) द्वारा आयोजित चौथा एनआईसीडीसी निवेशक गोलमेज सम्मेलन 10 अक्टूबर, 2022 को मुंबई में आयोजित किया जा रहा है।
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निवेशक गोलमेज सम्मेलन इससे पूर्व दिल्ली, कोच्चि और अहमदाबाद में आयोजित किया जा चुका है।
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सम्मेलन के चौथे संस्करण में सम्पूर्ण भारत में उन आगामी ग्रीनफील्ड औद्योगिक शहरों के विकास को प्रदर्शित किया जायगा जिनकी योजना राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम लिमिटेड द्वारा बनाई गई है।
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वर्तमान में महाराष्ट्र में औरंगाबाद, रायगढ़, सतारा और नागपुर जिलों में ऐसे चार ग्रीनफील्ड स्मार्ट औद्योगिक शहर विकसित किए जा रहे हैं।
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भारत की आर्थिक महाशक्ति महाराष्ट्र, दुनिया भर के निवेशकों के लिए एक आदर्श निवेश गंतव्य रहा है।
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यह राज्य भारत के शीर्ष प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) गंतव्य के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने में सफल रहा है।
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पिछले दशक में, महाराष्ट्र को देश में आने वाले कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का लगभग 28 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त हुआ है।
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अर्थव्यवस्था की मजबूती इस तथ्य से भी स्पष्ट होती है कि पिछले वित्तीय वर्ष में महाराष्ट्र 420 बिलियन डॉलर का सकल राज्य घरेलू उत्पाद हासिल करने में सफल रहा।
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नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NICDC) एक स्पेशल परपज व्हीकल है जो राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम, भारत के सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचे को स्थापित करने, बढ़ावा देने और सुविधा प्रदान करने की परिकल्पना करता है, जिसका लक्ष्य नए औद्योगिक शहरों को “स्मार्ट शहरों” के रूप में विकसित करना और अगली पीढ़ी को अवसंरचना क्षेत्रों में प्रौद्योगिकियों के साथ संयोजित करना है।
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इस कार्यक्रम का उद्देश्य विनिर्माण को एक प्रमुख वाहक के रूप में भारत में नियोजित शहरीकरण को गति प्रदान करना है।
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एमआईटीएल, जिसे पहले औरंगाबाद इंडस्ट्रियल टाउनशिप लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार का एक संयुक्त उद्यम है।
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एमआईटीएल का प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र, औरंगाबाद औद्योगिक शहर या एयूआरआईसी विश्व के सबसे विकसित औद्योगिक स्मार्ट सिटिज में से एक है।
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समर्पित आवासीय स्थानों और 7,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ यह मराठवाड़ा क्षेत्र में औद्योगिक विकास का एक प्रकाश स्तंभ है।
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एयूआरआईसी ने पीएम एमआईटीआरए योजना के तहत वस्त्र मंत्रालय की सहायता से वहां एक एमआईटीआरए टेक्सटाइल पार्क, एक मेगा फूड पार्क और एक अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर विकसित करने की योजना बनाई है जिससे यह वास्तव में एक वैश्विक निवेश गंतव्य बन जाएगा।
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प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- वित्त वर्ष 2022-23 में अभी तक का प्रत्यक्ष कर संग्रह:
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8 अक्टूबर, 2022 तक प्रत्यक्ष कर संग्रह के अनंतिम आकड़ों में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है।
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8 अक्टूबर, 2022 तक का प्रत्यक्ष कर संग्रह 8.98 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के सकल संग्रह की तुलना में 23.8 प्रतिशत अधिक है।
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प्रत्यक्ष कर संग्रह, रिफंड के बाद शुद्ध संग्रह 7.45 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के शुद्ध संग्रह से 16.3 प्रतिशत अधिक है।
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यह संग्रह वित्त वर्ष 2022-23 के प्रत्यक्ष कर के कुल बजट अनुमान का 52.46 प्रतिशत है।
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जहां तक सकल राजस्व संग्रह के संदर्भ में कॉर्पोरेट आयकर (CIT) और व्यक्तिगत आयकर (PIT) की वृद्धि दर का संबंध है, सीआईटी के लिए वृद्धि दर 16.73 प्रतिशत रही है, जबकि पीआईटी (STT सहित) की वृद्धि दर 32.30 प्रतिशत दर्ज की गयी है।
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रिफंड के समायोजन के बाद, सीआईटी संग्रह में शुद्ध वृद्धि 16.29 प्रतिशत रही है और पीआईटी संग्रह में शुद्ध वृद्धि 17.35 प्रतिशत (केवल PIT) / 16.25 प्रतिशत (STT सहित PIT) है।
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1 अप्रैल, 2022 से 8 अक्टूबर, 2022 की अवधि के दौरान 1.53 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड की तुलना में 81.0 प्रतिशत अधिक है।
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09 अक्टूबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 06 अक्टूबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें। सम्बंधित लिंक्स:
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