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11 मई 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. प्रधानमंत्री ने 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 कार्यक्रम का उद्घाटन किया:  
  2. ICMR और आयुष मंत्रालय ने एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान को बढ़ावा देने और सहयोग करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए: 
  3. शंघाई सहयोग संगठन (SCO) स्टार्टअप फोरम 2023:
  4. विद्युत मंत्रालय और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय मिलकर डीकार्बोनाइजेशन के लिए कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना विकसित करेंगे:
  5. अटल पेंशन योजना (APY) के 8 वर्ष पूर्ण:

1. प्रधानमंत्री ने 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 कार्यक्रम का उद्घाटन किया:

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी: 

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारत कि उपलब्धियां; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास। 

प्रारंभिक परीक्षा: लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी-इंडिया (LIGO-इंडिया), रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट, नेशनल हैड्रॉन बीम थेरेपी, फिशन मोलिब्डेनम-99।  

मुख्य परीक्षा: लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी-इंडिया (LIGO-इंडिया) के महत्व पर प्रकाश डालिये।   

प्रसंग: 

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के साथ 11 से 14 मई तक आयोजित होने वाले राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के 25वें वर्ष का समारोह भी प्रारंभ हुआ। 

उद्देश्य:

  • इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने 5800 करोड़ रुपये से अधिक की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति से जुड़ी अनेक परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित कीं। 
    • यह देश में वैज्ञानिक संस्थानों को मज़बूत बनाने के आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप है।  

विवरण:  

  • 11 मई भारत के इतिहास के सर्वाधिक प्रतिष्ठित दिनों में से एक है। यह वह दिन है जब भारत के वैज्ञानिकों ने एक शानदार उपलब्धि प्राप्त की, जिसने पूरे देश को गौरवान्वित किया।
  • 11 मई 1998 को भारत सरकार ने पोकरण में सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण करने का ऐलान किया था।
  • जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई, उनमें लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी-इंडिया (LIGO-इंडिया), हिंगोली; होमी भाभा कैंसर एंड रिसर्च सेंटर, जतनी, ओड़िशा तथा टाटा मेमोरियल हॉस्पीटल मुंबई का प्लैटीनम जुबली ब्लॉक शामिल हैं।
  • राष्ट्र को समर्पित परियोजनाओं में फीशन मोलिब्डेनम-99 उत्पादन सुविधा, मुंबई; रेयर अर्थ पर्मानेंट मैग्नेट प्लांट, विशाखापत्तनम; नेशनल हैड्रॉन बीम थेरेपी सुविधा, नवी मुंबई; रेडियोलॉजिकल रिसर्च यूनिट, नवी मुंबई; होमी भाभा कैंसर हॉस्पीटल एंड रिसर्च सेंटर, विशाखापत्तनम; तथा वूमेन एंड चिल्ड्रन कैंसर हॉस्पीटल बिल्डिंग नवी मुंबई शामिल हैं।
  • उद्घाटन की गई परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने मुंबई में नेशनल हैड्रॉन बीम थेरेपी सुविधा और रेडियोलॉजीकल रिसर्च यूनिट, फिशन मॉलिब्डेनम-99 उत्पादन सुविधा, विशाखापत्तनम में रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट प्लांट तथा विभिन्न कैंसर अनुसंधान अस्पतालों का उल्लेख किया और कहा कि यह परमाणु प्रौद्योगिकी की सहायता से देश की प्रगति को बढ़ावा देगा। 
  • LIGO-इंडिया की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने इसे 21वीं सदी की अग्रणी विज्ञान और प्रौद्योगिकी पहलों में से एक बताया। 
  • यह वेधशाला विद्यार्थियों और वैज्ञानिकों के लिए अनुसंधान के नये अवसर प्रदान करेगी। 
  • महाराष्ट्र के हिंगोली में विकसित होने वाला LIGO-इंडिया विश्व में गिने-चुने लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी में से एक होगा। 
    • यह 4 किमी लंबाई का एक अत्यंत संवेदनशील इंटरफेरोमीटर है जो ब्लैक होल तथा न्यूट्रन तारे जैसी विशाल खगोल भौतिकी वस्तुओं के विलय के दौरान उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण तरंगों की सैंसिंग करने में सक्षम है।
    • LIGO-इंडिया अमेरिका में संचालित दो वेधशालाओं- हैनफोर्ड वाशिंगटन में और दूसरा लिविंगस्टन लूसियाना में- के साथ तालमेल में काम करेगा।
  • रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट का उत्पादन मुख्य रूप से विकसित देशों में होता है। 
    • रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट उत्पादन की सुविधा विशाखापत्तनम में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के परिसर में विकसित की गई है। 
    • यह सुविधा स्वदेशी प्रौद्योगिकी के आधार पर और स्वदेशी संसाधनों से निकाली गई स्वदेशी दुर्लभ पृथ्वी सामग्री का उपयोग करके स्थापित की गई है। 
    • इस सुविधा के साथ भारत रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट उत्पादन करने की क्षमता रखने वाले देशों के चुनिंदा समूह में शामिल हो जाएगा।
  • टाटा मेमोरियल सेंटर, नवी मुंबई की नेशनल हैड्रॉन बीम थेरेपी सुविधा एक अत्याधुनिक सुविधा है जो आसपास की सामान्य संरचनाओं को न्यूनतम डोज़ के साथ ट्यूमर को विकिरण की अत्यधिक सटीक डिलीवरी करने के लिए काम करती है। 
    • लक्षित टिशू को डोज़ की सटीक डिलीवरी विकिरण चिकित्सा के प्रारम्भिक और विलंबित दुष्प्रभावों को कम करती है।
  • फिशन मोलिब्डेनम-99 उत्पादन सुविधा भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के ट्रॉम्बे परिसर में स्थित है।
    • मोलिब्डेनम-99 टेक्नेटियम-99 एम का मूल है, जिसका उपयोग कैंसर, हृदय रोग आदि की प्रारम्भिक पहचान के लिए 85 प्रतिशत से अधिक इमेजिंग प्रक्रियाओं में किया जाता है। आशा है कि इस सुविधा से प्रति वर्ष लगभग 9 से 10 लाख रोगियों की स्कैनिंग होगी।
  • अनेक कैंसर अस्पतालों और सुविधाओं की आधारशिला और समर्पण देश के विभिन्न क्षेत्रों में विश्व स्तरीय कैंसर देखभाल के प्रावधान को विकेंद्रीकृत करेगा और बढ़ाएगा।

