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विषयसूची:

  1. भोपाल में देश में पहली बार हिंदी में MBBS के पाठ्यक्रम का शुभारंभ:
  2. भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर भारत के पहले एल्युमिनियम फ्रेट रेक – 61 BOBRNALHSM1 का उद्घाटन:
  3. प्रधानमंत्री ने 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां राष्ट्र को समर्पित की:
  4. प्रधानमंत्री गुजरात में PMJAY-MA योजना आयुष्मान कार्ड के वितरण की शुरुआत करेंगे:
  1. भोपाल में देश में पहली बार हिंदी में MBBS के पाठ्यक्रम का शुभारंभ:

    सामान्य अध्ययन: 2

    शिक्षा:

    विषय: देश में मातृभाषा में शिक्षण हेतु नीतियां एवं उनका क्रियान्वयन,प्रभाव तथा चुनौतियां।

    मुख्य परीक्षा: एक तरफ हम वैश्विक गांव की ओर बढ़ रहे हैं, वहीँ दूसरी ओर चिकित्सा और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की शरुआत हिंदी में कर रहे हैं, क्या इससे वैश्विक स्तर पर देश के युवा तादात्म्य स्थापित कर पाएंगे?

    प्रसंग:

    • केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने मध्य प्रदेश के भोपाल में देश में पहली बार हिंदी में MBBS के पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया।

    उद्देश्य:

    • केन्द्र की सरकार ने तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में कई परिवर्तन किए हैं।

    • इससे बच्चों को अपनी मातृभाषा में तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा तो मिलेगी ही, साथ ही वे आगे अनुसंधान भी अपनी भाषा में कर सकेंगे।

    • नई शिक्षा नीति के माध्यम से हमारी भाषाओं के गौरव को प्रस्थापित करने और तकनीकी, चिकित्सा तथा कानून  की पढ़ाई की व्यवस्था पूरे देश में करने से देश में क्षमता की क्रांति आने वाली है।

    • भाषा और बौद्धिक क्षमता का आपस में कोई संबंध नहीं है, भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम है जबकि बौद्धिक क्षमता बच्चे को ईश्वर ने दी है जिसे शिक्षा से निखारा जा सकता है।

    • इस शुरूआत से अनुसंधान के क्षेत्र में भारत विश्व में बहुत आगे जाएगा और हमारे बच्चों की बौद्धिक क्षमता का भी विश्व को परिचय होगा।

    विवरण:

    • केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज का दिन देश के शिक्षा क्षेत्र के पुनर्जागरण और पुनर्निर्माण का दिन है।

    • प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, गुजराती, बंगाली आदि सभी क्षेत्रीय भाषाओं में चिकित्सा और इंजीनियरिंग की शिक्षा उपलब्ध कराने का आह्वान किया था।

    • आज चिकित्सा की पढ़ाई हिंदी में शुरू हो रही है और जल्दी ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में शुरू होगी और देशभर में 8 भाषाओं में इंजीनियरिंग की पुस्तकों का अनुवाद शुरू हो चुका है और कुछ ही समय में देश के सभी विद्यार्थी अपनी मातृभाषा में तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा लेने की शुरूआत करेंगे।

    • प्रधानमंत्री की नई शिक्षा नीति को सबसे पहले और अच्छे तरीके से मध्य प्रदेश ने ज़मीन पर उतारा है।

    • किसी भी इंसान की सोचने की प्रक्रिया अपनी मातृभाषा में ही सबसे अच्छी होती है और मातृभाषा में की गई बात दिल के अंदर तक पहुंचती है।

    • सोचने, संशोधन, अनुसंधान, तर्क, विश्लेषण और निर्णय पर पहुंचने की प्रक्रिया हमारा मन हमारी मातृभाषा में ही करता है।

    • अगर पढ़ाई-लिखाई और अनुसंधान मातृभाषा में हो तो भारत के विद्यार्थी दुनिया के किसी भी देश के विद्यार्थियों से कम नहीं हैं और वे पूरे विश्व में अनुसंधान के क्षेत्र में भी भारत का नाम रौशन करेंगे।

    • 21वीं सदी में कुछ ताकतों ने ब्रेन ड्रेन की थ्योरी अपनाई और आज ब्रेन ड्रेन की थ्योरी को ब्रेन गेन थ्योरी में बदल रहे हैं।

