विषयसूची:
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1. पीएम ने नई एयर इंडिया-एयरबस पार्टनरशिप के लॉन्च होने के मोके पर फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ एक वीडियो कॉल वार्ता की:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
मुख्य परीक्षा: भारत फ्रांस के बीच विभिन्न क्षेत्रों में हुए समझौतों पर प्रकाश डालते हुए सामरिक साझेदारी का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एयर इंडिया और एयरबस के बीच साझेदारी के शुभारंभ के अवसर पर फ्रांस के राष्ट्रपति श्री इमैनुएल मैक्रॉन, श्री रतन टाटा, चेयरमैन एमेरिटस, टाटा संस, श्री एन. चंद्रशेखरन, बोर्ड के अध्यक्ष, टाटा संस, श्री कैंपबेल विल्सन, CEO, एयर इंडिया और एयरबस के सीईओ श्री गुइलौमे फॉरी के साथ एक वीडियो कॉल में भाग लिया।
उद्देश्य:
- एयर इंडिया और एयरबस ने एयर इंडिया को 250 विमान, 210 सिंगल-आइज़ल A320neos और 40 वाइडबॉडी A350s की आपूर्ति के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
विवरण:
- उड्डयन क्षेत्र के इन दो खिलाड़ियों के बीच यह व्यावसायिक साझेदारी भारत-फ्रांस सामरिक साझेदारी की ताकत को भी प्रदर्शित करती है, जो इस वर्ष अपनी 25वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।
- साझेदारी के तहत एयर इंडिया एयरबस से 250 विमान खरीदेगी। यह भारत-फ्रांस सामरिक साझेदारी की ताकत का प्रतिबिंब है।
- प्रधानमंत्री ने भारत में नागरिक उड्डयन बाजार के तेजी से विस्तार और विकास पर प्रकाश डाला, जो भारत और दुनिया के बाकी हिस्सों के बीच अधिक कनेक्टिविटी को गति देगा और बदले में भारत में पर्यटन और व्यापार को प्रोत्साहित करेगा।
- भारत में फ्रांसीसी कंपनियों की मजबूत उपस्थिति की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने फ्रांसीसी एयरोस्पेस इंजन निर्माता साफ़रान (SAFRAN) द्वारा भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय वाहक दोनों के लिए विमान इंजनों की सेवा के लिए भारत में अपनी सबसे बड़ी MRO सुविधा स्थापित करने के हालिया निर्णय की भी सराहना की।
- फ्रेंच कंपनी साफ़रान विमानों के इंजन की सर्विस के लिए भारत में सबसे बड़ी MRO सुविधा स्थापित कर रही है।
- MRO -Maintenance, Repair and Overhaul
- प्रधानमंत्री ने भारत-फ्रांस संबंधों को आगे ले जाने में उनकी साझेदारी के लिए राष्ट्रपति मैक्रॉन को धन्यवाद दिया और भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत उनके साथ काम करने की उम्मीद की।
- एयर इंडिया और एयरबस का समझौता भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
- कुछ ही महीनों पहले, अक्टूबर 2022 में, वडोदरा मे डिफेन्स ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट के शिलान्यास हुआ था।
- 2.5 बिलियन यूरो के निवेश से बन रहे इस प्रोजेक्ट में भी टाटा और एयरबस की साझेदारी है।
- निकट भविष्य में भारत विमानन क्षेत्र में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा बाज़ार बनने जा रहा है।
- कई आकलनों के अनुसार भारत को अगले 15 वर्षों में 2000 से अधिक विमानों की आवश्यकता होगी।
- आज की ऐतिहासिक घोषणा इस बढ़ती मांग को पूरा करने में सहायक होगी।
- भारत की ‘मेक इन इंडिया – मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन के तहत एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग में कई नए अवसर खुल रहे हैं।
- ग्रीन फील्ड और ब्राउन फील्ड हवाईअड्डों के लिए स्वचालित मार्ग से 100% FDI का प्रावधान किया गया है।
- इसी तरह ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं, रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल यानी MRO में भी 100% FDI की अनुमति दी गई है।
- भारत पूरे क्षेत्र के लिए MRO का हब बन सकता है। आज भारत में सभी वैश्विक विमानन कंपनियां मौजूद हैं।
- आज अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और बहुपक्षीय प्रणाली की स्थिरता और संतुलन सुनिश्चित करने मे भारत-फ्रांस भागीदारी प्रत्यक्ष भूमिका निभा रही है।
