विषयसूची:
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बी20 इंडोनेशिया ग्लोबल डायलॉग सम्मेलन:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: भारत के व्यापारिक हितों पर विभिन्न अंर्तष्ट्रीय सम्मेलनों,कार्यक्रमों एवं विभिन्न देशों की नीतियां एवं राजनीति का प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: बी20 इंडोनेशिया ग्लोबल डायलॉग,उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
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उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ साझेदारी में बी20 इंडोनेशिया ग्लोबल डायलॉग पर सम्मेलन की मेजबानी की।
उद्देश्य:
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इसका उद्देश्य भारतीय उद्योग के दृष्टिकोण को बी20 इंडोनेशिया की नीतिगत सिफारिशों के समरूप बनाना है।
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यह समारोह बी20 इडोनेशिया की नीतिगत सिफोरिशों में भारतीय उद्योग के दृष्टिकोण का सही प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए एक संवाद का मंच प्रदान करेगा।
विवरण:
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बिजनेस 20 (बी20), 2010 में गठित वैश्विक व्यापार समुदाय के साथ आधिकारिक जी20 संवाद का मंच है।
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बी20 का उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक रोटेटिंग अध्यक्ष द्वारा प्राथमिकताओं पर ठोस कार्रवाई योग्य नीतिगत सिफारिशें देना है।
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इंडोनेशिया के 20 से अधिक व्यापार प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में भाग लिया जिसमें इंडोनेशियाई चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (काडिन) के अध्यक्ष के साथ बी20 इंडोनेशिया की अध्यक्ष सुश्री शिंटा विद्जाजाकामदानी के अलावा भारत में इंडोनेशियाई राजदूत महामहिम इना एच.कृष्णामूर्ति भी शामिल थीं।
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भारत सरकार का प्रतिनिधित्व जी20 में भारत के शेरपा श्री अमिताभ कांत, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग और डीपीआईआईटी और अन्य संबंधित मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने किया।
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उद्घाटन और परिचयात्मक संबोधन के बाद (i) व्यापार और निवेश (ii) ऊर्जा, स्थिरता, जलवायु (iii) डिजिटलीकरण (iv) वित्त और बुनियादी ढांचे पर चर्चा की गई।
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वार्ता 13-14 नवंबर 2022 को इंडोनेशिया में होने वाले बी20 फाइनल शिखर सम्मेलन का भी मार्ग प्रशस्त करेगी।
पृष्ठ्भूमि:
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जी20 19 देशों+ यूरोपीय संघ का एक समूह है, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत और दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।
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G20 के सदस्य अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, और यूरोपीय संघ हैं।
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इंडोनेशिया वर्तमान में जी20 की अध्यक्षता कर रहा है।
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भारतीय स्टार्ट-अप्स जल्द ही अंतरिक्ष उपग्रहों के साथ उपग्रह तारामंडल लॉन्च करेंगे:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी
विषय: भारतीय स्टार्ट-अप्स का अंतरिक्ष उपग्रहों जैसी तकनीकी के विस्तार में योगदान।
प्रारंभिक परीक्षा: इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय स्टार्ट-अप्स जल्द ही अंतरिक्ष उपग्रहों के साथ उपग्रह तारामंडल लॉन्च करेंगे और अपने नए रॉकेट का परीक्षण करेंगे।
उद्देश्य:
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अंतरिक्ष सुधारों के कारण, अंतरिक्ष क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्ट-अप्स की संख्या 2 से बढ़कर 102 हो गई है और अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण वाहन, जमीनी प्रणालियों और अनुसंधान जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम कर हैं।
विवरण:
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एलएंडटी और एचएएल द्वारा घरेलू स्तर पर पांच पीएसएलवी का उत्पादन किया जा रहा है, जबकि वनवेब इसरो और एनएसआईएल के माध्यम से अपने उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए तैयार है।
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इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) की पहली वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली में इंडिया स्पेस सम्मेलन में जून, 2020 में निजी उद्योग के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के क्रांतिकारी और लीक से हटकर लिए गए निर्णय ने देश के अंतरिक्ष इको-सिस्टम के स्वरूप को बदल दिया है।
