विषयसूची:
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1.प्रधानमंत्री पहले राष्ट्रीय प्रशिक्षण सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे
सामान्य अध्ययन-2
शासन-प्रणाली:
विषय: लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका
प्रारंभिक परीक्षा: मिशन कर्मयोगी के बारे में
संदर्भ:
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन केंद्र, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में पहले राष्ट्रीय प्रशिक्षण सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
विवरण:
- प्रधानमंत्री, प्रशासनिक सेवा के क्षमता निर्माण के माध्यम से, देश में शासन प्रक्रिया और नीति कार्यान्वयन में सुधार के समर्थक रहे हैं। इस विज़न के मार्गदर्शन में, राष्ट्रीय प्रशासनिक सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम (NPCSCB) – ‘मिशन कर्मयोगी’ की शुरुआत की गयी, ताकि सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान के साथ, भविष्य की जरूरतों के अनुरूप प्रशासनिक सेवा तैयार की जा सके।
- यह सम्मेलन इसी दिशा में एक और कदम है।
- देश भर में प्रशासनिक सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण अवसंरचना को मजबूत करने के उद्देश्य से, क्षमता निर्माण आयोग द्वारा राष्ट्रीय प्रशिक्षण सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
- यह सभा विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगी, सामना की जा रही चुनौतियों और उपलब्ध अवसरों की पहचान करेगी तथा क्षमता निर्माण के लिए कार्रवाई योग्य समाधान पेश करेगी और व्यापक रणनीति तैयार करेगी।
- सम्मेलन में आठ पैनल चर्चाएँ होंगी, जिनमें से प्रत्येक प्रशासनिक सेवा प्रशिक्षण संस्थानों से संबंधित प्रमुख विषयों; जैसे संकाय विकास, प्रशिक्षण प्रभाव मूल्यांकन और कंटेंट डिजिटलीकरण आदि पर ध्यान केंद्रित करेगी।
मिशन कर्मयोगी:
- मिशन कर्मयोगी – सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम सिविल सेवकों के लिए एक नई क्षमता निर्माण योजना है, जिसका उद्देश्य भारतीय नौकरशाही में सुधार करना और भविष्य के लिए सिविल सेवकों को तैयार करना है।
- मिशन कर्मयोगी से देश भर में मानव संसाधन प्रबंधन प्रथाओं की गुणवत्ता के मौलिक रूप से बढ़ने की उम्मीद है।
- यह सिविल सेवकों की क्षमता बढ़ाने के लिए अवसंरचना के पैमाने और स्थिति का उपयोग करेगा।
- मिशन के तहत, अधिकारियों को अपने प्रदर्शन को सुधारने का अवसर मिलेगा।
- मिशन का उद्देश्य भविष्य के लिए भारतीय सिविल सेवकों को और अधिक रचनात्मक, कल्पनाशील, नवाचारी, सक्रिय, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर तैयार करना है।
मिशन को कैसे लागू किया जाएगा?
- मिशन का क्रियान्वयन एक ढांचे पर आधारित होगा, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- प्रधानमंत्री की सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद।
- क्षमता विकास आयोग।
- डिजिटल परिसम्पत्तियों के स्वामित्व तथा प्रचालन और ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए प्रौद्योगिकीय प्लेटफार्म हेतु विशेष प्रयोजन कंपनी (SPV)।
- मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता में समन्वयन एकक।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.भारत सरकार ने मणिपुर की राज्यपाल की अध्यक्षता में मणिपुर में शांति समिति का गठन किया:
- भारत सरकार ने मणिपुर की राज्यपाल की अध्यक्षता में मणिपुर में शांति समिति का गठन किया है।
- समिति के सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं।
- समिति में पूर्व सिविल सेवक, शिक्षाविद्, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
- समिति का अधिकार क्षेत्र (mandate) राज्य के विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांति प्रक्रिया को सुगम बनाना होगा, जिसमें शांतिपूर्ण वार्ता और परस्पर विरोधी पक्षों/समूहों के बीच बातचीत शामिल है।
- समिति को सामाजिक समरसता और आपसी समझ मजबूत करने और विभिन्न जातीय समूहों के बीच सौहार्दपूर्ण संचार को सुगम बनाना चाहिए।
- गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री, अमित शाह ने 29 मई 2023 से 1 जून 2023 के दौरान मणिपुर राज्य का दौरा किया था और स्थिति का जायजा लेने के बाद शांति समिति के गठन की घोषणा की थी।
2.न्यूट्री गार्डन प्रोजेक्ट:
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लक्षद्वीप में ‘न्यूट्री गार्डन प्रोजेक्ट’ की सराहना की।
- इस परियोजना का शुभारंभ आत्मनिर्भर भारत के विकास उद्देश्य के फलस्वरूप किया गया है जिसमें 1000 किसानों को सब्जी के बीज उपलब्ध कराए गए हैं।
- इसके अलावा, बैकयार्ड पोल्ट्री स्कीम के तहत 600 रुपये से कम आय वाले लक्षद्वीप परिवारों की महिलाओं को स्वदेशी नस्लों की 7000 मुर्गियां वितरित की गईं।
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