- चाहे भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता का विषय हो, या वैश्विक वैश्विक खाद्य सुरक्षा तथा स्वास्थ्य सुरक्षा, भारत और फ्रांस साथ मिल कर सकारात्मक योगदान दे रहे हैं।
2. सौर परिनियोजन में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने हेतु नई दिल्ली में 13 अफ्रीकी देशों की मेजबानी:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: भारत के हितों पर विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय समूहों एवं विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन।
मुख्य परीक्षा: वैश्विक सन्दर्भ में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के महत्व पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- इंटरनेशनल सोलर एलायंस (ISA), ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड (ग्रिड-इंडिया) और वेस्ट अफ्रीकन पावर पूल (WAPP) के सहयोग से, 14 से 18 फरवरी तक नई दिल्ली, भारत में पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्र के प्रतिनिधियों की मेजबानी कर रहा है।
उद्देश्य:
- ISA दुनिया भर के देशों के लिए सौर ऊर्जा को प्राथमिकता देने की दिशा में काम कर रहा है। अपनी स्थापना के बाद से, ISA सौर परियोजनाओं के लिए अपनी मौजूदा योजनाओं को लागू करने, ज्ञान साझा करने और सौर मूल्य श्रृंखला में क्षमता निर्माण के प्रयासों को बढ़ा रहा है।
- वैश्विक चुनौती 800 मिलियन लोगों के लिए ऊर्जा की पहुंच को सक्षम करना है और इस तरह उन्हें बेहतर जीवन स्तर प्रदान करना है।
विवरण:
- 13 अफ्रीकी देशों बेनिन, बुर्किना फासो, कोटे डी आइवर, गाम्बिया, घाना, गिनी, लाइबेरिया, माली, नाइजर, नाइजीरिया, सेनेगल, सिएरा लियोन और टोगो के साठ प्रतिभागी सौर ऊर्जा उत्पादन सुविधाओं की योजना और कार्यान्वयन में भारत की सफलता के बारे में जानने के लिए भारत की राजधानी में एकत्र हुए हैं।
- केंद्रीय विद्युत एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के अध्यक्ष, ने पश्चिम अफ्रीका के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।
- केंद्रीय विद्युत एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री और ISA के अध्यक्ष ने ज्ञान साझा करने और क्षमता निर्माण के महत्व की सराहना करते हुए कहा की ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की यात्रा व्यापक, संतोषजनक और उभरे हुए अनुभव हैं जो दुनिया में ऊर्जा पारिस्थितिकी प्रणालियों के विकास के लिए बहुत उपयोगी हैं।
- हमने उत्पादन क्षमता को जोड़कर भारत में सार्वभौमिक पहुंच को प्राथमिकता दी है। हमने पूरे देश को एक ग्रिड से जोड़ा है।
- हम ऊर्जा परिवर्तन में भी सफल रहे हैं। नवीकरणीय ऊर्जा का लाभ यह है कि यह सस्ता है और इसे ऑफ ग्रिड क्षेत्रों के लिए वितरित किया जा सकता है।
- ISA के महानिदेशक डॉ. अजय माथुर ने क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित करने और वैश्विक स्तर पर सौर परिनियोजन बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं के प्रसार की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है।
- व्यक्तिगत अनुभव के माध्यम से व्यावहारिक ज्ञान के साथ सैद्धांतिक शिक्षा एक गहरी समझ की ओर ले जाती है, और ISA ने स्थानीय संदर्भ के अनुकूल अनुकूलित क्षमता निर्माण समर्थन प्रदान किया है। ग्रिड-इंडिया और WAPP के सहयोग से, यह कार्यक्रम मानक तय करेगा और सभी ISA सदस्य देशों में सौर पारिस्थितिक तंत्र को मजबूत करने में मदद करेगा।
- यह नीति परिवर्तन को भी गति देगा और वित्तीय और मानव क्षमता के निर्माण में मदद करेगा।
- देशों के बीच ज्ञान और सूचनाओं के निर्बाध आदान-प्रदान से ISA के सदस्य देशों और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में काफी फायदा हो सकता है।
- ग्रिड इंडिया के सीएमडी श्री नरसिम्हन ने कहा, “भारत-पश्चिम अफ्रीका की साझेदारी अद्वितीय और परिभाषित दोनों है। दोनों को मानव संस्कृति और सभ्यता का पालना माना जाता है।
- भारत ने 1960 के दशक में ग्रिड के एकीकरण पर अपनी यात्रा शुरू की, और राष्ट्रीय तुल्यकालिक ग्रिड ने एकीकरण के लिए सही पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान किया।
