विषयसूची:
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1.केंद्रीय मंत्री ने हरित पत्तन दिशानिर्देश 2023 ‘हरित सागर’ का शुभारंभ किया:
सामान्य अध्ययन: 3
बुनियादी ढांचा:
विषय: बुनियादी ढांचा: बंदरगाह।
मुख्य परीक्षा:हरित पत्तन दिशानिर्देश 2023 ‘हरित सागर’ के महत्व पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय द्वारा जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने के व्यापक दृष्टिकोण को पूरा करने के उद्देश्य से हरित पत्तन दिशानिर्देश 2023 ‘हरित सागर’ का शुभारंभ किया गया।
उद्देश्य:
- ‘हरित सागर दिशानिर्देश 2023’ पत्तन विकास, संचालन और रखरखाव में इकोसिस्टम के साथ कार्य कुशलता बढ़ाने की परिकल्पना पर आधारित है।
- इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य पर्यावरणीय प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर बंदरगाह संचालन से शून्य अपशिष्ट निर्वहन प्राप्त करने और निगरानी को बढ़ावा देने के लिए अपशिष्ट को न्यूनतम करना, पुनः चक्रित करना, पुनरावृत्ति करना और दोबारा इस्तेमाल में लाना है।
- इसमें बंदरगाहों से संबंधित राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के प्रमुख बिंदु, हरित हाइड्रोजन सुविधा का विकास, एलएनजी का भंडारण, तटीय पवन ऊर्जा का उपयोग आदि शामिल हैं और ग्रीन रिपोर्टिंग इनीशिएटिव (जीआरआई) मानक अपनाने के लिए अवसर प्रदान करता है।
विवरण:
- हरित सागर दिशानिर्देश- 2023 ‘प्रकृति के साथ कार्य करने’ की अवधारणा के साथ स्वयं को आगे बढ़ाते हुए और पोर्ट इकोसिस्टम के जैविक घटकों पर प्रभाव को कम करने की भावना के साथ बंदरगाह के विकास, संचालन व रखरखाव में इकोसिस्टम की कार्य क्षमता बढ़ाने की परिकल्पना करता है।
- यह पहल पत्तन संचालन में स्वच्छ/हरित ऊर्जा के उपयोग, भंडारण के लिए बंदरगाह क्षमता विकसित करने, हरित ईंधनों जैसे ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया, ग्रीन मेथनॉल/इथेनॉल इत्यादि के कुशल प्रबंधन और सुरक्षित इस्तेमाल करने पर जोर देता है।
- ये दिशानिर्देश प्रमुख बंदरगाहों के लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार करने के लक्ष्य के साथ एक रूपरेखा प्रदान करते हैं, जो निर्धारित समयसीमा में कार्बन उत्सर्जन की मात्रा में कमी लाने के संदर्भ में लक्षित परिणामों को प्राप्त करने के उद्देश्य से हरित गतिविधियों पर केंद्रित योजना कार्यान्वयन तथा करीबी निगरानी के माध्यम से और अधिक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए अवसर लेकर आते हैं।
- “हरित सागर” दिशानिर्देश -2023 हमारे प्रमुख पत्तनों के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करते हैं, जो उन्हें निर्धारित समयसीमा में कार्बन उत्सर्जन में मात्रात्मक कमी प्राप्त करने के उद्देश्य से एक व्यापक कार्य योजना बनाने के लिए सशक्त करते हैं।
- हरित सागर ग्रीन पोर्ट गाइडलाइंस का शुभारंभ हमारे सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- ये दिशानिर्देश हमारे सभी बंदरगाहों पर पर्यावरण के अनुकूल कार्य प्रणालियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं।
- प्रमुख बंदरगाहों को वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान उनके परिचालन और वित्तीय मापदंडों पर सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए।
- उच्चतम वृद्धिशील सुधार दर्ज करने वाले बंदरगाहों को भी सम्मानित किया गया और उन्हें साल 2022-23 के दौरान उनके समग्र प्रदर्शन के आधार पर रैंक दी गई।
- मुख्य बंदरगाहों के बीच उचित एवं स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव उत्पन्न करने और उन्हें आने वाले वर्ष में बेहतर तथा समुचित प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करने का विचार का विस्तार किया गया है।
