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विषयसूची:

  1. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तेल विपणन कंपनियों को अनुदान के लिए 22,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी:
  2. पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल (पीएम-डिवाइन) को मंजूरी:
  3. बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास इब्सामार (IBSAMAR) का सातवां संस्करण:
  1. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तेल विपणन कंपनियों को अनुदान के लिए 22,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी:

    सामान्य अध्ययन: 3

    ऊर्जा:

    विषय: तेल विपणन कंपनियों की सहायता हेतु सरकारी नीतियां और उनमें हस्तक्षेप एवं डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

    प्रारंभिक परीक्षा: पीएसयू ओएमसी से सम्बंधित तथ्य।

    प्रसंग:

    • प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की तीन तेल विपणन कंपनियों (PSU OMC) को 22,000 करोड़ रुपये की एकमुश्त अनुदान राशि देने के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

    उद्देश्य:

    • इस मंजूरी से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को आत्मनिर्भर भारत अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखने में मदद मिलेगी।

    • इससे घरेलू एलपीजी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी और मेक इन इंडिया उत्पादों की खरीद को समर्थन भी मिलेगा।

    विवरण:

    • ये अनुदान इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) के बीच वितरित किया जाएगा।

    • घरेलू एलपीजी सिलेंडरों की आपूर्ति सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों जैसे IOCL, BPCL, HPCL द्वारा उपभोक्ताओं को विनियमित कीमतों पर की जाती है।

    • जून 2020 से जून 2022 की अवधि के दौरान, एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगभग 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।

    • हालांकि, उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय एलपीजी कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए, घरेलू एलपीजी के उपभोक्ताओं पर इस लागत वृद्धि को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया था।

    • ऐसे में इस अवधि के दौरान घरेलू एलपीजी की कीमतों में सिर्फ 72 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इससे इन तेल विपणन कंपनियों कंपनियों को काफी नुकसान हुआ है।

    • इन नुकसानों के बावजूद तीन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने देश में इस आवश्यक खाना पकाने के ईंधन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की है।

  2. पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल (पीएम-डिवाइन) को मंजूरी:

    सामान्य अध्ययन: 2

    शासन:

    विषय: सरकारी नीतियों एवं विभिन्न क्षेत्रों में विकास हेतु हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

    प्रारंभिक परीक्षा: पीएम-डिवाइन से सम्बंधित तथ्य।

    मुख्य परीक्षा: केंद्र सरकार द्वारा हाल के वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास हेतु किए गये प्रयास एवं उनकी सफलता एवं चुनौतियों का आंकलन कीजिए।

    प्रसंग:

    • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक नई योजना, पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल (पीएम-डिवाइन) को वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग के शेष चार वर्षों के लिए मंजूरी दे दी है।

    उद्देश्य:

    • पीएम गति शक्ति की भावना में सम्मिलित रूप से बुनियादी ढांचे को निधि देना;

    • पूर्वोत्तर क्षेत्र की जरूरतों के आधार पर सामाजिक विकास परियोजनाओं को समर्थन देना;

    • युवाओं और महिलाओं के लिए आजीविका संबंधी कार्यों को सक्षम करना;

    • विभिन्न क्षेत्रों में विकास अंतराल को पाटना।

    विवरण:

    • 100 प्रतिशत केन्द्रीय वित्त पोषण के साथ पीएम-डिवाइन नामक नई योजना केन्द्रीय क्षेत्र की एक योजना है और इसे पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय (डोनर) द्वारा लागू किया जाएगा।

    • पीएम-डिवाइन योजना में 2022-23 से 2025-26 (15वें वित्त आयोग की अवधि के शेष वर्षों) तक चार साल की अवधि में 6,600 करोड़ रुपये का परिव्यय होगा।

    • पीएम-डिवाइन के तहत परियोजनाओं को वर्ष 2025-26 तक पूरा करने का प्रयास किया जाएगा ताकि इस वर्ष के बाद कोई प्रतिबद्ध देनदारी न हो।

    • पीएम-डिवाइन योजना बुनियादी ढांचे के निर्माण, उद्योगों तथा सामाजिक विकास परियोजनाओं को सहयोग देगी और युवाओं व महिलाओं के लिए आजीविका सृजित करेगी, जिससे रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

    • पीएम-डिवाइन को पूर्वोत्तर परिषद या केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों के माध्यम से डोनर मंत्रालय द्वारा लागू किया जाएगा।

