विषयसूची:
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1.पुराना किले में एक बार फिर खुदाई की जाएगी:
सामान्य अध्ययन: 1
भारतीय विरासत और संस्कृति:
विषय: भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप साहित्त्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।
प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI), दिल्ली के पुराना किला से संबंधित जानकारी।
प्रसंग:
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) दिल्ली के पुराने किले में एक बार फिर खुदाई शुरू करने के लिए तैयार है।
उद्देश्य:
- इस समय की खुदाई, स्तरित शैल विज्ञान या स्ट्रैटीग्राफिकल संदर्भ में पेंटेड ग्रे वेयर के निशान खोजने पर केन्द्रित है।
- नवीनतम खुदाई का उद्देश्य पिछले वर्षों (2013-14 और 2017-18) में खोदी गई खाइयों का खुलासा और संरक्षण करना है। पिछली बार की गई खुदाई बंद होने के दौरान, मौर्य काल से पहले की परतों के प्रमाण मिले थे।
विवरण:
- खुदाई का नेतृत्व श्री वसंत स्वर्णकार करेंगे और वर्ष 2013-14 तथा 2017-18 में की गई खुदाई के बाद पुराना किला में तीसरी बार खुदाई की जाएगी।
- इस बार की खुदाई के दौरान, स्ट्रैटिग्राफ़िकल संदर्भ में पेंटेड ग्रे वेयर (मिट्टी के बर्तनों की एक परंपरा है जिसमें स्लेटी रंग के बर्तनों पर काले रंग से डिजाइन किया जाता था) के निष्कर्षों को खोजने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
- प्राचीन इंद्रप्रस्थ बसने के रूप में पहचाने गए, पुराने किले में 2500 वर्षों की निरंतर बसावट पहले की खुदाई में स्थापित की गई थी।
- पूर्व की खुदाई में प्राप्त निष्कर्षों और कलाकृतियों में पेंटेट ग्रे वेयर शामिल हैं, जो 900 ईसा पूर्व से संबंधित हैं, इसमें मौर्य काल से लेकर शुंग, कुषाण, गुप्त, राजपूत, सल्तनत और मुगल काल तक के मिट्टी के बर्तनों का क्रम शामिल है।
- किले के परिसर के भीतर पुरातत्व संग्रहालय में खुदाई की गई कलाकृतियाँ जैसे दरांती, फल या सब्जी काटने वाला छोटा चाकू, टेराकोटा के खिलौने, भट्ठे में पकी हुई ईंटे, मनके, टेराकोटा की मूर्तियाँ, मुहरें और सौदे आदि प्रदर्शित किए गए हैं।
- 16वीं शताब्दी का पुराना किला, शेर शाह सूरी और दूसरे मुगल बादशाह हुमायूं द्वारा बनवाया गया था। किला हजारों साल का इतिहास समेटकर एक स्थान पर खड़ा है।
- पद्म विभूषण प्रो. बी बी लाल ने भी किले और इसके परिसर के अंदर वर्ष 1954 और 1969-73 में खुदाई का काम किया था।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.सैन्य रणक्षेत्रम् 2.0:
- सेना प्रशिक्षण कमान (आरट्रैक) मुख्यालय के अधीन भारतीय सेना ने अक्टूबर, 2022 से जनवरी 2023 तक हैकथॉन के दूसरे संस्करण- “सैन्य रणक्षेत्रम् 2.0” का आयोजन किया।
- इसका उद्देश्य परिचालन संबंधित साइबर चुनौतियों का समाधान तलाशना, साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अभिनव समाधानों को तत्काल शुरू करना और इसके विकास में लगने वाले समय को कम करना है।
- इस आयोजन का उद्देश्य इस क्षेत्र में स्वदेशी प्रतिभा की पहचान करने के लिए एक मंच प्रदान करना और साइबर प्रतिरोध, सुरक्षा सॉफ्टवेयर कोडिंग, इलेक्ट्रो मैग्नेटिक स्पेक्ट्रम परिचालन (ईएमएसओ) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) के क्षेत्र में प्रशिक्षण के मानक को बढ़ाना था।
इसमें निम्नलिखित गतिविधियां शामिल थीं:
- सुरक्षित सॉफ्टवेयर कोडिंग -इसका उद्देश्य सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को सुरक्षित करने के लिए शिक्षाविदों के साथ जुड़ना और सॉफ्टवेयर कोड में साइबर सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम प्रतिभा की पहचान करना था।