- वर्ष 2022-23 के लिए सर्वश्रेष्ठ पूर्ण प्रदर्शन का पुरस्कार 137.56 एमएमटी के उच्चतम कार्गो का प्रबंधन करने के लिए कांडला के दीनदयाल पोर्ट को दिया गया है।
- जवाहरलाल नेहरू पोर्ट को टर्न अराउंड टाइम में प्रमुख मील का पत्थर स्थापित करने के लिए पुरस्कार मिला है।
- पारादीप पोर्ट को शिप बर्थ डे आउटपुट पर बेहतर प्रदर्शन का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। कामराजर पोर्ट को प्री-बर्थिंग डिटेंशन टाइम में सफलता मिली है, जबकि कोचीन पोर्ट को टर्न-अराउंड-टाइम (नॉन-कंटेनर पोर्ट) में बेहतर कार्य निष्पादन की ट्रॉफी दी गई है।
- पिछले वर्ष 16.56% की उच्चतम कार्गो वृद्धि दर प्राप्त करने के लिए पारादीप पोर्ट द्वारा सर्वश्रेष्ठ वृद्धिशील प्रदर्शन का पुरस्कार प्रदान किया गया।
- बढ़ोतरी वाली श्रेणी में मोरमुगाओ पोर्ट को सर्वश्रेष्ठ शिप बर्थ डे आउटपुट के लिए एक और पुरस्कार दिया गया है, जबकि कामराजार पोर्ट को सर्वश्रेष्ठ प्री-बर्थिंग डिटेंशन टाइम के लिए सम्मानित किया गया है।
- कार्गो हैंडलिंग, एवरेज टर्नअराउंड टाइम, शिप बर्थडे आउटपुट और आइडल टाइम एट बर्थ, ऑपरेटिंग रेशियो, प्री बर्थिंग डिटेंशन के आधार पर समग्र वार्षिक प्रदर्शन के आधार पर पारादीप पोर्ट को सर्वश्रेष्ठ बंदरगाह का पुरस्कार प्रदान किया गया है।
2. भारत-थाई समन्वित गश्ती (कॉर्पैट) का 35वां संस्करण:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: इंडो-थाई CORPAT
प्रसंग:
- भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना के बीच भारत-थाईलैंड समन्वित गश्ती (इंडो-थाई CORPAT) का 35वां संस्करण 03 से 10 मई 2023 तक आयोजित किया गया था।
उद्देश्य:
- भारतीय नौसेना जहाज (INS) केसरी, एक स्वदेशी रूप से निर्मित LST (L) और हिज़ थाई मैजेस्टीज़ शिप (HTMS) सैबुरी, एक चाओ फ्राया क्लास फ्रिगेट, दोनों नौसेनाओं के समुद्री गश्ती विमानों के साथ अंडमान सागर में IMBL के साथ CORPAT में भाग लिया।
- दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों को मजबूत करने और हिंद महासागर के इस महत्वपूर्ण हिस्से को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए सुरक्षित रखने के उद्देश्य से, भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना 2005 से अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के साथ द्वि-वार्षिक CORPAT कर रहे हैं।
विवरण:
- CORPAT नौसेनाओं के बीच समझ और अंतर-क्षमता का निर्माण करता है और गैर-कानूनी गैर-नियमित अनियमित (IUU) मत्स्ययन, मादक पदार्थों की तस्करी, चोरी और सशस्त्र डकैती जैसी गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने और दबाने के लिए उपाय करने की सुविधा प्रदान करता है।
- यह आगे चलकर तस्करी, और अवैध आप्रवासन की रोकथाम और समुद्र में खोज और बचाव (एसएआर) अभियानों के संचालन के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान करके परिचालन तालमेल को बढ़ाने में मदद करता है।
- भारत सरकार के ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के दृष्टिकोण के तहत, भारतीय नौसेना क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है।
- यह द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास, समन्वित गश्ती, संयुक्त ईईजेड निगरानी, और मानवीय सहायता और आपदा राहत (HDR) संचालन के माध्यम से हासिल किया गया है।
- भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना के बीच करीबी और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, जिसमें गतिविधियों और बातचीत का एक व्यापक स्पेक्ट्रम शामिल है, जो पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुआ है।
