विषयसूची:
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1.शंघाई सहयोग संगठन (SCO) पर्यटन प्रशासन के प्रमुखों की बैठक
सामान्य अध्ययन: 3
पर्यटन:
विषय: पर्यटन विकास
प्रारंभिक परीक्षा: शंघाई सहयोग संगठन के बारे में
संदर्भ:
- पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ने ‘काशी’ (वाराणसी) में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) पर्यटन प्रशासन के प्रमुखों की बैठक की अध्यक्षता की।
विवरण:
- शंघाई सहयोग संगठन पर्यटन मंत्रियों ने पर्यटन में सहयोग बढ़ाने पर SCO सदस्य देशों की सरकारों के बीच समझौते को लागू करने के लिए तैयार की गई संयुक्त कार्य योजना को अंतिम रूप दिया और अनुमोदित किया। स्वीकृत संयुक्त कार्य योजना में निम्नलिखित प्राथमिकता वाले घटक हैं-
- SCO पर्यटन ब्रांड का प्रचार।
- पर्यटन में SCO सदस्य देशों की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना।
- पर्यटन में सूचना और डिजिटल प्रौद्योगिकियों को साझा करना तथा आदान-प्रदान करना।
- चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना।
- सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार।
- सहमत संयुक्त कार्य योजना के अनुसार, सदस्य देश SCO पर्यटन प्रदर्शनी, SCO फूड फेस्टिवल, पर्यटन पर वेबिनार और संगोष्ठी, क्षेत्र में पर्यटन के प्रचार एवं विकास पर सम्मेलन और विशेषज्ञ सत्र जैसे विभिन्न कार्यक्रम करेंगे।
- बैठक में “ईयर ऑफ टूरिज्म डेवलपमेंट इन द एससीओ स्पेस इन 2023” के लिए कार्य योजना को भी अपनाया गया। इस दस्तावेज़ ने SCO सदस्य देशों के पर्यटन उत्पादों को बढ़ावा देने और प्रदर्शित करने के लिए कार्यों और कार्यक्रमों की एक सूची तैयार की।
- बैठक के बाद SCO सदस्य देशों के पर्यटन प्रशासन के प्रमुख द्वारा एक संयुक्त बयान भी जारी किया गया था।
- ‘काशी’ को SCO की पहली पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में घोषित किया गया है। यह मान्यता शहर को वैश्विक पर्यटन मानचित्र में अधिक प्रमुखता प्रदान करेगी।
- यह पहल काशी की आध्यात्मिकता, रहस्यवाद, शिक्षा को उजागर करके अधिक ध्यान आकर्षित करेगी जो भारतीय सभ्यता का पालना भी है। पर्यटन प्रशासन के SCO प्रमुखों की अगली बैठक 2024 में कजाकिस्तान में आयोजित की जाएगी।
शंघाई सहयोग संगठन:
- शंघाई सहयोग संगठन (SCO) 15 जून 2001 को शंघाई में स्थापित एक स्थायी अंतर-सरकारी संगठन है।
- शंघाई सहयोग संगठन में वर्तमान में आठ सदस्य देश (चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान) शामिल हैं।
- शंघाई सहयोग संगठन का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा को बनाए रखना है।
2.सागर परिक्रमा चरण- IV
सामान्य अध्ययन: 2
सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप
विषय: पशुपालन का अर्थशास्त्र
प्रारंभिक परीक्षा: सागर परिक्रमा के बारे में
मुख्य परीक्षा: पशुपालन का अर्थशास्त्र
संदर्भ:
- कर्नाटक में सागर परिक्रमा का चौथा चरण दो दिनों तक चलेगा।
विवरण:
- यह यात्रा 18 मार्च 2023 को उत्तर कन्नड़ तथा 19 मार्च 2023 को उडुपी और उसके बाद दक्षिण कन्नड़ को कवर करेगी। इस तरह सभी तीन स्थानों को कवर किया जाएगा।
- इस यात्रा से सरकार को देश में तटीय समुदाय के लोगों, विशेषकर समुद्री मछुआरों के जीवन में गुणवत्ता लाने तथा आर्थिक कल्याण में सुधार के लिए बेहतर नीति तैयार करने में मदद मिलेगी।
- सागर परिक्रमा का यह चरण राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा तथा तटीय मछुआरा समुदाय की आजीविका के लिए समुद्री मत्स्य संसाधनों के उपयोग और समुद्री पारितंत्र की सुरक्षा के बीच स्थायी संतुलन, मछुआरा समुदायों के बीच के अंतर को पाटने, मछली पकड़ने वाले गांव का विकास, मछली पकड़ने के बंदरगाहों तथा मछली लैंडिंग केंद्रों जैसी अवसरंचना के उन्नयन और निर्माण पर केंद्रित होगी, ताकि एक पारितंत्र दृष्टिकोण से सतत और उत्तरदायी विकास सुनिश्चित किया जा सके।
- सागर परिक्रमा का चरण I ‘क्रांति से शांति’ विषय के साथ 5 मार्च 2022 को मांडवी, गुजरात (श्यामजी कृष्ण वर्मा का स्मारक) से प्रारंभ होकर ओखा-द्वारका गया और तीन स्थानों को कवर करते हुए 6 मार्च 2022 को पोरबंदर में पूरा हुआ था।
