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16 फरवरी 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. केंद्रीय जल आयोग ने ड्रिप योजना के तहत बांधों के लिए आईआईटी, रुड़की के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए:
  2. भारत और जापान का संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास “धर्म गार्जियन” जापान में शिगा प्रांत के कैंप इमाज़ू में आयोजित होगा:
  3. दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को भारत में स्थानांतरित करने की घोषणा:
  4. ‘कवच-2023’का शुभारंभ:  
  5. राष्ट्रपति ने अंतर्राष्ट्रीय इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी मेला- 2023 का उद्घाटन किया: 
  6. इकोनॉमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनेस समिट:
  7. राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव:
  8. भारतीय रेलवे ने रेल पोस्ट गति शक्ति एक्सप्रेस कार्गो सेवा (रेलवे और भारतीय डाक का संयुक्त पार्सल उत्पाद) शुरू की:

1. केंद्रीय जल आयोग ने ड्रिप योजना के तहत बांधों के लिए आईआईटी, रुड़की के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन: 

विषय: मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र /सेवाओं के विकास एवं उनसे प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।  

प्रारंभिक परीक्षा: केंद्रीय जल आयोग (CWC),अंतर्राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (ICED),नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग। 

प्रसंग: 

  • केंद्रीय जल आयोग (CWC), जल संसाधन विभाग, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय ने बाह्य रूप से वित्तपोषित बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना चरण-2 और चरण-3 के तहत बांधों के लिए अंतर्राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (ICED) के विकास के लिए एक अनुबंध ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। 

उद्देश्य:

  • ICED रुड़की भारतीय और विदेशी बांध मालिकों को जांच, मॉडलिंग, अनुसंधान, नवाचारों और तकनीकी सहायता सेवाओं में विशेष तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। 
  • यह केंद्र वैज्ञानिक अनुसंधान और नवीनतम प्रौद्योगिकी नवाचारों के माध्यम से बांध सुरक्षा में सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों के लिए सहायता और समाधान उपलब्ध कराने के लिए सहमत हुए बांध सुरक्षा क्षेत्रों के लिए काम करेगा।  

विवरण:  

  • यह समझौता अनुबंध ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की तिथि से दस वर्षों या DRIP चरण-2 और चरण-3 योजना की अवधि, इनमें जो भी पहले हो तक वैध रहेगा।
  • यह स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर बांध सुरक्षा प्रबंधन में अनुप्रयुक्त अनुसंधान, शिक्षा और प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण भी करेगा। 
  • यह केंद्र वर्तमान में दो प्रमुख क्षेत्रों- 
    • (A) जलाशय अवसादन (सेडिमेन्टेशन)  
    • (B) प्रारंभिक वर्षों में भूकंपीय खतरे का मानचित्रण और विश्लेषण पर ध्यान केन्द्रित करेगा। 
    • इसमें निकट भविष्य में बांध सुरक्षा अधिनियम के कार्यान्वयन से पैदा होने वाली ज़रूरतों के अनुसार नए क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा। 
    • दीर्घकालीन रूप से इस केंद्र का लक्ष्य बांधों के पूर्ण जीवन चक्र का प्रबंधन करना होगा।
  • इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डैम्स (ICED) की स्थापना से बांध सुरक्षा में ‘मेक इन इंडिया’ को सशक्त बनाने के साथ-साथ उन्नत अनुसंधान एवं विकासशील प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोग उत्पादों को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
  • ICED को 109 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जा रहा है। इस खर्च को जल संसाधन, गंगा संरक्षण और नदी विकास विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा छह किस्तों में अनावर्ती अनुदान के रूप में वहन किया जा रहा है।
  • ICED, रुड़की भारतीय और विदेशी बांध मालिकों को जांच, मॉडलिंग, अनुसंधान, नवाचारों और तकनीकी सहायता सेवाओं में विशेष तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।
  • आईआईटीआर सामान्य रूप से बांध सुरक्षा और पुनर्वास पर ज्ञान और क्षमताओं को विकसित करने के माध्यम से जलाशय अवसादन और भूकंपीय खतरे का मानचित्रण, विशेष रूप से विश्लेषण करने के मुख्य क्षेत्रों तक पहुंचने के साथ ही दस वर्षों के अंदर आय के संसाधनों का सृजन करके आत्मनिर्भरता के स्तर तक पहुंचने का प्रयास करेगा।
  • यह केंद्र वैज्ञानिक अनुसंधान और नवीनतम प्रौद्योगिकी नवाचारों के माध्यम से बांध सुरक्षा में सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों के लिए सहायता और समाधान उपलब्ध कराने हेतु सहमत हुए बांध सुरक्षा क्षेत्रों के बारे में काम करेगा।