- 35वां इंडो-थाई कॉर्पेट अंतर-संचालनीयता को मजबूत करने और भारत और थाईलैंड के बीच दोस्ती के मजबूत बंधन को मजबूत करने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों को बढ़ाने की दिशा में एक और कदम है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण-II के अंतर्गत 50 प्रतिशत गांव अब खुले में शौच मुक्त:
- स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएम-जी) के अंतर्गत देश ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
- अब देश के कुल गांवों में से आधे गांवों (50 प्रतिशत) ने मिशन के दूसरे चरण के अंतर्गत ने खुले में शौच मुक्त (स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण) का दर्जा हासिल कर लिया है।
- खुले में शौच मुक्त गांव के अंतर्गत वे ग्रामीण क्षेत्र आते हैं जहां ठोस या तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को लागू करने के साथ-साथ अपनी खुले में शौच मुक्त स्थिति को बनाए रखा है।
- अब तक 2.96 लाख से अधिक गांवों ने स्वयं को खुले में शौच मुक्त घोषित किया है।
- यह 2024-25 तक एसबीएम-जी चरण-II लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- खुले में शौच मुक्त गांवों के प्रतिशत की दृष्टि से श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं – तेलंगाना (शत-प्रतिशत), कर्नाटक (99.5 प्रतिशत), तमिलनाडु (97.8 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश (95.2 प्रतिशत) और गोवा (95.3 प्रतिशत) और छोटे राज्यों में सिक्किम (69.2 प्रतिशत) हैं।
- केंद्रशासित प्रदेशों में – अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा नगर हवेली और दमन दीव और लक्षद्वीप में शत- प्रतिशत खुले में शौच मुक्त आदर्श गांव हैं।
- इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने खुले में शौच मुक्त का दर्जा हासिल करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है और यह उपलब्धि हासिल करने में उनके प्रयासों की प्रमुख भूमिका रही है।
- खुले में शौच मुक्त मॉडल गांव वह है जो खुले में शौच मुक्त स्थिति को बनाए हुए है और इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों की व्यवस्था है।
- वर्ष 2014-15 और 2021-22 के बीच, केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण को कुल 83,938 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
- वर्ष 2023 में 24 52,137 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) निधियों के अतिरिक्त स्वच्छता के लिए 15वें वित्त आयोग की निधियों ने स्पष्ट रूप से अगल आवंटन किया है।
- इन निधियों का उपयोग स्वच्छता संपत्तियों के निर्माण, व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने और ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को लागू करने के लिए किया गया है।
- इस साल स्वच्छ भारत मिशन के 9 साल पूरे हो गए हैं।
- खुले में शौच मुक्त गांवों ने 50 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की है यह स्वच्छता के क्षेत्र महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
- यह सिर्फ शौचालयों के निर्माण और उपयोग से आगे बढ़कर पूर्ण और पूर्ण स्वच्छता यानी खुले में शौच मुक्त से, खुले में शौच मुक्त प्लस तक जा रहा है।
- खुले में शौच मुक्त स्थिति स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण-ग्रामीण, ठोस (जैव-निम्नीकरणीय) अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (पीडब्ल्यूएम), तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एलडब्ल्यूएम), मल कीचड़ प्रबंधन (एफएसएम), गोबरधन, सूचना शिक्षा और संचार/व्यवहार परिवर्तन संचार (आईईसी/बीसीसी) और क्षमता निर्माण स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के चरण-II के प्रमुख घटक हैं।
