विषयसूची:
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1.EAC-PM राज्यों और जिलों के लिए सामाजिक प्रगति सूचकांक (SPI) जारी करेगा:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय:: शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ।
प्रारंभिक परीक्षा: आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM),सामाजिक प्रगति सूचकांक (SPI) से संबंधित तथ्य।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) 20 दिसंबर, 2022 को भारत के राज्यों और जिलों के लिए सामाजिक प्रगति सूचकांक (SPI) जारी करेगी।
उद्देश्य:
- सामाजिक प्रगति सूचकांक (SPI) राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तरों पर देश द्वारा की गई सामाजिक प्रगति को समग्र तौर पर मापने के उद्देश्य से तैयार किया गया एक व्यापक उपकरण है।
- यह समझते हुए कि नागरिकों की सामाजिक प्रगति आर्थिक विकास को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, यह सूचकांक आर्थिक वृद्धि और विकास को मापने के पारंपरिक साधनों का पूरक है।
विवरण:
- यह रिपोर्ट डॉ. अमित कूपर की अध्यक्षता में इंस्टीट्यूट फॉर कंपटीटिवनेस और माइकल ग्रीन की अध्यक्षता में सोशल प्रोग्रेस इंपीरेटिव ने तैयार की थी और देश के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा इसे अनिवार्य किया गया था।
- समाज की जरूरतों को बेहतर ढंग से समझ सकने वाले बेहतर मापन मॉडल की तत्काल आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और साथ ही निर्णयकर्ताओं को आवश्यक ज्ञान और उपकरणों से लैस करते हुए टीम ने रिपोर्ट के लिए सामाजिक प्रगति के उपयुक्त संकेतकों और उपायों की पहचान करने के लिए एक व्यापक शोध चरण शुरू किया।
- SPI सामाजिक प्रगति के तीन आयामों पर राज्यों और जिलों के प्रदर्शन का आकलन करता है:
- ये तीन आयाम हैं:
- बुनियादी मानवीय आवश्यकताएं,
- रहन-सहन के बेहतर तरीकों के आधार और
- अवसर।
- प्रत्येक आयाम में चार घटक होते हैं।
- बुनियादी मानवीय आवश्यकताओं का आयाम पोषण और बुनियादी चिकित्सा देखभाल, जल और स्वच्छता, व्यक्तिगत सुरक्षा और आश्रय के मामले में राज्यों और जिलों के प्रदर्शन का आकलन करता है।
- रहन-सहन के बेहतर तरीकों के आधार का आयाम बुनियादी ज्ञान तक पहुंच, सूचना तथा संचार तक पहुंच, स्वास्थ्य तथा कल्याण और पर्यावरण गुणवत्ता के घटकों में देश द्वारा की गई प्रगति का मूल्यांकन करता है।
- अवसर का आयाम व्यक्तिगत अधिकारों, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पसंद, समावेशिता और उन्नत शिक्षा तक पहुंच के पहलुओं पर केंद्रित है।
- देश की महिला और बाल विकास मंत्री और ईएसी-पीएम के अध्यक्ष डॉ. बिबेक देबरॉय, द्वारा इस रिपोर्ट को जारी किया जाएगा।
- इस कार्यक्रम में माइकल ग्रीन, सीईओ, सोशल प्रोग्रेस इंपीरेटिव और डॉ. अमित कपूर, मानद अध्यक्ष, इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस और लेक्चरर, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी अपनी बात रखेंगे।
- दोनों इस रिपोर्ट के लेखक हैं।
- राज्य और जिलेवार रैंकिंग और स्कोरकार्ड के साथ इस रिपोर्ट का उद्देश्य देश में सभी स्तरों पर की गई सामाजिक प्रगति का एक व्यवस्थित विवरण प्रदान करना है।
- यह रिपोर्ट सूचकांक में अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों की उपलब्धियों और सामाजिक प्रगति हासिल करने में राज्यों की भूमिका पर भी प्रकाश डालती है।
- रिपोर्ट के एक विशेष खंड में भारत के आकांक्षी जिलों का विश्लेषण है, जिससे जमीनी स्तर पर सामाजिक प्रगति की व्यापक समझ पैदा होती है।
- रिपोर्ट आने वाले वर्षों में निरंतर सामाजिक-आर्थिक विकास हासिल करने के लिए नीति निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थकारी और उपकरण के रूप में कार्य करेगी।
