विषयसूची:
|
-
भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता का आयोजन:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: विषय: भारत के हितों पर विभिन्न विकसित और विकासशील देशों की नीतियां और राजनीति का प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: डिफेंस एक्सपो 2022, भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता से सम्बंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता (IADD) 2022 के आलोक में दोनों देशों के बीच संबंधों पर लेख लिखिए।
प्रसंग:
-
भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता (IADD) गांधीनगर, गुजरात में डेफएक्सपो 2022 के मौके पर आयोजित की गई।
उद्देश्य:
-
यह संवाद भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता के मुख्य विषय ‘अडॉप्टिंग स्ट्रेटेजी फ़ॉर सिनरजाइज़िंग एंड स्ट्रेंथनिंग डिफेंस एंड सिक्योरिटी कोऑपरेशन’ (Adopting Strategy for Synergizing and Strengthening Defence and Security Cooperation) के विभिन्न आयामों को सामने लाने में सफल रहा है।
विवरण:
-
भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता के तहत क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा एवं आतंकवाद का मुकाबला करने सहित रक्षा कार्यों के लिए अभिसरण के नए क्षेत्रों का पता लगाना शामिल है।
-
भारत और अफ्रीकी देश विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में एक संरक्षित एवं सुरक्षित समुद्री वातावरण सुनिश्चित करने हेतु महत्वपूर्ण साझेदार हैं।
-
दोनों पक्ष अनेक क्षेत्रीय निकायों में एक साथ काम करते हैं, जो साझा सुरक्षा चिंताओं से निपटने में समावेशी और रचनात्मक सहयोग को बढ़ावा देते हैं और शांति व समृद्धि के रास्ते में आने वाली आम चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करते हैं।
-
भारत और अफ्रीका एक बहुआयामी रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग संबंध साझा करते हैं।
-
अफ्रीका के साथ भारत की साझेदारी 2018 में युगांडा की संसद में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्त किए गए दस मार्गदर्शक सिद्धांतों पर केंद्रित है।
-
भारत और अफ्रीका एक मजबूत साझेदारी साझा करते हैं, जो ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के सहकारी ढांचे पर आधारित है, जो कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (विश्व एक परिवार है) के प्राचीन लोकाचार पर आधारित है।
-
भारत ने अफ्रीकी देशों को भारतीय रक्षा उपकरणों और प्रौद्योगिकियों पर विचार करने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि भारत हाल के वर्षों में एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में उभरा है।
-
गांधीनगर घोषणा को भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता (IADD) 2022 के परिणामी दस्तावेज के रूप में अपनाया गया।
-
इसमें प्रशिक्षण स्लॉट और प्रशिक्षण टीमों की प्रतिनियुक्ति, अफ्रीका के रक्षा बलों के सशक्तिकरण और क्षमता निर्माण, अभ्यास में भागीदारी तथा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता द्वारा पारस्परिक हित के सभी क्षेत्रों में प्रशिक्षण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव है।
-
भारत ने मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के माध्यम से अफ्रीकी देशों के विशेषज्ञों के लिए फेलोशिप की पेशकश की है।
-
कार्यक्रम के दौरान भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता पर एक विशेष कवर और ‘भारत-अफ्रीका रक्षा सहयोग: अवसर एवं चुनौतियां’ पर एक पुस्तक का विमोचन किया गया।
-
भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता को लगातार रक्षा प्रदर्शनियों के दौरान द्विवार्षिक रूप से आयोजित करने के लिए संस्थागत स्वरूप दिया गया था।
-
यह अफ्रीकी देशों और भारत के बीच मौजूदा रक्षा साझेदारी का निर्माण करने तथा क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी क्षेत्रों सहित आपसी जुड़ाव के लिए अभिसरण के नए क्षेत्रों का पता लगाने का प्रयास करती है।
-
-
मंत्रिमंडल ने विपणन सीजन 2023-24 के लिए सभी रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को स्वीकृति दी:
सामान्य अध्ययन: 3
कृषि:
विषय: मुख्य फसलें- प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता-न्यनतम समर्थन मूल्य से सम्बंधित विषय; जन वितरण प्रणाली: बफर स्टॉक, खाद सुरक्षा से सम्बंधित विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: डिजिटल कृषि मिशन (DAM), महालनोबिस राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र (एमएनसीएफसी), मृदा स्वास्थ्य, उर्वरता और प्रोफाइल मैपिंग से सम्बंधित विषय।
प्रसंग:
-
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सीजन 2023-24 के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।
उद्देश्य:
-
सरकार ने रबी फसलों के विपणन सीजन 2023-24 के लिए एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके।
विवरण:
-
विपणन सीजन 2023-24 के लिए रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के 1.5 गुना के स्तर पर तय किया गया है, जिसका लक्ष्य किसानों के लिए उचित पारिश्रमिक तय करना है।