- चरण II कार्यक्रम 23 से 25 सितंबर 2022 तक चला। इसमें सात स्थान- मंगरोल, वेरावल, दीव, जाफराबाद, सूरत, दमन तथा वलसाड़ कवर किए गए और तटीय समुदाय की समस्याओं को जानने के लिए मछुआरों से बातचीत की गई थी।
- सागर परिक्रमा का तीसरा चरण 19 फरवरी 2023 को सूरत-हजीरा बंदरगाह, गुजरात से प्रारंभ हुआ और उत्तरी महाराष्ट्र के तटीय इलाकों के 5 स्थानों सतपती (जिला पालघर), वसई, वर्सोवा, न्यू फेरी वार्फ (भाउचा-धक्का) तथा सासून गोदी और मुंबई के अन्य क्षेत्रों में 20-21 फरवरी 2023 तक चला था।
सागर परिक्रमा:
- ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन और आर्थिक खुशहाली की गुणवत्ता बढ़ाने तथा आजीविका के अधिक अवसर सृजित करने के लिए भारत सरकार द्वारा एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया गया है ताकि सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त किया जा सके। सागर परिक्रमा इसमें से एक है।
- सागर परिक्रमा एक विकासवादी यात्रा है जिसकी परिकल्पना तटीय पट्टी में समुद्र में की गई है।
- यह परिक्रमा गुजरात, दीव और दमन से प्रारंभ हुई और महाराष्ट्र में अपनी यात्रा पूरी कर चुकी है। शेष राज्य : गोवा, कनार्टक, केरल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार तथा लक्षदीव समूह है।
- यात्रा का उद्देश्य इन राज्यों के मछली पालकों, मछुआरा समुदाय और हितधारकों से बातचीत करके तटीय मछुआरा समुदाय की समस्याओं को जानना है।
- भारत सरकार की इस पहल का उद्देश्य मछुआरों तथा अन्य हितधारकों की समस्याओं का हल करना और PMMSY, FIDF तथा मछली पालन के लिए KCC जैसी भारत सरकार द्वारा लागू की जा रही विभिन्न योजना और कार्यक्रमों के माध्यम से उनके आर्थिक उत्थान में मदद करना है।
भारत में मत्स्यपालन:
- देश की तटरेखा 8,118 किलोमीटर है, जिसमें 9 समुद्री राज्य तथा 4 केन्द्रशासित प्रदेश आते हैं और 2.8 मिलियन मछुआरों को आजीविका सहायता प्रदान करते हैं।
- मछली उत्पाद के वैश्विक हिस्से में भारत का योगदान 8 प्रतिशत का है और इसे विश्व में तीसरे सबसे बड़े मछली उत्पादक के रूप में स्थान दिया गया है।
- देश का कुल मछली उत्पादन 162.48 लाख टन है, जिसमें से 121.21 लाख टन अंतरदेशीय और 41.27 लाख टन समुद्री है।
- 2021-22 में मत्स्य निर्यात का मूल्य 57,586.48 करोड़ रुपए था।
- यह क्षेत्र सकल मूल्य वर्द्धन (GVA) में स्थिर विकास दर दिखाता है और कृषि निर्यात में लगभग 17 प्रतिशत योगदान देता है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन:
- प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली में दो दिवसीय ‘ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन’ का उद्घाटन करेंगे।
- इस अवसर पर, प्रधानमंत्री अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष-2023 पर एक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे।
- इस वैश्विक सम्मेलन में 100 से अधिक देशों की भागीदारी होने की संभावना है और दुनिया भर से कई हितधारक इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।
- दो दिवसीय ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन में मोटे अनाज मूल्य श्रृंखला, मोटे अनाजों के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी लाभों, जलवायु परिवर्तन और निरंतरता से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
- इस दो दिवसीय सम्मेलन में किसान उत्पादक संगठनों/किसान स्वयं सहायता समूहों, स्कूलों, कृषि-विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों, ग्राम पंचायतों, कॉमन सर्विस सेंटरों, सहकारी संस्थानों, होटल प्रबंधन स्कूलों, भारतीय दूतावासों और प्रवासी भारतीयों आदि की भी व्यापक भागीदारी रहेगी।
2.सात पीएम मित्रा (प्रधानमंत्री मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल) पार्क स्थलों की घोषणा की गई:
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- भारत सरकार ने वस्त्र उद्योग के लिए 7 पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्रा) पार्क स्थापित करने के लिए स्थलों की घोषणा की।
- पार्क तमिलनाडु, तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में बनाए जाएंगे।
- इन 7 स्थलों को पीएम मित्रा पार्कों के लिए 18 प्रस्तावों में से चुना गया था, जो 13 राज्यों से प्राप्त हुए थे।