2.अटल नवाचार मिशन और UNDP इंडिया ने युवा उद्यमियों के लिए 5वां यूथ को:लैब लॉन्च किया:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ।
प्रारंभिक परीक्षा: अटल नवाचार मिशन (AIM), नीति आयोग और UNDP इंडिया, यूथ को:लैब से संबंधित तथ्य।
प्रसंग:
- अटल नवाचार मिशन (AIM), नीति आयोग और UNDP इंडिया ने 15 दिसंबर, 2022 को संयुक्त रूप से एशिया-प्रशांत क्षेत्र के सबसे बड़े युवा नवाचार अभियान, यूथ को:लैब का 5वां संस्करण लॉन्च किया।
उद्देश्य:
- यूथ को:लैब, UNDP इंडिया द्वारा अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग के साथ साझेदारी में 2019 में शुरू की गई एक पहल है और इसका उद्देश्य एशिया-प्रशांत देशों के लिए एक आम एजेंडा स्थापित करना है, ताकि नेतृत्व, सामाजिक नवाचार और उद्यमिता के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के कार्यान्वयन में तेजी लाने हेतु युवाओं के लिए निवेश किया जा सके और उन्हें सशक्त बनाया जा सके।
विवरण:
- UNDP इंडिया के साथ अटल नवाचार मिशन, इस अभियान को यूथ को:लैब इंडिया के पांचवें संस्करण के माध्यम से आगे बढ़ा रहा है और युवा सामाजिक उद्यमियों का समर्थन कर रहा है, जो सामाजिक परिवर्तन का नेतृत्व करने और SDG लक्ष्य कार्यों के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने में एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है।
- यूथ को:लैब पहल, अभी तक, 28 देशों और क्षेत्रों में लागू की गई है, जिसमें 200,000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया है, 11,000 से अधिक युवा सामाजिक उद्यमी लाभान्वित हुए हैं और इसके जरिये 1,240 से अधिक सामाजिक उद्यमों का समर्थन किया जा रहा है।
- UNDP, अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग के साथ यूथ को:लैब के 5वें संस्करण को लॉन्च करने के प्रति उत्साहित है और यह युवा तथा मौजूदा उद्यमियों को लोक कल्याण के लिए समाधान पेश करने का एक मंच प्रदान करता है।
- यह सामाजिक उद्यमिता और नवाचार के माध्यम से भारत के सबसे गंभीर मुद्दों को हल करने के लिए युवाओं के साथ शुरू की गयी एक अनूठी पहल है।
- यूथ को:लैब के माध्यम से, 30 प्रारंभिक चरण के स्टार्ट-अप को स्प्रिंगबोर्ड प्रोग्राम द्वारा समर्थन दिया जाएगा और सर्वश्रेष्ठ को उनके स्टार्ट-अप को आगे बढ़ाने के लिए सीड अनुदान प्रदान किया जाएगा।
यूथ को:लैब 2022-23 के 5 विषयगत क्षेत्र हैं:
- युवाओं के लिए डिजिटल और वित्तीय साक्षरता।
- लैंगिक समानता और महिला आर्थिक अधिकारिता।
- जैव विविधता संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हुए फिनटेक समाधान विकसित करना।
- वित्त में तकनीकी समाधान के माध्यम से जैव विविधता के अनुकूल जीवन शैली को बढ़ावा देना।
- पुनर्चक्रण नवाचार के जरिए चक्रीय अर्थव्यवस्था में तेजी लाना।
- लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) के लिए व्यवहार संबंधी बदलाव ।
पृष्ठ्भूमि:
यूथ को:लैब से सम्बंधित तथ्य:
- यूएनडीपी और सिटी फाउंडेशन द्वारा 2017 में सह-निर्मित, यूथ को: लैब एक बहु-आयामी और बहु-स्तरीय मंच है, जो युवाओं के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने एवं सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति के लिए वैश्विक चुनौतियों का समाधान ढूंढने में युवाओं को सबसे आगे रखती है।
- यूथ को:लैब का उद्देश्य नेतृत्व, सामाजिक नवाचार और उद्यमिता के माध्यम से SDG के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए एशिया-प्रशांत देशों के सन्दर्भ में युवाओं के लिए निवेश करने और उन्हें सशक्त बनाने के प्रति एक सामान्य एजेंडा स्थापित करना है।
अटल नवाचार मिशन (AIM) से सम्बंधित तथ्य:
- एआईएम, नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार का एक प्रयास है।
- इसका उद्देश्य विशेष रूप से प्रौद्योगिकी संचालित क्षेत्रों में विश्व स्तरीय नवाचार केंद्रों, बड़ी चुनौतियों, स्टार्ट-अप व्यवसायों और अन्य स्वरोजगार गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
3. भारत-नेपाल संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास “सूर्य किरण-XVI”: नेपाल में आयोजित होगा:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास “सूर्य किरण-XVI” से संबंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में भारत-नेपाल संबंधों पर टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
- भारत और नेपाल की सेनाओं के बीच भारत-नेपाल संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास का 16वां संस्करण “सूर्य किरण-XVI” 16 से 29 दिसंबर 2022 तक नेपाल में सलझंडी के नेपाल आर्मी बैटल स्कूल में आयोजित किया जाएगा।
उद्देश्य:
- संयुक्त राष्ट्र के शासनादेश के तहत पहाड़ी इलाकों में जंगल युद्ध तथा आतंकवाद रोधी अभियानों में मानवीय सहायता एवं आपदा राहत कार्यों में अंतर-क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से भारत और नेपाल के बीच अभ्यास “सूर्य किरण” प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
- संयुक्त सैन्य अभ्यास रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाएगा जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ावा देगा।
विवरण:
- नेपाल की सेना की तरफ से श्री भवानी बक्श बटालियन के जवान और भारतीय सेना के 5 GR के जवान इस अभ्यास सत्र में भाग लेंगे।
- दोनों सेनाएं, इन टुकड़ियों के माध्यम से, अपने-अपने देशों में वर्षों से विभिन्न उग्रवाद विरोधी अभियानों के संचालन के दौरान प्राप्त हुए अनुभवों को साझा करेंगी।
- संयुक्त सैन्य अभ्यास आतंकवाद विरोधी अभियानों में यूनिट स्तर पर सामरिक संचालन की योजना और क्रियान्वयन के लिए संयुक्त अभ्यास को आगे बढ़ाने तथा सामान्य रूप से आपदा प्रतिक्रिया तंत्र एवं आपदा प्रबंधन में सशस्त्र बलों की भूमिका पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- सैन्य अभ्यास के दौरान, दोनों देशों के सैनिक अंतर-संकार्य क्षमता विकसित करने के लिए एक साथ प्रशिक्षण लेंगे।
- भाग लेने वाले प्रतिभागी जवाबी कार्रवाई तथा आतंकवाद विरोधी अभियानों और मानवीय राहत कार्यों पर भी अपने अनुभव साझा करेंगे।
4. संयुक्त राष्ट्र ने नमामि गंगे पहल को विश्व की 10 शीर्ष बहाली फ्लैगशिप पहलों में से एक के रूप में मान्यता दी:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच- उनकी संरचना, और जनादेश।
प्रारंभिक परीक्षा: संयुक्त राष्ट्र (UN), नमामि गंगे पहल से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
- संयुक्त राष्ट्र (UN) ने भारत की पवित्र नदी गंगा को फिर से जीवंत करने के लिए नमामि गंगे पहल को प्रकृति को पुनर्जीवित करने वाली विश्व की 10 शीर्ष बहाली फ्लैगशिप पहलों में से एक के रूप में मान्यता दी है।
उद्देश्य:
- इसे पूरे विश्व में प्राकृतिक स्थानों के क्षरण की रोकथाम और बहाली के लिए तैयार किया गया है। नमामि गंगे सहित सभी मान्यता प्राप्त पहलें अब संयुक्त राष्ट्र की सहायता, वित्त पोषण या तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त करने की पात्र होंगी।
- यह मान्यता नदी ईको सिस्टम की बहाली के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, भारत सरकार द्वारा किए जा रहे ठोस प्रयासों का प्रमाण देती है।
विवरण:
- नमामि गंगे के महानिदेशक श्री जी. अशोक कुमार ने 14 दिसंबर, 2022 को विश्व बहाली दिवस के अवसर पर मॉन्ट्रियल (कनाडा) में जैव विविधता पर कन्वेंशन के पक्षकारों के 15वें सम्मेलन में आयोजित एक समारोह में यह पुरस्कार प्राप्त किया।