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अंतरिक्ष सुधारों ने स्टार्ट-अप्स की नई संभावनाओं को रेखांकित किया है और आज भारत के पास 102 स्टार्ट-अप्स हो गए हैं, जबकि तीन-चार वर्ष पहले केवल दो स्टार्ट-अप्स ही थे।
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11 अक्टूबर, 2021 को अंतरिक्ष और उपग्रह कंपनियों के एक प्रमुख उद्योग संघ इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) को लॉन्च करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा था कि अंतरिक्ष सुधारों के लिए हमारा दृष्टिकोण चार स्तंभों- नवाचार में निजी क्षेत्र को स्वतंत्रता,सरकार की भूमिका, युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना और अंतरिक्ष क्षेत्र को आम आदमी की प्रगति के संसाधन के रूप में देखने पर आधारित है।
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एक साल की छोटी सी अवधि में भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के विकास के लिए वैश्विक संपर्क विकसित करने के लिए आईएसपीए की भूमिका की सराहना की।
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आईएसपीए भारत को व्यावसायिक अंतरिक्ष-आधारित पर्यटन के क्षेत्र में एक अग्रणी स्थान हासिल करने के लिए भारत सरकार के प्रयासों को पूरा करने की दिशा में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में कार्य कर रहा है।
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यह आशा व्यक्त की कि आईएसपीए देश में महत्वपूर्ण तकनीकी प्रगति और निवेश की शुरूआत करेगा जो आवश्यक रूप से अंतरिक्ष सुधारों के लिए सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप उच्च-कौशल वाले रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
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अंतरिक्ष, एक दोहरे उपयोग वाला प्रौद्योगिकी क्षेत्र है जो एक महत्वपूर्ण बहुआयामी प्रवर्तक के रूप में उभर रहा है ।
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सभी राज्यों में टेली- मानसिक स्वास्थ्य सहायता और नेटवर्किंग (टेली-मानस)’ पहल शुरू:
सामान्य अध्ययन: 2
स्वास्थ्य:
विषय: सामाजिक क्षेत्र से संबंधित सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे एवं उसका कमजोर वर्ग पर प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस,टेली मानसिक स्वास्थ्य सहायता और नेटवर्किंग (टेली-मानस) से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
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कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत ने वर्चुअल माध्यम से बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान (निमहांस) में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की पहल सभी राज्यों में टेली मानसिक स्वास्थ्य सहायता और नेटवर्किंग (टेली-मानस) को शुरू किया।
उद्देश्य:
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टेली- मानस का उद्देश्य पूरे देश में, विशेषकर सुदूर व सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों के लोगों को चौबीसों घंटे नि:शुल्क टेली-मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।
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टेली-मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं टोल फ्री नंबर- 14416 पर चौबीसों घंटे उपलब्ध हैं।
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23 उत्कृष्ट टेली-मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों का नेटवर्क बनाया गया है, बेंगलुरु स्थित निमहांस और आईआईआईटीबी नोडल परामर्श संस्थान होंगे।
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सभी को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए सरकार की सोच के अनुरूप हर एक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में कम से कम एक टेली-मानस प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा।
विवरण:
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सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान उत्पन्न मानसिक स्वास्थ्य संकट को स्वीकार करते हुए और एक डिजिटल मानसिक स्वास्थ्य नेटवर्क, जो महामारी की चुनौतियों का सामना करेगा, को स्थापित करने की तत्काल जरूरत के मद्देनजर केंद्रीय बजट 2022-23 में राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनटीएमएचपी) की घोषणा की थी।
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इस कार्यक्रम में 23 उत्कृष्टत टेली-मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों का एक नेटवर्क शामिल हैं।
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इनमें निमहांस नोडल केंद्र है और अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान- बेंगलुरू (आईआईआईटीबी) तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