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- माननीय प्रधानमंत्री के 5F विजन (यानी फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फॉरेन) से प्रेरित होकर, पीएम मित्रा पार्क भारत को वस्त्र निर्माण और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के सरकार के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- ये पार्क कपड़ा उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में मदद करेंगे और साथ ही इस क्षेत्र के वैश्विक दिग्गजों को भारत में विनिर्माण के लिए आकर्षित करेंगे।
- पीएम मित्रा पार्क विश्वस्तरीय औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में मदद करेंगे, जो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) सहित बड़े पैमाने पर निवेश को आकर्षित करेगा और क्षेत्र के भीतर नवाचार और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करेगा।
- वस्त्र मंत्रालय इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी करेगा। केंद्र और राज्य सरकार के स्वामित्व वाली एक स्पेशल परपज व्हीकल (SPV) प्रत्येक पार्क के लिए स्थापित की जाएगी, जो परियोजना के कार्यान्वयन की निगरानी करेगी।
- वस्त्र मंत्रालय पार्क SPV को विकास के लिए पूंजीगत सहायता के तौर पर प्रति पार्क 500 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
- पीएम मित्रा पार्क में इकाइयों को तेजी से कार्यान्वयन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति पार्क 300 करोड़ रुपये तक का प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन समर्थन (CIS) भी प्रदान किया जाएगा।
- मास्टर डेवलपर और निवेशक इकाइयों को अतिरिक्त प्रोत्साहन सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार की अन्य योजनाओं के साथ सम्मिश्रण की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
- राज्य सरकारें कम-से-कम 1000 एकड़ भूमि का सन्निहित और बाधा-मुक्त भूमि प्रदान करेंगी और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति और जल की उपलब्धता और अपशिष्ट जल निपटान प्रणाली, एक प्रभावी एकल खिड़की निपटारा प्रणाली के साथ-साथ अनुकूल और स्थिर औद्योगिक/ वस्त्र नीति जैसी सभी उपयोगिताएं सुनिश्चित करेंगी।
- पार्क उद्योग के लिए एक उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा, प्लग एंड प्ले सुविधाओं के साथ-साथ प्रशिक्षण और अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करेंगे।
- पीएम मित्रा पार्क एक अद्वितीय मॉडल का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां केंद्र और राज्य सरकारें निवेश बढ़ाने, नवाचार को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसर पैदा करने और अंततः भारत को वस्त्र विनिर्माण और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के लिए मिलकर काम करेंगी।
- इन पार्कों के माध्यम से लगभग 70,000 करोड़ रुपये के निवेश और 20 लाख रोजगार सृजन की परिकल्पना की गई है।
3.24 करोड़ मवेशियों और भैंसों को खुरपका और मुंहपका रोग से बचाव के लिए टीका लगाया गया:
- खुरपका और मुंहपका रोग टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण में, पूरे देश में अब तक 25.8 करोड़ मवेशियों की लक्षित आबादी (राज्यों द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार) में से लगभग 24 करोड़ मवेशियों और भैंसों को कवर किया गया है यानी 95 प्रतिशत से ज्यादा सार्वभौमिक कवरेज तक पहुंचा गया है, जो की हर्ड इम्यूनिटी स्तर से बहुत ज्यादा है।
- इस मील के पत्थर की प्राप्ति पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD), भारत सरकार, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार/प्रशासन के अथक प्रयासों और महत्वपूर्ण रूप से पशुपालकों के समर्थन से संभव हो सकी है।
- यह कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा 100% वित्तपोषित है जो खुरपका और मुंहपका रोग (FMD) के खिलाफ टीकों की खरीद करता है और राज्यों को आपूर्ति करता है और टीकाकरण शुल्क, सहायक उपकरण, जागरूकता निर्माण, कोल्ड चेन अवसंरचना आदि भी प्रदान करता है, जिससे राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को अभियान मोड में टीकाकरण करने में सक्षम बनाया जा सके।