अटल नवाचार मिशन और अन्य घटक:

  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 के कार्यक्रम और समारोहों में अटल इनोवेशन मिशन (AIM) पर विशेष ध्यान दिया गया है। 

पृष्ठ्भूमि:

  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में भारतीय वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और प्रौद्योगिकीविदों को सम्मानित करने के लिए की थी, जिन्होंने भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के लिए काम किया और मई 1998 में पोखरण परीक्षणों के सफल संचालन को सुनिश्चित किया। 
    • तब से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस प्रत्येक वर्ष 11 मई को मनाया जाता है। 
    • यह प्रत्येक वर्ष एक नई और अलग थीम के साथ मनाया जाता है। 
    • इस वर्ष का विषय है- ‘स्कूल टू स्टार्टअप्स-इग्नाइटिंग यंग माइंड्स टू इनोवेशन’ है।

2.  ICMR और आयुष मंत्रालय ने एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान को बढ़ावा देने और सहयोग करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:

सामान्य अध्ययन: 2

स्वास्थ्य:

विषय: स्वास्थ्य से संबंधित सामाजिक क्षेत्र /सेवाओं के विकास एवं उनसे प्रबंधन से संबंधित मुद्दे। 

प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद्, आयुष मंत्रालय।

प्रसंग: 

  • देश के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और आयुष को एकीकृत कर मुख्यधारा में लाने और मजबूत गति प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् और आयुष मंत्रालय के बीच एकीकृत चिकित्सा के क्षेत्र में सहकारी और सहयोगात्मक स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

उद्देश्य:

  • समझौता ज्ञापन में एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान और अनुसंधान क्षमता को मजबूत करने के लिए आयुष मंत्रालय और ICMआर के बीच अभिसरण और तालमेल के क्षेत्रों की खोज के लिए सहकार्य और सहयोग की परिकल्पना की गई है। 
  • समझौता ज्ञापन में आयुष मंत्रालय और ICMआर के राष्ट्रीय महत्‍व की बीमारियों से निपटने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान में पहल के संभावनाओं की तलाश की भी परिकल्पना की गई है। 
  • पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक-अनुसंधान और नवाचार के साथ जोड़कर वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर आयुर्वेद को अपनी पहचान बनाने में यह एमएओ मदद करेगा। 

