विषयसूची:
1. प्रधानमंत्री जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन करेंगे:
सामान्य अध्ययन: 2
स्वास्थ्य:
विषय: पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाना और नवाचार करना।
प्रारंभिक परीक्षा:डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन।
प्रसंग:
- आयुष मंत्रालय और गुजरात सरकार ने भारत में पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र के विकासपर विचार-विमर्श करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। जिसमें डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (जीसीटीएम) द्वारा य जाने वाले महत्वपूर्ण आयोजन और वैश्विक आयुष निवेश तथा नवाचार शिखर सम्मेलन (जीएआईआईएस) का आयोजन शामिल है।
उद्देश्य:
- दोनों कार्यक्रम गुजरात में आयोजित किए जा रहे हैं और इनमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद जगन्नाथ एवं डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस भी उपस्थित रहेगी।
- जीसीटीएम पारंपरिक चिकित्सा उत्पादों पर नीतियां और मानक निर्धारित करना चाहता है।
- यह देशों को एक व्यापक, सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण करने में भी मदद करेगा।
- ग्लोबल वैश्विक आयुष निवेश तथा नवाचार शिखर सम्मेलन भारत को पारंपरिक उत्पादों, प्रथाओं और संबंधित सेवाओं का वैश्विक केंद्र बनाने की एक महत्वपूर्ण पहल है।
विवरण:
- डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, विश्व में अपनी तरह का पहला केन्द्र है, जिसका 19 अप्रैल, 2022 को जामनगर में उद्घाटन किया जाएगा।
- इस केंद्र का लक्ष्य पारंपरिक चिकित्सा को तकनीकी प्रगति और साक्ष्य-आधारित अनुसंधान के साथ एकीकृत करना है।
- जामनगर इसके आधार के रूप में कार्य करेगा और इस नए केंद्र का उद्देश्य विश्व को लाभान्वित करना है।
- यह केन्द्र चार मुख्य रणनीतिक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिनमें साक्ष्य और शिक्षा; डेटा और विश्लेषण; स्थिरता और इक्विटी; तथा नवाचार और प्रौद्योगिकी शामिल है ताकि वैश्विक स्वास्थ्य में पारंपरिक चिकित्सा का अधिक से अधिक योगदान हो।
- वैश्विक आयुष निवेश तथा नवाचार शिखर सम्मेलन 20 अप्रैल से 22 अप्रैल, 2022 तक गांधीनगर में आयोजित किया जाएगा।
- इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाना और नवाचारों को प्रदर्शित करना है।
- यह दीर्घकालिक साझेदारी को बढ़ावा देने, निर्यात को प्रोत्साहन देने और एक स्थायी इकोसिस्टम को पोषित करने का एक अनूठा प्रयास है।
- दोनों कार्यक्रम भारत के आयुष उद्योग के लिए बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे।
- वैश्विक आयुष निवेश तथा नवाचार शिखर सम्मेलन भारत को आयुर्वेदिक और हर्बल उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार बनाने का अवसर प्रदान करेगा।
- डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन भारत की वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति उत्कृष्ट प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।
- उन्नत प्रौद्योगिकी और प्राचीन ज्ञान के मोड़ पर खड़े होने से हमारे सामने एकमात्र रास्ता आगे बढ़ने का भी है।
2. काम में सरलता के लिए CROP व PQMS पोर्टल लांच:
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय: कृषि क्षेत्र में बेहतर नीतियों, अनुसंधान, गुणवत्ता, प्रोत्साहन और\ ईज आफ डूइंग बिजनेस का प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: CROP व PQMS पोर्टल।
मुख्य परीक्षा: इससे किसान एवं उद्यमी किस प्रकार लाभान्वित होंगे।
प्रसंग:
- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने अपने मंत्रालय से सम्बद्ध कामकाज को और सरल तथा सुविधाजनक बनाने के लिए दो पोर्टल लांच किए।
उद्देश्य:
- पहला पोर्टल CROP (Comprehensive Registration of Pesticides- कीटनाशकों का व्यापक पंजीकरण) के नाम से है, जो फसल सुरक्षा सामग्री के पंजीकरण संबंधित प्रक्रिया को गति व पारदर्शिता प्रदान करेगा।
- दूसरा पोर्टल हैं PQMS (Plant Quarantine Management System- वनस्पति संगरोध प्रबंधन प्रणाली), जो कृषि उत्पादों के निर्यात व आयात संबंधी दस्तावेजों को जारी करने में मुख्य भूमिका निभाएगा।
विवरण:
- नए पोर्टल में निर्यातकों के आवेदन से लेकर स्वच्छता प्रमाण-पत्र जारी करने तक की प्रक्रियाओं को बिना मानवीय हस्तक्षेप के पूरा किया जा सकेगा।
- इस पोर्टल से फल-सब्जियां, अनाज आदि के उत्पादकों व संबंधित उद्योगों को अपने उत्पाद निर्यात करने में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधा प्राप्त होगी।
- इसके अलावा आयातित पौध सामग्री का पारदर्शिता और सुगमता से, समयबद्ध तरीके से निर्गत प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकता है।
- इसी प्रकार कीटनाशी अधिनियम से संबंधित पोर्टल में पुराने क्रॉप परिचालन की समस्याओं को देखते हुए संशोधन किए गए हैं।
- नए क्रॉप परिचालन द्वारा फसल सुरक्षा सामग्री के सुगम पंजीकरण हेतु प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए, आवेदन को पारदर्शिता, सुगमता व समयबद्धता के साथ विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन जांच के बाद शीघ्रातिशीघ्र जारी किए जाएंगे।
- इस नई प्रणाली के माध्यम से आवेदकों को ई-भुगतान करना, दस्तावेज उपलब्ध कराना व नवीनीकरण करना, बिना मानवीय हस्तक्षेप के संभव हो सकेगा तथा विभिन्न स्तरों पर किए जाने वाले इन कार्यों की सूचना आवेदक को समय-समय पर स्वत: प्राप्त होगी ।
- इससे हमारे किसानों को फसल सुरक्षा सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
- जो दोनों पोर्टल लांच किए गए है, इससे किसानों एवं संबंधित उद्यमियों को लाभ मिलेगा।
3. मार्च माह में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दर 14.55 प्रतिशत:
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय: थोक मूल्य सूचकांक के घटकों तथा मुद्रास्फीति में वार्षिक परिवर्तन।
प्रारंभिक परीक्षा: थोक मूल्य सूचकांक,मुद्रास्फीति ।
प्रसंग:
- मार्च, 2021 के 7.89 प्रतिशत की तुलना में मार्च, 2022 के दौरान मुद्रास्फीति की वार्षिक दर 14.55 प्रतिशत (अनंतिम) रही।मार्च, 2022 माह के लिए भारत में थोक मूल्य की सूचकांक संख्याएं (आधार वर्ष: 2011-12) जारी।
विवरण:
- मार्च, 2022 में पिछले वर्ष की इस अवधि की तुलना में मुद्रास्फीति की ऊंची दर मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, मूल धातुओं आदि की कीमतों में वृद्धि की वजह से हुई।
- उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के आर्थिक सलाहकार कार्यालय ने मार्च, 2022 (अनंतिम) और जनवरी, 2022 (अंतिम) के लिए भारत में थोक मूल्य सूचकांक संख्याएं जारी कर दी है।
- थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के अनंतिम आंकड़े देश भर में संस्थागत स्रोतों और चुनी हुई विनिर्माण इकाइयों से प्राप्त आंकड़ों के साथ संकलित किए जाते हैं और हर महीने की 14 तारीख (या अगले कार्य दिवस) को जारी किए जाते हैं।
4. भारत का चीनी निर्यात वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में 291 प्रतिशत बढ़ा:
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय: चीनी निर्यात बढ़ने का कारण एवं उससे सम्बंधित चुनौतियां।
प्रारंभिक परीक्षा: कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा)।
प्रसंग:
- भारत के चीनी निर्यात में वित्त वर्ष 2013-14 के 1,177 मिलियन डॉलर की तुलना में 291 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि दर्ज की गई है जो वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 4600 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई है।
विवरण:
- डीजीसीआईएंडएस के डाटा के अनुसार, भारत ने विश्व भर के 121 देशों को चीनी का निर्यात किया।
