विषयसूची:
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1. केप टू रियो रेस – 23:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक संगठन और भारत से जुड़े समझौते या भारत के हितों को प्रभावित करना।
प्रारंभिक परीक्षा: ओशन सैलिंग अभियान,केप टू रियो रेस से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
- आईएनएसवी तारिणी केप टू रियो रेस 2023 के 50वें संस्करण में भाग लेने के लिए केप टाउन, दक्षिण अफ्रीका के एक अभियान के लिए रवाना हुई है।
उद्देश्य:
- इस अभियान का उद्देश्य जहाज पर चालक दल को नेविगेशन, संचार, तकनीकी, योजना आदि सहित आवश्यक सीमैनशिप कौशल में प्रशिक्षित करना है।
- यह अभियान दुनिया के एकल परिक्रमा नौकायन अभियान के लिए जहाज पर सवार दो महिला अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिहाज से एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
विवरण:
- इस समुद्री नौकायन दौड़ को केप टाउन से 02 जनवरी 2023 को झंडी दिखाई जाएगी और इसका समापन रियो डी जनेरियो, ब्राजील में होगा।
- यह दौड़ सबसे प्रतिष्ठित ट्रांस-अटलांटिक महासागर दौड़ में से एक है।
- अभियान को दो महिला अधिकारियों सहित पांच अधिकारियों के एक भारतीय नौसेना दल द्वारा संचालित किया जा रहा है।
- इस अभियान के दौरान गोवा से रियो डी जनेरियो के लिए केप टाउन और वापस जाने के दौरान, आईएनएसवी तारिणी लगभग 17000 नॉटिकल मील (लगभग 30000 किमी) की दूरी तय करेगी।
- इस ट्रांस-समुद्री यात्रा में 5-6 महीने की अवधि में चालक दल को भारतीय, अटलांटिक और दक्षिणी महासागरों के चरम मौसम और खराब समुद्री परिस्थितियों का सामना करना है।
- समुद्र में नौकायन एक अत्यंत मुश्किल साहसिक खेल है।
- ये महासागर नौकायन अभियान भारतीय नौसेना की दुनिया भर में अपनी सौम्य उपस्थिति को प्रदर्शित करने की क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ रोमांच की भावना, जोखिम लेने की क्षमता को विकसित करने में मदद करते हैं।
- तदनुसार, भारतीय नौसेना नियमित रूप से सागर परिक्रमा, आईओएनएस 10वीं वर्षगांठ और बंगाल की खाड़ी के नौकायन अभियानों जैसे नौकायन अभियानों में भाग लेती रही है।
- आईएनएसवी तरिणी को 2017 में ‘नाविका सागर परिक्रमा’ नामक ऐतिहासिक अभियान में सभी महिला अधिकारी दल के साथ दुनिया भर में परिक्रमा करने के लिए जाना जाता है।
- इस जारी अभियान के दौरान, भारत में वापसी के लिए रियो डी जनेरियो में एक क्रू टर्नअराउंड की योजना बनाई गई है।
- लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए अभियान के दोनों चरणों के लिए चालक दल का हिस्सा होंगी, क्योंकि उन्हें महिला अधिकारी द्वारा दुनिया की एकल परिक्रमा के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
- इसी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के तहत इन महिला अधिकारियों ने हाल ही में मॉरीशस के अभियान में भी भाग लिया।
2.’आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस’ नीति:
सामान्य अध्ययन: 3
आंतरिक सुरक्षा:
विषय: आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्वों की भूमिका।
प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (संशोधन) अधिनियम,सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्स्पा) से सम्बंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: सरकार आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सशस्त्र कार्रवाई से आगे जाने के लिए प्रतिबद्ध है इस दिशा में स्थायी शांति का माहौल बनाने हेतु सरकार द्वारा हस्ताक्षरित शांति समझौतों पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- भारत सरकार की नीति ‘आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस’ नीति पर केन्द्रित है।
विवरण:
- सरकार ने जहां UAPAको मजबूत करने के लिए कानूनी मोर्चे पर काम किया है, वहीं प्रवर्तन स्तर पर भी विभिन्न कदम उठाए गए हैं; राष्ट्रीय जांच एजेंसी (संशोधन) अधिनियम को पेश करके राष्ट्रीय जांच एजेंसी को वास्तविक तौर पर एक संघीय संरचना दी गयी है।
- इन उपायों का सामूहिक प्रभाव, आतंकवाद के इकोसिस्टम को कमजोर कर रहा है।
- आतंक के खिलाफ संकल्प को सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर बालाकोट स्ट्राइक तक बार-बार प्रदर्शित किया गया है।
- हमारे सशस्त्र बलों की कार्रवाई से जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में भारी कमी दर्ज की गयी है।
- इसी तरह, आतंकवाद को वित्तीय मदद देने के मामलों में सजा की दर 94 प्रतिशत तक हासिल की गयी है।