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) कार्यक्रम देश भर में लाखों लोगों के स्वास्थ्य और रहन-सहन को बेहतर बनाने में सहायक रहा है।
- पिछले कुछ वर्षों में आई कई रिपोर्टों में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) कार्यक्रम के प्रभाव की प्रशंसा की गई है।
2.व्यापार और निवेश पर छठवें भारत-कनाडा मंत्रिस्तरीय संवाद का संयुक्त घोषणापत्र:
- भारत और कनाडा ने आठ मई, 2023 को ओटावा में व्यापार और निवेश (एमडीटीआई) पर छठे मंत्रिस्तरीय संवाद का आयोजन किया।
- दोनों देशों के मंत्रियों ने भारत और कनाडा के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों की ठोस आधारशिला रखे जाने पर जोर दिया और द्विपक्षीय संबंधों व आर्थिक साझेदारी को गहरा करने के महत्त्वपूर्ण अवसरों पर गौर किया।
- दोनों मंत्रियों ने भारत की अध्यक्षता में इस वर्ष भारत में आयोजित जी-20 की विभिन्न बैठकों में हो रही महत्त्वपूर्ण चर्चाओं का उल्लेख किया।
- इस संदर्भ में, कनाडा ने भविष्य की वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की भूमिका का उल्लेख किया और भारत में जी-20 कार्यक्रमों में अब तक मिली सफलताओं पर भारत सरकार और भारतीय व्यापार संगठनों को बधाई दी।
- कनाडा की समृद्धि, सुरक्षा और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने की क्षमता के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र के महत्त्व को स्वीकारते हुये कनाडा की मंत्री सुश्री एन्ग ने कनाडा की हिंद-प्रशांत रणनीति को शुरू करने का उल्लेख किया और क्षेत्र में भारत की अहमियत का हवाला दिया।
- दोनों मंत्रियों ने कोविड महामारी की चुनौतियों और यूक्रेन में युद्ध के कारण उत्पन्न मुश्किलों के बावजूद द्विपक्षीय व्यापार के लचीलेपन का उल्लेख किया।
- उल्लेखनीय है कि 2022 में कनाडा-भारत द्विपक्षीय व्यापार लगभग 12 अरब कनेडियन डॉलर तक पहुंच गया, जो इसके पिछले वर्ष की तुलना में 57 प्रतिशत अधिक है।
- दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में सेवा क्षेत्र के योगदान को भी रेखांकित किया और द्विपक्षीय सेवा व्यापार को बढ़ाने की महत्वपूर्ण क्षमता का उल्लेख किया जो 2022 में 8.9 अरब कनेडियन डॉलर थी।
- दोनों मंत्रियों ने दविपक्षीय निवेश की महत्वपूर्ण वृद्धि और आर्थिक और व्यापार संबंधों को गहरा करने में उनके योगदान को स्वीकार किया, व्यापार विकास को सुविधाजनक बनाने और निवेश को आकर्षित करने के लिए दोनों देशों द्वारा किए गए सुधारों की सराहना की।
- दोनों मंत्रियों ने कहा कि भारत और कनाडा की व्यापार संबंधी शक्ति एक-दूसरे की पूरक है और वस्तुओं व सेवाओं दोनों के व्यापार के लिए वास्तविक संभावनाएं मौजूद हैं।
- इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए दोनों मंत्रियों ने कृषि वस्तुओं, रसायनों, हरित प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे, ऑटोमोटिव, स्वच्छ ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और खनिज एवं धातुओं जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने और साझेदारी करके दोनों देशों के बीच व्यावसायिक संबंधों को बढ़ावा देने की अपील की।
- भारत और कनाडा के बीच व्यापार और निवेश प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए नए बड़े अवसर पैदा करने को एक व्यापक व्यापार समझौते की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए, दोनों मंत्रियों ने 2022 में औपचारिक रूप से भारत-कनाडा व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) वार्ता को फिर से शुरू किया था।
- उस लक्ष्य की प्राप्ति में सीईपीए की दिशा में आगे बढ़ने के लिये प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौते (ईपीटीए) पर बातचीत चल रही है।
- आशा है कि 2023 के अंतिम महीनों में भारत और कनाडा के बीच इस सहयोग को समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