    • पीएम-डिवाइन के तहत स्वीकृत परियोजनाओं का पर्याप्त संचालन और रख-रखाव सुनिश्चित करने के उपाय किए जाएंगे ताकि वे टिकाऊ बनी रहें।

    • सरकारी परियोजनाओं के समय और लागत में वृद्धि के निर्माण जोखिमों को सीमित करने के लिए, जहां तक संभव होगा, उन्हें इंजीनियरिंग-खरीद-निर्माण (ईपीसी) के आधार पर लागू किया जाएगा।

    • पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के तहत अन्य योजनाएं भी हैं। लेकिन पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की अन्य योजनाओं के तहत परियोजनाओं का औसत आकार लगभग 12 करोड़ रुपये ही है।

    • पीएम-डिवाइन योजना बुनियादी ढांचे तथा सामाजिक विकास परियोजनाओं को सहायता और शुरू से अंत तक विकास समाधान भी प्रदान करेगी।

    • यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पीएम-डिवाइन के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय या किसी अन्य मंत्रालय/विभाग की अन्य योजनाओं के साथ परियोजना सहायता का दोहराव नहीं हो।

    • पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास अंतराल को दूर करने के लिए केन्द्रीय बजट 2022-23 में पीएम-डिवाइन की घोषणा की गई थी।

    • पीएम-डिवाइन पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए उपलब्ध संसाधनों की मात्रा के अतिरिक्त है। यह मौजूदा केन्द्रीय और राज्य योजनाओं का विकल्प नहीं होगी।

    • हालांकि पीएम-डिवाइन के तहत 2022-23 के लिए स्वीकृत की जाने वाली कुछ परियोजनाएं बजट घोषणा का हिस्सा हैं, आम जनता के लिए पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक प्रभाव या स्थायी आजीविका के अवसर वाली परियोजनाओं (जैसे, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों में बुनियादी ढांचा, सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में व्यापक सुविधाएं आदि) पर भविष्य में विचार किया जा सकता है।

    • पीएम-डिवाइन की घोषणा का उद्देश्य बुनियादी न्यूनतम सेवाओं के संबंध में पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति में सुधार करना है।

    • बुनियादी न्यूनतम सेवाओं (बीएमएस) के संबंध में पूर्वोत्तर राज्यों के पैरामीटर राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे हैं और नीति आयोग, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा तैयार बीईआर जिला निरंतर विकास उद्देश्य (एसडीजी) सूचकांक 2021-22 के अनुसार पूर्वोत्तर क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास अंतराल हैं।

    • इन बीएमएस कमियों और विकास अंतरालों को दूर करने के लिए नई योजना, पीएम-डिवाइन की घोषणा की गई थी।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास इब्सामार (IBSAMAR) का सातवां संस्करण:
    • आईएनएस तरकश 10 से 12 अक्टूबर 2022 तक भारतीय, ब्राजील एवं दक्षिण अफ्रीकी नौसेनाओं के बीच एक संयुक्त बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास इब्सामार के सातवें संस्करण में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका के पोर्ट गकेबेरहा (जो पोर्ट एलिजाबेथ के रूप में भी जाना जाता है) पहुंचा गया है।

    • इब्सामार (IBSAMAR-VI) का पिछला संस्करण सिमंस टाउन, दक्षिण अफ्रीका में 01 से 13 अक्टूबर 2018 तक आयोजित किया गया था।

    • भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व तेग क्लास गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट, आईएनएस तरकश, एक चेतक हेलीकॉप्टर और मरीन कमांडो फोर्स (मार्कोस) के कर्मियों द्वारा किया जाता है।

    • इब्सामार के सातवें संस्करण के बंदरगाह चरण में पेशेवर आदान-प्रदान जैसे क्षति नियंत्रण और अग्निशमन अभ्यास, वीबीएसएस/क्रॉस बोर्डिंग व्याख्यान और विशेष बलों के बीच बातचीत शामिल है।

    • यह संयुक्त समुद्री अभ्यास समुद्री सुरक्षा, संयुक्त अभियानगत प्रशिक्षण, सर्वोश्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करने और सामान्य समुद्री खतरों को दूर करने के लिए अंतर-संचालन क्षमता को मजबूत करेगा।

12 अक्टूबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here

लिंक किए गए लेख में 11 अक्टूबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

सम्बंधित लिंक्स:

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