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15 जुलाई 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. एआई फॉर इंडिया 2.0 का शुभारंभ
  2. अबू धाबी में IIT दिल्ली के पहले परिसर की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
  3. प्रधानमंत्री की फ्रांस के राष्ट्रपति से मुलाकात:
  4. चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण से अंतरिक्ष स्टार्टअप और अंतरिक्ष उद्यमियों को बढ़ावा मिलेगा

1. एआई फॉर इंडिया 2.0 का शुभारंभ:

सामान्य अध्ययन: 2

शिक्षा:

विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: एआई फॉर इंडिया 2.0

प्रसंग:

  • केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री ने विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक नि:शुल्क ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम, एआई फॉर इंडिया 2.0 का शुभारंभ किया।
  • यह स्किल इंडिया और GUVI की एक संयुक्त पहल, राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास से मान्यता प्राप्त ऑनलाइन कार्यक्रम युवाओं को अग्रणी कौशल से सुसज्जित करेगा।

विवरण:

  • इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी को भाषा का बंधुआ नहीं होना चाहिए। उन्होंने और अधिक भारतीय भाषाओं में प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह प्रौद्योगिकी शिक्षा में भाषा की बाधा को समाप्त करने और हमारी युवा शक्ति, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक अच्छी शुरुआत है।
  • GUVI ने निचले तबके की आबादी को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के बारे में शिक्षित करने के लिए यह पहल की है।
  • GUVI, एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास इनक्यूबेटेड स्टार्टअप प्रौद्योगिकी मंच है जो स्थानीय भाषाओं में प्रौद्योगिकी सीखने को सक्षम बनाता है। इस कार्यक्रम को 9 भारतीय भाषाओं में तैयार किया गया है।

2. अबू धाबी में IIT दिल्ली के पहले परिसर की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

मुख्य परीक्षा: इस समझौते के निहितार्थ

प्रसंग:

  • अबू धाबी में IIT दिल्ली का पहला परिसर स्थापित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय और अबू धाबी शिक्षा एवं ज्ञान विभाग (ADEK) तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT दिल्ली) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

विवरण:

  • वर्तमान में जारी संयुक्त अरब अमीरात-भारत व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) को पूर्णता प्रदान करते हुए यह समझौता ज्ञापन (MOU) शैक्षिक उत्कृष्टता, नवाचार, ज्ञान के आदान-प्रदान और मानव पूंजी में निवेश को प्राथमिकता देने को भावी समृद्धि एवं दीर्घकालिक आर्थिक विकास तथा सतत विकास के सक्षमकर्ताओं के आधार के रूप में दोनों देशों के साझा दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करता है।
  • अबू धाबी में IIT दिल्ली परिसर परस्पर समृद्धि और वैश्विक कल्‍याण दोनों के लिए ज्ञान की शक्ति का लाभ उठाने का नया प्रतिमान स्थापित करेगा। यह भारत की शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण में नए अध्याय का सूत्रपात भी है।
  • यह समझौता ज्ञापन अबू धाबी की विश्व स्तरीय शिक्षा प्रणाली को तेज गति से बढ़ाने की प्रतिबद्धता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाता है, जो राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों और प्राथमिकताओं में सहायक है। इस समझौता ज्ञापन का कार्यान्वयन वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी शिक्षा इकोसिस्टम को वास्तविक रूप प्रदान करने की हमारी योजनाओं की दिशा में एक मील का पत्थर है।
  • हमारी राष्ट्रीय रणनीति के अनुरूप, यह समझौता ज्ञापन विश्व स्तरीय शैक्षिक अनुभव प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करता है।
  • IIT दिल्ली – अबू धाबी संपूरक कार्यक्रमों की पेशकश करने, अत्याधुनिक अनुसंधान संचालित करने और स्थानीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने के लिए मोहम्मद बिन जायद यूनिवर्सिटी ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, खलीफा यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी अबू धाबी, टेक्नोलॉजी इनोवेशन इंस्टीट्यूट और हब 71 जैसी प्रमुख संस्थाओं के सहयोग के माध्यम से अबू धाबी में शैक्षणिक, अनुसंधान और नवाचार इकोसिस्टम को पूर्णता प्रदान करेगा।
  • IIT दिल्ली – अबू धाबी परिसर द्वारा 2024 में अपने शैक्षणिक कार्यक्रम और कई स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी कार्यक्रम शुरू करने तथा सतत ऊर्जा और जलवायु अध्ययन से संबंधित अनुसंधान केंद्रों के साथ ही साथ कंप्यूटिंग और डेटा विज्ञान से संबंधित कार्यक्रमों को संचालित किए जाने की संभावना है। IIT दिल्ली – अबू धाबी द्वारा ऊर्जा और स्थिरता, कृत्रिम आसूचना, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग, गणित और कंप्यूटिंग और इंजीनियरिंग, विज्ञान और मानविकी के अन्य विषयों को कवर करते हुए विविध कार्यक्रमों की पेशकश किए जाने की संभावना है।
  • IIT दिल्ली – अबू धाबी के स्नातक भारत के 23 परिसरों के स्नातकों के शानदार पूर्व छात्र नेटवर्क में शामिल होंगे। उत्कृष्ट साख के साथ IIT दिल्ली ने हाल ही में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के लिए दुनिया के शीर्ष 50 संस्थानों में स्थान हासिल किया है। इसने 2022 क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में वैश्विक रोजगार योग्यता के लिए शीर्ष 30 रैंक भी हासिल की है। IIT दिल्ली रक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास से लेकर परिवहन, आईटी और सॉफ्टवेयर तक के क्षेत्रों में भारत के अनुसंधान एवं विकास इकोसिस्टम में अग्रणी योगदानकर्ता रहा है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. प्रधानमंत्री की फ्रांस के राष्ट्रपति से मुलाकात:

  • दोनों राजनेताओं ने रक्षा और सुरक्षा, असैन्य परमाणु, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, व्यापार और निवेश, अंतरिक्ष, जलवायु परिवर्तन तथा लोगों के बीच मेल-मिलाप सहित द्विपक्षीय सहयोग के विस्तृत क्षेत्रों के संदर्भ में गहन चर्चा की।
  • मुलाकात के दौरान जी-20 में भारत की अध्यक्षता, हिंद-प्रशांत तथा आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक विषयों पर भी चर्चा की गई।
  • “होराइज़न 2047: चार्टिंग द फ्यूचर ऑफ इंडिया-फ्रांस स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप” (वितान 2047: भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के भविष्य की रूपरेखा) सहित परिणाम-आधारित महत्वाकांक्षी दस्तावेजों को अंगीकार किया गया।

2.चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण से अंतरिक्ष स्टार्टअप और अंतरिक्ष उद्यमियों को बढ़ावा मिलेगा

  • केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री ने जी 20 युवा उद्यमी गठबंधन शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण से अंतरिक्ष स्टार्टअप और अंतरिक्ष उद्यमियों को बढ़ावा मिलेगा।
  • वर्ष 2020 में निजी भागीदारी के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोले जाने के बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पिछले साल नवंबर में भारत के पहले निजी सब ऑर्बिटल (वीकेएस) रॉकेट विक्रम को सफलतापूर्वक लॉन्च करके इतिहास रचा था।
  • भारत द्वारा अब तक प्रक्षेपित किए गए 424 विदेशी उपग्रहों में से 389 पिछले नौ वर्षों में लॉन्च किए गए। जनवरी 2018 से अब तक, इसरो ने वाणिज्यिक समझौते के तहत ऑन-बोर्ड पीएसएलवी और जीएसएलवी-एमके III लॉन्चर से कोलंबिया फ़िनलैंड, इजराइल, लिथुआनिया, लक्ज़मबर्ग, मलेशिया, नीदरलैंड, सिंगापुर, स्पेन तथा स्विट्जरलैंड के उपग्रहों के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, जापान व कोरिया गणराज्य सहित प्रमुख जी 20 देशों से संबंधित 200 से अधिक विदेशी उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।
  • भारत के पास दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वैज्ञानिक और तकनीकी श्रमशक्ति है। भारत में 1000 से अधिक विश्वविद्यालय हैं। सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में भारत का जीईआरडी लगभग 0.65 प्रतिशत था।
  • हाल ही में, भारत सरकार ने भारत के विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEMM) प्रवासियों को सहयोगात्मक अनुसंधान गतिविधि के लिए भारतीय शैक्षणिक तथा अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के साथ जोड़ने के उद्देश्य से एक नई फेलोशिप योजना शुरू की है, जिससे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अग्रणी क्षेत्रों में सूचना, ज्ञान व सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने तथा सहयोगात्मक अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय (DST), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक (वैभव) फेलोशिप कार्यक्रम लागू करेगा।
  • भारत ने न केवल हाइड्रोजन मिशन शुरू किया है, बल्कि भारत सौर गठबंधन के प्रमुख देशों में से एक है। हाल ही में कैबिनेट द्वारा अनुमोदित राष्ट्रीय क्वांटम मिशन भी भारत की विशिष्ट वैज्ञानिक प्रगति का सूचक है।

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