- इसके तुरंत बाद नीतिगत जोर, तकनीकी मानकों, ग्रिड कोड, नियामक ढांचे और बाजार तंत्र का पालन किया गया।
- आज भारत के पास 60 GW सौर क्षमता है (जिसमें से 7 GW रूफटॉप है) और 42 GW पवन क्षमता है, और भारत पहले ही पवन और सौर के 32% तात्कालिक MW पैठ तक पहुँच चुका है।
- यह ज्ञान का आदान-प्रदान और अध्ययन दौरा WAPP और भारत के बीच दीर्घकालिक साझेदारी और सहयोग बनाने की दिशा में पहला कदम है।
- “2040 तक अफ्रीका में विश्व की आबादी का एक-चौथाई हिस्सा होगा। बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है, लेकिन औद्योगीकरण की दर कम है।
- WAPP देशों में एकीकृत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और सभी के लिए ऊर्जा प्रदान करने की चुनौती है।
- इसके अलावा, पश्चिम अफ्रीका में यूटिलिटी-स्केल नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की प्राप्ति के लिए वित्तपोषण सुरक्षित करने की आवश्यकता है।
- इस ISA के नेतृत्व वाले ज्ञान-साझाकरण के अवसर के साथ, हम एक सुरक्षित बिजली बाजार हासिल करने के लिए नियामक कार्यों की अनिवार्यता को भी अपनाने का इरादा रखते हैं।
- कार्यक्रम के प्रतिभागियों में भाग लेने वाले अफ्रीकी देशों के मंत्रालयों, वैधानिक, नियामक निकायों और उपयोगिता कंपनियों के अधिकारी शामिल हैं।
- कार्यक्रम का एजेंडा प्रतिभागियों को वैश्विक और भारतीय सौर ऊर्जा परिदृश्यों, नीतियों, दिशानिर्देशों और विनियमों के अवलोकन के साथ सौर ऊर्जा के दृष्टिकोण से भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के अवलोकन में मदद करेगा। अध्ययन दौरा फरवरी और मार्च 2023 में तीन बैचों में आयोजित किया जाएगा।
पृष्ठ्भूमि:
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन:
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन 114 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देशों के साथ एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
- यह दुनिया भर में ऊर्जा की पहुंच और सुरक्षा में सुधार के लिए सरकारों के साथ काम करता है और कार्बन-तटस्थ भविष्य के लिए एक स्थायी संक्रमण के रूप में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देता है।
- ISA का मिशन प्रौद्योगिकी और इसके वित्तपोषण की लागत को कम करते हुए 2030 तक सौर में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश को अनलॉक करना है।
- यह कृषि, स्वास्थ्य, परिवहन और बिजली उत्पादन क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देता है।
- ISA के सदस्य देश नीतियों और विनियमों को लागू करके, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करके, सामान्य मानकों पर सहमत होकर और निवेश जुटाकर बदलाव ला रहे हैं।
- इस कार्य के माध्यम से, ISA ने:
- सौर परियोजनाओं के लिए नए व्यापार मॉडल की पहचान और डिजाइन और परीक्षण किया है।
- ईज ऑफ डूइंग सोलर एनालिटिक्स और एडवाइजरी के जरिए अपने ऊर्जा कानूनों और नीतियों को सौर अनुकूल बनाने के लिए सरकारों का समर्थन किया है।
- विभिन्न देशों से सौर प्रौद्योगिकी की सामूहिक मांग और लागत को कम कर दिया है।
- जोखिमों को कम करके और निजी निवेश के लिए क्षेत्र को और अधिक आकर्षक बनाकर वित्त तक पहुंच में सुधार किया है।
- सौर इंजीनियरों और ऊर्जा नीति निर्माताओं के लिए सौर प्रशिक्षण, डेटा और अंतर्दृष्टि तक पहुंच में वृद्धि की है।
- 6 दिसंबर 2017 को 15 देशों द्वारा ISA फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर और अनुसमर्थन के साथ, ISA भारत में मुख्यालय वाला पहला अंतर्राष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन बन गया।
- ISA बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी), विकास वित्तीय संस्थानों (डीएफआई), निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों, नागरिक समाज और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सौर ऊर्जा के माध्यम से लागत प्रभावी और परिवर्तनकारी समाधानों को लागू करने के लिए साझेदारी कर रहा है, विशेष रूप से सबसे कम विकसित देशों ( LDCs) और लघु विकासशील द्वीपीय देशों (SIDSs) में।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने हरियाणा पुलिस को ‘प्रेसिडेंट कलर’ प्रदान किया:
- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने हरियाणा के करनाल में हरियाणा पुलिस को ‘प्रेसिडेंट कलर’ प्रदान किया हैं।
- 25 साल तक सातत्यपूर्ण सेवा, साहस, शौर्य और समर्पण की बारीकी से जाँच करने के बाद ही प्रेसिडेंट कलर प्रदान किया जाता है।
- ‘प्रेसिडेंट कलर’ संगठन व संस्था दोनों के लिए बढ़ती विश्वसनीयता का परिचायक है और यह देश की 10वीं पुलिस है जिसको यह सम्मान मिला है।
- मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, तमिलनाडु, त्रिपुरा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और असम के बाद अब हरियाणा पुलिस का नाम भी इस सर्वोच्च सम्मान को हासिल करने वाले पुलिस बेड़े में जुड़ गया है।
- सन 1951 में पहली बार यह सम्मान भारतीय नौसेना को मिला था और उसके बाद 10 राज्य पुलिस बलों और कई केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) को भी प्रेसिडेंट कलर प्राप्त हुआ है।
2.ऑपरेशन दोस्त:
- ऑपरेशन दोस्त 6 फरवरी 2023 को तुर्की-सीरिया में आए भूकंप के बाद दोनों देशों की सहायता के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक निरंतर खोज और बचाव अभियान है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भूकंप प्रभावित सीरिया और तुर्की को मानवीय चिकित्सा सहायता भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- 6 फरवरी, 2023 को जब सीरिया और तुर्की में दो शक्तिशाली भूकंप आए, तो हिंडन एयरबेस पर राहत सामग्री के 3 ट्रक लोड की व्यवस्था की गई, जिसमें 12 घंटे के भीतर जीवन रक्षक आपातकालीन दवाएं और सुरक्षात्मक सामान शामिल थे।
- इसमें 5,945 टन आपातकालीन राहत सामग्री शामिल थी जिसमें 27 जीवन रक्षक दवाएं, दो प्रकार की सुरक्षात्मक वस्तुएं और तीन श्रेणियों के महत्वपूर्ण देखभाल उपकरण शामिल थे।
- 10 फरवरी 2023 को तुर्की और सीरिया दोनों के लिए बड़ी मात्रा में राहत सामग्री की व्यवस्था की गई थी।
3.रेल कौशल विकास योजना:
- भारतीय रेलवे रेल कौशल विकास योजना के तहत 15000 से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दे रहा है।
- रेल कौशल विकास योजना के तहत, युवाओं के लिए एक कौशल विकास कार्यक्रम, रेलवे उनकी रोजगार क्षमता और उद्यमिता को बढ़ाने के लिए विभिन्न ट्रेडों में तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करता है।
- युवाओं को रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों में प्रवेश स्तर का कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने के लिए भारतीय रेलवे में “रेल कौशल विकास योजना” (RKVY) अधिसूचित की गई है।
- RKVY के तहत कौशल विकास कार्यक्रम के समन्वय/आयोजन के लिए बनारस लोको वर्क्स, वाराणसी को नोडल पीयू के रूप में नामित किया गया है।
- प्रशिक्षण अखिल भारतीय आधार पर सितंबर, 2021 में शुरू हो गया था।
- अब तक, 23,181 उम्मीदवारों को RKVY के तहत नामांकित किया गया है और 15,665 उम्मीदवारों ने अपना प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
- इस योजना के तहत, रेलवे चौदह (14) उद्योग प्रासंगिक तकनीकी ट्रेडों जैसे इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, मशीनिस्ट, फिटर आदि में 94 प्रशिक्षण स्थानों पर प्रशिक्षण दिया जाता है।
- देश के किसी भी हिस्से के अभ्यर्थी इस प्रशिक्षण में शामिल हो सकते हैं। अभ्यर्थियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है।
- RKVY की निगरानी के लिए एक समर्पित वेबसाइट विकसित की गई है।
- इस योजना के तहत रोजगार प्रदान करने का कोई प्रावधान नहीं है।
- हालाँकि, यह योजना भारत के बेरोजगार युवाओं के लिए एक कौशल विकास कार्यक्रम है, जो उनकी रोजगार क्षमता और उद्यमशीलता को बढ़ाने के लिए विभिन्न ट्रेडों में तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करता है।
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लिंक किए गए लेख में 13 फरवरी 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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