- दोनों मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच पेशेवरों और कुशल श्रमिकों, छात्रों और व्यापार यात्रियों की महत्वपूर्ण आवाजाही और द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी को बढ़ाने में इसके अपार योगदान का उल्लेख किया।
- इस संदर्भ में, प्रवास और गतिशीलता के क्षेत्र में चर्चा बढ़ाने की इच्छा का उल्लेख किया।
- दोनों पक्षों ने तय प्रणाली के माध्यम से द्विपक्षीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को गहरा और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।
- इसके अलावा, कनाडा की हिंद-प्रशांत रणनीति के अनुसार, औद्योगिक अनुसंधान और विकास साझेदारी का समर्थन करने के लिए और निवेश किया जाएगा।
- विदेशी विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों की सुविधा के लिए भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में की गई घोषणा के अनुरूप, भारत ने शीर्ष कनाडाई विश्वविद्यालयों को भारत में अपने परिसर स्थापित करने के लिए भी आमंत्रित किया।
- दोनों मंत्रियों ने उल्लेख किया कि भारत और कनाडा 2022 में एक विस्तारित हवाई सेवा समझौते पर सहमत हुए थे।
- यह सहमति दोनों देशों की एयरलाइंस द्वारा बढ़ी हुई वाणिज्यिक उड़ानों के माध्यम से लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाती है।
- दोनों मंत्रियों ने विश्व व्यापार संगठन द्वारा निहित नियम-आधारित, पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण, खुली और समावेशी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और इसे और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की।
- दोनों मंत्रियों ने भारत और कनाडा के बीच व्यापार और निवेश संबंधों की पूर्ण क्षमता का दोहन करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में संपर्क बनाने और सहयोग को मजबूत करने पर बल दिया।
- यह सहयोग नियमित वार्षिक कार्य योजना की रिपोर्ट पर आधारित होगा। इसके अलावा इसे लगातार गति प्रदान करने के लिए आपसी संपर्क पर भी सहमति जताई।
3.रक्षा उत्पादन विभाग ने क्वालिटी एश्योरेंस शुल्क समाप्त किया:
- सुधारों को प्रोत्साहित करने तथा व्यापार करने में सहजता लाने के महत्वपूर्ण कदम के रूप में रक्षा उत्पादन विभाग ने निर्यात के लिए बने स्टोरों के लिए अपने प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत क्वालिटी एश्योरेंस (एक्यू) एजेंसियों द्वारा लगाए गए क्वालिटी एश्योरेंस (एक्यू) शुल्क को माफ कर दिया है। यह उद्योग अनुकूल पहल रक्षा उत्पादों को वैश्विक बाजार में लागत स्पर्धी बनाएगी।
- रक्षा मंत्रालय भारतीय रक्षा उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में और अधिक स्पर्धी बनाने के लिए अपने विभिन्न प्रूफ/टेस्टिंग प्रतिष्ठानों के माध्यम से उद्योग को उनके उत्पादों के लिए प्रूफ, टेस्टिंग सुविधा प्रदान करता है।
- एक्यू एजेंसियों द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार शुल्क लगाया जाता है तथा उद्योग इस शुल्क को उत्पादों की लागत में जोड़ता है, जो इसकी लागत स्पर्धा पर विपरीत प्रभाव डालता है। लेकिन अब इन शुल्कों को समाप्त कर दिया गया है।
4.गहरे समुद्र अभियान की संचालन समिति की पहली बैठक:
- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गहरे समुद्र अभियान की संचालन समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की।
- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आने वाले वर्षों में, “नीली अर्थव्यवस्था” भारत की समग्र अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता होगी और गहरा समुद्र अभियान इसका मुख्य घटक होगा।
