विषयसूची:
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1.प्रधानमंत्री बेंगलुरु में 13 फरवरी को एशिया के सबसे बड़े एयरो शो- एयरो इंडिया 2023 का उद्घाटन करेंगे:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: रक्षा प्रौद्योगिकी।
प्रारंभिक परीक्षा: लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA)-तेजस, HTT-40, डोर्नियर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (LUH), लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) और उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (ALH)।
मुख्य परीक्षा: एयरो इंडिया का आयोजन एयरोस्पेस और विमानन क्षेत्र के विकास में किस प्रकार महत्वपूर्ण योगदान देगा ?
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री कर्नाटक के बेंगलुरु में 13 फरवरी, 2023 को एशिया के सबसे बड़े एयरो शो- एयरो इंडिया 2023 के 14वें संस्करण का उद्घाटन करेंगे।
उद्देश्य:
- पाँच दिन के इस आयोजन में, एयरोस्पेस और रक्षा क्षमताओं में भारत की वृद्धि को प्रदर्शित करके एक मजबूत और आत्मनिर्भर ‘नए भारत’ के उदय को प्रसारित करेगा।
- इस आयोजन में एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के लिए ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ परिकल्पना के अनुरूप स्वदेशी उपकरणों/प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने और विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- एयरो इंडिया 2023 देश की विनिर्माण क्षमता और प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुसार ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में हुई प्रगति को प्रदर्शित करेगा।
- यह आयोजन एयरोस्पेस और विमानन क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
विवरण:
- इस पांच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान 809 कंपनियां देश की एयरोस्पेस और रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगी।
- समृद्धि के लिए ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ परिकल्पना प्राप्त करने के लिए नई साझेदारियां की जाएंगी।
- 32 रक्षा मंत्रियों और वैश्विक और भारतीय ओईएम के 73 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के भाग लेने की संभावना है।
- रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन; मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोलमेज; LCA-तेजस विमान भारत मंडप में पूर्ण परिचालन क्षमता विन्यास और सांस थामने वाले एयर शो इस 14वें संस्करण का हिस्सा होंगे; 75,000 करोड़ रुपये के 251 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाने की आशा है।
अब तक का सबसे बड़ा एयरो इंडिया:
- येलहंका के वायु सेना केंद्र में लगभग 35,000 वर्गमीटर के कुल क्षेत्रफल में आयोजित, यह अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है, जिसमें 98 देशों के भाग लेने की संभावना है।
- इस कार्यक्रम में 32 देशों के रक्षा मंत्रियों, 29 देशों के वायु सेना प्रमुखों और वैश्विक और भारतीय ओईएम के 73 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के भाग लेने की आशा है।
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-एमएसएमई और स्टार्ट-अप सहित आठ सौ नौ (809) रक्षा कंपनियां विशिष्ट प्रौद्योगिकियों में प्रगति और एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में वृद्धि का प्रदर्शन करेंगी।
प्रमुख प्रदर्शक और उपकरण:
- प्रमुख प्रदर्शकों में एयरबस, बोइंग, डसॉल्ट एविएशन, लॉकहीड मार्टिन, इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, आर्मी एविएशन, एचसी रोबोटिक्स, एसएएबी, सफरान, रोल्स रॉयस, लार्सन एंड टुब्रो, भारत फोर्ज लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और बीईएमएल लिमिटेड शामिल हैं।
