विषयसूची:
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निर्वाचन आयोग ने 253 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को निष्क्रिय घोषित किया:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष,अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ एवं सीमाएँ।
प्रारंभिक परीक्षा: निर्वाचन आयोग,
मुख्य परीक्षा: राजनीतिक दलों के पंजीकरण का प्राथमिक उद्देश्य बताते हुए भारतीय लोकतंत्र में निर्वाचन आयोग के महत्व पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को अनुपालन हेतु बाध्य करने के लिए 25 मई, 2022 को शुरू की गई पूर्ववर्ती कार्रवाई के क्रम में मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय की अगुवाई में भारत निर्वाचन आयोग ने 86 और निष्क्रिय पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को सूची से हटा दिया तथा अतिरिक्त 253 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को ‘निष्क्रिय आरयूपीपी’ के रूप में घोषित किया।
उद्देश्य:
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29क के अंतर्गत सांविधिक अपेक्षाओं के अनुसार प्रत्येक राजनीतिक दल को अपने नाम, प्रधान कार्यालय, पदाधिकारियों, पते, पैन में किसी भी प्रकार के बदलाव की सूचना आयोग को बिना किसी विलंब के देनी होती है।
- भारत निर्वाचन आयोग ने आदेश दिनांक 25 मई, 2022 और 20 जून, 2022 के जरिए क्रमशः 87 आरयूपीपी और 111 आरयूपीपी को सूची से हटा दिया, इस तरह सूची से हटाए गए आरयूपीपी की संख्या कुल मिलाकर 284 हो गई थी।
विवरण:
- अनुपालन न करने वाले 253 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) के विरुद्ध यह निर्णय सात राज्यों बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर लिया गया है।
- ये 253 आरयूपीपी निष्क्रिय घोषित किए गए हैं क्योंकि उन्हें भेजे गए पत्र/नोटिस का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है और न तो किसी राज्य के विधानसभा का आम चुनाव और न ही वर्ष 2014 एवं 2019 का संसदीय चुनाव लड़ा है।
- उपरोक्त 253 दलों में से, 66 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) ने वास्तव में चुनाव चिन्ह आदेश 1968 के पैरा 10बी के अनुसार एक समान चुनाव चिन्ह के लिए आवेदन किया था और संबंधित निर्वाचनों को नहीं लड़ा था।
- यह ध्यान देने योग्य है कि एक राज्य के उक्त विधानसभा निर्वाचन के संबंध में कुल उम्मीदवारों में से कम से कम 5 प्रतिशत उम्मीदवार को रखने के लिए एक वचनबंध के आधार पर आरयूपीपी को एकसमान (कॉमन) चुनाव चिन्ह का विशेषाधिकार दिया जाता है।
- आयोग यह नोट करता है कि राजनीतिक दलों के पंजीकरण का प्राथमिक उद्देश्य धारा 29क में निहित है जिसमें किसी संगठन (एसोसिएशन) को एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत होने के बाद मिलने वाले विशेषाधिकारों और लाभों को सूचीबद्ध किया गया है और ऐसे सभी लाभ और विशेषाधिकार सीधे तौर पर निर्वाचन प्रक्रिया में उक्त भागीदार से संबंधित हैं।
- घोषणा की जाती है कि पार्टी को अपने पंजीकरण के पांच साल के भीतर निर्वाचन आयोग द्वारा संचालित चुनाव लड़ना चाहिए और उसके बाद उसे चुनाव लड़ना जारी रखना चाहिए। (यदि पार्टी लगातार छह साल तक चुनाव नहीं लड़ती है, तो पार्टी को पंजीकृत पार्टियों की सूची से हटा दिया जाएगा)।
- उपर्युक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए लोकतंत्र की शुद्धता के साथ-साथ व्यापक जनहित में तत्काल सुधारात्मक उपाय अपेक्षित हैं।
- इसलिए, आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए निदेश देता है कि:i) 86 निष्क्रिय आरयूपीपी, आरयूपीपी के रजिस्टर की सूची से हटा दिए जाएंगे और चुनाव चिन्ह आदेश, 1968 के तहत लाभ पाने के हकदार नहीं होंगे।
ii) लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29क के तहत आयोग द्वारा अनुरक्षित आरयूपीपी के रजिस्टर में 253 आरयूपीपी को ‘निष्क्रिय आरयूपीपी’ के रूप में चिह्नित किया गया है।
iii) ये 253 आरयूपीपी निर्वाचन चिन्ह (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के तहत कोई भी लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होंगे।
iv) इससे व्यथित कोई भी पक्ष, इस निर्देश के जारी होने के 30 दिनों के भीतर संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारी/निर्वाचन आयोग से अस्तित्व के सभी साक्ष्य,नियामक अनुपालन सहित वर्षवार (चूक के सभी वर्षों के लिए) वार्षिक लेखा परीक्षित खाते, अंशदान रिपोर्ट, व्यय रिपोर्ट, वित्तीय लेनदेन (बैंक खाते सहित) सहित पदाधिकारियों के अद्यतन विवरण के साथ संपर्क कर सकता है।