- गहरे समुद्र अभियान हिंद महासागर के गहरे समुद्र में रहने वाले सजीव और निर्जीव संसाधनों की बेहतर समझ के लिए एक उच्च-स्तरीय बहु-मंत्रालयी, बहु-अनुशासनात्मक कार्यक्रम है। यह नीली अर्थव्यवस्था का दर्जा प्राप्त करने के भारत के प्रयासों में मददगार साबित होगा।
- गहरे समुद्र अभियान (डीओएम) के तहत गठित मिशन संचालन समिति (एमएससी) सर्वोच्च नीति निर्माण निकाय है।
- एमएससी मिशन को व्यापक नीति दिशा प्रदान और गहरे महासागर क्षेत्र के लिए मुख्य कार्यक्रम तय करेगा तथा अन्य समिति को नीति एवं कार्यान्वयन रणनीतियों में सलाह प्रदान करेगा।
- मिशन के तहत विकसित प्रौद्योगिकियों की मदद से महासागरों की खोज और ऊर्जा, ताजे पानी तथा रणनीतिक खनिजों जैसे निर्जीव संसाधनों के संभावित दोहन में मदद मिलेगी।
- तीन लोगों को ले जाने की क्षमता वाले मानवयुक्त सबमर्सिबल की उप-प्रणालियों का डिजाइन और निर्माण का काम पूरा हो चुका है तथा एकीकरण का कार्य जारी है।
- खनन मशीन का डिजाइन तैयार है और समुद्र तल पर माइनिंग क्रॉलर के परीक्षण का पहला चरण पूरा हो गया है।
- 2026 तक मदर शिप में नोड्यूल्स की पंपिंग की योजना है, जिसके लिए विभिन्न घटकों का परीक्षण प्रगति पर है।
- कोबाल्ट, निकल, तांबा और मैंगनीज जैसे रणनीतिक खनिजों की खोज, इन संसाधनों के भविष्य के व्यावसायिक दोहन का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
- हाइड्रोजन सल्फाइड के लिए 11 संभावित स्थलों की मैपिंग की गई है और रिमोट से संचालित वाहनों का उपयोग करके 2024 के अंत तक इस क्षेत्र में विस्तृत सर्वेक्षण की योजना तैयार की गई है। एक समर्पित बहुउद्देश्यीय सर्वेक्षण पोत का अधिग्रहण किया जा रहा है।
- इस मिशन का उद्देश्य केंद्र सरकार के ‘नए भारत’ के दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है, जो नीली अर्थव्यवस्था के विकास के दस मुख्य आयामों में से एक है।
- गहरे समुद्र अभियान को धरातल पर उतारने का कार्य पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा किया गया हैं और रक्षा मंत्रालय तथा भारतीय तट रक्षक की तरफ से हरसंभव मदद की बात कही गई हैं।
- गहरे समुद्र अभियान को सितंबर 2021 में मंजूरी दी गई थी।
- मिशन की अनुमानित लागत 5 वर्षों के लिए 4047 करोड़ रुपये है और इसे दो चरणों में लागू किया जाएगा जिसमें पहले चरण की लागत 2823.40 करोड़ रुपये – तीन साल, तथा दूसरे चरण में 1223.60 करोड़ रुपये है जिसे पहले चरण की सफल समीक्षा के बाद खर्च किया जाएगा।
- गहरे समुद्र अभियान में में 6 विषय शामिल हैं: 1) गहरे समुद्र में खनन, मानवयुक्त सबमर्सिबल और पानी के अंदर रोबोटिक्स वाली प्रौद्योगिकी का विकास, 2) महासागर और जलवायु परिवर्तन सलाहकार सेवाओं का विकास, 3) गहरे समुद्र में जैव विविधता की खोज और इसके संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी नवाचार, 4 ) गहन महासागर सर्वेक्षण तथा अन्वेषण, 5) महासागर से ऊर्जा और मीठा पानी, 6) महासागर जीव विज्ञान के लिए उन्नत समुद्री स्टेशन।
5. आईएमसीआर की आईड्रोन पहल के तहत ब्लड बैग डिलीवरी का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा:
- भारत में ड्रोन इकोसिस्टम का विस्तार करने का राष्ट्रीय मिशन जारी रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने यहां अपनी आईड्रोन पहल के तहत ड्रोन द्वारा ब्लड बैग की डिलीवरी करने का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा किया।
- देश में पहली बार एक बेहद महत्वपूर्ण वैलिडेशन स्टडी के हिस्से के तौर पर इस ट्रायल रन को अंजाम दिया गया है।
- इस उद्घाटन ट्रायल उड़ान ने विजुअल लाइन ऑफ साइट (वीएलओएस) में जीआईएमएस और एलएचएमसी से रक्त के पूरे नमूनों की 10 यूनिट्स का परिवहन किया।
- एलएचएमसी और जीआईएमएस को ब्लड बैग्स की आपूर्ति और नमूनों के परीक्षण के केंद्र के रूप में शामिल किया गया है, वहीं जेआईआईटी ड्रोन उड़ानों के कार्यान्वयन केंद्र के रूप में काम कर रहा है।