- एयरो इंडिया 2023 डिजाइन नेतृत्व, यूएवी क्षेत्र में विकास, रक्षा अंतरिक्ष और भविष्य की प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करेगा।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA)-तेजस, HTT-40, डोर्नियर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (LUH), लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) और उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) जैसे स्वदेशी हवाई प्लेटफार्मों के निर्यात को बढ़ावा देना है।
- यह घरेलू सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-एमएसएमई और स्टार्ट-अप को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एकीकृत करेगा और सह-विकास और सह-उत्पादन के लिए साझेदारी सहित विदेशी निवेश आकर्षित करेगा।
रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन:
- रक्षा मंत्री 14 फरवरी को रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन की मेजबानी करेंगे।
- ‘साझा’ थीम पर आयोजित इस बैठक में मित्र देशों के रक्षा मंत्री हिस्सा लेंगे।
- इसका आयोजन रक्षा में संवर्द्धित संलग्नता (स्पीड) के माध्यम से समृद्धि के विषय पर किया जाएगा।
- कॉन्क्लेव क्षमता निर्माण (निवेश, अनुसंधान एवं विकास, संयुक्त उद्यम, सह-विकास, सह-उत्पादन और रक्षा उपकरणों के प्रावधान के माध्यम से), प्रशिक्षण, अंतरिक्ष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और समुद्री सुरक्षा को एक साथ विकसित करने के लिए गहन सहयोग से संबंधित पहलुओं को संबोधित करेगा।
- यह कॉन्क्लेव रक्षा मंत्रियों के लिए ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन को आगे बढ़ाने के लिए एक दूसरे के साथ जुड़ने का एक अवसर है।
द्विपक्षीय बैठकें:
- एयरो इंडिया 2023 के मौके पर, रक्षा मंत्री, रक्षा राज्य मंत्री, रक्षा कर्मचारियों के प्रमुख और रक्षा सचिव के स्तर पर कई द्विपक्षीय बैठकें आयोजित की जाएंगी।
मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का गोलमेज सम्मेलन:
- रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में ‘मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का गोल मेज़ सम्मेलन’ 13 फरवरी को ‘स्काई इज नॉट द लिमिट: अपॉर्चुनिटीज बियॉन्ड बाउंड्री’ विषय पर आयोजित होगी।
- भारत में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ यानी व्यवसाय में सुगमता में और वृद्धि होने और भारत में विनिर्माण के लिए मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को एक अनुकूल मंच प्रदान करने की आशा है।
बंधन समारोह:
- बंधन समारोह, जो समझौता ज्ञापनों (एमओयू)/समझौतों, प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण, उत्पाद लॉन्च और अन्य प्रमुख घोषणाओं पर हस्ताक्षर करने का गवाह है, 15 फरवरी को आयोजित किया जाएगा।
- रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
- विभिन्न भारतीय/विदेशी रक्षा कंपनियों और संगठनों के बीच साझेदारी के लिए 75,000 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ दो सौ इक्यावन (251) समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है।
मंथन:
- वार्षिक रक्षा नवाचार कार्यक्रम, मंथन, 15 फरवरी को आयोजित होने वाला प्रमुख प्रौद्योगिकी को प्रदर्शित करने वाला कार्यक्रम होगा।
- मंथन कार्यक्रम में साइबर सुरक्षा पर चुनौतियों का शुभारंभ, आईडीईएक्स निवेशक हब की स्थापना, निवेशकों के साथ समझौता ज्ञापन और रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास आदि सहित कई पहल होंगी।
भारत मंडप:
- ‘फिक्स्ड विंग प्लेटफॉर्म’ विषय पर आधारित ‘इंडिया पवेलियन’ भविष्य की संभावनाओं सहित क्षेत्र में भारत के विकास को प्रदर्शित करेगा।
- 227 उत्पादों को प्रदर्शित करने वाली कुल 115 कंपनियां शामिल होंगी।
- यह आगे फिक्स्ड विंग प्लेटफॉर्म के लिए एक ईकोसिस्टम विकसित करने में भारत के विकास को प्रदर्शित करेगा जिसमें निजी भागीदारों द्वारा उत्पादित LCA-तेजस विमान के विभिन्न संरचनात्मक मॉड्यूल, सिमुलेटर, सिस्टम (एलआरयू) आदि का प्रदर्शन शामिल है।
