विषयसूची:
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प्रधानमंत्री 90वीं इंटरपोल महासभा को संबोधित करेंगे:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय एजेंसियां और उनका अधिदेश।
प्रारंभिक परीक्षा: इंटरपोल से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
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प्रधानमंत्री नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 90वीं इंटरपोल महासभा को संबोधित करेंगे।
उद्देश्य:
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यह आयोजन पूरी दुनिया के सामने भारत की विधि एवं व्यवस्था से जुड़ी सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणालियों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है।
विवरण:
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इंटरपोल की 90वीं महासभा 18 अक्टूबर से लेकर 21 अक्टूबर 2022 तक चलेगी।
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इस बैठक में इंटरपोल के 195 सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल भाग लेंगे जिनमें मंत्री, विभिन्न देशों के पुलिस प्रमुख, राष्ट्रीय केन्द्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल होंगे।
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यह महासभा इंटरपोल की सर्वोच्च शासी निकाय है और अपने कामकाज से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए वर्ष में एक बार बैठक करती है।
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भारत में इंटरपोल महासभा की बैठक लगभग 25 वर्षों के अंतराल के बाद हो रही है।
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यह बैठक भारत में आखिरी बार 1997 में हुई थी।
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भारत की आजादी के 75वें वर्ष के समारोह के साथ 2022 में नई दिल्ली में इंटरपोल महासभा की मेजबानी करने के भारत के प्रस्ताव को महासभा द्वारा भारी बहुमत से स्वीकार किया गया था।
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प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना– ‘एक राष्ट्र एक उर्वरक’ का शुभारंभ:
सामान्य अध्ययन: 3
कृषि:
विषय: पारंपरिक कृषि के क्षेत्र में नवाचार और निवेश बढ़ाना।
प्रारंभिक परीक्षा: किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK), प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना– ‘एक राष्ट्र एक उर्वरक’, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-किसान) से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
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प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया।
उद्देश्य:
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प्रधानमंत्री ने रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत 600 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (PMKSK) का भी उद्घाटन किया।
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इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना- एक राष्ट्र एक उर्वरक’ का भी शुभारंभ किया।
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इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-किसान) के तहत 16,000 करोड़ रुपये की 12वीं किस्त भी जारी की।
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प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना- एक राष्ट्र एक उर्वरक को भी शुरू किया है जो कि किसानों को भारत ब्रांड का सस्ता गुणवत्तायुक्त उर्वरक सुनिश्चित कराने की एक योजना है।
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किसान सम्मेलन किसानों के जीवन को आसान बनाने, उनकी क्षमता को बढ़ाने और उन्नत कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने का एक साधन है।
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इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने उर्वरक पर एक ई-पत्रिका ‘इंडियन एज’ का भी शुभारंभ किया।
विवरण:
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प्रधानमंत्री ने 600 से अधिक प्रधानमंत्री समृद्धि केंद्रों का उद्घाटन किया है।
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ये केंद्र न केवल उर्वरक के लिए बिक्री केंद्र हैं, बल्कि देश के किसानों के साथ एक गहरा संबंध स्थापित करने के लिए एक तंत्र भी हैं।
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भारत तरल नैनो यूरिया उत्पादन में तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है। नैनो यूरिया कम लागत में अधिक उत्पादन करने का माध्यम है।
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इसका लाभ यह है कि यूरिया से भरी एक बोरी का स्थान अब नैनो यूरिया की एक बोतल ले सकती है। इससे यूरिया की परिवहन लागत में भी काफी कमी आएगी।
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भारत की उर्वरक सुधार की कहानी में दो नए उपाय किये गए हैं। पहला, देश भर में 3.25 लाख से अधिक उर्वरक दुकानों को ‘प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों’ के रूप में विकसित करने का एक अभियान शुरू किया जा रहा है।
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ये ऐसे केंद्र होंगे जहां किसान न केवल उर्वरक और बीज खरीद सकते हैं बल्कि मृदा परीक्षण भी करा सकते हैं और कृषि तकनीकों के बारे में उपयोगी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।
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दूसरे उपाय के तहत, ‘एक राष्ट्र, एक उर्वरक’ से किसानों को खाद की गुणवत्ता और उसकी उपलब्धता को लेकर फैली हर तरह की भ्रांति से मुक्ति मिलने वाली है।
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अब देश में बिकने वाला यूरिया एक ही नाम, एक ही ब्रांड और एक ही गुणवत्ता का होगा और यह ब्रांड ‘भारत’ है! अब यूरिया पूरे देश में केवल ‘भारत’ ब्रांड नाम के तहत ही उपलब्ध होगा।
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इससे उर्वरकों की लागत कम होगी और उनकी उपलब्धता भी बढ़ेगी।
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कृषि में नई तकनीक को अपनाना हो, ‘स्मार्ट टेक्नोलॉजी’ को प्रोत्साहित करना हो या किसानों की उपज के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराना हो, सभी प्रकार से कृषि में अनुसंधान को भी प्रोत्साहित किया गया है और इसके कारण, भारत विश्व का पहला देश बन गया है जिसने नैनो यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर दिया है।