-
वर्ष 2014-15 से तिलहन और दलहन के उत्पादन को बढ़ाने पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया गया है। इन प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं।
-
तिलहन उत्पादन 2014-15 में 27.51 मिलियन टन से बढ़कर 2021-22 में 37.70 मिलियन टन (चौथा अग्रिम अनुमान) हो गया है। दलहन उत्पादन में भी इसी तरह की वृद्धि की प्रवृत्ति दर्ज की गई है।
-
सरकार की प्राथमिकता तिलहन और दलहन के उत्पादन को बढ़ाते हुए आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य को पूरा करना है।
-
तैयार की गई रणनीतियां कृषि क्षेत्र के विस्तार, उच्च उपज वाली किस्मों, MSP समर्थन और खरीद के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने के लिए हैं।
-
सरकार देश में कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और नवाचार के उपयोग के माध्यम से स्मार्ट खेती के तरीकों को अपनाने को भी बढ़ावा दे रही है।
-
सरकार एक डिजिटल कृषि मिशन (DAM) लागू कर रही है, जिसमें भारत कृषि का डिजिटल इकोसिस्टम (IDEA), किसान डेटाबेस, एकीकृत किसान सेवा इंटरफेस (UFSI), नई तकनीक पर राज्यों को वित्त पोषण (NEGPA), महालनोबिस राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र (MNCFC), मृदा स्वास्थ्य, उर्वरता और प्रोफाइल मैपिंग में सुधार करना शामिल है।
-
NEGPA कार्यक्रम के तहत उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉक चेन आदि का उपयोग करके डिजिटल कृषि परियोजनाओं के लिए राज्य सरकारों को वित्त पोषण दिया जाता है।
-
ड्रोन प्रौद्योगिकियों को अपनाने का कार्य किया जा रहा है। स्मार्ट खेती को बढ़ावा देने के लिए, सरकार कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को भी बढ़ावा दे रही है और कृषि-उद्यमियों का पोषण कर रही है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (MSP):
-
न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार की ओर से मूल्य समर्थन के रूप में किसानों को कृषि कीमतों में किसी भी तीव्र गिरावट के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक हस्तक्षेप है।
-
न्यूनतम समर्थन मूल्य का मुख्य उद्देश्य किसानों को संकटग्रस्त बिक्री से बचाना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए खाद्यान्न की खरीद करना है।
-
न्यूनतम समर्थन मूल्य का उद्देश्य किसानों को आश्वासित आय सुनिश्चित करके कृषि के लिए आधुनिक तकनीकों में निवेश को प्रोत्साहित करना है।
-
न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा भारत सरकार द्वारा कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर की जाती है।
-
कृषि लागत और मूल्य आयोग एक वैधानिक निकाय है, जो खरीफ और रबी मौसमी फसलों के लिए कीमतों की सिफारिश करने वाली विभिन्न रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
-
न्यूनतम समर्थन मूल्य चावल, गेहूं, दाल आदि सहित 23 फसलों के लिए बुवाई के मौसम से पहले घोषित किया जाता है।
-
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग प्रत्येक वर्ष मूल्य नीति रिपोर्ट के रूप में सरकार को अलग-अलग वस्तुओं के पांच समूहों यथा खरीफ फसल, रबी फसल, गन्ना, कच्चा जूट और खोपरा के लिए अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करता है।
-
राज्य सरकारों की रिपोर्ट और दृष्टिकोणों पर विचार करने के बाद और देश में समग्र मांग तथा आपूर्ति की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार अंतिम निर्णय लेती है।
-
-
प्रधानमंत्री ने लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर स्थल की प्रगति की समीक्षा की:
सामान्य अध्ययन: 1
भारतीय विरासत और संस्कृति:
विषय: ऐतिहासिक विरासत और धरोहर स्थलों को संरक्षित करना।
प्रारंभिक परीक्षा: हड़प्पा सभ्यता के महत्वपूर्ण स्थल- लोथल ,धोलावीरा से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
-
प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ड्रोन की मदद से गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर स्थल पर चल रहे कार्यों की समीक्षा की।
विवरण:
-
प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से दिए अपने संबोधन में ‘पांच प्रणों’ की बात की थी, जिसमे ‘अपनी विरासत के प्रति गर्व’ को रेखांकित किया था और कहा था कि हमारी समुद्री विरासत एक ऐसी ही विरासत है जिसे हमारे पूर्वजों ने हमें सौंपा है।
-
भारत की समुद्री विरासत भी एक ऐसा विषय है जिस पर अब तक पर्याप्त रूप से चर्चा नहीं की गई है।
-
प्रधानमंत्री ने प्राचीन काल में भारत के व्यापार और कारोबार के विशाल प्रसार और दुनिया की हर सभ्यता के साथ उसके संबंधों पर प्रकाश डाला।
-
हजारों वर्षों से मौजूद रही भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने चोल साम्राज्य, चेर राजवंश और दक्षिण भारत के पांड्या राजवंश के बारे में बात की, जिन्होंने समुद्री संसाधनों की शक्ति को समझा और उसे अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
-
प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब कच्छ बड़े जहाजों के निर्माण के लिए एक विनिर्माण केंद्र के रूप में फला-फूला करता था और उन्होंने ऐतिहासिक महत्व के स्थलों के सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