- रक्षा क्षेत्र, नई प्रौद्योगिकियों और एक यूएवी खंड के लिए भी एक खंड होगा जो प्रत्येक क्षेत्र में भारत के विकास के बारे में जानकारी देगा।
- पूर्ण संचालन क्षमता (FOC) विन्यास में पूर्ण पैमाने पर LCA-तेजस विमान भारत मंडप के केंद्र चरण में होगा।
- LCA तेजस एक सिंगल इंजन वाला, हल्का, अत्यधिक गतिशील, मल्टी-रोल सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है।
- इसमें संबद्ध उन्नत उड़ान नियंत्रण कानूनों के साथ क्वाड्रुप्लेक्स डिजिटल फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (FCS) है।
- डेल्टा विंग वाले विमान को ‘हवा में मुकाबला’ और ‘आक्रामक हवाई समर्थन’ के लिए ‘टोही’ और ‘एंटी-शिप’ के रूप में इसकी माध्यमिक भूमिकाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे:
- प्रधानमंत्री ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का 246 किलोमीटर लंबा दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड राष्ट्र को समर्पित किया।
- उन्होंने 5940 करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से विकसित होने वाली 247 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
- यह दुनिया के सबसे उन्नत एक्सप्रेसवे में से एक है।
- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से राजस्थान के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों को लाभ होगा।
- इससे “सरिस्का, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, रणथंभौर और जयपुर जैसे पर्यटन स्थलों को राजमार्ग से बहुत लाभ मिलेगा”।
पृष्ठभूमि:
- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड को 12,150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है।
- इस खंड के प्रचालनगत होने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय 5 घंटे से घटकर लगभग 3.5 घंटे रह जाएगा और इससे पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास को अत्यधिक बढ़ावा मिलेगा।
- दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे 1,386 किमी की लंबाई के साथ भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा।
- यह दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा की दूरी को 1,424 किमी से 12 प्रतिशत कम करके 1,242 किमी कर देगा और यात्रा का समय 24 घंटे से घटकर 12 घंटे तक यानी 50 प्रतिशत कम हो जाएगा।
- यह छह राज्यों – दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा और कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगा।
- एक्सप्रेसवे 93 पीएम गति शक्ति आर्थिक नोड्स, 13 बंदरगाहों, 8 प्रमुख हवाई अड्डों और 8 मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क (MMLP) के साथ-साथ जेवर हवाई अड्डे, नवी मुंबई हवाई अड्डे और जेएनपीटी बंदरगाह जैसे नए आगामी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को भी सेवा प्रदान करेगा।
- इस एक्सप्रेसवे का सभी समीपस्थ क्षेत्रों के विकास संबंधी मार्ग पर उत्प्रेरक प्रभाव पड़ेगा और इस प्रकार यह देश के आर्थिक रुपांतरण में प्रमुख योगदान देगा।
- कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने 5940 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित होने वाली 247 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।
2.राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव 2023:
- राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव की मुंबई में शुरुआत हो चुकी है और इस बार यह आयोजन सभी के लिए एक विशेष विजुअल तथा म्यूजिकल कार्यक्रम होगा।
- इस महोत्सव का उद्देश्य विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों को एक-दूसरे के साथ तथा 3सी अर्थात आम नागरिक के साथ शिल्प, संस्कृति और व्यंजनों के माध्यम से जोड़ना है।
- भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा 11 से 19 फरवरी तक सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ इस महोत्सव का आयोजन किया गया है।