    • नई शिक्षा नीति के माध्यम से हमारी भाषाओं को महत्व देने की शुरूआत हुई है। जेईई, नीट और यूजीसी परीक्षाओं को देश की 12 भाषाओं में आयोजित करने की शुरुआत की है।

    • इसी तरह कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट देश की 13 भाषाओं में आयोजित किया जा रहा है और 10 राज्यों ने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम का तमिल, तेलुगू, मराठी, बंगाली, मलयालम और गुजराती में अनुवाद करके इसकी शिक्षा शुरू की है।

    • केन्द्र सरकार ने तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में कई परिवर्तन किए हैं। वर्ष 2014 में 387 मेडिकल कॉलेज थे जो बढ़कर 596 हो गए हैं, MBBS सीटों की संख्या को 51 हज़ार से बढ़ाकर 79 हज़ार कर दिया गया है।

    • देश में 16 आईआईटी संस्थान थे जो अब 23 हैं, 13 आईआईएम थे जो अब 20 हैं और 9 आईआईआईटी थे जो अब बढ़कर 25 हो गए हैं।

    • वर्ष 2014 में देश में कुल 723 विश्वविद्यालय थे जो बढ़कर 1043 हो गए हैं।

  2. भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर भारत के पहले एल्युमिनियम फ्रेट रेक – 61 BOBRNALHSM1 का उद्घाटन:

    सामान्य अध्ययन: 3

    बुनियादी ढांचा:

    विषय: बुनियादी ढांचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।

    मुख्य परीक्षा: एल्यूमिनियम रेक का स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकास उद्योग की दृष्टि से भी लाभकारी है। टिप्पणी कीजिए।

    प्रसंग:

    • केन्द्रीय रेल, संचार तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर भारत के पहले एल्युमिनियम फ्रेट रेक – 61 BOBRNALHSM1 का उद्घाटन किया।

    उद्देश्य:

    • यह रेक रेलवे, बेस्को लिमिटेड वैगन डिवीजन और हिंडाल्को के संयुक्त प्रयासों से स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।

    विवरण:

    • यह रेक ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के लिए एक समर्पित प्रयास है क्योंकि इसे आरडीएसओ, हिंडाल्को और बेस्को वैगन के सहयोग से स्वदेशी रूप से पूरी तरह से डिजाइन और विकसित किया गया है।

    एल्यूमिनियम रेक की विशेषताएं:

      • अधिसंरचना पर बिना वेल्डिंग के पूरी तरह से लॉकबोल्टेड निर्माण।

      • इसका टेयर सामान्य स्टील रेक से 3.25 टन कम है और इसकी अतिरिक्त वहन क्षमता 180 टन की है जिसके परिणामस्वरूप प्रति वैगन प्रवाह- क्षमता (थ्रूपुट) अपेक्षाकृत ऊंची है।

      • टेयर के अनुपात में उच्च पेलोड 2.85 है।

      • टेयर कम होने से कार्बन उत्सर्जन कम होगा क्योंकि ईंधन की खपत कम होगी और लोडेड स्थिति में माल ढुलाई अधिक होगी।

      • एक अकेला रेक अपने जीवनकाल में 14,500 टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड बचा सकता है।

      • इस रेक का पुनर्विक्रय मूल्य 80 प्रतिशत है।

    • इसकी लागत 35 प्रतिशत अधिक है क्योंकि अधिसंरचना पूरी तरह एल्यूमीनियम की है।

    • उच्च संक्षारण और घर्षण प्रतिरोध के कारण रखरखाव लागत कम है।

    • लौह उद्योग निकेल और कैडमियम की बहुत अधिक खपत करता है, जिसका आयात किया जाता है। इसलिए, एल्युमीनियम वैगनों के प्रसार के परिणामस्वरूप कम आयात होगा। वहीं, यह स्थानीय एल्युमीनियम उद्योग की दृष्टि से भी लाभकारी है।

    Image source: PIB
  3. प्रधानमंत्री ने 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां राष्ट्र को समर्पित की:

    सामान्य अध्ययन: 3

    अर्थव्यवस्था:

    विषय: भारत की बैंकिंग व्यवस्था का डिजिटलीकरण, उसके लाभ एवं चुनौतियां।

    मुख्य परीक्षा: भारत डिजिटलीकरण के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में अग्रणी बन गया है। समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।

    प्रसंग:

    • प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (DBU) राष्ट्र को समर्पित कीं।

    उद्देश्य:

    • डिजिटल बैंकिंग इकाइयों की स्थापना का उद्देश्य डिजिटल बैंकिंग का लाभ देश के कोने-कोने तक पहुंचाना है, जो सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करेगा।

    • ये एक ऐसी विशेष बैंकिंग व्यवस्था है जो न्यूनतम डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से अधिकतम सेवाएं देने का काम करेगी।

    • ये सेवाएं कागजी लिखापढ़ी और झंझटों से मुक्त होंगी और पहले से कहीं ज्यादा आसान होंगी।

    • यानी इनमें सुविधा होगी और एक मजबूत डिजिटल बैंकिंग सुरक्षा भी होगी।

    विवरण:

    • 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (DBU) वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाएंगी और नागरिकों को बेहतर बैंकिंग सेवा का अनुभव भी कराएंगी।

    • प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य भारत के सामान्य लोगों को सशक्त बनाना है। इसलिए, सरकार ने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई हैं और उनकी सुविधा तथा प्रगति के रास्ते पर अग्रसर है।

    • प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने दो चीजों पर एक साथ काम किया है। पहला-बैंकिंग व्यवस्था को सुधारना उसे मजबूत करना उसमें पारदर्शिता लाना और दूसरा- वित्तीय समावेश करना।

    • वित्तीय समावेशन को और भी अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री ने  75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों को राष्ट्र को समर्पित किया।

    • 2022-23 के केंद्रीय बजट भाषण के हिस्से के रूप में, वित्त मंत्री ने हमारे देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 75 जिलों में 75 DBU स्थापित करने की घोषणा की थी।

    • 11 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, 12 निजी क्षेत्र के बैंक और एक लघु वित्त बैंक इस पहल में भाग ले रहे हैं।

    • DBU ऐसे आधारभूत आउटलेट होंगे, जो लोगों को विभिन्न प्रकार की डिजिटल बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करेंगे जैसे कि बचत खाता खोलना, बैलेंस-चेक, प्रिंट पासबुक, फंड ट्रांसफर, फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश, ऋण आवेदन, स्टॉप-पेमेंट निर्देश, जारी किए गए चेक, क्रेडिट/डेबिट कार्ड के लिए आवेदन करना, खाते का विवरण देखना, करों का भुगतान करना, बिलों का भुगतान करना, नामांकन करना आदि।

    • DBU ग्राहकों को पूरे वर्ष बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं तक किफायती, सुविधाजनक पहुंच व बेहतर डिजिटल अनुभव प्रदान करने में सक्षम बनाएगा।

    • ये डिजिटल वित्तीय साक्षरता का प्रसार करेंगे और साइबर सुरक्षा जागरूकता के साथ-साथ सुरक्षा संबंधी उपायों पर ग्राहक शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाएगा।

    • साथ ही, DBU द्वारा सीधे या बिजनेस फैसिलिटेटरों/कॉरेस्पोंडेंट के माध्यम से प्रदान की जाने वाली व्यापार और सेवाओं से उत्पन्न होने वाली तत्काल सहायता और ग्राहकों की शिकायतों का निवारण करने के लिए पर्याप्त डिजिटल तंत्र होना चाहिए।

    • देश पिछले 8 वर्षों में 2014 से पहले की ‘फोन बैंकिंग’ प्रणाली से निकलकर डिजिटल बैंकिंग में प्रवेश कर गया है और इसके परिणामस्वरूप, भारत की अर्थव्यवस्था निरंतरता के साथ आगे बढ़ रही है।

    • फोन बैंकिंग की राजनीति ने बैंकों को असुरक्षित बना दिया और हजारों करोड़ के घोटालों के बीज बोकर देश की अर्थव्यवस्था को असुरक्षित बना दिया।

    • आज के दौर में खुद बैंक गरीबों के दरवाजे तक पहुंच रहे हैं। इससे गरीब लोगों और बैंकों की बीच की दूरी कम हो गई है।