- पूर्वोत्तर में शांति का माहौल बनाने की दिशा में 2014 से उग्रवाद प्रभावित हिंसा में 80 प्रतिशत और नागरिकों की मौतों में 89 प्रतिशत की भारी गिरावट आने की वजह से भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति का एक युग शुरू हो गया है।
- इसके अलावा, 2014 के बाद से छह हजार उग्रवादियों द्वारा आत्मसमर्पण भी किया गया हैं।
- सरकार आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सशस्त्र कार्रवाई से आगे जाने के लिए प्रतिबद्ध है और उसने पूरे क्षेत्र में स्थायी शांति का माहौल बनाने के लिए काम किया है।
- ये शांति समझौते सरकार की उपलब्धियों की विरासत हैं।
सरकार द्वारा हस्ताक्षरित शांति समझौते:
- बोडो समझौते पर जनवरी 2020 में हस्ताक्षर किए गए,
- ब्रू-रियांग समझौता जनवरी 2020,
- एनएलएफटी-त्रिपुरा समझौता, अगस्त 2019 में,
- कार्बी आंगलोंग समझौता, सितंबर 2021,
- असम-मेघालय अंतर-राज्यीय सीमा समझौता, मार्च 2022 में।
- सरकार ने सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्स्पा) को पूरे त्रिपुरा और मेघालय सहित पूर्वोत्तर के एक बड़े हिस्से से वापस ले लिया।
- अब यह कानून अरुणाचल प्रदेश के सिर्फ तीन जिलों में लागू है, असम का 60 प्रतिशत हिस्सा अफ्स्पा से मुक्त है, छह जिलों के अंतर्गत 15 पुलिस थानों को अशांत क्षेत्र की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है, सात जिलों में 15 पुलिस थानों से अशांत क्षेत्र अधिसूचना को हटा दिया गया है।
- सरकार द्वारा वर्षों से चलाए जा रहे बचाव कार्य चलाये जा रहे हैं।
- संकट में फंसे भारतीय लोगों का जीवन बचाना, सरकार का एक सबसे प्रमुख चिंता का विषय है और भारत पूरी दुनिया में बचाव अभियान चलाने के मामले में सबसे आगे रहा है।
बचाव अभियान की उपलब्धियां इस प्रकार हैं-
- फरवरी-मार्च 2022 में ऑपरेशन गंगा के तहत 22,500 नागरिकों को बचाया गया,
- ऑपरेशन देवी शक्ति में अफगानिस्तान से 670 भारतीय नागरिकों को बचाया गया।
- वर्ष 2021-22 में वंदे भारत मिशन के तहत, बचाव अभियानों की एक सबसे बड़ी सफलता में 1.83 करोड़ नागरिकों की कोविड-19 संकट के दौरान घर वापसी की गई।
- भारत द्वारा चीन के वुहान से 654 लोगों को बचाया गया।
- भारत में न केवल भारतीयों को बल्कि संकट में फंसे विदेशी नागरिकों के लिए भी मदद की पेशकश की।
- वर्ष 2016 में ऑपरेशन संकट मोचन के तहत दक्षिण सूडान से 2 नेपाली नागरिकों सहित 155 लोगों को देश में वापस लाया गया।
- ऑपरेशन मैत्री के दौरान नेपाल से 5,000 भारतीयों को बचाया गया जबकि नेपाल से ही 170 विदेशी नागरिकों का भी बचाव किया गया।
- ऑपरेशन राहत के तहत यमन से 1,962 विदेशी नागरिकों सहित 6,710 लोगों को बचाया गया।
3. शिक्षा के नींव चरण (फाउंडेशनल स्टेज) के लिए देश भर में ‘बालवाटिका 49 केंद्रीय विद्यालयों’ की पायलट परियोजना की शुरुआत:
सामान्य अध्ययन: 2
सामाजिक न्याय:
विषय: स्वास्थ्य,शिक्षा,मानव संसाधनों से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र/सवाओं के विकास और प्रबंधन से सम्बंधित विषय।
मुख्य परीक्षा: ‘बालवाटिका 49 केंद्रीय विद्यालयों’ की पायलट परियोजना का महत्व।
प्रसंग:
- केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने 20 अक्टूबर 2022 को शिक्षा के नींव चरण (फाउंडेशनल स्टेज) के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा और देश भर में ‘बालवाटिका 49 केंद्रीय विद्यालयों’ की पायलट परियोजना की शुरुआत की थी।
विवरण:
- प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा (एनसीएफईसीसीई), जिसे नींव चरण (फाउंडेशनल स्टेज) भी कहा जाता है, वह चार राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) में से एक है।
- यह भारत में 3 से लेकर 8 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए पहला एकीकृत पाठ्यक्रम रूपरेखा है। यह 5+3+3+4 ‘पाठ्यचर्या और शैक्षणिक’ संरचना का प्रत्यक्ष परिणाम है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत स्कूली शिक्षा के लिए अनुशंसित किया है।
- एनसीएफ फॉर फाउंडेशनल स्टेज (एनसीएफएफएस) को एनसीईआरटी द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और विभिन्न संस्थानों और संगठनों के साथ एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से जमीनी स्तर पर विकसित किया गया है।
- श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने 20 अक्टूबर 2022 को शिक्षा के नींव चरण (फाउंडेशनल स्टेज) के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा और देश भर में ‘बालवाटिका 49 केंद्रीय विद्यालयों’ की पायलट परियोजना की शुरुआत की।