-
पुरातात्विक उत्खनन से ऐतिहासिक महत्व के कई स्थल सामने आए हैं। धोलावीरा और लोथल सहित इन स्थलों को फिर उसी रूप में लौटाने का फैसला किया गया है जैसे वे कभी प्रसिद्ध थे।
-
लोथल भारत की समुद्री क्षमता का एक संपन्न केंद्र था। हाल ही में वडनगर के पास खुदाई के दौरान सिकोतर माता के मंदिर का पता चला है।
-
कुछ ऐसे प्रमाण भी मिले हैं जिनसे प्राचीन काल में यहां से समुद्री व्यापार की जानकारी मिलती है। इसी तरह सुरेंद्रनगर के झिंझुवाड़ा गांव में लाइटहाउस होने के प्रमाण मिले हैं।
-
लोथल से उत्खनन में सामने आए नगरों, बंदरगाहों और बाजारों के अवशेषों से शहरी नियोजन के बारे में बहुत कुछ सीखा जा सकता है।
-
लोथल न केवल सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था, बल्कि यह भारत की समुद्री शक्ति और समृद्धि का भी प्रतीक था।
-
एक समय था जब लोथल बंदरगाह को 84 देशों के झंडों से चिन्हित किया गया था और वल्लभी में 80 देशों के छात्र पढ़ते थे।
-
लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर, भारत के विविध समुद्री इतिहास को सीखने और समझने के केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
-
लोथल में विरासत परिसर इस तरह से बनाया जा रहा है कि भारत का आम आदमी इसके इतिहास को आसानी से समझ सके।
-
इसमें बहुत ही आधुनिक तकनीक का उपयोग कर उसी युग को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है।
-
लोथल की महिमा को वापस लाने के प्रयास केवल इस परिसर तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि गुजरात के तटीय क्षेत्र में कई आधुनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाएं निर्मित की जा रही हैं। यहां सेमीकंडक्टर प्लांट का भी निर्माण किया जा रहा है।
-
भारत की आदिवासी विरासत पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने देश भर में बन रहे जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों पर प्रकाश डाला।
-
लोथल में बन रहा राष्ट्रीय समुद्री संग्रहालय प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय होगा।
पृष्ठभूमि:
-
लोथल हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख शहरों में से एक था और ये सबसे पुराने मानव निर्मित डॉकयार्ड की खोज के लिए जाना जाता है।
-
लोथल में समुद्री विरासत परिसर का निर्माण, इस शहर की ऐतिहासिक विरासत और हैरिटेज के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है।
-
लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर को अपनी तरह की पहली परियोजना की तरह विकसित किया जा रहा है ताकि भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित किया जा सके और लोथल को विश्व स्तरीय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में उभरने में मदद की जा सके।
-
इस परियोजना के माध्यम से पर्यटन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा जिससे इस क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
-
मार्च 2022 में शुरू हुए इस परिसर कार्य को लगभग 3500 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।
-
इसमें कई नवीन और अनूठी विशेषताएं होंगी जैसे हड़प्पा की वास्तुकला और जीवन शैली को पुनर्निर्मित करने के लिए लोथल मिनी रीक्रिएशन, चार थीम पार्क – मेमोरियल थीम पार्क, समुद्री और नौसेना थीम पार्क, जलवायु थीम पार्क और एडवेंचर एंड अम्यूज़मेंट थीम पार्क।
-
इसमें दुनिया का सबसे ऊंचा लाइटहाउस संग्रहालय, हड़प्पा काल से लेकर अब तक भारत की समुद्री विरासत को उजागर करने वाली चौदह दीर्घाएं, साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने वाला तटीय राज्यों का एक पैवेलियन भी होगा।
-
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- सुश्री भारती दास ने महालेखा नियंत्रक (CGA) के रूप में कार्यभार संभाला:
-
सुश्री भारती दास ने 18 अक्टूबर को नई महालेखा नियंत्रक (CGA) के रूप में पदभार ग्रहण किया। सुश्री दास भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में 27वीं महालेखा नियंत्रक (CGA) हैं।
-
सुश्री भारती दास, जो कि 1988 बैच की भारतीय सिविल लेखा सेवा अधिकारी हैं, को भारत सरकार द्वारा वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग में महालेखा नियंत्रक (CGA) के रूप में नियुक्त किया गया है और उनकी नियुक्ति 18 अक्टूबर, 2021 से प्रभावी है।
-
महालेखा नियंत्रक (CGA) ही लेखांकन (एकाउंटिंग) मामलों पर केंद्र सरकार का ‘प्रधान सलाहकार’ होता/होती है।
-
महालेखा नियंत्रक को ही तकनीकी रूप से सुदृढ़ प्रबंधन लेखा प्रणाली की स्थापना एवं प्रबंधन करने और केंद्र सरकार के खातों को तैयार करने एवं प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
-
महालेखा नियंत्रक को ही केंद्र सरकार के लिए राजकोष नियंत्रण और आंतरिक अंकेक्षण (ऑडिट) करने की भी जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
-
18 अक्टूबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 17 अक्टूबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें। सम्बंधित लिंक्स:
Comments