विषयसूची:

  1. भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन
  2. एपीडा ने वैश्विक पोषक अनाज (श्री अन्न) सम्मेलन का आयोजन किया
  3. लेबर20 (L20) की प्रारंभिक बैठक के लिए 20 देशों के प्रतिनिधि एवं विशेषज्ञ अमृतसर पहुंचे
  4. छत्तीसगढ़ का ब्रॉड गेज नेटवर्क 100 प्रतिशत विद्युतीकृत हुआ
  5. मतुआ धर्म महा मेला

1.भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन

सामान्य अध्ययन: 2

अन्तर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: भारत और इसके पडोसी-संबंध

प्रारंभिक परीक्षा: भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन के बारे में

संदर्भ:

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने संयुक्त रूप से भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन (IBFP) का वर्चुअल मोड में उद्घाटन किया।

विवरण:

  • दोनों प्रधानमंत्रियों ने सितंबर 2018 में इस पाइपलाइन के निर्माण की आधारशिला रखी थी। 
  • नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड 2015 से बांग्लादेश को पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति कर रही है। यह भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच दूसरी सीमा-पार ऊर्जा पाइपलाइन है।
  • भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन भारत और बांग्लादेश के बीच 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) हाई-स्पीड डीजल (HSD) को बांग्लादेश तक पहुंचाने की क्षमता वाली पहली सीमा पार ऊर्जा पाइपलाइन है। 
  • बांग्लादेश भारत का अग्रणी विकास साझेदार है और इस क्षेत्र में इसका सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार भी है। 
  • मैत्री पाइपलाइन के संचालन से दोनों देशों के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में मौजूदा सहयोग बढ़ेगा और बांग्लादेश में विशेष रूप से कृषि क्षेत्र का विकास होगा।
  • बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग भारत-बांग्लादेश संबंधों की पहचान बन गया है। 
  • बिजली के क्षेत्र में हमारा आपसी सहयोग बहुत सफल रहा है। आज भारत बांग्लादेश को 1100 मेगावाट से अधिक बिजली आपूर्ति कर रहा है। मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट की पहली यूनिट भी चालू हो गई है। इसका उद्घाटन पिछले साल, प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा के समय किया गया था। 
  • बांग्लादेश के साथ बेहतर संपर्क दोनों पक्षों के लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा।

लाभ:

  • इस पाइपलाइन से, उत्तरी बांग्लादेश के विभिन्न जिलों को 1 मिलियन मीट्रिक टन हाइ-स्पीड डीजल की आपूर्ति की जा सकेगी।
  • पाइपलाइन के द्वारा आपूर्ति से खर्च तो घटेगा ही, साथ ही कार्बन फुटप्रिंट भी कम होगा। 
  • भरोसेमंद और किफायती डीजल सप्लाइ कृषि क्षेत्र के लिए विशेष रूप से लाभदायक होगी। 
  • स्थानीय उद्योगों को भी इसका लाभ मिलेगा।

2.एपीडा ने वैश्विक पोषक अनाज (श्री अन्न) सम्मेलन का आयोजन किया

सामान्य अध्ययन: 3

खाद्य सुरक्षा:  

विषय: मुख्य फसलें – देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न

प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा: वैश्विक पोषक अनाज (श्री अन्न) सम्मेलन [ ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन ], अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के बारे में 

संदर्भ:

  • भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने भारत से मोटे अनाजों के निर्यात को प्रोत्साहित करने और उत्पादकों के लिए बाजार से संपर्क बढ़ाने के लिए वैश्विक पोषक अनाज (श्री अन्न) सम्मेलन का आयोजन किया।

विवरण:

  • देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 100 भारतीय मोटे अनाज प्रदर्शकों और संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, जर्मनी, वियतनाम, जापान, केन्या, मलावी, भूटान, इटली और मलेशिया जैसे विभिन्न देशों के लगभग 100 अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों को सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है। 
  • यह सम्मेलन सहभागियों के बीच व्यापार और नेटवर्किंग के लिए एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है। 
  • इस कार्यक्रम से मोटे अनाज उद्योग पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे वैश्विक बाजार में इसकी वृद्धि और विकास को और बढ़ावा मिलेगा। 

भारत में मोटे अनाज:

  • भारत मोटे अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादक है। 
  • राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि जैसे प्रमुख मोटा अनाज उगाने वाले राज्यों में उत्पादित मोटे अनाजों की एक व्यापक श्रृंखला से देश समृद्ध है। 
  • भारत में उगाए जाने वाले मोटे अनाजों में पर्ल मिलेट, ज्वार, फिंगर मिलेट और प्रोसो मिलेट, कोदो मिलेट, छोटा मिलेट, कंगनी मिलेट, ब्राउनटॉप मिलेट, बार्नयार्ड मिलेट, चौलाई और बकवीट जैसे गौण मोटे अनाज शामिल हैं। 
  • भारत सरकार भी अपने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के हिस्से के रूप में मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। 
  • इन कारकों के परिणामस्वरूप, आने वाले वर्षों में भारत में मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।
  • वर्ष 2021-22 में भारत का मोटे अनाजों का निर्यात 64 मिलियन डॉलर है। अप्रैल-दिसंबर 2023 की अवधि में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में मोटे अनाजों के निर्यात में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 
  • मोटे अनाजों के निर्यात में पिछले दशक में उल्लेखनीय बदलाव देखा गया है। 
  • 2011-12 में प्रमुख आयातक देश अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, बेल्जियम आदि थे, जिनकी जगह 2021-22 में नेपाल (6.09 मिलियन डॉलर), संयुक्त अरब अमीरात (4.84 मिलियन डॉलर) और सऊदी अरब (3.84 मिलियन डॉलर) ने ले ली थी। 
  • केन्या, पाकिस्तान भी पिछले एक दशक में भारत के संभावित आयात गंतव्यों में शामिल थे। 
  • भारत के मोटे अनाजों के निर्यात की वर्तमान शीर्ष दस की सूची में अन्य सात गंतव्य देश लीबिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को, ब्रिटेन, यमन, ओमान और अल्जीरिया हैं। 
  • भारत विश्व भर के 139 देशों को मोटे अनाज निर्यात कर रहा है। 