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इसके अलावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)- बेंगलुरु और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र (एनएचआरएससी) भी तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे।
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टेली- मानस को दो स्तरीय प्रणाली में संचालित किया जाएगा। इसके तहत टियर 1 में राज्य टेली-मानस प्रकोष्ठ जिनमें प्रशिक्षित परामर्शदाता और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल होंगे।
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वहीं, टियर- 2 में शारीरिक परामर्श के लिए जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमएचपी)/मेडिकल कॉलेज के संसाधन और/या दृश्य-श्रव्य परामर्श के लिए ई-संजीवनी के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
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वर्तमान में 51 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश टेली मानस प्रकोष्ठों के साथ 5 क्षेत्रीय समन्वय केंद्र हैं।
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सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में केंद्रीकृत इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) के माध्यम से बुनियादी सहायता और परामर्श प्रदान करने वाले प्रारंभिक रोलआउट को उपयोग के लिए अनुकूलित किया जा रहा है।
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यह न केवल तत्काल मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सहायता करेगा, बल्कि देखभाल की निरंतरता को बनाए रखेगा ।
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टेली-मानस को अन्य सेवाओं से जोड़कर इस कार्यक्रम के माध्यम से विशिष्ट देखभाल की परिकल्पना की जा रही है।
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इन सेवाओं में राष्ट्रीय टेली-परामर्श सेवा, ई-संजीवनी, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य व कल्याण केंद्र और आपातकालीन मनोरोग सुविधाएं शामिल हैं।
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अंत में, इसमें व्यापक रूप से मानसिक स्वास्थ्य और रोग को शामिल किया जाएगा और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने वाली सभी प्रणालियों को एकीकृत किया जाएगा।
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टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू करने वाले राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में आंध्र प्रदेश, असम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, दादरा नगर हवेली और दमन व दीव, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
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बीएसई एसएमई ने 400 कंपनियों को सूचीबद्ध करने की उपलब्धि हासिल की:
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय: बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म का भारत के आर्थिक विकास पर प्रभाव एवं महत्व।
प्रारंभिक परीक्षा: सेबी,बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म से समबन्धित तथ्य।
प्रसंग:
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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने मुंबई में बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म पर 400वीं कंपनी को सूचीबद्ध करने (लिस्टिंग) के समारोह में भाग लिया।
उद्देश्य:
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एक्सचेंज के एसएमई प्लेटफॉर्म में आठ नई कंपनियों की लिस्टिंग के साथ, बीएसई एसएमई ने 400 सूचीबद्ध कंपनियों की उपलब्धि हासिल की है।
विवरण:
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बीएसई लिमिटेड ने मार्च 2012 में सेबी द्वारा निर्धारित नियमों और विनियमों के अनुसार बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म की स्थापना की है।
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बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म उद्यमियों और निवेशकों को एक अनुकूल वातावरण प्रदान करता है, जोकि देश भर में फैले असंगठित क्षेत्र के लघु एवं मध्यम उद्यमों (एसएमई) को एक विनियमित और संगठित क्षेत्र के रूप में सूचीबद्ध करने में सक्षम बनाता है।
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सूचीबद्ध एसएमई इस बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म की दहलीज पर कदम रखते हैं और आगे के विकास एवं प्रगति के लिए वित्त की दुनिया में प्रवेश करते हैं।
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बीएसई एसएमई इन एसएमई को उनके विकास और विस्तार के लिए इक्विटी पूंजी जुटाने में सहायता करता है और इस प्रकार उन्हें एक पूर्ण रूप से विकसित कंपनी के तौर पर स्थापित होने में मदद करता है।
