विषयसूची:
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भारत और डेनमार्क ने कोपनहेगन में श्वेत पत्र जारी किया:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: भारत में शहरी अपशिष्ट जल परिदृश्य हेतु विभिन्न अंतराष्ट्रीय संगठनों एवं विकसित और विकासशील देशों की नीतियां और राजनीति का प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: इंटरनेशनल वाटर एसोसिएशन (आईडब्ल्यूए),अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम),राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी)
मुख्य परीक्षा: यह श्वेतपत्र भारत और डेनमार्क के बीच ग्रीन हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा और अपशिष्ट जल प्रबंधन और उनके द्विपक्षीय संबंधों पर ध्यान देने के साथ हरित रणनीतिक साझेदारी का परिणाम है। टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
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भारत और डेनमार्क के मंत्रियों ने 12 सितंबर, 2022 को कोपनहेगन में इंटरनेशनल वाटर एसोसिएशन (आईडब्ल्यूए) वर्ल्ड वाटर कांग्रेस और प्रदर्शनी 2022 में ‘भारत में शहरी अपशिष्ट जल परिदृश्य’ पर एक श्वेतपत्र जारी किया।
उद्देश्य:
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यह श्वेतपत्र भारत और डेनमार्क के बीच ग्रीन हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा,अपशिष्ट जल प्रबंधन और उनके द्विपक्षीय संबंधों और हरित रणनीतिक साझेदारी का परिणाम है।
विवरण:
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अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए यह श्वेतपत्र समग्र रूप से भारत में अपशिष्ट जल उपचार की वर्तमान स्थिति और भविष्य की उपचार संरचनाओं, सह-निर्माण और सहयोग के लिए सामूहिक रूप से तैयार किए गए संभावित रास्तों को दर्शाता है।
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यह श्वेत पत्र भारतीय शहरी अपशिष्ट जल क्षेत्र का विवरण है।
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इसने भारत में जल प्रबंधन के लिए अधिक तालमेल और सुसंगतता प्रदान की है और जल क्षेत्र में 2024 तक 140 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।
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सामूहिक वैश्विक सोच और ठोस स्थानीय कार्रवाई समस्या से निपटने के लिए रणनीतिक मॉडल होना चाहिए या शहरी अपशिष्ट जल प्रबंधन का अवसर।
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जब शहर स्मार्ट हो रहे हैं, तो पानी की अनदेखी नहीं की जा सकती।
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भारत-डेनमार्क द्विपक्षीय हरित रणनीतिक साझेदारी के हिस्से के रूप में अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम), नीति आयोग ने डेनमार्क दूतावास के तहत एक इकाई- इनोवेशन सेंटर डेनमार्क (आईसीडीके) और डेनमार्क टेक्नीकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) के साथ साझेदारी में भारत में जल नवाचार चुनौतियां एआईएम- आईसीडीके डिजाइन के तहत पूर्व में योजना बनाई और उसे कार्यान्वित किया।
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इसके बाद, डेनमार्क के दूतावास ने अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग की साझेदारी से एआईएम- आईसीडीके- 2.0 जल नवाचार चुनौती फिर से आयोजित की।
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नेक्स्ट जेनरेशन वाटर एक्शन (एनजीडब्ल्यूए) आईडब्ल्यूए वर्ल्ड वाटर कांग्रेस और प्रदर्शनी 2022 के दौरान और उसके बाद अग्रणी विश्वविद्यालयों और नवाचार केंद्रों से युवा प्रतिभाओं को शामिल करने की अंतरराष्ट्रीय पहल है।
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समग्र जल प्रबंधन से जुड़े विभिन्न कार्यों को एकीकृत कर 2019 में जल शक्ति नाम से मंत्रालय का गठन किया।
पृष्ठ्भूमि
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अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम), नीति आयोग, जल शक्ति मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी), इंटरनेशनल एजेंसी इनोवेशन सेंटर डेनमार्क (आईसीडीके) और अकादमिक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (आईआईटीबी) के भागीदारों के साथ शहरी अपशिष्ट जल प्रबंधन पर एक श्वेत पत्र तैयार करने के लिए भारत सरकार के एक बहुविषयक दल का गठन किया गया था।
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केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 की मेजबानी हेतु गारंटी पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी:
सामान्य अध्ययन: प्रारंभिक परीक्षा
समसामायकी:
विषय: मिश्रित (खेल)
प्रारंभिक परीक्षा: फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप,फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबाल एसोसिएशन (फीफा)
प्रसंग:
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प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबाल एसोसिएशन (फीफा) अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 की मेजबानी के लिए गारंटी पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी है।