- नमामि गंगे को दुनिया के 70 देशों की 150 से अधिक ऐसी पहलों में से चुना गया है।
- इन पहलों को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा समन्वित एक वैश्विक आंदोलन, संयुक्त राष्ट्र ईको सिस्टम बहाली दशक बैनर के तहत चयन किया गया था।
- नमामि गंगे कार्यक्रम की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय गंगा परिषद द्वारा इसकी सूक्ष्मता से निगरानी की जाती है और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री इसकी नियमित रूप से समीक्षा करते हैं।
- प्रधानमंत्री को जो उपहार प्राप्त होते हैं उनकी प्रति वर्ष सार्वजनिक नीलामी की जाती है और उससे प्राप्त आय गंगा नदी को साफ करने के सरकारी प्रयास में सार्वजनिक योगदान को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष रूप से गठित स्वच्छ गंगा कोष में दे दी जाती है।
- नमामि गंगे कार्यक्रम वर्ष 2014 में शुरू किया गया था, जब गंगा नदी के कायाकल्प की आवश्यकता को पहचानने और नदी को स्वच्छ बनाने के लिए 5 बिलियन डॉलर से अधिक की प्रतिबद्धता की गए थी।
- “गंगा भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत की 40 प्रतिशत आबादी, वनस्पतियों और जीवों की 2500 प्रजातियों और 8.61 बिलियन वर्ग किमी बेसिन का घर है।
- यह बेसिन 520 मिलियन से अधिक लोगों का घर भी है।
- गंगा आध्यात्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है।
- एनएमसीजी ने एक समग्र और बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाया है, जिसने नदी की पारिस्थितिकी और उसके स्वास्थ्य के व्यापक संरक्षण के लिए नवाचारी मॉडल पेश किए हैं।
- परियोजना को यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया गया है कि कोई भी बिना उपचार वाला जल-सीवेज या औद्योगिक अपशिष्ट गंगा नदी में न बहे।
- प्रतिदिन 5000 मिलियन लीटर से अधिक उपचार क्षमता वाले 176 एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है।
- मिशन के ठोस प्रयासों के परिणामस्वरूप गंगा बेसिन में सीवेज और औद्योगिक अपशिष्टों के उपचार की क्षमता में काफी वृद्धि हुई है।
- गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता और जैव विविधता में सुधार हुआ, जिससे डॉल्फ़िन, कछुओं, ऊदबिलाव, घड़ियाल और हिल्सा जैसी मछलियों की आबादी में बढ़ोतरी हुई और बेसिन के 30,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में वनरोपण किया गया है।
- नमामि गंगे का एक अभिन्न घटक अर्थ गंगा भी है, जो इस नदी के किनारे रहने वाले लोगों के सामाजिक, आर्थिक जुड़ाव को मजबूत बनाती है।
- इसने इस मिशन को जन-आंदोलन में बदल दिया है। एचएएम और वन सिटी वन ऑपरेटर जैसी कई नवाचारी परियोजना प्रबंधन प्रथाओं के सफलतापूर्वक विकसित होने के साथ-साथ, एनएमसीजी देश और दुनिया में अन्य नदियों की सफाई के लिए भी रोड मैप तैयार कर रहा है।
- “FAO, UNEP के साथ मिलकर, ईकोसिस्टम की बहाली के संबंध में संयुक्त राष्ट्र के दशक के सह-नेतृत्व के रूप में 2022 विश्व बहाली फ्लैगशिप पहलों के रूप में 10 सबसे अधिक महत्वाकांक्षी, दूरदर्शी, आशाजनक, ईकोसिस्टम बहाली पहलों को पुरस्कृत करते हुए बहुत खुश है।
- इन फ्लैगशिप कार्यक्रमों से प्रेरित होकर हम बेहतर उत्पादन, बेहतर पोषण, बेहतर पर्यावरण और सभी के लिए बेहतर जीवन के लिए अपने ईकोसिस्टम को बहाल करना सीख सकते हैं, ताकि कोई पीछे न छूटे।”
- यह घोषणा संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन के लिए मॉन्ट्रियल, कनाडा में दुनिया के नेताओं के रूप में की गई थी, जहां सभी सरकारें अगले दशक में प्रकृति के लक्ष्यों के लिए निर्धारित एक नए सेट पर सहमत हुई हैं।
- राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने पहले भी ग्लोबल वाटर इंटेलिजेंस 3 द्वारा ग्लोबल वाटर अवार्ड्स, 2019 में “पब्लिक वाटर एजेंसी ऑफ द ईयर” पुरस्कार जीता है।
- नेशनल ज्योग्राफिक इंडिया के साथ सह-निर्मित गंगाः रिवर फ्राम द स्काइज द्वारा बनाई गई डोक्यूमेंट्री है, जिसे तीन श्रेणियों सर्वश्रेष्ठ वृत्त चित्र, सर्वश्रेष्ठ करंट अफेयर्स और सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक इतिहास या वन्यजीव कार्यक्रम के तहत एशियन अकादमी, क्रिएटिव अवार्ड 2022 में पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.”इको परिपथ” को स्वदेश दर्शन योजना के तहत 15 विषयगत परिपथों में से एक के रूप में चिन्हित किया:
- देश में इको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए “इको परिपथ” को स्वदेश दर्शन योजना के तहत 15 विषयगत परिपथों में से एक के रूप में चिन्हित किया गया है।
- पर्यटन मंत्रालय ने ओडिशा सहित देश में विकास के लिए इको पर्यटन को निश पर्यटन क्षेत्रों में से एक के रूप में चिह्नित किया है।
- पर्यटन मंत्रालय ने ओडिशा सहित देश में इको-पर्यटन के विकास और संवर्धन के लिए कई कदम उठाए हैं इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
(i) पर्यटन मंत्रालय ने इको/टिकाऊ पर्यटन और जिम्मेदार पर्यटन के लिए प्राथमिकता प्राप्त वैश्विक गंतव्य के रूप में भारत को स्थापित करने के लिए इको पर्यटन और टिकाऊ पर्यटन के संबंध में राष्ट्रीय रणनीति तैयार की है।
- इन रणनीतिक दस्तावेजों के परिचालन और कार्यान्वयन के मार्गदर्शन के लिए पर्यटन मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में टिकाऊ पर्यटन के लिए एक राष्ट्रीय बोर्ड का गठन किया गया है।
(ii) पर्यटन मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म सोसायटी ऑफ इंडिया (RTSOI) के साथ एक–दूसरे के पर्यटन क्षेत्र में स्थायित्व संबंधी पहलों को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने व सहायता देने और सहयोगात्मक रूप से कार्य करने के लिए कदम उठाने को लेकर 27 सितंबर, 2021 को एक समझौता ज्ञापन (MoU) कार्यान्वित किया गया।
(iii) मंत्रालय ने भारत के संबंध में पर्यटन उद्योग के प्रमुख हिस्सों जैसे कि आवास इकाइयों व यात्रा परिचालकों के लिए व्यापक टिकाऊ पर्यटन मानदंड (STCI) को विकसित किया और इसे अपनाया है।
- यह ओडिशा सहित पूरे देश के लिए लागू है।
(iv) मंत्रालय ने देश में इको पर्यटन के विकास की संभावना को देखते हुए “इको परिपथ” को स्वदेश दर्शन योजना के तहत 15 विषयगत परिपथों में से एक के रूप में चिन्हित किया है।
2.उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना (USBRL):
- USBRL (उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक) हिमालय के माध्यम से ब्रॉड-गेज रेलवे लाइन के निर्माण के लिए भारतीय रेलवे द्वारा शुरू की गई एक राष्ट्रीय परियोजना है, जिसका उद्देश्य कश्मीर क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ना है।
- 15 दिसंबर, 2022 को USBRL परियोजना के कटरा-बनिहाल खंड पर सुंबर और खारी स्टेशनों के बीच एस्केप टनल टी-49 को जोड़कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की गई है।
- एस्केप टनल की लंबाई 12.895 किमी है।
- यह भारत की सबसे लंबी एस्केप टनल है और एस्केप टनल को जोड़ने के दौरान टनल की लाइन और लेवल को सटीक रूप से हासिल किया जाता है।
- यह हॉर्सशू के आकार की एक उन्नत सुरंग है, जो खोड़ा गांव में उत्तर की ओर खोड़ा नाला पर पुल संख्या 04 को पार करने के बाद दक्षिण की ओर सुंबर स्टेशन यार्ड और सुरंग टी-50 को जोड़ती है।
15 दिसंबर PIB :- Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 14 दिसंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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