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600 किसान समृद्धि केंद्र अनेक प्रकार से किसानों को मजबूत करेंगे। ये केंद्र किसानों में जागरूकता पैदा करने में भी मदद करेंगे।
पृष्ठभूमि:
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यह आयोजन देश भर के 13,500 से ज्यादा किसानों और तकरीबन 1500 कृषि स्टार्टअप्स को एक साथ लाया है।
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इस कार्यक्रम में विभिन्न संस्थानों के 1 करोड़ से ज्यादा किसानों के वर्चुअल रूप से हिस्सा लेने की उम्मीद है।
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इस सम्मेलन में शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और अन्य हितधारकों की भागीदारी भी देखने को मिलेगी।
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इस योजना के तहत देश में खुदरा खाद की दुकानों को चरणबद्ध तरीके से किसान समृद्धि केंद्रों में बदला जाएगा।
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किसान समृद्धि केंद्र किसानों की विभिन्न प्रकार की जरूरतों को पूरा करेंगे और कृषि सामग्री (उर्वरक, बीज, उपकरण), मिट्टी, बीज और उर्वरकों के लिए परीक्षण सुविधाएं प्रदान करेंगे; किसानों के बीच जागरूकता पैदा करेंगे; विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे और ब्लॉक/जिला स्तर के आउटलेट पर खुदरा विक्रेताओं का नियमित क्षमता निर्माण सुनिश्चित करेंगे।
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3.3 लाख से ज्यादा खुदरा उर्वरक दुकानों को किसान समृद्धि केंद्रों में बदलने की योजना है।
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प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- प्रधानमंत्री लोथल में राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर के स्थल कार्य प्रगति की समीक्षा करेंगे:
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प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर के स्थल कार्य प्रगति की समीक्षा करेंगे।
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लोथल हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख शहरों में से एक था और यह सबसे पुराने मानव निर्मित गोदी या डॉकयार्ड के लिए विख्यात है।
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लोथल की ऐतिहासिक विरासत और धरोहर को संरक्षित करने के लिए यहाँ एक समुद्री धरोहर परिसर को विकसित किया जा रहा है।
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यह अपनी तरह की एक अनूठी परियोजना है। राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर को एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
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यह परियोजना लगभग 3500 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जा रही है।
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लोथल में राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर को न केवल भारत की समृद्ध और विविध समुद्री धरोहर को प्रदर्शित करने, बल्कि लोथल को एक विश्वस्तरीय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में उभरने में मदद करने के लिए भी विकसित किया जा रहा है जो कि अपनी तरह की पहली परियोजना है।
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इस परियोजना के माध्यम से पर्यटन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा जिससे इस क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
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इसमें कई नवीन और अनूठी विशेषताएं होंगी जैसे कि हड़प्पा वास्तुकला और जीवन शैली को फिर से जीवंत करने के लिए लोथल मिनी रिक्रिएशन; चार थीम पार्क – मेमोरियल थीम पार्क, समुद्री और नौसेना थीम पार्क, जलवायु थीम पार्क और साहसिक तथा मनोरंजन थीम पार्क; दुनिया का सबसे ऊंचा लाइटहाउस संग्रहालय; हड़प्पा काल से लेकर अब तक भारत की समुद्री धरोहर पर प्रकाश डालने वाली चौदह दीर्घाएं; तटीय राज्यों का मंडप जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विविध समुद्री धरोहर को प्रदर्शित करेगा; इत्यादि।
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- डेफएक्सपो-2022:
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भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम डेफएक्सपो-2022 अपनी तरह का सबसे बड़ा आयोजन है जो 18 से 22 अक्टूबर 2022 तक गुजरात के जुड़वां शहरों अहमदाबाद और गांधीनगर में आयोजित किया जाएगा।
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डेफएक्सपो के 12वें संस्करण का लक्ष्य भारतीय कंपनियों के लिए विशेष रूप से रक्षा के क्षेत्र में नवीन तकनीकों और समाधानों को लाने का है।
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डेफएक्सपो 2022 का प्रमुख विषय ‘पाथ टू प्राइड’ है।
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डेफएक्सपो-2022 में प्रतिभागियों को अपने उपकरणों और प्लेटफार्मों को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा और इससे वो व्यापार साझेदारी निर्माण हेतु भारतीय रक्षा उद्योग के विस्तार की ताकत और क्षमताओं का पता लगाने में सक्षम होंगे।
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डेफएक्सपो के अंतर्गत ज़मीनी, नौसैनिक एवं हवाई उपकरण तथा प्रणालियों को प्रदर्शित करते हुए सेना, नौसेना, वायु सेना, तटरक्षक एवं रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा 18 से 22 अक्टूबर तक साबरमती रिवर फ्रंट पर लाइव प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।
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संयुक्त रूप से किए गए लाइव प्रदर्शन में कॉम्बैट फ्रीफॉल, सारंग हेलो एरोबेटिक्स, हेलीकॉप्टर से नाव में रस्से के सहारे उतरना, हाई स्पीड बोट रन एवं दुश्मन की चौकी को तहस नहस करना शामिल होगा।
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17 अक्टूबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 16 अक्टूबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें। सम्बंधित लिंक्स:
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