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10 मार्च 2024 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. भारत – ईएफटीए व्यापार एवं आर्थिक साझीदारी समझौता:
  2. एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने राजस्थान सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:
  3. प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना का शुभारंभ किया:
  4. पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन ने कटलैस एक्सप्रेस 2024 में भाग लिया:
  5. ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन-2024’ की शुरुआत:
  6. प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तत्वावधान में बौद्ध विकास योजना के तहत स्वीकृत परियोजनाओं की आधारशिला रखी:
  7. बरेठी सौर ऊर्जा परियोजना:

10 March 2024 Hindi PIB
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1. भारत – ईएफटीए व्यापार एवं आर्थिक साझीदारी समझौता:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

प्रारंभिक परीक्षा: यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन,व्यापार एवं आर्थिक साझीदारी समझौता (टीईपीए)।

मुख्य परीक्षा: भारत – ईएफटीए व्यापार एवं आर्थिक साझीदारी समझौते का भारत के लिए आर्थिक महत्व।

प्रसंग:

  • भारत – यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन ने 10 मार्च, 2024 को एक व्यापार एवं आर्थिक साझीदारी समझौता (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए।

उद्देश्य:

  • टीईपीए एक आधुनिक और महत्वाकांक्षी व्यापार समझौता है। पहली बार, भारत चार विकसित देशों – जो यूरोप में एक महत्वपूर्ण आर्थिक ब्लॉक है – के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर कर रहा है।
  • एफटीए के इतिहास में पहली बार 100 बिलियन डॉलर के निवेश और 1 मिलियन प्रत्यक्ष रोजगार की बाध्यकारी प्रतिबद्धता की गई है।
  • यह समझौता मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगा तथा युवा एवं प्रतिभाशाली श्रमबल को अवसर प्रदान करेगा।
  • यह एफटीए बड़े यूरोपीय तथा वैश्विक बाजारों तक भारतीय निर्यातकों को पहुंच प्रदान करेगा।

विवरण:

  • भारत ईएफटीए देशों, जिनमें स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और लिकटेंस्टीन शामिल हैं, के साथ व्यापार एवं आर्थिक साझीदारी समझौता (टीईपीए) पर काम करता रहा है।
  • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ईएफटीए देशों के साथ टीईपीए पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी है।
  • ईएफटीए अपने चार सदस्य देशों के लाभ के लिए मुक्त व्यापार एवं आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए 1960 में गठित एक अंतर – सरकारी संगठन है।
  • इस समझौते में 14 अध्याय शामिल हैं, जिसमें मुख्य फोकस वस्तुओं से संबंधित बाजार पहुंच, उद्भव के नियमों, व्यापार सुगमीकरण, व्यापार उपचारों, स्वच्छता एवं पादप स्वच्छता उपायों, व्यापार से संबंधित तकनीकी बाधाओं, निवेश संवर्धन, सेवाओं पर बाजार पहुंच, बौद्धिक संपदा अधिकारों, व्यापार एवं सतत विकास तथा अन्य संबंधित कानूनी प्रावधानों पर है।
  • ईएफटीए एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय समूह है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि करने के लिए निरंतर अवसर बढ़ रहे हैं। ईएफटीए यूरोप में तीन (अन्य दो ईयू एवं ब्रिटेन) में से एक महत्वपूर्ण आर्थिक ब्लॉक है।
  • ईएफटीए देशों में से स्विट्जरलैंड भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है जिके बाद नॉर्वे का स्थान आता है।

समझौते की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं :

  • ईएफटीए ने अगले 15 वर्षों में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के स्टॉक को 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने और ऐसे निवेशों के माध्यम से भारत में 1 मिलियन प्रत्यक्ष रोजगार के सृजन की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। निवेश विदेशी पोर्टफोलियो निवेश को कवर नहीं करता है।
  • एफटीए के इतिहास में पहली बार लक्ष्य-उन्मुख निवेश को बढ़ावा देने और रोजगारों के सृजन के बारे में कानूनी प्रतिबद्धता जताई जा रही है।
  • ईएफटीए अपनी 92.2 प्रतिशत टैरिफ लाइनों की पेशकश कर रहा है जो भारत के 99.6 प्रतिशत निर्यात को कवर करता है। ईएफटीए के बाजार पहुंच प्रस्ताव में 100 प्रतिशत गैर-कृषि उत्पाद और प्रसंस्कृत कृषि उत्पाद (पीएपी) पर टैरिफ रियायत शामिल है।
  • भारत अपनी 82.7 प्रतिशत टैरिफ लाइनों की पेशकश कर रहा है जिसमें 95.3 प्रतिशत ईएफटीए निर्यात शामिल है जिसमें से 80 प्रतिशत से अधिक आयात सोना है।
  • सोने पर प्रभावी शुल्क अछूता रहा है। ऑफर बढ़ाते समय फार्मा, चिकित्सा उपकरणों और प्रसंस्कृत खाद्य आदि क्षेत्रों में पीएलआई से संबंधित संवेदनशीलता को ध्यान में रखा गया है।
  • डेयरी, सोया, कोयला और संवेदनशील कृषि उत्पाद जैसे क्षेत्रों को बहिष्करण सूची में रखा गया है।
  • भारत ने ईएफटीए को 105 उप-क्षेत्रों की पेशकश की है और स्विट्जरलैंड से 128, नॉर्वे से 114, लिकटेंस्टीन से 107 और आइसलैंड से 110 उप-क्षेत्रों में प्रतिबद्धताएं हासिल की हैं।
  • टीईपीए हमारी प्रमुख ताकत/रुचि के क्षेत्रों जैसे आईटी सेवाओं, व्यावसायिक सेवाओं, व्यक्तिगत, सांस्कृतिक, खेल और मनोरंजक सेवाओं, अन्य शिक्षा सेवाओं, ऑडियो- विजुअल सेवाओं आदि में हमारी सेवाओं के निर्यात को प्रोत्साहित करेगा।
  • ईएफटीए की सेवाओं की पेशकश में सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी ( मोड 1), वाणिज्यिक उपस्थिति (मोड 3) और प्रमुख कर्मियों के प्रवेश और अस्थायी प्रवास के लिए बेहतर प्रतिबद्धताओं और निश्चितता ( मोड 4 ) के माध्यम से बेहतर पहुंच शामिल है।
  • टीईपीए में नर्सिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट, आर्किटेक्ट आदि जैसी व्यावसायिक सेवाओं में पारस्परिक मान्यता समझौतों के प्रावधान हैं।
  • टीईपीए में बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित प्रतिबद्धताएं ट्रिप्स स्तर पर हैं। स्विट्जरलैंड के साथ आईपीआर अध्याय, जहां आईपीआर के लिए उच्च मानक हैं, हमारी मजबूत आईपीआर व्यवस्था को दर्शाता है।
    • जेनेरिक दवाओं में भारत के हितों और पेटेंट की सदाबहारता (एवरग्रीनिंग) यानी सदाबहार की प्रक्रिया में शामिल पेटेंट कानून और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून के विशिष्ट पहलू, से संबंधित चिंताओं को पूरी तरह से संबोधित किया गया है।
  • भारत सतत विकास, समावेशी विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का संकेत देता है
  • व्यापार प्रक्रियाओं की पारदर्शिता, दक्षता, सरलीकरण, सामंजस्य और स्थिरता को बढ़ावा देता है
  • टीईपीए हमारे निर्यातकों को विशेष इनपुट तक पहुंच को सशक्त बनाएगा और अनुकूल व्यापार और निवेश माहौल तैयार करेगा।
  • इससे भारत में निर्मित वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही सेवा क्षेत्र को अधिक बाजारों तक पहुंचने के अवसर मिलेंगे।
  • टीईपीए यूरोपीय संघ के बाजारों में एकीकृत होने का अवसर प्रदान करता है। स्विट्ज़रलैंड का 40 प्रतिशत से अधिक वैश्विक सेवा निर्यात यूरोपीय संघ को होता है।
  • भारतीय कंपनियां यूरोपीय संघ तक अपनी बाजार पहुंच बढ़ाने के लिए स्विट्जरलैंड को आधार के रूप में देख सकती हैं।
  • टीईपीए बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी, विनिर्माण, मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण, परिवहन और लॉजिस्ट्क्सि, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं और बीमा जैसे क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करके “मेक इन इंडिया” और आत्मनिर्भर भारत को गति देगा।
  • टीईपीए भारत में अगले 15 वर्षों में व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण के लिए बेहतर सुविधाओं सहित भारत के युवा महत्वाकांक्षी कार्यबल के लिए बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष रोजगारों के सृजन में तेजी लाएगा।
    • टीईपीए सटीक इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य विज्ञान, नवीकरणीय ऊर्जा, नवोन्मेषण और अनुसंधान एवं विकास में प्रौद्योगिकी सहयोग और विश्व की अग्रणी प्रौद्योगिकियों तक पहुंच की सुविधा भी प्रदान करता है।

2. एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने राजस्थान सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:

सामान्य अध्ययन: 3

बुनियादी ढांचा:

विषय: बुनियादी ढांचा- ऊर्जा।

मुख्य परीक्षा: भारत में ऊर्जा क्षेत्र का बदलता परिदृश्य।

प्रसंग:

  • एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने 125 मेगावाट क्षमता का लिग्नाइट आधारित बिजली संयंत्र और 1000 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के उद्देश्य से संयुक्त उपक्रम के गठन के लिए राजस्थान सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

उद्देश्य:

  • एनएलसी इंडिया लिमिटेड और आरवीयूएनएल के बीच समझौता ज्ञापन में 7000 करोड़ रुपये से अधिक का बड़ा निवेश शामिल है।
  • इस एमओयू से जुड़ी परियोजनाओं में, बीकानेर जिले में 125 मेगावाट के लिग्नाइट पिट-हेड थर्मल पावर प्लांट और 1000 मेगावाट के बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की रूपरेखा शामिल है, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा पहल के लिए एनएलसीआईएल की प्रतिबद्धता को और मजबूती मिलती है।
  • इसके अतिरिक्त, 810 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए एलओआई पहले ही जारी किया जा चुका है।
  • यह 2030 तक 6 गीगावाट से अधिक नवीकरणीय क्षमता के साथ 17 गीगावाट क्षमता वाली बड़ी बिजली कंपनी बनने की एनएलसी इंडिया की कॉर्पोरेट योजना के अनुरूप है।
  • एमओयू का आदान-प्रदान देश की महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा के अनुरूप है, साथ ही, टिकाऊ और मजबूत ऊर्जा बुनियादी ढांचे के लक्ष्यों की दिशा में एक बड़ा कदम है।

विवरण:

  • कार्यक्रम के दौरान, उत्पादन क्षमता और पारेषण प्रणाली और वित्तपोषण को बढ़ाने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी, पीजीसीआईएल और आरईसी के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए।
  • राजस्थान सरकार द्वारा प्रदान किए गए बुनियादी ढांचे और भूमि संबंधी समर्थन के साथ, हस्ताक्षरित परियोजनाओं के माध्यम से देश की ऊर्जा सुरक्षा को खासी मजबूती मिलेगी।
  • सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) हरित ऊर्जा लिमिटेड (एसजीईएल) ने राजस्थान ऊर्जा विकास और सूचना प्रौद्योगिकी सेवा लिमिटेड (आरयूवीआईटीएल) के साथ 500 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए दीर्घकालिक बिजली उपयोग समझौते (पीयूए) और 100 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौते (पीपीए) पर आज, 10 मार्च, 2024 को जयपुर में हस्ताक्षर किए हैं।
  • बिजली उपयोग समझौता बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना से 500 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए है और बिजली खरीद समझौता (पीपीए) राजस्थान सौर ऊर्जा परियोजना से 100 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए है। दोनों समझौते 25 वर्ष की अवधि के लिए किए गए हैं।

राजस्थान के लिए 500 मेगावाट की आपूर्ति के लिए विद्युत उपयोग समझौता:

  • विद्युत उपयोग समझौते के अंतर्गत, एसजीईएल केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र इकाई योजना के चरण- II (ट्रेंच -3) के अंतर्गत एसजीईएल द्वारा विकसित की जा रही 1,000 मेगावाट की बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना से 2.57 रुपये प्रति यूनिट की दर पर 500 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करेगा।
  • यह परियोजना देश की सबसे बड़ी एकल-स्थान परियोजना है। राजस्थान के बीकानेर में बांदरवाला गांव में विकसित की जा रही 1000 मेगावाट की सौर परियोजना से पहले वर्ष में 2,454.84 मिलियन यूनिट ऊर्जा और 25 वर्षों की अवधि में लगभग 56,474 मिलियन यूनिट की संचयी ऊर्जा उत्पन्न होने की संभावना है।
  • यह परियोजना 5,491 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जा रही है और 30 सितंबर, 2024 तक चालू होने की संभावना है।
  • इस पीयूए पर हस्ताक्षर के साथ, एसजीईएल ने 1,000 मेगावाट की पूरी परियोजना क्षमता का अनुबंध हासिल कर लिया है, जिसमें 200 मेगावाट उत्तर प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) को और 300 मेगावाट जम्मू-कश्मीर ऊर्जा निगम लिमिटेड (जेकेपीसीएल) को आपूर्ति की जाएगी।

राजस्थान को 100 मेगावाट की आपूर्ति के लिए बिजली खरीद समझौता:

  • हस्ताक्षर के गए बिजली खरीद समझौते के अंतर्गत, एसजीईएल प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से एसजीईएल द्वारा प्राप्त परियोजना से 2.62 रुपये प्रति यूनिट की दर पर 100 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति करेगा, जिसके लिए 6 अक्टूबर, 2023 को आरयूवीआईटीएल द्वारा अधिकार पत्र जारी किया गया था।
  • परियोजना से पहले वर्ष में 252 मिलियन यूनिट ऊर्जा और 25 वर्षों की अवधि में 5,866 मिलियन यूनिट की संचयी ऊर्जा उत्पन्न होने की संभावना है।
  • यह परियोजना राजस्थान के नावा में सांभर साल्ट्स लिमिटेड की 387.56 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी, जो 28 साल की अवधि के लिए एसजीईएल के पक्ष में पट्टे पर दी गई है।
  • यह परियोजना 550 करोड़ रुपये की अस्थायी लागत पर निर्माण, स्वामित्व और संचालन (बीओओ) के आधार पर विकसित की जाएगी।
  • 600 मेगावाट सौर ऊर्जा की संचयी आपूर्ति के लिए दीर्घकालिक बिजली उपयोग समझौते और दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौते पर राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
  • सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) लिमिटेड, भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अनर्गत एक मिनी रत्न-श्रेणी-I और अनुसूची-‘ए’ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम ने 24 मई, 1988 को भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार के एक संयुक्त उद्यम के रूप में अपनी यात्रा शुरू की थी।
  • एक सूचीबद्ध इकाई, सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) ने कुल 2,377 मेगावाट की स्थापित क्षमता और 123 किलोमीटर पारेषण लाइनों की तेरह परियोजनाएं शुरू की हैं।
  • सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) ने ऊर्जा के लगभग सभी स्वरूपों, जैसे जल विद्युत, ताप विद्युत, पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, विद्युत व्यापार और पारेषण में विविधता प्रदान की है।
  • भविष्य को ध्यान में रखते हुए, सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 25,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता और वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साझा दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ना है।
  • यह साझा दृष्टिकोण सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप तैयार किया गया है। भारत वर्ष 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत बिजली की क्षमता गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त करेगा।

एनटीपीसी और आरवीयूएनएल के बीच समझौता ज्ञापन:

  • एनटीपीसी और आरवीयूएनएल के बीच हस्‍ताक्षरित यह समझौता ज्ञापन मौजूदा छाबड़ा ताप विद्युत संयंत्र में सुपरक्रिटिकल इकाइयों को जोड़ने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए है।
  • इसके अलावा, दोनों पक्षों का लक्ष्य इस संयंत्र की मौजूदा इकाइयों की कुशलता बढ़ाने और बिजली उत्पादन लागत को कम करने के उपायों को लागू करना है।
  • इस समझौता ज्ञापन में एनटीपीसी या उसके सहयोगियों द्वारा आरवीयूएनएल की पुरानी ताप विद्युत इकाइयों के 15 वर्ष से 20 वर्षों के लिए एन्‍युटी आधारित नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण (आरएंडएम) भी शामिल है।

एनजीईएल और आरवीयूएनएल के बीच समझौता ज्ञापन:

  • एनटीपीसी की नवीकरणीय ऊर्जा इकाई एनजीईएल और आरवीयूएनएल के बीच समझौता ज्ञापन राजस्थान में 25 गीगावॉट तक क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास और ग्रीन हाइड्रोजन डेरिवेटिव में 10 लाख टन तक क्षमता विकास के लिए है।
  • राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा की मौजूदगी में मुख्यमंत्री कार्यालय में इन दोनों समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
  • एनटीपीसी लिमिटेड 75 गीगावॉट से अधिक स्थापित क्षमता के साथ भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली उत्‍पादन करने वाली कंपनी है। वह भारत की कुल बिजली मांग को पूरा करने में 25 प्रतिशत का योगदान देती है। एनटीपीसी वर्ष 2032 तक 60 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के साथ अपनी गैर-जीवाश्म आधारित क्षमता को कंपनी के कुल 130 गीगावॉट के पोर्टफोलियो में 45 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक विस्तारित करना चाहता है।

एनटीपीसी और आरवीयूएनएल के बीच समझौता ज्ञापन:

  • एनटीपीसी और उसकी नवीकरणीय ऊर्जा इकाई एनजीईएल ने यानी 10 मार्च 2024 को जयपुर में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरवीयूएनएल) के साथ एक गैर-बाध्यकारी समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
  • एनटीपीसी और आरवीयूएनएल के बीच हस्‍ताक्षरित यह समझौता ज्ञापन मौजूदा छाबड़ा ताप विद्युत संयंत्र में सुपरक्रिटिकल इकाइयों को जोड़ने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए है।
  • इसके अलावा, दोनों पक्षों का लक्ष्य इस संयंत्र की मौजूदा इकाइयों की कुशलता बढ़ाने और बिजली उत्पादन लागत को कम करने के उपायों को लागू करना है।
  • इस समझौता ज्ञापन में एनटीपीसी या उसके सहयोगियों द्वारा आरवीयूएनएल की पुरानी ताप विद्युत इकाइयों के 15 वर्ष से 20 वर्षों के लिए एन्‍युटी आधारित नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण (आरएंडएम) भी शामिल है।

एनजीईएल और आरवीयूएनएल के बीच समझौता ज्ञापन

  • एनटीपीसी की नवीकरणीय ऊर्जा इकाई एनजीईएल और आरवीयूएनएल के बीच समझौता ज्ञापन राजस्थान में 25 गीगावॉट तक क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास और ग्रीन हाइड्रोजन डेरिवेटिव में 10 लाख टन तक क्षमता विकास के लिए है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना का शुभारंभ किया:

  • छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 10 मार्च 2024 को महतारी वंदना योजना शुरू की और योजना के तहत पहली किश्त का वितरण किया।
  • यह योजना राज्य की पात्र विवाहित महिलाओं को मासिक मासिक प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के रूप में 1000 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ में शुरू की गई है।
  • योजना के तहत महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करने, उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने, स्त्री-पुरुष समानता को बढ़ावा देने और परिवार में महिलाओं की निर्णायक भूमिका को सुदृढ़ करने के लिए इसकी परिकल्पना की गई है।
  • यह योजना राज्य की सभी पात्र विवाहित महिलाओं को लाभ प्रदान करेगी जिनकी आयु 1 जनवरी 2024 तक 21 वर्ष से अधिक है। विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्त महिलाएं भी इस योजना के लिए पात्र होंगी। योजना से लगभग 70 लाख महिलाएं लाभान्वित होंगी।
  • सरकार ने महतारी वंदना योजना की पहली किश्त कुल 655 करोड़ रुपये का वितरण किया है।

2. पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन ने कटलैस एक्सप्रेस 2024 में भाग लिया:

  • पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन (1टीएस) के प्रमुख जहाज आईएनएस तीर ने 26 फरवरी से 08 मार्च 2024 तक सेशेल्स के पोर्टविक्टोरिया में आयोजित अभ्यास कटलैसएक्सप्रेस – 24 (सीई – 24) में भाग लिया।
    • इस अभ्यास का उद्घाटन सेशेल्स के राष्ट्रपति ने भारत, अमेरिका और अफ्रीकी देशों के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया।
    • भारतीय नौसेना कटलैस एक्सप्रेस के हिस्से के रूप में 16 मित्रवत देशों के प्रतिभागियों के साथ सक्रियता के साथ जुड़ रही है।
    • समुद्री निषेधाज्ञा संचालन, विजिट बोर्ड खोज और जब्ती प्रक्रियाओं तथा गोताखोरी संचालन के सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक पहलुओं पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया था।
    • समुद्री चरण के दौरान, भारतीय पोत की वीबीएसएस टीम सेशेल्सतटरक्षक बल (एससीजी) के जहाज एलईविजिलेंट पर पहुंची और बोर्डिंगऑपरेशन की गतिविधियों का प्रदर्शन किया।
    • भारतीय गोताखोरों ने अमेरिका तथा सेशेल्स के गोताखोरों के साथ सप्ताह भर के कठोर प्रशिक्षण के बाद संयुक्त गोताखोरी अभियान संचालित किया।
    • जहाज ने अमेरिकी नौसेना के छठे बेड़े के उप कमांडर रियर एडमिरल केल्विनएमफोस्टर की मेजबानी की, जिन्होंने भारतीय नौसेना द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए समुद्री सहयोग और समुद्री क्षेत्र में साझा प्रतिबद्धता के महत्व पर अपने विचार साझा किए।
    • इस अभ्यास का समापन 08 मार्च 2024 को सेशेल्स रक्षा अकादमी, इलेपर्सिवरेंस में आयोजित अंतिम समारोह में हुआ। भारतीय नौसेना साल 2019 से इस अभ्यास में भाग ले रही है।
  • इससे पहले आईएनएस तीर ने 01 से 03 मार्च 2024 तक सेशेल्स तट रक्षक के साथ संयुक्त ईईजेड निगरानी अभियान में भाग लिया था।
    • सेशेल्स में आईएनएस तीर के प्रवास के दौरान, लंबी दूरी की प्रशिक्षण तैनाती के हिस्से के रूप में, सेशेल्स रक्षा बलों के साथ पेशेवर आदान-प्रदान, क्रॉसडेक दौरे और मैत्रीपूर्ण खेल आयोजन जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए।
    • भारतीय नौसेना के बैंड ने पोर्टविक्टोरिया में राष्ट्रीय संग्रहालय पर प्रदर्शन किया और वहां बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
    • इसके अलावा, एक परोपकारी कार्यक्रम भी शुरू किया गया है, जिसके तहत बुजुर्गों के लिए खाने-पीने की चीजें और अन्य सामान दान किए गए।
  • पोर्टकॉल के दौरान, वरिष्ठ अधिकारी, पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन, कैप्टन अंशुल किशोर ने नामित मंत्री श्री सिल्वेस्ट्रेराडेगोंडे, सेशेल्स के विदेश मामलों और पर्यटन मंत्री, ब्रिगेडियरमाइकलरोसेट, रक्षा बलों के प्रमुख – सेशेल्स रक्षा बल और सेशेल्स में भारत के उच्चायुक्त श्री कार्तिक पांडे से शिष्टाचार मुलाकात की।
  • सद्भावना के प्रतीक और सहयोग के रूप में भारत के युद्धपोत ने क्षमता निर्माण के लिए एससीजी जहाजों एवं विमानों के लिए उपकरण व घटक सौंपे।
  • सेशेल्स में आईएनएस तीर की मौजूदा तैनाती और अभ्यास कटलैसएक्सप्रेस में भागीदारी संयुक्त प्रशिक्षण एवं सहभागिता को बढ़ावा देने तथा मित्रता के सेतु के निर्माण की दिशा में भारतीय नौसेना व क्षेत्रीय नौसेनाओं के बीच घनिष्ठ संबंधों को उजागर करती है।

3. ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन-2024’ की शुरुआत:

  • केंद्रीय जल मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 09 मार्च, 2024 को नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में “जल शक्ति अभियान: कैच द रेन” अभियान के पांचवें संस्करण का शुभारंभ किया।
  • “नारी शक्ति से जल शक्ति” थीम वाले इस अभियान में जल संरक्षण एवं प्रबंधन में महिलाओं की अभिन्न भूमिका पर बल दिया गया है।
    • यह अभियान पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सहयोग से राष्ट्रीय जल मिशन, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प विभाग के अंतर्गत आता है।
  • ‘जेएसए: सीटीआर-2024’ (“जल शक्ति अभियान: कैच द रेन” ) जल संरक्षण एवं सतत विकास के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है और इन प्रयासों में ‘नारी शक्ति’अग्रणी भूमिका निभा रही है।
  • इस अभियान के केंद्रित मध्यवर्तनों में (1) जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन, (2) सभी जल निकायों की गणना, भू-टैगिंग एवं सूची तैयार करना; जल संरक्षण के लिए वैज्ञानिक योजनाएं बनाना, (3) सभी जिलों में जल शक्ति केंद्रों की स्थापना, (4) सघन वनीकरण और (5) जागरूकता सृजनशामिल हैं।
  • इन मध्यवर्तनों के अलावा ‘जेएसए: सीटीआर 2024’ में इस वर्ष निम्नलिखित प्रमुख विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा(i) जल निकायों से गाद निकालना और उनकी सफाई, (ii) भूजल रिचार्ज के लिए त्यागे हुए/निष्क्रिय बोरवेलों का पुनरूद्धार,(iii) राज्य के राजस्व रिकॉर्ड की सावधानीपूर्वक मैपिंग एवं नियमित अपडेट के साथ जल निकायों की जियो-टैगिंग, (iv) जल निकायों के जलग्रहण क्षेत्रों में सघन वनीकरण करना,(v) जल संरक्षण के लिए लद्दाख में स्तूपों जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फ का संचयन और(vi) छोटी नदियों का कायाकल्प।
  • जल शक्ति मंत्रालय ने पूरे देश में जल संरक्षण के काम में तेजी लाने के लिए जन भागीदारी द्वारा जमीनी स्तर पर जल संरक्षण शुरू करने के लिए 2019 में जल शक्ति अभियान को ‘जन आंदोलन’बनाया।
    • कोविड-19 महामारी के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों के कारण 2020 में जेएसएको लागू नहीं किया जा सका और जल शक्ति मंत्रालय ने ‘कैच द रेन’ (सीटीआर) अभियान शुरू किया।
    • 2021 में जब से इसने “जल शक्ति अभियान: कैच द रेन” अभियान शुरू किया है, तब से पूरे देश के सभी जिलों (ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों) के सभी ब्लॉकों को कवर करने वाली इसकी एक वार्षिक विशेषता बन गई है।
    • “जल शक्ति अभियान: कैच द रेन-2024” जेएसए: सीटीआरश्रृंखला का पांचवां संस्करण है जिसे 09 मार्च, 2024 से 30 नवंबर, 2024 तक लागू किया जाएगा।

4. प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तत्वावधान में बौद्ध विकास योजना के तहत स्वीकृत परियोजनाओं की आधारशिला रखी:

  • केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य और महिला एवं बाल विकास मंत्री, श्रीमती स्मृति इरानी ने वर्चुअल मंच के माध्यम से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तत्वावधान में बौद्ध विकास योजना के तहत 225 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत वाली स्वीकृत परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
  • वर्तमान सरकार की ‘विरासत के साथ विकास’ और ‘विरासत का सम्मान’ की अवधारणा के अनुरूप इस अवसर पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने शैक्षणिक सहयोग, अनुसंधान को प्रोत्साहन देने, भाषा के संरक्षण, प्रतिलेखों के अनुवाद और बौद्ध समुदाय के कौशल उन्नयन के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज इन बौद्ध स्टडीज को मजबूती प्रदान करने के लिए 30 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की।
  • ‘विकसित भारत’ के उद्देश्य के अनुरूप मंत्री ने इच्छा व्यक्त की कि केंद्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान (सीआईबीएस), दिल्ली विश्वविद्यालय के बौद्ध सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज इन बौद्ध स्टडीज और अन्य प्रमुख संस्थानों को एकीकृत विकास के लिए मिलकर सहयोग करना चाहिए।
  • जिससे बौद्ध सांस्कृतिक विरासत और ज्ञान का संरक्षण किया जा सके साथ ही उन्हें आधुनिक शिक्षा दी जा सके।
  • अल्पसंख्यकों के विकास की दिशा में एक अन्य कदम उठाते हुए “संपूर्ण सरकार” दृष्टिकोण के अनुरूप प्राथमिक रूप से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और राज्यों के दूर-दराज के सीमावर्ती क्षेत्रों में बौद्ध समुदायों पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य इन क्षेत्रों में बौद्ध युवाओं के लिए आधुनिक शिक्षा और पेशेवर/व्यावसायिक और कौशल विकास पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त प्रावधान के साथ पारंपरिक धार्मिक शिक्षा को धर्मनिरपेक्ष बनाना है।
  • इनके विकास के लिए केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय एक कार्यक्रम संबंधी योजना “बौद्ध विकास योजना (बीडीपी)” लेकर आया है।
  • यह कार्यक्रम मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके), प्रधानमंत्री-विकास, छात्रवृत्ति के साथ-साथ राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम (एनएमडीएफसी) द्वारा संचालित कार्यक्रमों और योजनाओं व अन्य मंत्रालयों में प्रासंगिक कार्यक्रमों को एकीकृत करके कार्यान्वित किया जाएगा।
  • इस कार्यक्रम में जागरूकता अभियानों के प्रावधान शामिल हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह योजनाएं और कार्यक्रम उल्लिखित पांच राज्यों में बौद्ध समुदायों की पहुंच के भीतर हैं।

5. बरेठी सौर ऊर्जा परियोजना:

  • केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने 10 मार्च 2024 को मध्य प्रदेश में एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (आरईएल) की 630 मेगावाट बरेठी सौर ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखी I
  • मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बरेठी नवीकरणीय ऊर्जा पार्क में स्थित, 630 मेगावाट की सौर परियोजना में 3,200 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है और पूरा होने पर यह 3 लाख से अधिक घरों को प्रकाशमान करने के लिए पर्याप्त होगा।
  • इसे नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की अति विशाल (अल्ट्रा मेगा) नवीकरणीय ऊर्जा पावर पार्क योजना के मोड-8 के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है।
  • इस परियोजना के चालू होने से न केवल ग्रिड को हरित बिजली की आपूर्ति होगी, बल्कि लोगों को सस्ती बिजली भी सुनिश्चित होगी।
  • इस बीच, परियोजना के निर्माण से क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने में भी सहायता मिल रही है।
  • सतत विद्युत् उत्पादन की दिशा में एक कदम के रूप में यह परियोजना प्रति वर्ष 12 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करेगी, जिससे देश को अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं और हरित ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
  • एनटीपीसी लिमिटेड 75 गीगावॉट से अधिक स्थापित क्षमता के साथ भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली उपयोगिता (पॉवर यूटिलिटी) है जो भारत में कुल बिजली मांग का 25% योगदान देती है।
  • वर्ष 2032 तक, एनटीपीसी अपनी गैर-जीवाश्म-आधारित क्षमता (नॉन-फ़ॉसिल बेस्ड कैपेसिटी) को कंपनी के 130 गीगावॉट के निवेश (पोर्टफोलियो) के 45% -50% तक विस्तारित करना चाहता है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा की 60 गीगावॉट क्षमता शामिल होगी।

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