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बीएसई एसएमई कंपनियों के लिए मुख्य एक्सचेंज में प्रवेश करने का एक मार्ग भी बन सकता है।
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एसएमई भारत की विकास गाथा का एक अभिन्न हिस्सा हैं और अधिक से अधिक सहयोग एवं भागीदारी से इस बीएसई एसएमई एक्सचेंज के विकास में तेजी आएगी।
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भारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। कई सूनिकॉर्न यूनिकॉर्न बनने की दिशा में अग्रसर हैं।
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बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म गिफ्ट सिटी में एक प्लेटफॉर्म स्थापित करने पर विचार कर सकता है।
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जब हम आजादी के 100 साल पूरे करेंगे तो भारत 30-32 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होगा।
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केंद्रीय मंत्री ने विकास के लिए अनुकूल माहौल से जुड़ी जरूरतों के बारे में भी बताया।
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इनमें शामिल हैं:
- प्रौद्योगिकी के साथ अधिक जुड़ा
- अनुपालन संबंधी बोझ को कम करना
- विभिन्न कानूनों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना
- नवाचार को बढ़ावा देना
- लॉजिस्टिक्स अवसंरचना में सुधार
- मुक्त व्यापार समझौते
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अब तक 152 कंपनियां मुख्य बोर्ड में आ चुकी हैं।
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बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध 394 कंपनियों ने बाजार से 4,263.00 करोड़ रुपये जुटाए हैं और 07 अक्टूबर, 2022 तक 394 कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 60,000 करोड़ रुपये का है।
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बीएसई इस खंड में 60 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी के साथ बाजार में अग्रणी है।
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खान मंत्रालय ने राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास (एनएमईटी) को परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष,अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ एवं सीमाएँ।
प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास (एनएमईटी) से समबन्धित तथ्य।
प्रसंग:
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खान मंत्रालय ने राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास (एनएमईटी) को परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत करने के सामान्य निर्देश जारी किए हैं।
उद्देश्य:
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देश में खनिजों की खोज को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने ‘राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास (एनएमईटी)’ की स्थापना की, जो अपनी स्थापना के समय से ही देश भर में अन्वेषण परियोजनाओं को पूरा करने के लिए विभिन्न अधिसूचित अन्वेषण एजेंसियों का वित्त पोषण करता रहा है।
विवरण:
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यह पाया गया है कि संबंधित राज्य प्राधिकरण की ओर से प्रस्तावित ब्लॉक क्षेत्र/भूमि (क्या वह फ्री होल्ड/लीज होल्ड/राज्य द्वारा आरक्षित है) की वास्तविक स्थिति का प्रमाण पत्र प्रदान करने में देरी हो रही है।
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इससे देश में खनिज की खोज शुरू करने में अनावश्यक विलंब हुआ है।
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इसलिए, एनएमईटी की राशि के लिए परियोजना प्रस्तावों को प्रस्तुत करने के लिए सामान्य निर्देशों को आगे और स्पष्ट किया गया है, जैसा कि नीचे बताया गया है:
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खनिज अन्वेषण निगम लिमिटेड (एमईसीएल) और अन्य अधिसूचित सीपीएसयू राज्य प्राधिकरण की ओर से प्रस्तावित ब्लॉक क्षेत्र/भूमि (क्या वह फ्री होल्ड/लीज होल्ड/राज्य द्वारा आरक्षित है) की वास्तविक स्थिति के संबंध में प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार को अनुरोध पत्र भेजेंगे।
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राज्य सरकार 60 दिनों के भीतर प्रस्तावित ब्लॉक क्षेत्र/भूमि (क्या वह फ्री होल्ड/लीज होल्ड है) की वास्तविक स्थिति के संबंध में प्रमाण पत्र प्रदान करेगी।
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60 दिनों के बाद राज्य सरकार की ओर से प्रमाण पत्र प्राप्त न होने की स्थिति में परियोजना प्रस्ताव आकलन के लिए एनएमईटी सचिवालय को प्रस्तुत किया जा सकता है।
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परियोजना प्रस्ताव के तकनीकी आकलन के दौरान प्रस्तावित ब्लॉक क्षेत्र (क्या वह फ्री होल्ड/लीज होल्ड है) की स्थिति के बारे में स्पष्ट करने के लिए निदेशक, खान एवं भूविज्ञान निदेशालय/विभाग, राज्य सरकार को टीसीसी की बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