    • इसने न केवल भौतिक दूरी को हटा दिया, बल्कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मनोवैज्ञानिक दूरी को भी दूर कर दिया।

    • भारत के 99 प्रतिशत से अधिक गांवों में 5 किमी के दायरे में कोई न कोई बैंक शाखा, बैंकिंग आउटलेट या ‘बैंकिंग मित्र’ है।

    • आम नागरिकों को बैंकिंग की जरूरतें पूरी करने के लिए इंडिया पोस्ट बैंकों के माध्यम से व्यापक डाकघर नेटवर्क का भी उपयोग किया गया है।

    • आज भारत में प्रति एक लाख वयस्क नागरिकों पर जितनी बैंक शाखाएं मौजूद हैं, वह जर्मनी, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से अधिक है।

    • एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (UPI) ने भारत के लिए नई संभावनाएं खोली हैं। वित्तीय भागीदारी जब डिजिटल भागीदारी से जुड़ जाती है तो संभावनाओं का एक नया संसार खुलने लगता है।

    • UPI जैसा बड़ा उदाहरण हमारे सामने है। भारत को इस पर गर्व है क्योंकि यह दुनिया में अपनी तरह की पहली तकनीक है।

    • प्रौद्योगिकी और अर्थव्यवस्था का यह संयोजन गरीबों के लिए गरिमा और सामर्थ्य को बढ़ा रहा है और मध्यम वर्ग को सशक्त बना रहा है, साथ ही यह देश के डिजिटल विभाजन को भी खत्म कर रहा है।

    • आज फिनटेक भारत की नीतियों के भारत के प्रयासों के केंद्र में है, और भविष्य को दिशा दे रहा है। डिजिटल बैंकिंग इकाइयाँ फिनटेक के इस सामर्थ्य को नया विस्तार देंगी।

    • जहां जन धन खातों ने देश में वित्तीय समावेशन की नींव रखी, वहीं फिनटेक वित्तीय क्रांति का आधार तैयार करेगा।

    • बैंकिंग आज वित्तीय लेन-देन से कहीं आगे बढ़कर ‘सुशासन’ और ‘बेहतर सेवा वितरण’ का भी एक माध्यम बन चुकी है।

    • आज इस व्यवस्था ने निजी क्षेत्र और लघु उद्योगों के लिए भी विकास की अपार संभावनाओं को जन्म दिया है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. प्रधानमंत्री गुजरात में PMJAY-MA योजना आयुष्मान कार्ड के वितरण की शुरुआत करेंगे:
    • प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात में PMJAY-MA योजना आयुष्मान कार्ड के वितरण की शुरुआत करेंगे।

    • गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में, प्रधानमंत्री ने गरीब नागरिकों को बीमारी और चिकित्सा उपचार के अत्यधिक खर्च से बचाने के लिए 2012 में “मुख्यमंत्री अमृतम (MA)” योजना शुरू की थी।

    • वर्ष 2014 में, ”MA” योजना का विस्तार उन परिवारों को कवर करने के लिए किया गया, जिनकी वार्षिक आय सीमा 4 लाख रुपये तक थी।

    • बाद में, इस योजना का कई अन्य समूहों के लिए भी विस्तार किया गया। इस योजना को मुख्यमंत्री अमृतम वात्सल्य (MAV) योजना के रूप में नया नाम दिया गया।

    • योजना की सफलता के अनुभव से आकर्षित होकर, प्रधानमंत्री ने 2018 में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) की शुरुआत की जो दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है और प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का कवरेज प्रदान करती है।

    • इस योजना के तहत परिवार के सदस्यों की संख्या और उम्र की किसी सीमा के बिना प्राथमिक, द्वितीय और तृतीय स्तर के देखभाल हेतु अस्पताल में भर्ती के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।

    • AB-PMJAY के शुभारंभ के साथ, गुजरात ने 2019 में AB-PMJAY योजना में MA/MAV योजना का विलय कर दिया और इसे PMJAY-MA का नया नाम दिया।

    • MA/MAV और AB-PMJAY के लाभार्थी एकीकृत PMJAY-MA कार्ड के पात्र हैं।

16 अक्टूबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here

लिंक किए गए लेख में 13 अक्टूबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें। सम्बंधित लिंक्स:

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