- भारत सरकार भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण का सूत्रपात कर रही है।
- संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने घोषणा करते हुए कहा कि इस वर्ष 14 अप्रैल को डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर की जयंती पर एक विशेष पर्यटक बाबासाहेब अम्बेडकर सर्किट ट्रेन का शुभारंभ किया जाएगा।
- संस्कृति मंत्रालय द्वारा हर वर्ष भारत के अलग-अलग राज्यों में इस महोत्सव का आयोजन किया जाता है। यह साल 2019 में मध्य प्रदेश में, 2022 में आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में आयोजित किया गया और अब महाराष्ट्र में इसका आयोजन किया जा रहा है।
- राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है और यह लोगों को एक साथ आने तथा भारत की सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक परंपराओं का अनुभव प्राप्त करने का अवसर है।
3.धारा – रिवर सिटी एलायंस:
- धारा – रिवर सिटी एलायंस के सदस्यों की वार्षिक बैठक 13-14 फरवरी, 2023 को पुणे में आयोजित की जाएगी।
- धारा का अर्थ शहरी नदियों के लिए समग्र कार्रवाई है, रिवर सिटीज एलायंस (RCA) के सदस्यों की वार्षिक बैठक, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) द्वारा राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (NIUA) के सहयोग से पुणे में 13 से 14 फरवरी तक आयोजित की जा रही है।
- धारा 2023 भारत में 95 सदस्यीय नदी शहरों के आयुक्त, अपर आयुक्त, मुख्य अभियंता और वरिष्ठ योजनाकार, स्थानीय जल निकायों के प्रबंधन सहित वरिष्ठ अधिकारियों के लिए आपस में सीखने और समाधानों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
- भारत की जी-20 अध्यक्षता के दायरे में अर्बन-20 (U-20) पहल के साथ इस आयोजन का मजबूत तालमेल है।
- यू-20 के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक शहरी जल सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
- शहर की समग्र जल सुरक्षा को बढ़ाने में स्वस्थ नदियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- धारा 2023 दो दिवसीय आयोजन में कई सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें झील और तालाब के कायाकल्प से जुड़े शहरी नदी प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के लिए प्रतिभागियों को कई अनूठे और अभिनव समाधानों से परिचित कराने के लिए ‘नदी से संबंधित नवोन्मेषी प्रथाओं पर राष्ट्रीय केस स्टडीज’ विकेंद्रीकृत प्रयुक्त जल प्रबंधन, नदी से संबंधित अर्थव्यवस्था को बढ़ाना, भूजल प्रबंधन और बाढ़ प्रबंधन तथा डेनमार्क जैसे देशों में नदी से संबंधित नवीन प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय मामले का अध्ययन’, इज़राइल में उपयोग किए गए पानी का पुन: उपयोग, नीदरलैंड में बाढ़ के मैदान प्रबंधन, संयुक्त राज्य अमेरिका में नदी स्वास्थ्य निगरानी, जापान में प्रदूषण नियंत्रण और ऑस्ट्रेलिया में जल संवेदनशील शहर डिजाइन पर सत्र शामिल हैं।
- रिवर सिटीज एलायंस 2021 में 30 शहरों के साथ शुरू हुआ और वर्तमान में पूरे भारत में इसके 95 शहर सदस्य हैं।
- आरसीए को 2021 में शहरी नदियों के सतत प्रबंधन के लिए चर्चा और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए भारत भर के नदी शहरों के लिए एक समर्पित मंच के रूप में शुरू किया गया था।
- धारा 2023 का आयोजन सदस्य शहरों के नगर आयुक्तों के लिए शहरी नदी प्रबंधन के लिए संभावित शिक्षण समाधान खोजने के लिए किया जा रहा है।
- अपेक्षित परिणाम में तकनीकी समाधानों के संग्रह का विकास शामिल है जिसे शहर स्थानीय नदियों के प्रबंधन को बढ़ाने के लिए अपना सकते हैं।
- धारा शहरों में नदी प्रबंधन के लिए अनसुलझे मुद्दों और चुनौतियों पर प्रकाश डालेगा और एक प्रभावी कार्य योजना तैयार करने में एनआईयूए तथा भागीदारों की मदद करेगा।