2. भारत और जापान का संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास “धर्म गार्जियन” जापान में शिगा प्रांत के कैंप इमाज़ू में आयोजित होगा

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

प्रारंभिक परीक्षा: “एक्सरसाइज धर्म गार्जियन”। 

प्रसंग: 

  • भारत और जापान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास “एक्सरसाइज धर्म गार्जियन” का चौथा संस्करण 17 फरवरी से 02 मार्च 2023 तक जापान में शिगा प्रांत के कैंप इमाज़ू में आयोजित किया जा रहा है। 

उद्देश्य:

  •  विशेष रूप से, भिन्न-भिन्न देशों के साथ भारत द्वारा किए जाने वाले सैन्य प्रशिक्षण अभ्यासों की श्रृंखला में “एक्सरसाइज धर्म गार्जियन” जापान के साथ एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है। 
  • “अभ्यास धर्म गार्जियन” वर्तमान वैश्विक स्थिति की पृष्ठभूमि में दोनों देशों द्वारा सामना की जाने वाली सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण और सार्थक है। 
  • इस अभ्यास के संस्करण में जंगल और अर्ध शहरी/शहरी इलाकों में सैन्य गतिविधियों के लिए प्लाटून स्तर का संयुक्त प्रशिक्षण भी शामिल है।  

विवरण:  

  • भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट के सैनिक और जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेजीएसडीएफ) में मिडिल आर्मी की एक इन्फैंट्री रेजिमेंट इस वर्ष अभ्यास में भाग ले रहे हैं। 
    • इस दौरान, योजना बनाने तथा क्रियान्वयन में पारस्परिकता बढ़ाने के उद्देश्य से जंगी कार्रवाई के दौरान प्राप्त अनुभवों को साझा किया जाएगा। 
  • संयुक्त अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालनीयता, सौहार्द और मित्रता का भाव विकसित करने के अलावा संयुक्त राष्ट्र शासनादेश के तहत सामरिक संचालन करने की रणनीति, तकनीक एवं प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने में दोनों सेनाओं को सक्षम करेगा। 
    • यह प्रशिक्षण मुख्य रूप से उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस और सामरिक स्तर पर अभ्यास की गतिविधियों को आदान-प्रदान करने पर केंद्रित है। 
    • अभ्यास के दौरान, दोनों देशों के सैन्य कर्मी संयुक्त योजना बनाने, संयुक्त सामरिक अभ्यास, एकीकृत निगरानी ग्रिड स्थापित करने की मूल बातों को साझा करने तथा हवाई संपत्तियों की नियुक्ति सहित विभिन्न मिशनों में शामिल होंगे। 
    • संयुक्त अभ्यास से दोनों सेनाओं को एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने, अपने व्यापक अनुभव साझा करने और स्थितिजन्य जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
  • “एक्सरसाइज धर्म गार्जियन” भारतीय सेना तथा जापानी ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्सेज के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को और बढ़ाएगा। 
  • इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे और बढ़ावा मिलेगा।

3. दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को भारत में स्थानांतरित करने की घोषणा:

सामान्य अध्ययन: 3

जैव विविधता : 

विषय: पारिस्थिकी एवं पर्यावरण को समृद्ध बनाने हेतु भारत में वन्य जीवों का पुनर्वास, जैव विविधता का संरक्षण एवं पर्यावरण।

प्रारंभिक परीक्षा: कूनो राष्ट्रीय उद्यान।

मुख्य परीक्षा: चीता पुनर्वास परियोजना के प्रमुख उद्देश्य एवं इसका महत्व।   

प्रसंग: 

  • केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने 18 फरवरी, 2023 को 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाने की घोषणा की है। इन चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित किया जाएगा।

उद्देश्य:

  • चीता को भारत वापस लाने से देश की प्राकृतिक विरासत को फिर से स्थापित करने में सहायता मिलेगी।   

विवरण:  

  • भारत में चीता पुनर्वास परियोजना का लक्ष्य भारत में व्यवहार्य चीता मेटापॉपुलेशन स्थापित करना है, जो चीता को एक शीर्ष शिकारी के रूप में अपनी कार्यात्मक भूमिका निभाने की सुविधा देता है और चीता को उसकी ऐतिहासिक सीमा के भीतर विस्तार के लिए जगह प्रदान करता है, जिससे उसके वैश्विक संरक्षण के प्रयासों में योगदान मिलता है।

चीता पुनर्वास परियोजना के प्रमुख उद्देश्य हैं:

  • अपनी ऐतिहासिक सीमा के भीतर सुरक्षित आवासों में प्रजनन करने वाली चीता की आबादी स्थापित करने और उन्हें मेटापॉपुलेशन के रूप में प्रबंधित करना
  • खुले जंगल और सवाना प्रणालियों को बहाल करने के उद्देश्य से संसाधनों को इकट्ठा करने के लिए चीता को एक करिश्माई प्रमुख और अम्ब्रेला प्रजाति के रूप में उपयोग करना, जो इन इकोसिस्टम्स से जैव विविधता और वातावरण सेवाओं को लाभान्वित करेगा
  • स्थानीय सामुदायिक आजीविका को बढ़ाने के लिए पर्यावरण-विकास और पर्यावरण-पर्यटन के आगामी अवसर का उपयोग करना
  • मुआवजे, जागरूकता और प्रबंधन की कार्रवाई के माध्यम से चीता संरक्षण क्षेत्रों के भीतर चीता या अन्य वन्यजीवों द्वारा स्थानीय समुदायों के साथ किसी भी टकराव को तेजी से प्रबंधित करना
  • इस संबंध में भारत सरकार ने नामीबिया के साथ जी2जी परामर्शी बैठकें शुरू कीं। 
  • इस पहल के परिणामस्वरूप चीता संरक्षण के लिए 20 जुलाई, 2022 को दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। 
  • इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद एक पहले वन्य से वन्य अंतरमहाद्वीपीय ऐतिहासिक स्थानान्तरण के रूप में 17 सितंबर, 2022 को आठ चीतों को नामीबिया से भारत लाया गया। 
  • इन चीतों को भारत के प्रधानमंत्री ने क्वारंटाइन बोमास में छोड़ दिया।
  • अनिवार्य क्वारंटाइन अवधि के बाद इन चीतों को चरणबद्ध तरीके से बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है।  
  • भारत में चीता पुनर्वास कार्य योजना के अनुसार कम से कम अगले 5 वर्षों के लिए अफ्रीकी देशों से हर साल 10-12 चीतों का स्थानांतरण करने की जरूरत है। 
    • इस संबंध में चीता संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत सरकार दक्षिण अफ्रीका के साथ साल 2021 से द्विपक्षीय वार्ता कर रही थी। 
    • यह वार्ता जनवरी, 2023 में दक्षिण अफ्रीका के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
  • इस समझौता ज्ञापन के प्रावधानों के तहत 18 फरवरी, 2023 को 12 चीतों (7 नर, 5 मादा) की पहली खेप को दक्षिण अफ्रीका से भारत स्थानांतरित किया जाएगा। 
    • दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को ग्वालियर और उसके बाद हेलीकाप्टरों के माध्यम से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित करने का काम भारतीय वायु सेना द्वारा किया जाएगा। 
    • अंतर महाद्वीपीय स्थानांतरण अभ्यास के दौरान चीता विशेषज्ञों, पशु चिकित्सकों और वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल चीतों के साथ जाएगा।
  • भारत में आगमन के बाद सभी 12 चीतों को अनिवार्य क्वारंटाइन अवधि को पूरा करने के लिए कूनो राष्ट्रीय उद्यान में विशेष रूप से बनाए गए बाड़ों में रखा जाएगा और इनकी गहन निगरानी की जाएगी। 
    • चीता पुनर्वास पर भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 20 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, पशु चिकित्सकों और वन अधिकारियों के साथ एक परामर्शी कार्यशाला की योजना बनाई गई है। 
    • इस कार्यशाला के परिणाम बेहतर चीता प्रबंधन का रास्ता दिखाएंगे और भारत में चीता की मेटापॉपुलेशन को सफलतापूर्वक स्थापित करने में सहायता करेंगे।

पृष्ठ्भूमि:

  • वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में मंत्रालय की विभिन्न पहलों में प्रोजेक्ट चीता, लाइफ की अवधारणा और इसकी स्थिरता, हरित विकास यानी ग्रीन क्रेडिट, मिष्टी- मैंग्रोव संरक्षण व गज उत्सव के लिए और अन्य शामिल हैं। 
  • भारतीय वन क्षेत्र में अंतिम चीतों को साल 1947 में दर्ज किया गया था, जहां छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला स्थित साल के जंगलों में तीन चीतों को गोली मार दी गई थी। 
  • भारत में चीतों की संख्या में कमी के मुख्य कारणों में बड़े पैमाने पर वन से जानवरों को पकड़ने, इनाम व खेल के लिए शिकार, व्यापक आवास रूपांतरण के साथ-साथ चीताओं के शिकार क्षेत्र में कमी शामिल थी। 
  • साल 1952 में चीतों को विलुप्त प्रजाति घोषित कर दिया गया।