- केन्द्रीय विद्यालय संगठन के नामांकन दिशा-निर्देशों और आरक्षण मानदंडों में स्पष्ट किए गए प्राथमिकता के अनुसार बालवाटिका कक्षाओं में नामांकन दिया जा रहा है।
- इन कक्षाओं में एनसीईआरटी द्वारा तैयार किए गए पाठ्यक्रमों और संसाधन सामग्रियों का उपयोग किया जा रहा है।
- इन कक्षाओं में खेल आधारित गतिविधियों को मुख्य रूप प्राथमिकता दी जा रही है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.प्रधानमंत्री ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से मुलाकात की:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गूगल-पैरेंट अल्फाबेट के सीईओ (Google-parent Alphabet CEO) सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) से मुलाकात की और अन्य बातों के अलावा नवाचार और प्रौद्योगिकी के बारे में चर्चा की।
- प्रधानमंत्री ने कहा की इस समय यह बेहद महत्वपूर्ण है कि दुनिया मानव समृद्धि और सतत विकास के लिए तकनीक का लाभ उठाने हेतु मिलकर काम करना जारी रखे।
- सुंदर पिचाई गूगल भारत में गूगल का सबसे बड़ा इवेंट गूगल फॉर इंडिया के 8वें एडिशन में शामिल होने के लिए भारत आए हुए हैं।
- गौरतलब हैं कि 19 दिसंबर को टेक जाइंट कंपनी गूगल ने अपने Google For India 2022 इवेंट की शुरुआत की।
- इस दिन गूगल फॉर इंडिया इवेंट में सुंदर पिचाई और सूचना एवं तकनीक मंत्री अश्विनी वैष्णव के बीच भारत में एआई और एआई आधारित सॉल्यूशन को लेकर बातचीत भी की।
- जिसमें पिचाई ने कहा कि कुछ ऐसा बनाना आसान है जो पूरे देश में फैला हो और यही वह अवसर है जो भारत के पास है।
2. स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत गया और नालंदा का, विकास के लिए चयन:
- पर्यटन मंत्रालय ने अब अपनी स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) के रूप में नया स्वरुप दिया है, जिसका उद्देश्य पर्यटक और गंतव्य स्थल केंद्रित दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए स्थायी और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करना है।
- मंत्रालय की ‘प्रसाद’ योजना के तहत, बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम पर्यटन स्थल को विकास के लिए चिन्हित किया गया है।
- पर्यटन मंत्रालय (एमओटी) स्वदेश दर्शन, तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान (पीआरएएसएचएडी, प्रसाद) और केंद्रीय एजेंसियों को सहायता देने की अपनी योजनाओं के तहत देश में पर्यटन अवसंरचना के विकास के लिए राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों/केंद्रीय एजेंसियों को सहायता प्रदान करता है।
- योजनाओं के तहत विकास के लिए परियोजनाओं की पहचान, राज्य सरकारों/ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों/केंद्रीय एजेंसियों के परामर्श से की जाती है और धन की उपलब्धता, उपयुक्त विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुति, योजना के दिशानिर्देशों का पालन और पहले जारी की गई धनराशि के उपयोग आदि को ध्यान में रखते हुए परियोजनाओं को मजूरी दी जाती है।
- मंत्रालय ने अब अपनी स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) के रूप में नया स्वरुप दिया है, जिसका उद्देश्य पर्यटक और गंतव्य स्थल केंद्रित दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए स्थायी और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करना है।
- एसडी 2.0 के तहत गया और नालंदा को विकास के लिए चुना गया है, जबकि मंत्रालय की ‘प्रसाद’ योजना के तहत बिहार के सीतामढ़ी जिले में पुनौरा धाम को विकास के लिए चिन्हित किया गया है।
3. देश के विभिन्न स्थानों पर इथेनॉल भंडारण क्षमता को निरंतर बढ़ाया जा रहा है:
- पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली ने कहा कि इथेनॉल के सम्मिश्रण की आवश्यकताओं के अनुसार इसे रिफाइनरियों, टर्मिनलों और आपूर्तिकर्ताओं के परिसर सहित कई स्थानों पर संग्रहीत किया जाता है।
- वर्तमान समय में और वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार इसके भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था मौजूद है।
- ओएमसीज ने इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2021-22 की अवधि में पेट्रोल में औसतन 10% इथेनॉल का सम्मिश्रण किया गया है और इस सम्मिश्रण को बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए देश के विभिन्न स्थानों पर एथेनोल भंडारण क्षमता को निरंतर बढ़ाया जा रहा है।
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लिंक किए गए लेख में 18 दिसंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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