- अनुपालन न करने वाले इन 339 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) के विरुद्ध की गई इस कार्रवाई से 25 मई, 2022 से बचने वाले ऐसे आरयूपीपी की संख्या बढ़कर 537 हो गई है।
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जापान-भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास- जिमेक्स 2022:
सामान्य अध्ययन: 2,3
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध एवं सुरक्षा:
विषय: भारत के सुरक्षा हितों पर विभिन्न देशों के साथ किए जाने वाले अभ्यासों एवं समझौतों का प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: जिमेक्स 22
प्रसंग:
- भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित जापान इंडिया मैरीटाइम एक्सरसाइज 2022 (जिमेक्स 2022) का छठा संस्करण 11 सितंबर 22 को बंगाल की खाड़ी में शुरू हुआ।
उद्देश्य:
- जिमेक्स 22 सतह, उप-सतह और वायु डोमेन में जटिल अभ्यासों के माध्यम से दोनों देशों के समुद्री बलों के बीच मौजूद उच्च स्तर की अंतःक्रियाशीलता को मजबूत करने का प्रयास करता है।
विवरण:
- भारतीय नौसेना के जहाजों ने जेएमएसडीएफ के जहाजों इज़ुमो, एक हेलीकॉप्टर कैरियर, और ताकानामी, एक गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रोयर का बंगाल की खाड़ी में आगमन पर स्वागत किया।
- भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व तीन स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित वॉरशिप द्वारा किया जा रहा है।
- ये हैं बहुउद्देश्यीय स्टील्थ फ्रिगेट ‘सह्याद्रि’ और पनडुब्बी रोधी युद्धपोत ‘कदमत’ और ‘कवरत्ती’।
- इसके अतिरिक्त, गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रोयर रणविजय, फ्लीट टैंकर ज्योति, अपतटीय गश्ती पोत सुकन्या, पनडुब्बी, एमआईजी29के लड़ाकू विमान, लंबी दूरी की समुद्री गश्ती विमान और जहाज से चलने वाले हेलीकॉप्टर भी अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
- जिमेक्स 22 अभ्यास दो चरणों में होगा – समुद्र में अभ्यास और विशाखापत्तनम में बंदरगाह चरण।
- यह संस्करण जिमेक्स की 10वीं वर्षगांठ का प्रतीक है, जो 2012 में जापान में शुरू हुआ था। यह भारत और जापान के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ के साथ भी मेल खाता है।
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पंचायती राज मंत्रालय और गुजरात के ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आणंद (आईआरएमए) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जाएगा:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: देश भर में पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) की क्षमता निर्माण को मजबूत करना।
प्रारंभिक परीक्षा:पंचायती राज संस्था
मुख्य परीक्षा: पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) को किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता हैं ?
प्रसंग:
- भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय और ग्रामीण प्रबंधन संस्थान, आणंद (आईआरएमए), गुजरात 14 सितम्बर को आणंद में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे।
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य देश भर में पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) की क्षमता निर्माण को मजबूत करना और एक प्रारूप स्थापित करना है जिसके तहत एमओपीआर एवं आईआरएमए पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण के लिए ग्राम पंचायत विकास योजना के क्षेत्र में सहयोग करें।
विवरण:
- इस समझौता ज्ञापन में निकट सहयोग की सुविधा प्रदान करने और एक सिस्टम प्रदान करने की परिकल्पना की गई है।
- इस समझौता ज्ञापन में जीपीडीपी को साथ जोड़ते हुए एलएसडीजी के 9 विषयों को जमीनी स्तर लागू करने के लिए एमओपीआर और आईआरएमए के बीच सहयोग विकसित करने की परिकल्पना की गई है।
- इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र कार्य खंड (वीएफएस) का सर्वोत्तम लाभ उठाने का प्रयास किया जाएगा, जो ग्रामीण प्रबंधन गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला में आईआरएमए छात्रों को सक्रिय रूप से शामिल करता है और इसके परिणामस्वरूप यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था, समाज, राजनीति और ग्रामीण समुदायों की चिंता से जुड़े मुद्दों को ग्राम फील्डवर्क के आधार पर प्रतिभागियों को न सिर्फ ग्रामीण वास्तविकताओं से परिचित कराता है, बल्कि उन्हें उक्त वास्तविकताओं का हिस्सा भी बनाता है।