पृष्ठभूमि:

  • भारत के प्रस्ताव के आधार पर, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया था। 
  • अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के उत्सव को एक ‘जन आंदोलन’ बनाने और भारत को ‘मिलेट का वैश्विक केंद्र’ के रूप में स्थापित करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग, राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश, किसान, स्टार्ट-अप, निर्यातक, किसान, उपभोक्ता और जलवायु के लिए मिलेट (श्री अन्न) के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने और प्रचार करने के लिए खुदरा व्यवसायों और अन्य हितधारकों को लगाया जा रहा है। 
  • भारत में ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का आयोजन इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.लेबर20 (L20) की प्रारंभिक बैठक के लिए 20 देशों के प्रतिनिधि एवं विशेषज्ञ अमृतसर पहुंचे:

  • भारत की G20 अध्यक्षता के तहत आयोजित होने वाली लेबर20 की प्रारंभिक बैठक के लिए 20 देशों के प्रतिनिधि एवं विशेषज्ञ अमृतसर पहुंच रहे हैं।
  • लेबर20, G20 का एक प्रमुख सहयोगी संगठन है जो दुनिया के शीर्ष विकसित और विकासशील देशों का एक वैश्विक समूह है।
  • देश का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ, लेबर20 सहयोगी समूह की मेजबानी कर रहा है।
  • बैठक में सामाजिक सुरक्षा के सार्वभौमीकरण सहित कई विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इनमें श्रमिकों का अंतर्राष्ट्रीय प्रवास: सामाजिक सुरक्षा कोष की पोर्टेबिलिटी; अनौपचारिक श्रमिकों के लिए सामाजिक संरक्षण; कौशल प्रशिक्षण व कौशल उन्नयन और नियोक्ताओं, कर्मचारियों एवं सरकारों की भूमिका तथा जिम्मेदारियां शामिल हैं।
  • G20: यह 20 देशों का समूह अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। G20 सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक वास्तुकला और शासन को आकार देने तथा सहयोग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्ष 2023 में भारत G20 का अध्यक्ष है।
  • लेबर20: लेबर20, G20 के 11 सहयोगी एवं कामकाजी समूहों में से एक है और यह गैर-सरकारी प्रयासों के नेतृत्व में है। लेबर20 में वैश्विक स्तर पर श्रम में नवीनतम रुझानों के आलोक में श्रम एवं रोजगार की चिंताओं तथा अन्य संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाती है।

2.छत्तीसगढ़ का ब्रॉड गेज नेटवर्क 100 प्रतिशत विद्युतीकृत हुआ:

  • 2030 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जक का लक्ष्य हासिल करने के क्रम में, भारतीय रेल ने छत्तीसगढ़ में ब्रॉड गेज के मौजूदा नेटवर्क का 10 प्रतिशत विद्युतीकरण कर दिया है। 
  • 1,170 किमी रूट के विद्युतीकरण के परिणामस्वरूप लाइन हॉल लागत घटने (लगभग 2.5 गुनी कम), भारी हॉलेज क्षमता, सेक्शनल क्षमता बढ़ने, इलेक्ट्रिक लोको की परिचालन और रखरखाव लागत घटने, ऊर्जा दक्षता और आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता घटने से पर्यावरण अनुकूल परिवहन माध्यम बनने से विदेशी मुद्रा की बचत हो रही है। 
  • इसके अलावा, रेलवे की 100 प्रतिशत विद्युतीकृत नेटवर्क की नीति के क्रम में अब विद्युतीकरण के साथ ही नए ब्रॉड गेज नेटवर्क को मंजूरी दी जाएगी।

3.मतुआ धर्म महा मेला:

  • पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के श्रीधाम ठाकुरनगर, ठाकुरबाड़ी में “मतुआ धर्म महा मेला” आयोजित किया गया। 
  • अखिल भारतीय मतुआ महासंघ द्वारा मेले का आयोजन 19 मार्च से 25 मार्च, 2023 तक किया जा रहा है।
  • मेले का आयोजन श्री श्री हरिचंद ठाकुर जी की 212वीं जयंती के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। 
  • यह एक महत्वपूर्ण समारोह है, जो मतुआ समुदाय की जीवंत संस्कृति को प्रदर्शित करता है।

 

18 March PIB :- Download PDF Here

लिंक किए गए लेख में 17 मार्च 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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