- पिछले वित्त वर्ष की तुलना में चीनी के निर्यात में 65 प्रतिशत उछाल आया ।
- यह वृद्धि उच्च माल भाड़ा बढोतरी, कंटेनरों की कमी आदि के रूप में कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न लॉजिस्ट्क्सि संबंधी चुनौतियों के बावजूद अर्जित की गई।
- डीजीसीआईएंडएस के डाटा के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 1965 मिलियन डॉलर के बराबर का चीनी निर्यात किया था जो वित्त वर्ष 2020-21 में 2790 मिलियन डॉलर तथा वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 4600 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
- वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-फरवरी) में, भारत ने इंडोनेशिया को 769 मिलियन डॉलर के बराबर का चीनी निर्यात किया था जिसके बाद बांग्लादेश (561 मिलियन डॉलर), सूडान (530 मिलियन डॉलर) तथा संयुक्त अरब अमीरात (270 मिलियन डॉलर) का स्थान रहा।
- भारत ने सोमालिया, सऊदी अरब, मलेशिया, श्रीलंका, अफगानिस्तान, इराक, पाकिस्तान, नेपाल, चीन आदि देशों में भी चीनी का निर्यात किया।
- भारतीय चीनी का आयात अमेरिका, सिंगापुर, ओमान, कतर, टर्की, ईरान, सीरिया, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, फ्रांस, न्यूजीलैंड, डेनमार्क, इजरायल, रूस, मिस्र आदि देशों में किया गया है।
- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक की देश में कुल चीनी उत्पादन में लगभग 80 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
- देश के अन्य प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, बिहार, हरियाणा तथा पंजाब शामिल हैं।
- उल्लेखनीय है कि भारत ब्राजील के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है।
- वित्त वर्ष 2010-11 के बाद से, भारत निरंतर चीनी का अधिशेष उत्पादन करता रहा है और आराम से घरेलू आवश्यकताओं से अधिक उत्पादन करता रहा है।
- रिकॉर्ड निर्यात चीनी उत्पादकों को उनके भंडार में कमी लाने में सक्षम बनाएगा तथा गन्ना किसानों को भी लाभान्वित करेगा क्योंकि भारतीय चीनी की बढ़ी हुई मांग से इसमें सुधार आने की उम्मीद है।
- निर्यात किए जाने वाले उत्पादों का निर्बाधित गुणवत्तापूर्ण प्रमाणन सुनिश्चत करने के लिए, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने उत्पादों तथा निर्यातकों की एक व्यापक श्रृंखला को जांच की सुविधाएं प्रदान करने के लिए भारत भर में 220 प्रयोगशालाओं को मान्यता प्रदान की है।
- एपीडा अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में निर्यातकों की भागीदारी का आयोजन करता है जो निर्यातकों को वैश्विक बाजारों में उनके खाद्य उत्पादों के विपणन के लिए एक मंच उपलब्ध करता है।
- एपीडा कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आहार, जैविक विश्व कांग्रेस, बायोफैच इंडिया आदि जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों का भी आयोजन करता है।
- वर्ष 2019 में, एपीडा ने इंडोनेशिया में निर्यातकों के साथ बैठकें आयोजित कीं। इसके बाद इंडोनेशिया को होने वाले निर्यात में तेजी आई तथा आज वे भारत से चीनी के सबसे बड़े आयतक हैं।
5. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे अगले थल सेनाध्यक्ष नियुक्त:
- वर्तमान में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को सरकार ने अगला सेनाध्यक्ष नियुक्त किया है। इस पद पर उनकी नियुक्ति 30 अप्रैल, 2022 से प्रभावी होगी।
- 06 मई, 1962 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को 24 दिसंबर, 1982 को भारतीय सेना की कोर ऑफ इंजीनियर्स (द बॉम्बे सैपर्स) में कमीशन दिया गया था।
18 अप्रैल 2022 : PIB विश्लेषण :-Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 17 अप्रैल 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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