- यह उन्हें विस्तृत ग्राम विकास रिपोर्ट (वीडीआर) तैयार करने में उनकी मदद करता है।
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आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) 2022 जारी:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय:सरकार की स्वास्थ सम्बन्धी जनकल्याणकारी योजनाएं एवं उनका कमजोर वर्ग पर प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा:आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) 2022
प्रसंग:
- केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सबको सस्ती दवाई की परिकल्पना की दिशा में कदम उठाते हुए आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची जारी की।
उद्देश्य:
- एनएलईएम का प्राथमिक उद्देश्य तीन महत्वपूर्ण पहलुओं अर्थात लागत, सुरक्षा और प्रभावकारिता पर विचार करते हुए दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देना है।
- इस सूची में 384 दवाओं के अलावा 34 नई दवाओं को शामिल किया गया है, जबकि पिछली सूची से 26 दवाओं को हटा दिया गया। दवाओं को 27 चिकित्सीय श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
विवरण:
- “आवश्यक दवाएं” वे हैं जो उपचार की प्रभावशीलता, सुरक्षा, गुणवत्ता और कुल लागत के आधार पर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।
- यह स्वास्थ्य देखभाल संसाधनों और बजट के अधिकतम उपयोग; दवा खरीद संबंधी नीतियों, स्वास्थ्य बीमा; निर्धारित आदतों में सुधार; यूजी/पीजी के लिए चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण; और फार्मास्यूटिकल नीतियां तैयार करने में मदद करता है।
- एनएलईएम में, दवाओं को स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के स्तर के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है जैसे- पी- प्राथमिक; एस- द्वितीयक और टी- तृतीयक।
- यह संकल्पना इस प्रतिज्ञा पर आधारित है कि सावधानीपूर्वक चुनी गई दवाओं की एक सीमित सूची स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता में सुधार करेगी, सस्ती दवाएं प्रदान करेगी और दवाओं का बेहतर प्रबंधन करेगी।
- एनएलईएम एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और बदलती सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के साथ-साथ फार्मास्युटिकल ज्ञान में प्रगति को ध्यान में रखते हुए इसे नियमित आधार पर संशोधित किया जाता है।
- आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची पहली बार 1996 में तैयार की गई थी और इसे पहले 2003, 2011 और 2015 में तीन बार संशोधित किया जा चुका है।
- चिकित्सा पर स्वतंत्र स्थायी राष्ट्रीय समिति (एसएनसीएम) का गठन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2018 में किया था।
- समिति ने विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ विस्तृत परामर्श के बाद एनएलईएम, 2015 को संशोधित किया और एनएलईएम, 2022 पर अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को प्रस्तुत की।
- भारत सरकार ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।
एनएलईएम में शामिल करने के लिए निम्नलिखित मानदंडों का पालन किया जाता है:
- रोगों में उपयोगी हो जो भारत में एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है।
- लाइसेंसयुक्त/अनुमोदित औषधि महानियंत्रक (भारत) (डीसीजीआई) हो।
- वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर प्रमाणित प्रभावकारिता और सुरक्षा हो।
- तुलनात्मक रूप से सस्ती हो।
- वर्तमान उपचार दिशानिर्देशों के अनुरूप हो।
- भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत अनुशंसित।
- जब एक चिकित्सा संबंधी वर्ग की एक से अधिक दवाएं उपलब्ध हों, तो उस वर्ग की एक प्रोटोटाइप/चिकित्सकीय रूप से सबसे उपयुक्त दवा शामिल की जानी चाहिए।
- कुल उपचार के मूल्य पर विचार किया जाता है न कि किसी दवा की इकाई कीमत पर।
- निश्चित खुराक संयोजन आमतौर पर शामिल नहीं होते हैं।
- जब कभी टीके को सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम (जैसे रोटावायरस वैक्सीन) में शामिल किया जाता है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- गुजरात ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब के निर्माण के लिए वेदांता-फॉक्सकॉन समूह के साथ 1.54 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:
- प्रधानमंत्री ने गुजरात सरकार के सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब के निर्माण के लिए वेदांता-फॉक्सकॉन समूह के साथ 1.54 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा हैं कि यह समझौता निवेश, अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ-साथ सहायक उद्योगों के लिए एक व्यापक इको-सिस्टम तैयार करने में भी सहायता करेगा।
- यह समझौता ज्ञापन भारत की सेमी-कंडक्टर निर्माण महत्वाकांक्षाओं को गति प्रदान करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है।
- अभ्यास पिच ब्लैक 2022 संपन्न:
- भारतीय वायु सेना का दल ऑस्ट्रेलिया में एक्सरसाइज पिच ब्लैक 22 अभ्यास में कई देशों की सेनाओं के साथ सफलतापूर्वक भागीदारी के बाद वापस लौट आया है।
- एक्सरसाइज पिच ब्लैक 22 की मेजबानी रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स ने अपने डार्विन एयर बेस में की थी।
- तीन सप्ताह तक चले इस अभ्यास में 17 देशों की वायु सेनाओं और 2,500 से ज्यादा सैन्यकर्मियों ने भाग लिया।
- आईएएफ के दल में चार सु-30 एमकेआई और दो सी-17 विमान शामिल थे। भाग लेने वाली सेनाएं ने दिन रात बहु विमान युद्धाभ्यासों में भाग लिया, जिसमें जटिल हवाई परिदृश्य, बड़े विमान विन्यास शामिल थे।
- बहुराष्ट्रीय नौसेना अभ्यास काकाडू:
- भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस सतपुड़ा और पी8आई समुद्री गश्ती विमान 12 सितंबर 2022 को रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी द्वारा आयोजित बहुराष्ट्रीय अभ्यास काकाडू – 2022 में भाग लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया के डार्विन पहुंचे।
- बंदरगाह और समुद्र, दोनों, में दो सप्ताह तक चलने वाले इस अभ्यास में 14 नौसेनाओं के जहाज और समुद्री विमान शामिल होंगे।
- इस अभ्यास के बंदरगाह चरण के दौरान, इस पोत के चालक दल भाग लेने वाली नौसेनाओं के साथ परिचालन संबंधी योजना के बारे में संवाद और खेल गतिविधियों में संलग्न होंगे।
- अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023:
- कृषि और किसान कल्याण विभाग ने माईगव प्लेटफॉर्म पर अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 की समयावधि तक पूर्व में शुरू किए गए कार्यक्रमों और पहलों की एक श्रृंखला का आयोजन किया है।
- इस आयोजन के अंतर्गत प्राचीन और पौष्टिक अनाज को फिर से खाने की थाली में लाने पर जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया है। इसे संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव द्वारा अपनाया गया था जिसका नेतृत्व भारत ने किया और 70 से अधिक देशों ने इसका समर्थन किया।
- यह दुनिया भर में मोटे अनाज के महत्व, दीर्घकालीन कृषि में इसकी भूमिका और एक उत्तम व शानदार खाद्य के रूप में इसके लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद करेगा।
- भारत 170 लाख टन से अधिक के उत्पादन के साथ मोटे अनाज का वैश्विक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है और एशिया में उत्पादित मोटे अनाज का 80 प्रतिशत से अधिक उत्पादन करता है।
- इन अनाजों के लिए सबसे पहले साक्ष्य सिंधु सभ्यता में पाए गए हैं और यह भोजन के लिए उपयोग किए जाने वाले पहले पौधों में से एक थे।
- यह लगभग 131 देशों में उगाया जाता है और एशिया व अफ्रीका में लगभग 60 करोड़ लोगों का पारंपरिक भोजन है।
- वॉयेज एक्सप्रेस:
- केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग एवं आयुष मंत्री ने वॉयेज एक्सप्रेस के जारी वाणिज्यिक परीक्षणों की समीक्षा करने के लिए गुजरात में घोघा टर्मिनल का दौरा किया, जो कि सौर ऊर्जा भी उत्पन्न करता है।
- ये हाइब्रिड ऊर्जा से चलने वाली नौका अपने आप में अनूठी है क्योंकि ये 134 मीटर लंबी है और इसमें 50 ट्रक, 25 हल्के वाणिज्यिक ट्रक, 70 कारें, 50 दोपहिया और 600 यात्री सवार हो सकते हैं।
- सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के बीच यह नई नौका सेवा यात्रा के समय में लगभग 70% की कटौती कर देगी।
- यानी सड़क या ट्रेन के माध्यम से 11 घंटे का सफर अब नौका द्वारा लगभग 3.5 घंटे में पूरा किया जा सकेगा।
- केंद्रीय मंत्री ने नौका में सभी सुविधाओं का निरीक्षण किया और प्रबंधन के साथ इसकी परिचालन स्थिति की समीक्षा भी की।
- पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी ने सूरत के हजीरा में एक नया अत्याधुनिक रो-रो टर्मिनल विकसित किया जिसे स्वतंत्र रूप से चलाया जा रहा है।
13 सितंबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 12 सितंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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