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तकनीकी-आर्थिक उपयुक्तता के आधार पर खनिज अन्वेषण कार्य करने के लिए परियोजना को स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
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अन्वेषण कार्य शुरू करने से पहले एमईसीएल और अन्य अधिसूचित सीपीएसयू यह पुष्टि करेंगे कि संबंधित ब्लॉक क्षेत्र किसी भी लीज होल्ड के अंतर्गत नहीं है और किसी भी अन्य राज्य/केंद्रीय/निजी अन्वेषण एजेंसी ने प्रस्तावित ब्लॉक क्षेत्र में अन्वेषण कार्य शुरू नहीं किया है।
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प्रधानमंत्री ने भरूच (गुजरात) के आमोद में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया:
सामान्य अध्ययन: 2
आर्थिक विकास:
विषय: सरकारी नीतियों और बुनियादी आवश्यकताओं के विकास के लिये परियोजनाओं का क्रियान्वयन और उनके अभिकल्पन तथा हस्तक्षेप से सम्बंधित विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: ‘बल्क ड्रग पार्क’ से समबन्धित तथ्य।
प्रसंग:
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प्रधानमंत्री ने 10 अक्टूबर को भरूच (गुजरात) के आमोद में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
उद्देश्य:
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प्रधानमंत्री ने जंबूसर में बल्क ड्रग पार्क, दाहेज में डीप सी पाइपलाइन परियोजना, अंकलेश्वर और पनोली में हवाई अड्डे के पहले चरण और बहुस्तरीय औद्योगिक शेड के विकास की आधारशिला रखी।
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प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाओं को देश को समर्पित किया जो गुजरात में रसायन क्षेत्र को बढ़ावा देंगी।
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इन परियोजनाओं में जीएसीएल प्लांट, भरूच अंडरग्राउंड ड्रेनेज और आईओसीएल दाहेज कोयाली पाइपलाइन का निर्माण शामिल है।
विवरण:
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प्रधानमंत्री ने बताया कि भरूच को रसायन क्षेत्र से संबंधित कई परियोजनाओं के साथ पहला ‘बल्क ड्रग पार्क’ प्रदान किया गया है।
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भरूच एक ऐसा जिला है जिसमें देश के अन्य छोटे राज्यों की तुलना में सबसे अधिक उद्योग हैं और इस नई हवाईअड्डा परियोजना के साथ, यह क्षेत्र विकास के मामले में तीव्र गति से अग्रसर होगा।
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भारतीय अर्थव्यवस्था जो 2014 में 10वें स्थान पर थी वह आज पांचवें स्थान पर पहुंच गई है।
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इस उपलब्धि को इस तथ्य ने और भी अधिक महत्वपूर्ण बना दिया कि अब भारत ने अपने पूर्व औपनिवेशिक आकाओं को पीछे छोड़ दिया है।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि भरूच एवं अंकलेश्वर का विकास अहमदाबाद और गांधीनगर की तरह विकास के ‘ट्विन सिटी मॉडल ऑफ डेवलेपमेंट’ की तर्ज पर किया जा रहा है।
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लोग, भरूच और अंकलेश्वर के बारे में इसी प्रकार बात करने वाले हैं जैसे वे न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के बारे में बात करते हैं।
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भारत को फार्मास्युटिकल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री ने जंबूसर में बल्क ड्रग पार्क की आधारशिला रखी।
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2021-22 में, बल्क ड्रग्स का कुल दवा आयात में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान था। यह परियोजना आयात प्रतिस्थापन सुनिश्चित करने और थोक दवाओं के लिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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प्रधानमंत्री ने दाहेज में ‘डीप सी पाइपलाइन परियोजना’ की आधारशिला भी रखी, जो औद्योगिक सम्पदाओं से शोधित अपशिष्ट जल के निपटान में सहायता करेगी।
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जिन अन्य परियोजनाओं की आधारशिला प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई थी, उनमें अंकलेश्वर हवाई अड्डे का चरण 1 और अंकलेश्वर और पनोली में बहुस्तरीय औद्योगिक शेड का विकास शामिल है।
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प्रधानमंत्री ने कई औद्योगिक पार्कों के विकास के लिए भी शिलान्यास किया।
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इनमें चार जनजातीय औद्योगिक पार्क शामिल हैं, जो वालिया (भरूच), अमीरगढ़ (बनासकांठा), चकालिया (दाहोद) और वनार (छोटा उदयपुर) में बनेंगे; मुडेथा (बनासकांठा) में एग्रो फूड पार्क; काकवाड़ी दांती (वलसाड) में सी फूड पार्क; और खांडिवव (महिसागर) में एमएसएमई पार्क का निर्माण किया जाएगा।