- धारा 2023 का आयोजन सदस्य शहरों के नगर आयुक्तों के लिए गहन चर्चा शुरू करने और शहरी नदी प्रबंधन के लिए संभावित शिक्षण समाधानों के साथ करने के लिए किया जा रहा है।
- रिवर सिटीज एलायंस (आरसीए) 2021 में 30 शहरों के साथ शुरू हुआ था और वर्तमान में पूरे भारत में इसके 95 शहर सदस्य हैं।
- आरसीए को श्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा नवंबर 2021 को भारत में नदी शहरों के लिए एक समर्पित मंच के रूप में शुरू किया गया था, ताकि शहरी नदियों के स्थायी प्रबंधन के लिए सूचनाओं पर विचार, चर्चा और आदान-प्रदान किया जा सके।
- रिवर सिटीज़ एलायंस, दुनिया में अपनी तरह का पहला एलायंस, दो मंत्रालयों यानी जल शक्ति मंत्रालय और आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की सफल साझेदारी का प्रतीक है।
- एलायंस तीन व्यापक विषयों- नेटवर्किंग, क्षमता निर्माण और तकनीकी सहायता पर केंद्रित है।
4.महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती:
- प्रधानमंत्री ने 12 फरवरी को दिल्ली में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह का उद्घाटन किया। साथ ही इसके स्मरणोत्सव के लिए एक लोगो भी जारी किया।
- प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि यह शुभ अवसर दो साल तक मनाया जाएगा और कहा कि सरकार ने महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती मनाने का फैसला किया है।
- प्रधानमंत्री ने महर्षि जी की उपलब्धियों और प्रयासों की असाधारण प्रकृति पर बल दिया।
- उन्होंने कहा कि आर्य समाज की स्थापना के 150 वर्ष बाद और उनके जन्म के 200 वर्ष बाद भी उनके प्रति लोगों की आदर और सम्मान की भावना इस राष्ट्र की यात्रा में उनके प्रमुख स्थान का सूचक है।
- स्वामी जी के ‘वेदों की ओर लौटो’ के आह्वान का उल्लेख करते हुए, उन्होंने संस्कृति और परंपराओं को समृद्ध करते हुए आधुनिकता का मार्ग प्रशस्त करने के प्रति भारत के लोगों के विश्वास को रेखांकित किया।
- महर्षि दयानंद की शिक्षाओं को प्रतिबिंबित करते हुए, प्रधानमंत्री ने उनके द्वारा अपने जीवनकाल में स्थापित किए गए विभिन्न संगठनों का उल्लेख किया।
- उन्होंने कुरुक्षेत्र गुरुकुल, स्वामी श्रद्धानंद ट्रस्ट एवं महर्षि दयानंद ट्रस्ट का भी उदाहरण दिया और ऐसे कई युवाओं के जीवन का उल्लेख किया जिन्हें इन संगठनों ने आकार दिया है।
- स्वामी दयानन्द जी और उनका आदर्श था- “कृण्वन्तो विश्वमार्यम्”॥ अर्थात, हम पूरे विश्व को श्रेष्ठ बनाएँ, हम पूरे विश्व में श्रेष्ठ विचारों का, मानवीय आदर्शों का संचार करें।
- इसलिए, 21वीं सदी में आज जब विश्व अनेक विवादों में फंसा है, हिंसा और अस्थिरता में घिरा हुआ है, तब महर्षि दयानंद सरस्वती जी का दिखाया मार्ग करोड़ों लोगों में आशा का संचार करता है।
पृष्ठभूमि:
- 12 फरवरी 1824 को जन्मे महर्षि दयानंद सरस्वती एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने 1875 में आर्य समाज की स्थापना की थी जिससे कि उस समय के दौरान व्याप्त सामाजिक विषमताओं का मुकाबला किया जा सके।
- आर्य समाज ने सामाजिक सुधारों और शिक्षा पर जोर देकर देश की सांस्कृतिक और सामाजिक जागृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
5.राष्ट्रीय डाक टिकट प्रदर्शनी अमृतपेक्स (AMRITPEX)-2023:
- भारतीय डाक द्वारा आयोजित किए जा रहे अमृतपेक्स-2023 की शुरुआत नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत की दुल्हन की वेशभूषा पर स्मारक डाक टिकटों के लॉन्च के साथ हुई।
- पद्मश्री श्रीमती शोवना नारायण ने भारत की दुल्हन की वेशभूषा पर स्मारक डाक टिकट और नारी शक्ति पर एक आवरण विमोचन जारी किया।
- AMRITPEX 2023 के बाद दूसरा सत्र सुपरवुमन सिंड्रोम पर केंद्रित था।सुपरवुमन सिंड्रोम तब होता है जब प्रत्येक व्यक्ति अपने जुनून का पालन करता है और इसे पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ लागू करता है।
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