- पशुपालकों को अपने पशुओं का टीकाकरण कराने के लिए विभिन्न सूचनाओं, शिक्षा एवं संचार के माध्यम से संवेदनशील और जागरूक बनाया जाता है और इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए निकटतम पशुधन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं/पशु चिकित्सकों से संपर्क करने का अनुरोध किया जाता है।
- पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) और ज्यादा पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं/पैरावेटों को प्रशिक्षित करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ सहयोग भी कर रहा है।
- इस प्रकार के निरंतर प्रयासों के माध्यम से देश में खुरपका और मुंहपका रोग को नियंत्रित करने और अंततः इसका उन्मूलन करने वाले लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकेगी, जो कि पशुधन किसानों/रखवालों की आय बढ़ाने और पशुधन उत्पादों में भारतीय व्यापार को बढ़ावा देने में भी मददगार साबित होगा।
खुरपका और मुंहपका रोग:
- भारत में खुरपका और मुंहपका रोग (FMD) पशुधन की एक प्रमुख बीमारी है। इसके कारण पशुओं के जीभ और तलवे पर छाले पड़ जाते हैं जो बाद में फट कर घाव में बदल जाते हैं। इससे दूध के उत्पादन में कमी होने से पशुपालकों को बहुत आर्थिक नुकसान होता है।
- इस समस्या से निपटने के लिए, पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) ने 2019 में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP) की शुरुआत की जो अब पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम का एक हिस्सा है।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य टीकाकरण के माध्यम से खुरपका और मुंहपका रोग को नियंत्रित करना है, जिससे इसका उन्मूलन 2030 तक किया जा सके।
- इसके परिणामस्वरूप, घरेलू उत्पादन में वृद्धि होगी और अंततः पशुधन उत्पादों के निर्यात में भी वृद्धि होगी। वर्तमान में इस कार्यक्रम के अंतर्गत सभी मवेशियों और भैंसों का टीकाकरण किया जा रहा है।
4.हरस्टार्ट प्लेटफॉर्म:
- महिला स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक नया बनाया गया प्लेटफॉर्म हरस्टार्ट (herSTART) शुरू किया गया।
- सरकार ने महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स के लिए एक वर्ष तक 20,000 रुपये का मासिक भत्ता दिए जाने का प्रस्ताव किया है।
- आज भारत उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) से मान्यता प्राप्त 93,000 से अधिक स्टार्ट-अप्स और 108 यूनिकॉर्न्स का घर है तथा हर वर्ष अतिरिक्त यूनिकॉर्न्स की संख्या में 66% की वार्षिक वृद्धि के साथ पिछले चार वर्षों में यह संख्या तेजी से बढ़ रही है।
- भारत में स्टार्टअप के रूप में चल रहे 05 यूनिकॉर्न- फ्लिपकार्ट, बायजू, नायका, स्विगी और फोनपे अब डेकाकोर्न की श्रेणी (10 अरब डॉलर से अधिक का मूल्य) में जोड़े गए है।
- सरकार की स्टार्टअप इंडिया कार्य योजना देश में उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्य योजना का उद्देश्य भारत में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन दोनों के लिए एक इंजन के रूप में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
5.अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ- सूचना समाज पर वैश्विक शिखर सम्मेलन (WSIS) पुरस्कार 2023:
- पंचायती राज मंत्रालय की टीम और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र को प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ- सूचना समाज पर वैश्विक शिखर सम्मेलन (WSIS) पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया।
- सूचना समाज पर वैश्विक शिखर सम्मेलन (WSIS) संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सूचना और संचार की प्रौद्योगिकी (ICT) को बढ़ावा देने के लिए यूनेस्को, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र (UN) से संबद्ध अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) द्वारा समन्वित एक वार्षिक पुरस्कार कार्यक्रम है।
- यह आयोजन ICT विकास पहलों के लिए अभिप्रेत है जो सतत विकास लक्ष्यों का समर्थन करते हैं।
- सूचना समाज पर वैश्विक शिखर सम्मेलन (WSIS) फोरम 2023 का आयोजन ‘WSIS एक्शन लाइन्स फॉर बिल्डिंग बैक बेटर एंड एक्सेलेरेटिंग द अचीवमेंट ऑफ द सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स’ विषय पर किया जा रहा है।
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