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इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया जो रसायन क्षेत्र को बढ़ावा देंगी।
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उन्होंने दाहेज में 130 मेगावाट के कोजेनरेशन पावर प्लांट के साथ एकीकृत 800 टीपीडी कास्टिक सोडा संयंत्र को समर्पित किया।
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इसके साथ ही उन्होंने दहेज में मौजूदा कास्टिक सोडा संयंत्र के विस्तार का भी लोकार्पण किया, जिसकी क्षमता 785 मीट्रिक टन/दिन से बढ़ाकर 1310 मीट्रिक टन/दिन कर दी गई है।
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प्रधानमंत्री ने दाहेज में प्रति वर्ष एक लाख मीट्रिक टन से अधिक क्लोरोमीथेन के निर्माण की एक परियोजना का भी लोकार्पण किया।
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प्रधानमंत्री द्वारा समर्पित अन्य परियोजनाओं में दाहेज में हाइड्राज़िन हाइड्रेट प्लांट भी शामिल है जो इस उत्पाद के आयात को कम करने में मदद करेगा, इसके अलावा आईओसीएल दाहेज-कोयली पाइपलाइन परियोजना, भरूच भूमिगत जल निकासी और एसटीपी कार्य एवं उमला आसा पनेथा सड़क को चौड़ा और मजबूत बनाने की परियोजनाएं शामिल हैं।
पृष्ठ्भूमि
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संविधान सभा के एक सदस्य और सोमनाथ आंदोलन में सरदार पटेल के प्रमुख साथी कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी और भारतीय संगीत के महान संगीतकार पं. ओंकारनाथ ठाकुर भी भरूच से सम्बंधित थे।
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प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- ‘फुटबॉल फॉर स्कूल’ कार्यक्रम:
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फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप से पहले केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री ने फीफा महासचिव से मुलाकात की, ‘फुटबॉल फॉर स्कूल’ कार्यक्रम को जन आंदोलन बनाने की वकालत की।
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इस मुलाकार में फीफा और यूनेस्को के फुटबॉल फॉर स्कूल कार्यक्रम को देश भर के स्कूलों में ले जाने और इसमें सहयोग व समन्वय करने पर चर्चाएं हुईं।
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फुटबॉल फॉर स्कूल कार्यक्रम एनईपी 2020 की भावना को बढ़ावा देता है और खेल-एकीकृत सीखने की अवधारणा को भी बढ़ावा देता है।
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यह भारत में खेल की संस्कृति को बढ़ावा देगा और हमारे छात्रों के कौशल को विकसित करने में मदद करेगा।
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सरकार भारत को एक खेल महाशक्ति के रूप में विकसित करने के साथ-साथ एक फिट इंडिया सुनिश्चित करने, खेल को बढ़ावा देने और विशेष रूप से स्कूली बच्चों के बीच फुटबॉल को एक जन आंदोलन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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स्कूलों के बड़े नेटवर्क को ध्यान में रखते हुए फुटबॉल फॉर स्कूल कार्यक्रम को भारत के सभी 700 से अधिक जिलों में ले जाने पर सहमति व्यक्त की।
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इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा मंत्रालय की ओर से नवोदय विद्यालय समिति नोडल एजेंसी होगी।
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यह पहल फुटबॉल खेल के भविष्य के लिए एक परिवर्तनकारी कदम साबित होगी। भारतीय खेल प्राधिकरण इस पहल के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा।
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- राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी):
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राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) एक विशेष प्रयोजन साधन है जिसमें भारत के सबसे महत्वाकांक्षी अवसंरचना कार्यक्रम, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम की स्थापना, संवर्धन तथा विकास को सुगम बनाने की परिकल्पना की गई है।
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इस कार्यक्रम का उद्देश्य ‘‘स्मार्ट सिटीज” के रूप में नए औद्योगिक नगरों का विकास करना और सभी अवसंरचना सेक्टरों में अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकीयों को संयोजित करना है।
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इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक प्रमुख वाहक के रूप में विनिर्माण के साथ भारत में सुनियोजित शहरीकरण को गति प्रदान करना है।
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10 अक्टूबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 09 अक्टूबर2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें। सम्बंधित लिंक्स:
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