उद्देश्य:
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फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप भारत 2022 में देश की महिला फुटबाल को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है।
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फीफा अंडर-17 पुरुष विश्व कप 2017 की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, देश महिला फुटबाल की उस महत्वपूर्ण घड़ी की तैयारी कर रहा है, जब दुनिया भर की सर्वश्रेष्ठ युवा महिला फुटबाल खिलाड़ी इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को जीतने के लिए अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगी।
विवरण:
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फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 भारत में 11 अक्टूबर 2022 से लेकर 30 अक्टूबर 2022 के दौरान आयोजित किया जाने वाला है।
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इस द्विवार्षिक युवा टूर्नामेंट का सातवां संस्करण भारत द्वारा आयोजित की जाने वाली पहली फीफा महिला प्रतियोगिता होगी।
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अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) को खेल के मैदान के रख-रखाव, स्टेडियम में दर्शकों की क्षमता, ऊर्जा एवं केबल बिछाने तथा मैदान व प्रशिक्षण साइट की ब्रांडिंग आदि के लिए 10 करोड़ रुपये की सहायता राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) को दी जायगी।
एक सकारात्मक छाप छोड़ने हेतु निम्नलिखित लक्ष्यों पर विचार किया गया है:
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फुटबाल जगत की नेतृत्वकारी और निर्णय लेने वाली संस्थाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना।
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भारत में अधिक से अधिक संख्या में लड़कियों को फुटबाल खेलने के लिए प्रेरित करना।
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छोटी उम्र से ही खेल की अवधारणा को सामान्य बनाकर लैंगिक दृष्टि से समावेशी भागीदारी की हिमायत करना।
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भारत में महिलाओं के लिए फुटबाल के खेल के स्तर में सुधार करने का अवसर।
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महिलाओं के खेल का व्यावसायिक महत्व बढ़ाना।
औचित्य:
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फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप एक प्रतिष्ठित आयोजन है और यह भारत में पहली बार आयोजित किया जाएगा।
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यह अधिक संख्या में युवाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा और भारत में फुटबाल के खेल को विकसित करने में मदद करेगा।
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यह आयोजन भारतीय लड़कियों के बीच एक पसंदीदा खेल के रूप में फुटबाल को बढ़ावा देगा।
पृष्ठ्भूमि
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फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप फीफा द्वारा 17 वर्ष या उससे कम उम्र की महिला खिलाड़ियों के लिए आयोजित की जाने वाली विश्व चैंपियनशिप है।
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इस आयोजन की शुरुआत 2008 में हुई थी। यह प्रतियोगिता परंपरागत रूप से सम-संख्या वाले वर्षों में आयोजित की जाती है।
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इस आयोजन का छठा संस्करण उरुग्वे में 13 नवंबर, 2018 से लेकर 1 दिसंबर, 2018 के दौरान आयोजित किया गया था।
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स्पेन फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप का वर्तमान चैंपियन है। फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप भारत 2022 इस टूर्नामेंट का सातवां संस्करण होगा जिसमें भारत सहित 16 टीमें भाग लेंगी।
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अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) ने इस प्रतियोगिता के मैचों को तीन स्थानों पर आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है।
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ये स्थान हैं- (क) भुवनेश्वर; (ख) नवी मुंबई और (ग) गोवा।
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भारत ने 6 अक्टूबर, 2017 से लेकर 28 अक्टूबर, 2017 के दौरान देश के भीतर नई दिल्ली, गुवाहाटी, मुंबई, गोवा, कोच्चि और कोलकाता जैसे छह अलग-अलग स्थलों पर फीफा अंडर-17 पुरुष विश्व कप भारत-2017 की सफलतापूर्वक मेजबानी की थी।
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बाली में जी-20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां एवं मंच- उनकी संरचना और जनादेश।
प्रारंभिक परीक्षा: जी-20 की बैठक
प्रसंग:
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केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने 13-14 सितंबर 2022 को इंडोनेशिया के बाली में जी-20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक में भाग लिया।
उद्देश्य:
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मंत्रिस्तरीय सत्र में केंद्रीय मंत्री ने अधिक लचीला, न्यायसंगत और टिकाऊ अवस्था सुनिश्चित करने के लिए महामारी के बाद की अवधि में रोजगार सृजन, सामाजिक सुरक्षा, कौशल और औपचारिकता से संबंधित उत्तरदायी और मजबूत नीतियों को बढ़ावा देने के बारे में बात की।
विवरण:
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केंद्रीय मंत्री ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का चयन करने के लिए इंडोनेशिया की भी सराहना की।
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ये हैं-श्रम बाजार को दिव्यांगजनों से जोड़ना, समुदाय आधारित व्यावसायिक प्रशिक्षण को मजबूत करके मानव क्षमता विकास में निरंतर विकास और उत्पादकता, उद्यमिता को बढ़ावा देना और रोजगार सृजन साधन के रूप में लघु और मध्यम उद्यमों (एसएमई) का सहयोग करना और सभी श्रमजीवियों के लिए अधिक प्रभावी संरक्षण और अधिक लचीलेपन की श्रम सुरक्षा को अपनाना।
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केंद्रीय मंत्री ने इन सभी क्षेत्रों में भारत की अनुकरणीय उपलब्धियों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।
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क्रेन और प्लेटफॉर्म श्रमजीवियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए सामाजिक सुरक्षा संहिता में किए गए प्रावधानों पर प्रकाश डाला।
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इस बात पर भी जोर दिया कि कौशल विकास को काम के भविष्य की आवश्यकता के साथ जोड़ा जा रहा है।
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इस वर्ष जी-20 रोजगार कार्य समूह की बैठकों से प्राप्त अनुभव भविष्य में अध्यक्षता करने में भारत की सहायता करेगा और 21वीं सदी के काम की दुनिया की गतिशील प्रकृति को ध्यान में रखते हुए श्रम कल्याण हासिल करने की हमारे लक्ष्य में योगदान देंगे।
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केंद्रीय मंत्री ने जर्मनी, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, नीदरलैंड्स और तुर्की जैसे देशों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें कीं।
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सभी बैठकों में मंत्री ने आगामी अध्यक्षता और व्यापक प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी दी और लक्ष्यों की पूर्ति के लिए इन देशों और संगठनों का समर्थन मांगा।
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प्रवासन और गतिशीलता समझौते तथा सामाजिक सुरक्षा समझौते पर जल्द से जल्द हस्ताक्षर करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया ताकि अंतर्राष्ट्रीय श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- ‘लद्दाख एप्रिकोट’:
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लद्दाख उत्पाद ब्रांड के तहत खुबानी के निर्यात को केंद्र से प्रोत्साहन मिला है।
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2022 सीजन के दौरान लद्दाख से सिंगापुर, मॉरिशस, वियतनाम को 35 एमटी ताजा खुबानी का निर्यात किया गया।
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खुबानी लद्दाख के महत्वपूर्ण फलों में से एक है और स्थानीय स्तर पर ‘चुली’ के नाम से जानी जाती है।
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एपीडा ट्रांस-हिमालयी लद्दाख की खुबानी के ब्रांड के प्रचार के लिए पैकेजिंग को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि इसके उत्पादकों को इसके अधिक दाम मिल सके।
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लद्दाख खुबानी के लिए जीआई टैग हासिल करने की दिशा में भी काम जारी है। लद्दाख में उत्पादित खुबानी का बड़ा हिस्सा स्थानीय स्तर पर खा लिया जाता है और इसकी कम मात्रा ही शुष्क रूप में बेची जाती है।
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किसी भी उत्पाद के निर्यात को प्रोत्साहन देने में लॉजिस्टिक समर्थन की अहम भूमिका को देखते हुए, क्षेत्र से निर्बाध निर्यात के लिए एपिडा मार्केट संपर्क योजना- परवाज (पीएआरवीएजेड) की तर्ज पर वायु और पास के अंतर्राष्ट्रीय निकासी बंदरगाह तक सड़क के माध्यम से खुबानी के लिए लॉजिस्टिक समर्थन देने की दिशा में काम कर रही है।
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एपीडा ने वर्ष 2021 के दौरान केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से ताजा खुबानी के निर्यात की पहचान की थी और खुबानी सीजन 2021 के अंत में परीक्षण के तहत इसकी दुबई को आपूर्ति की गई थी।
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इसके अनूठे स्वाद और सुगंध के कारण उत्पाद की स्वीकार्यता के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्पाद की खासी मांग थी।