विवरण:  

  • व्यापक स्वीकृति के अवसर उत्पन्न करने के लिये आयुष प्रणाली के आशाजनक उपचारों के साथ राष्ट्रीय महत्त्व के चिन्हित किए गए क्षेत्रों/रोगों पर संयुक्त रूप से उच्च-गुणवत्ता वाले नैदानिक-परीक्षण करने का प्रयास भी आज हस्ताक्षरित समझौते का एक हिस्सा है। 
    • आयुष मंत्रालय और ICMआर के बीच एक संयुक्त कार्य- समूह बनाया जाएगा जो सहयोग के अन्य क्षेत्रों की खोज के लिए और परियोजना में आगे बढ़ने के ठोस साक्ष्य (डिलिवरेबल्स) पर काम करने के लिये त्रैमासिक बैठक आयोजित करेगा। 
    • इसके अलावा सहयोग के रूप में विद्वानों/प्रशिक्षुओं/शोधकर्ताओं संगठनों के संकायों के पास यात्रा और संयुक्त-अनुसंधान की अवधि के लिए संगठनों के प्रचलित नियमों के अनुसार उन्नत इंस्ट्रूमेंटेशन सिस्टम और अन्य बुनियादी सुविधाओं तक पहुँच होगी। 
    • दोनों संयुक्त रूप से अन्य देशों से आयुष प्रणाली के साक्ष्य और वैज्ञानिक सत्यापन को बढ़ावा देने के लिए काम करेंगे। 
  • यह सहयोग आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके स्वास्थ्य सेवा में राष्ट्रीय महत्‍व के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में साक्ष्य उत्पन्न करने के लिए उच्च प्रभाव वाले एकीकृत अनुसंधान को बढ़ावा देगा।
  • संयुक्त प्रयास राष्ट्रीय महत्त्व के चिन्हित क्षेत्रों/रोगों के क्षेत्र में उच्च-गुणवत्ता वाले नैदानिक-परीक्षणों और एकीकृत उपचार की बृहद स्वीकृति वाले साक्ष्य जुटाने में बढ़ावा देगा।
  • यह समझौता साक्ष्य आधारित अनुसंधान क्षमताओं को और मजबूत करते हुए इस गति को तेज और व्यापक बनाने का काम करेगा। 
  • वास्तव में यह एक सकारात्मक प्रगति है जिसमें दो संस्थानों की ताकत, संसाधनों और क्षमताओं को समेकित करने से वास्तव में अच्छे परिणाम सामने आएँगे।

3. शंघाई सहयोग संगठन (SCO) स्टार्टअप फोरम 2023:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच, उनकी संरचना, अधिदेश। 

प्रारंभिक परीक्षा: शंघाई सहयोग संगठन (SCO)। 

मुख्य परीक्षा: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में स्टार्टअप फोरम की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालिये।   

प्रसंग: 

  • स्टार्टअप इंडिया, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, वाणिज्य मंत्रालय ने हाल ही में नई दिल्ली में पहली बार शंघाई सहयोग संगठन (SCO) स्टार्टअप फोरम के तीसरे संस्करण का आयोजन किया। 

उद्देश्य:

  • इससे पहले वर्चुअल रूप से दो संस्करण सफलतापूर्वक आयोजित किये जा चुके हैं। 
  • इसका उद्देश्य शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के बीच स्टार्टअप के बारे में बातचीत को बढ़ाना, अधिक रोजगार सृजन और युवाओं को नवाचार समाधान बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।  

विवरण:  