- ईएसएमओ: वाई-फाई 6 के लिए अनुकूलित भारतीय सेना विशिष्ट स्टैक:- इस उप-कार्यक्रम को आयोजित करने का उद्देश्य सुरक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए सुरक्षित वाई-फाई स्टैक के भारतीय सेना के विशिष्ट संस्करण को लागू करने के संबंध में एक समाधान की तलाश करना था।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग: एनएलपी प्रोसेसिंग और रेडियो इंटरसेप्ट्स की डिकोडिंग – इस उप-कार्यक्रम ने बहुभाषी रेडियो ट्रांसमिशनों के रूपांतरण और डिक्रिप्शन (विकोडन) को संबोधित करने के लिए एक एआई स्टैक बनाने में सहायता की।
2.सागर परिक्रमा कार्यक्रम:
- सागर परिक्रमा कार्यक्रम तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करते हुए पूर्व निर्धारित समुद्री मार्ग के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है।
- महाराष्ट्र में सागर परिक्रमा के तीसरे चरण के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री की अध्यक्षता में मत्स्य पालन विभाग ने नई दिल्ली में सागर परिक्रमा चरण-III के लिए योजना बैठक आयोजित की।
- इस बातचीत का उद्देश्य मछुआरों तथा अन्य हितधारकों के मुद्दों को हल करना तथा भारत सरकार द्वारा लागू की जा रही विभिन्न मत्स्य पालन योजनाओं और कार्यक्रमों, जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY), के माध्यम से उनके आर्थिक उत्थान की सुविधा प्रदान करना है।
- मत्स्य पालन, पशुपालन तथा डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग द्वारा सागर परिक्रमा कार्यक्रम 75वीं स्वतंत्रता के आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रारंभ किया है।
- सागर परिक्रमा कार्यक्रम का आयोजन तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करते हुए पूर्व निर्धारित समुद्री मार्ग के माध्यम से किया जा रहा है।
- सागर परिक्रमा का तीसरा चरण महाराष्ट्र में चलाया जा रहा है।
- जिन बिंदुओं पर चर्चा की गई उनमें गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वालों के लिए डीजल की सब्सिडी पर राज्य का अनुरोध, गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के दौरान पड़ोसी देशों द्वारा पकड़े गए मछुआरों के संबंध में कार्रवाई, मिरकवाड़ा चरण-II तथा आंगनबाड़ी बंदरगाह को पूरा करना, मछली नहीं पकड़ने की अवधि के दौरान अधिक लाभार्थियों को कवर करने के लिए राशन तथा बीमा लाभ आदि सुनिश्चित करना शामिल है।
- यह बैठक एक योजना बैठक है, जिसका उद्देश्य मछुआरों तथा हितधारकों की समस्याओं को हल करना तथा भारत सरकार द्वारा लागू की जा रही विभिन्न मत्स्य पालन योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY), KCC और FIDF के माध्यम से उनके आर्थिक उत्थान की सुविधा प्रदान करना है।
पृष्ठभूमि:
- ‘सागर परिक्रमा’ का उद्देश्य:
- मछुआरों, तटीय समुदायों और हितधारकों के साथ बातचीत की सुविधा प्रदान करना ताकि सरकार द्वारा लागू की जा रही विभिन्न मत्स्य संबंधी योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी का प्रसार किया जा सके।
- सभी मछुआरों, मछली किसानों और संबंधित हितधारकों के साथ एकजुटता का प्रदर्शन हितधारक आत्मानिर्भर भारत की भावना के रूप में किया जा सके।
- राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा और तटीय मछुआरा समुदायों की आजीविका के लिए समुद्री मत्स्य संसाधनों के उपयोग के बीच स्थायी संतुलन पर ध्यान देने के साथ उत्तरदायी मत्स्य पालन को बढ़ावा देना।
- समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा करना।
- ‘सागर परिक्रमा’ कार्यक्रम में समुद्री राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को चरणबद्ध तरीके से कवर करने की परिकल्पना की गई है।
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लिंक किए गए लेख में 16 जनवरी 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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