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15,789 टन के कुल उत्पादन के साथ लद्दाख देश का सबसे बड़ा खुबानी उत्पादक है जो कुल उत्पादन का लगभग 62 प्रतिशत है।
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इस क्षेत्र में लगभग 1,999 टन सूखी खुबानी का उत्पादन किया, जिससे यह देश में सूखी खुबानी का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। लद्दाख में खुबानी की खेती का कुल क्षेत्रफल 2,303 हेक्टेयर है।
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लद्दाख की देशी खुबानी जीनोटाइप में बेजोड़ और इसमें कई अहम खूबियां हैं, जिनमें उच्च टीएसएस कंटेंट, देर से और ज्यादा समय तक फूल आना और फल का पका रहना, सफेद सीड स्टोन फेनोटाइप शामिल हैं। इसे दुनिया भर में विभिन्न देशों को निर्यात किया जा सकता है।
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लद्दाख की खुबानी की विशेषता और प्रीमियम गुणवत्ता को देखते हुए लद्दाख के वैश्विक परिदृश्य में खुबानी उत्पादन और निर्यात के केंद्र के रूप में उभरने की पर्याप्त संभावनाएं हैं।
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लद्दाख की खुबानी को उसके स्वाद और स्टोन कलर के आधार पर दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। कड़ुवी गुठली वाले फलों को खंते कहते हैं, जिसका मतलब है कड़ुवा।
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मीठी गुठली वाले फलों को न्यारमो कहा जाता है, जिसका मतलब है मीठा।
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इन्हें सीड स्टोन कलर के आधार पर दो उप-समूहों में बांटा गया है।
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सफेद सीड स्टोन वाले फल को रक्तसे कार्पो (रक्तसे का मतलब है बीज, कार्पो का मतलब है सफेद), वहीं भूरे सीड स्टोन वाले फल को रक्तसे नाकपो यानी न्यारमो (काला बीज) कहा जाता है।
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- उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना (यूएसबीआरएल):
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उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लिंक परियोजना (यूएसबीआरएल) हिमालय क्षेत्र में से ब्रॉड-गेज रेल लाइन के निर्माण के लिए भारतीय रेलवे द्वारा शुरू की गई एक राष्ट्रीय परियोजना है जिसका मकसद कश्मीर क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ना है।
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यह हर मौसम वाली, आरामदायक, सुविधाजनक और लागत प्रभावी जन परिवहन प्रणाली देश के सबसे उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए उत्प्रेरक का काम करेगी।
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इस परियोजना के पहले तीन चरणों का निर्माण पूरा हो चुका है और कश्मीर घाटी में बारामूला-बनिहाल और जम्मू क्षेत्र में जम्मू-उधमपुर-कटरा के बीच ट्रेनों के संचालन के लिए यह लाइन चालू हो चुकी है।
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इस परियोजना ने लोगों को रोजगार, समृद्धि और कनेक्टिविटी प्रदान की है।
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इस परियोजना से रियासी और रामबन के पिछड़े जिलों को विशेष रूप से लाभ हुआ है।
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111 किमी लंबे कटरा-बनिहाल खंड के निर्माण की लागत अब तक 30672.34 करोड़ रुपये रही है।
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- 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले विशेष अभियान 2.0 के लिए “स्वच्छता” पोर्टल लॉन्च:
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केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले विशेष अभियान 2.0 के लिए “स्वच्छता” पोर्टल लॉन्च कियागया जिसके तहत स्वच्छता और सरकार में पेंडेंसी को कम करने पर ध्यान केंद्रित होगा।
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2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2022 तक विशेष अभियान 2.0 चलेगा जिसमें भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों और सभी संबद्ध/अधीनस्थ और स्वायत्त निकायों के साथ सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को शामिल किया गया है।
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भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाने के लिए 67,000 साइटों की पहचान की गई है और 30 सितंबर तक इनके एक लाख के पार जाने की संभावना है, जबकि अक्टूबर 2021 में पहले विशेष अभियान में यह संख्या केवल 6,000 थी।
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15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर, 2014 से स्वच्छ भारत मिशन शुरू करने की घोषणा की थी।
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14 सितंबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 13 सितंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें। सम्बंधित लिंक्स:
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