  • SCO सदस्य देशों के साथ विचार-विमर्श का यह अवसर सहयोग और उद्यमिता की भावना पर केंद्रित था। 
    • इसका उद्देश्य नवाचार विकास को बढ़ावा देना, विशेष रूप से सामान्य प्लेटफार्मों के निर्माण और SCO सदस्य देशों के बीच विचारों का आदान-प्रदान था।
  • इस एजेंडे को बढ़ावा देने और प्राप्त करने के लिए विभिन्न स्टार्टअप्स के बीच द्विपक्षीय बैठकें आयोजित की गईं।
  • इस दौरान प्रतिभागियों ने भारत में उद्यमिता के विभिन्न पक्षों को जाना और भारत में अपने व्यावसायों के विस्तार के अवसरों की जानकारी हासिल की। 
    • इनक्यूबेटर यात्रा के दौरान भारत में स्केलिंग चरण पर स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए वित्त पोषण, मेंटरशिप और अवसरों की बारीकियों को उजागर करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया इस तरह के कार्यक्रमों का नेतृत्व करके, भारत ने नवाचार पहल का विस्तार करने, पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को एकजुट करने और अन्य SCO सदस्य देशों को इसी तरह के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।  
  • इससे पहले, स्टार्टअप इंडिया ने SCO सदस्य देशों के लिए विभिन्न पहलों का आयोजन किया था, इनमें शामिल हैं –
  • SCO स्टार्टअप फोरम 2020 : SCO स्टार्टअप फोरम ने SCO सदस्य देशों के बीच स्टार्टअप के लिए बहुपक्षीय सहयोग और जुड़ाव की नींव रखी।
  • SCO स्टार्टअप फोरम 2021: दो दिवसीय फोरम भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाले एक अनुकूलित मंच के माध्यम से वर्चुअल रूप से आयोजित किया गया था। 
    • इस दौरान SCO स्टार्टअप हब, SCO स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए संपर्क सूत्र लॉन्च किया गया था।

फोकस्ड मेंटरशिप प्रोग्राम: SCO स्टार्टअप संस्थापकों के बीच क्षमता निर्माण के लिए नामांकित स्टार्टअप के लिए 3 महीने की वर्चुअल मेंटरशिप सीरीज ‘स्टार्टिंग-अप’ का आयोजन किया गया था।

4. विद्युत मंत्रालय तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय मिलकर डीकार्बोनाइजेशन के लिए कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना विकसित करेंगे:

सामान्य अध्ययन: 3

पर्यावरण: 

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदुषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।  

मुख्य परीक्षा: भारतीय कार्बन बाजार (ICM) विकसित करने के महत्व पर चर्चा कीजिए।  

प्रसंग: 

  • भारत सरकार भारतीय कार्बन बाजार (ICM) विकसित करने की योजना बना रही है जहां कार्बन क्रेडिट सर्टिफिकेट्स के व्यापार के माध्यम से ग्रीन हाउस गैस (GHG) उत्सर्जन का मूल्य निर्धारण करके भारतीय अर्थव्यवस्था को डीकार्बोनाइज करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय ढांचा स्थापित किया जाएगा।

उद्देश्य:

  • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, विद्युत मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय साथ मिलकर इस उद्देश्य के लिए कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना विकसित कर रहे हैं।   

विवरण:  

  • जैसा कि भारत में वर्तमान में एक ऊर्जा बचत-आधारित बाजार तंत्र है, नई कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना एक बढ़े हुए दायरे के साथ एनर्जी ट्रांसमिशन से जुड़े प्रयासों को बढ़ाएगी जो भारत में संभावित ऊर्जा क्षेत्रों को कवर करेगी। 
  • इन क्षेत्रों के लिए, GHG उत्सर्जन तीव्रता बेंचमार्क और लक्ष्य विकसित किए जाएंगे, जो जलवायु लक्ष्यों के अनुसार भारत के उत्सर्जन के ग्राफ के साथ एकरूप होंगे। 
  • कार्बन क्रेडिट का व्यापार इस क्षेत्रीय ग्राफ के प्रदर्शन के आधार पर होगा। 
  • इसके अलावा, यह परिकल्पना की गई है कि गैर-बाध्यकारी क्षेत्रों से GHG कटौती को प्रोत्साहित करने के लिए समवर्ती रूप से एक स्वैच्छिक तंत्र का विकास होगा।
  • ICM एक प्रतिस्पर्धी बाजार के निर्माण को सक्षम करेगा जो कार्बन क्रेडिट उत्पन्न करने वाली टिकाऊ परियोजनाओं के लिए प्रौद्योगिकी और फंड आकर्षित करके क्लाइमेट एक्टर्स को कम लागत वाले विकल्प अपनाने के लिए प्रोत्साहन प्रदान कर सकता है। 
  • यह निम्न-कार्बन मार्गों पर आगे बढ़ने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था द्वारा आवश्यक निवेश के एक महत्वपूर्ण हिस्से को जुटाने के लिए एक वाहन हो सकता है।
  • ICM विभिन्न पंजीकृत परियोजनाओं से कार्बन उत्सर्जन में कमी और निष्कासन के आकलन के लिए कार्यप्रणाली विकसित करेगा, और योजना के संचालन के लिए आवश्यक सत्यापन, पंजीकरण और जारी करने की प्रक्रिया को निर्धारित करेगा। 
    • परामर्श के बाद उत्सर्जन योजना के लिए निगरानी, ​​​​रिपोर्टिंग, सत्यापन (MRV) दिशानिर्देश भी विकसित किए जाएंगे। 
    • ICM को लागू करने में शामिल प्रत्येक पार्टी की विशिष्ट भूमिकाओं के साथ एक व्यापक संस्थागत और शासन संरचना की स्थापना की जाएगी। विषयवस्तु में अप-स्किलिंग के लिए सभी संस्थाओं की क्षमता निर्माण किया जाएगा।
  • ICM निजी और सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा उत्सर्जन क्रेडिट की मांग के माध्यम से न्यूनीकरण के नए अवसर जुटाएगा। 
    • एक अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया, प्रतिस्पर्धी कार्बन बाजार तंत्र कम से कम लागत पर GHG उत्सर्जन को कम करने में सक्षम होगा, दोनों इकाई के स्तर पर, साथ ही साथ समग्र क्षेत्र और भारत जैसी बढ़ती अर्थव्यवस्था में स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को तेजी से अपनाने को प्रेरित करेगा।
  • भारत अपने महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय निर्धारित योगदान (NDC) के माध्यम से जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जलवायु कार्रवाई में सबसे आगे रहा है। 
  • भारत के संवर्धित जलवायु लक्ष्यों की उपलब्धि को सुविधाजनक बनाने और भविष्य के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सरकार ICM का विकास कर रही है। 
    • निम्न कार्बन अर्थव्यवस्था में परिवर्तन को गति देकर, ICM 2005 के स्तर के मुकाबले 2030 तक सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करने के एनडीसी लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.अटल पेंशन योजना (APY) के 8 वर्ष पूर्ण:

  • अटल पेंशन योजना (APY), जो कि भारत सरकार की एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना है, ने अपने सफल कार्यान्वयन के आठ वर्ष पूरे कर लिए हैं। 
    • भारत के सभी नागरिकों, विशेषकर असंगठित क्षेत्र के कामगारों को वृद्धावस्था आय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से इस योजना का शुभारंभ 9 मई 2015 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था।
  • यह योजना पूरे देश में व्यापक रूप से लागू की गई है, जिसमें सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया गया है, और जिसमें कुल नामांकन 5.25 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। 
    • APY के शुभारंभ से ही इसमें नामांकन निरंतर बढ़ता जा रहा है। 
    • वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में नए नामांकन में 20% की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में नए नामांकन में 25% की वृद्धि दर्ज की गई थी। 
    • अब तक APY में प्रबंधन के तहत कुल परिसंपत्ति (AUM) 28,434 करोड़ रुपये से भी अधिक आंकी गई है और इस योजना ने अपने शुभारंभ से लेकर अब तक 8.92% का निवेश रिटर्न अर्जित किया है।
  • सार्वजनिक एवं निजी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, पेमेंट बैंकों, लघु वित्त बैंकों, डाक विभाग के अथक प्रयासों, और राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों द्वारा दिए गए व्‍यापक सहयोग के बिना समाज के सबसे कमजोर वर्गों को पेंशन के दायरे में लाने का यह कार्य संभव नहीं हो सकता था।
  • नया APY खाता 18-40 वर्ष की आयु वाले किसी भी ऐसे भारतीय नागरिक द्वारा खोला जा सकता है, जिसके पास बचत बैंक खाता है और जो आयकरदाता नहीं है। 
    • APY के तहत संबंधित ग्राहक को 60 वर्ष की आयु से प्रति माह 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक आजीवन न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन प्राप्त होगी, जो कि उसके योगदान पर निर्भर करेगी, और जो स्वयं APY योजना में शामिल होने की उम्र के आधार पर अलग-अलग होगी। 
    • संबंधित ग्राहक या अभिदाता की मृत्यु हो जाने के बाद अभिदाता के पति/पत्नी को समान पेंशन का भुगतान किया जाएगा और अभिदाता तथा पति/पत्नी दोनों की ही मृत्यु हो जाने पर संबंधित अभिदाता की 60 वर्ष की आयु तक संचित पेंशन राशि नामांकित व्यक्ति को वापस कर दी जाएगी।
  • PFRDA सदैव ही भारत को एक पेंशनभोगी समाज बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है, जैसा कि भारत सरकार ने परिकल्पना की थी।

 

11 May PIB :- Download PDF Here

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