- भारत में ड्रोन इकोसिस्टम का विस्तार करने के प्रधानमंत्री के विजन ने कृषि, रक्षा, आपदा राहत और स्वास्थ्य सेवा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के अभिनव उपयोग के लिए एक आधार मुहैया किया है। ड्रोन नियम 2022 में छूट के साथ, इन क्षेत्रों में ड्रोन जैसी नई तकनीकों को शामिल करना अब शोधकर्ताओं और ड्रोन ऑपरेटरों के लिए आसान हो गया है।
- आईसीएमआर स्वास्थ्य संबंधी उद्देश्यों के लिए ड्रोन का उपयोग करने में अग्रणी रहा है और उसने मणिपुर और नागालैंड के दूरदराज के क्षेत्रों में चिकित्सा आपूर्ति, टीके और दवाओं के वितरण का सफलतापूर्वक संचालन किया है।
- रक्त की ड्रोन आधारित डिलीवरी देश के अंदर अंतिम मील तक रक्त पहुंचाने में लगने वाले समय को कम कर देगी।
- इस सत्यापन अभ्यास के दौरान वैज्ञानिकों ने रक्त और रक्त उत्पादों के समय पर वितरण को लेकर चुनौतियों की पहचान की, विशेष रूप से सुदूर क्षेत्रों और भारत के भीड़भाड़ वाले महानगरीय शहरों में वितरण को लेकर।
- उन्होंने ड्रोन की गतिविधि के कारण रक्त जैसे नाजुक शारीरिक तरल पदार्थ की गुणवत्ता और पूर्णता का आकलन किया।
- एलएचएमसी, जीआईएमएस और जेआईआईटी के जांचकर्ता आगे और ड्रोन उड़ानें संचालित करेंगे ताकि पैक्ड लाल रक्त कोशिकाओं, ताजा फ्रोज़न प्लाज्मा, प्लेटलेट्स की गुणवत्ता को इस अध्ययन में मान्य कर सकें।
- इस अध्ययन के निष्कर्ष रक्त उत्पादों पर ड्रोन परिवहन के प्रभाव की जांच के लिए भारत की तरफ से वैज्ञानिक प्रमाण प्रदान करेंगे।
- इस अध्ययन से ब्लड बैग्स और पदार्थों की डिलीवरी के लिए ड्रोन्स के उपयोग और उनकी व्यापक प्रयोज्यता को लेकर एसओपी बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
- इसके अलावा अध्ययन ये जवाब मुहैया कराएगा कि क्या देश के दूरस्थ स्थानों में तापमान संवेदनशील रक्त उत्पादों के परिवहन के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाए या नहीं।
6. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सक्षम लर्निंग मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम का शुभारंभ किया:
- केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के लर्निंग मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (एलएमआईएस), सक्षम (स्टिम्युलेटिंग एडवांस्ड नॉलेज फॉर सस्टेनेबल हेल्थ मैनेजमेंट) का शुभारंभ किया।
- यह डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान (एनआईएचएफडब्ल्यू) नई दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है।
- देश के सभी स्वास्थ्य से जुड़े पेशेवरो के लिए सक्षम ऑनलाइन प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करने का एक समर्पित और एकीकृत मंच है।
- यह डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के तृतीयक देखभाल से लेकर महानगरों के कॉर्पोरेट अस्पतालों तक के स्वास्थ्य पेशेवरों का समावेशी रूप से दक्षता-उन्नयन सुनिश्चित करेगा।
- देश के सभी स्वास्थ्य से जुड़े पेशेवरो के लिए सक्षम ऑनलाइन प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करने का एक समर्पित और एकीकृत मंच है।
- यह डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के तृतीयक देखभाल से लेकर महानगरों के कॉर्पोरेट अस्पतालों तक के स्वास्थ्य पेशेवरों का समावेशी रूप से दक्षता-उन्नयन सुनिश्चित करेगा।
- वर्तमान में सक्षम: एलएमआईएस 200 से अधिक नागरिक स्वास्थ्य और 100 से अधिक नैदानिक चिकित्सा को वर्चुअल माध्यम से चला रहा है।
10 May PIB :- Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 09 May का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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