4. ‘कवच-2023’ का शुभारंभ:

सामान्य अध्ययन: 3

सुरक्षा: 

विषय: संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा को चुनौतीयों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन शोधन और इसे रोकना। 

प्रारंभिक परीक्षा:  ‘कवच-2023 से संबंधित जानकारी।    

प्रसंग: 

  • भारत की साइबर तैयारियों को आगे बढ़ाते हुए साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने और 21वीं सदी की साइबर अपराध की चुनौतियों से निपटने के उद्देश्‍य से अभिनव विचारों और तकनीकी समाधानों की पहचान करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के हैकथॉन ‘कवच-2023’ का शुभारंभ किया गया।

उद्देश्य:

  • इसका उद्देश्‍य साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने और 21वीं सदी की साइबर अपराध की उन चुनौतियों से निपटने के लिए अभिनव विचारों और तकनीकी समाधानों की पहचान करना है जिनका सामना हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों और आम नागरिकों को करना पड़ रहा है।  

विवरण:  

  • कवच-2023 राष्ट्रीय स्‍तर का एक अनूठा हैकथॉन है, जिसे शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ, एआईसीटीई, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी, गृह मंत्रालय) और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C, गृह मंत्रालय) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है। 
  • यह संबंधित प्रणाली की मजबूत निगरानी और सुरक्षा व्‍यवस्‍था के जरिए साइबर सुरक्षा संबंधी अपराधों की रोकथाम करने में मदद करेगा।
  • ‘कवच-2023’ दो चरणों में आयोजित किया जाएगा: 
    • पहले चरण में समस्या संबंधी बयानों को संबंधित युवाओं के सामने रखा जाएगा, जिन्हें फेक न्यूज/सोशल मीडिया, डार्क वेब, महिलाओं की सुरक्षा, फिशिंग का पता लगाने, वीडियो एनालिटिक्स/सीसीटीवी, अश्लील सामग्री का पता लगाने, स्पैम अलर्ट, और मैलवेयर विश्लेषण/डिजिटल फोरेंसिक जैसे विभिन्न समूहों में बांटा जाएगा। 
    • दूसरे चरण के दौरान सबसे अभिनव आइडिया या विचारों का चयन किया जाएगा।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. राष्ट्रपति ने अंतर्राष्ट्रीय इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी मेला- 2023 का उद्घाटन किया:

  • राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 16 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी मेला (आईईटीएफ) 2023 का उद्घाटन किया।
  • राष्ट्रपति ने कहा कि पहले आईईटीएफ के बाद से पिछले 48 वर्षों में भारत ने एक लंबी यात्रा की है और इस अवधि के दौरान इंजीनियरिंग उद्योग ने नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया है। 
    • आज यह भारत के उद्योग का एक ठोस, बहु-स्तरीय व विविध हिस्सा है, जो विकास को आगे बढ़ाने, रोजगार सृजित करने और निर्यात को बढ़ावा देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
    • हाल के दिनों में अपनाई गई नीतियों ने अभूतपूर्व समावेशी विकास को बढ़ावा दिया है।
    • अर्थव्यवस्था के तेजी से डिजिटलीकरण और सामाजिक स्तर पर इसकी स्वीकृति ने एक नई क्षमता को उजागर किया है, जिसने उच्च विकास के लिए नए रास्ते बनाए हैं।
  • राष्ट्रपति ने इसका उल्लेख किया कि आईईटीएफ- 2023 में उभरती प्रौद्योगिकियों के 11 क्षेत्र शामिल हैं, जिनका हमारी अर्थव्यवस्था और समाज पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। 
  • दूसरी ओर, सामान्य लोगों के जीवन को सकारात्मक तरीके से बदलने वाली प्रौद्योगिकियां अपनी पकड़ बनाती हैं। 
    • भारत में विश्व के सबसे बड़े डिजिटलीकरण अभियान की व्यापक स्वीकृति समाज की ओर से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाली तकनीकों को आसानी से अपनाने का एक प्रमुख उदाहरण है।
  • राष्ट्रपति ने इस पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि आईईटीएफ- 2023 में प्रकृति और विज्ञान के बीच सामंजस्य को बढ़ावा देने वाली इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकियों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का एक दृढ़ प्रयास किया गया है।

2. इकोनॉमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनेस समिट:

  • प्रधानमंत्री मोदी 17 फरवरी को दिल्ली में इकोनॉमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनेस समिट को संबोधित करेंगे।
  • ग्लोबल बिजनेस समिट-2023 की थीम “मजबूती. प्रभाव. प्रभुत्व” (रेज़िलियंस. इनफ्लूएंस. डॉमिनेंस) है। 
  • ये दो दिवसीय शिखर सम्मेलन 17-18 फरवरी को आयोजित किया जा रहा है।
  • इस वैश्विक व्यापारिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी हर साल द टाइम्स ग्रुप द्वारा की जाती है। 
  • ये सम्मेलन ऐसे विचारकों, नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और कॉर्पोरेट प्रमुखों को एक साझे मंच पर साथ लाएगा, जो प्रमुख आर्थिक चुनौतियों का समाधान प्रदान करना चाहते हैं। 
  • इस शिखर सम्मेलन में 40 सत्रों में 200 से अधिक बिज़नेस लीडर अपनी बात रखेंगे।

3. राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव:

  • राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव 2023 का उद्घाटन महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 11 फरवरी 2023 को किया था। 
    • यह उत्सव 11 से 19 फरवरी 2023 तक आजाद मैदान, मुंबई में आयोजित किया जा रहा है।
    • इस समारोह की अध्यक्षता भारत सरकार के केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री के जी किशन रेड्डी द्वारा की गई।
  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा देने के लिए संस्कृति मंत्रालय द्वारा हर साल भारत के विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन किया जाता है। 
  • यह 2019 में मध्य प्रदेश में, 2022 में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में आयोजित किया गया था और अब इस वर्ष महाराष्ट्र इसकी मेजबानी कर रहा है।
  • भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन सभी सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र और अकादमियां इस आयोजन में भाग ले रहे हैं। 
  • यह कार्यक्रम महाराष्ट्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
  • इस उत्सव में भारत भर के लगभग 350 लोक कलाकार और आदिवासी कलाकार, लगभग 300 स्वदेशी लोक कलाकार, कुछ ट्रांसजेंडर कलाकार और दिव्यांग कलाकार, प्रसिद्ध शास्त्रीय कलाकार और प्रसिद्ध कलाकार अपने मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रदर्शन से दर्शकों का मनोरंजन करेंगे और उन्हें प्रेरित करेंगे।
  • कलाकारों के अलावा, भारत के सभी राज्यों और केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सभी सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के लगभग 150 शिल्पकारों को उनकी कला और शिल्प बिक्री-सह-प्रदर्शनी के लिए आमंत्रित किया गया है।

4. भारतीय रेलवे ने रेल पोस्ट गति शक्ति एक्सप्रेस कार्गो सेवा (रेलवे और भारतीय डाक का संयुक्त पार्सल उत्पाद) शुरू की:

  • भारतीय रेलवे और भारतीय डाक के बीच सहयोग बजट घोषणा 2022-23 का एक हिस्सा है। 
  • इस पहल की मुख्य विशेषताओं में डोर स्टेप पिकअप और डिलीवरी, समयबद्ध ट्रेन सेवा, सुरक्षित प्रसारण, सस्ती टैरिफ, संपर्क का एक बिंदु और मोबाइल एप्लिकेशन शामिल हैं।
  • पहली बार प्रति किलो माल के हिसाब से प्रति किलोमीटर के हिसाब से टैरिफ निर्धारित किया गया है। 
  • यह देश में सेवा क्षेत्र के लिए सहज रसद प्रदान करने में भारतीय रेलवे और भारतीय डाक के बीच साझेदारी की एक पहल है। 
  • यह वित्त वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा के अनुपालन में है। चार सेक्टरों पर-दिल्ली से कोलकाता; बेंगलुरु से गुवाहाटी, सूरत से मुजफ्फरपुर और हैदराबाद से हजरत निजामुद्दीन। 
  • हालांकि, पहले चरण में कुल 15 क्षेत्रों (अनुबंध-ए में उल्लिखित) को शामिल करने की योजना बनाई गई है। 
  • इस सेवा के मुख्य आकर्षण हैं टोटल लॉजिस्टिक सर्विस: ग्राहक के परिसर में पिक-अप और डिलीवरी, पैलेटाइजेशन – ढके हुए और सीलबंद बक्सों के माध्यम से परिवहन, सेमी-मैकेनाइज्ड हैंडलिंग, टाइम टेबल्ड सर्विस, नुकसान के लिए कार्गो के घोषित मूल्य का 0.05% पर बीमा , क्षति और गिरावट, एकीकृत पार्सल वे बिल। 
  • इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए डाक और रेलवे के बीच संयुक्त मार्केटिंग टीम बनाई गई है। मूल्य निर्धारण की स्लैब प्रणाली को खत्म करना यहां एक नवीनता है।

 

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लिंक किए गए लेख में 15 फरवरी 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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