विषयसूची:
|
-
‘इन्वेस्ट फॉर डिफेंस’ निवेशक आउटरीच कार्यक्रम:
सामान्य अध्ययन: 3
सुरक्षा:
विषय: निवेश मॉडल।
प्रारंभिक परीक्षा:12वीं डेफएक्सपो, इन्वेस्ट फॉर डिफेंस से सम्बंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: ‘इन्वेस्ट फॉर डिफेंस’ निवेशक आउटरीच कार्यक्रम भविष्य के हथियारों व प्रणालियों को विकसित करने में किस प्रकार सहायक होगा। आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।
प्रसंग:
-
रक्षा मंत्री ने गांधीनगर, गुजरात में 12वीं डेफएक्सपो में आयोजित ‘इन्वेस्ट फॉर डिफेंस’ निवेशक आउटरीच कार्यक्रम के दौरान घरेलू उद्योग और विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं (OEM) को भारतीय रक्षा क्षेत्र में निवेश तथा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को एकीकृत करने के अवसर का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।
उद्देश्य:
-
रक्षा क्षेत्र के लिए सरकार की भविष्य की योजनाओं का लक्ष्य वर्ष 2025 तक भारत में रक्षा उत्पादन को 12 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़ाकर 22 बिलियन अमरीकी डॉलर करना है।
विवरण:
-
भारत रक्षा उपकरणों और अन्य सामरिक सामग्रियों तक निर्बाध तथा भरोसेमंद पहुंच सुनिश्चित करने के लिये साझीदारों के साथ संबंध स्थापित करना चाहता है।
-
इसमें अमेरिका को भी शामिल किया गया है।
-
घरेलू उद्योग एवं व्यवसायों की उत्साही भागीदारी भारतीय रक्षा क्षेत्र में उनके विश्वास को दर्शाता है।
-
यह आने वाले वर्षों में उद्योग के विकास के लिए अद्वितीय अवसर प्रदान करेगा।
-
डेफएक्सपो 2022 मौजूदा और संभावित निवेशकों के लिए भारतीय रक्षा उद्योग के अभूतपूर्व विकास का हिस्सा बनने के लिए एक उत्कृष्ट मंच है।
-
प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सरकार ने CSIR और DRDO जैसे संगठनों के लिए लैब टू इंडस्ट्री लिंकेज में सुधार किया है और सशस्त्र बलों के लिए उत्पादों, प्रणालियों, प्रक्रियाओं में उन्नयन एवं नवाचार हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (iDEX) और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड जैसी पहल की शुरुआत की है।
-
रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मानदंडों को स्वचालित मार्ग के माध्यम से 74% तक और सरकारी मार्ग के माध्यम से 100% उदार बनाया गया है और शेयर बाजारों में व्यापार पारदर्शी हो गया है जिससे रक्षा कंपनियों को भी लाभ हुआ है।
-
सरकार ने रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का एक चौथाई हिस्सा उद्योग के नेतृत्व वाले अनुसंधान एवं विकास को समर्पित किया है।
-
उद्योग को बाजार उपलब्ध कराना सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है और घरेलू उद्योग को बाजार तक पहुंच प्रदान करने के लिए काम किया जा रहा है।
-
“रक्षा क्षेत्र में घरेलू उद्योग की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए घरेलू खरीद रक्षा पूंजी अधिग्रहण का 68% आरक्षित किया है, जो लगभग 85,000 करोड़ रुपये है और इसमें से 25% घरेलू निजी उद्योग के लिए आरक्षित किया गया है।”
पृष्ठभूमि:
-
रक्षा मंत्रालय का पहला बड़ा आयोजन ‘इन्वेस्ट फॉर डिफेंस है, जिसका लक्ष्य भारतीय उद्योग के साथ-साथ विदेशी विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं द्वारा देश के रक्षा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना था।
-
इस आयोजन के तहत सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं और रक्षा क्षेत्र में व्यापार करने में आसानी के लिए सरकार द्वारा किए गए नीतिगत सुधारों पर प्रकाश डाला गया है।
-
इस कार्यक्रम ने उद्योग को इस क्षेत्र में निवेश के अवसर और लाभ प्रदान किए हैं तथा इस प्रकार स्वदेशी उत्पादन को अधिकतम बनाने में योगदान दिया है।
-
-
प्रधानमंत्री और संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्रांगण में मिशन लाइफ (LiFE) का शुभारंभ किया:
सामान्य अध्ययन: 3
पर्यावरण:
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और निम्नीकरण।
प्रारंभिक परीक्षा: मिशन लाइफ से सम्बंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: मिशन लाइफ़ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को लोकतांत्रिक बनाता है।टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
-
प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की उपस्थिति में गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निकट मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) का शुभारंभ किया।
उद्देश्य:
-
मिशन लाइफ का उद्देश्य स्थिरता के प्रति हमारे सामूहिक दृष्टिकोण को बदलने के लिए त्रिस्तरीय रणनीति का पालन करना है।
-
पहली रणनीति के तहत, व्यक्तियों को अपने दैनिक जीवन (मांग) में सरल लेकिन पर्यावरण के अनुकूल कार्यों का अभ्यास करने के लिए प्रेरित करना है।
-
दूसरी रणनीति के तहत, उद्योगों और बाजारों को बदलती मांग (आपूर्ति) के लिए तेजी से प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाना है।
-
तीसरी रणनीति के तहत, टिकाऊ खपत तथा उत्पादन (नीति) दोनों का समर्थन करने के लिए सरकार और औद्योगिक नीति पर प्रभाव डालना है।
-
-
COP-26 में प्रधानमंत्री द्वारा पहली बार प्रस्तावित मिशन लाइफ को भारत के नेतृत्व वाले वैश्विक जन आंदोलन के रूप में देखा जाता है।
-
इससे पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक कार्रवाई की प्रेरणा मिलेगी।
विवरण:
-
नीति आयोग, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा गुजरात सरकार ने मिशन लाइफ के शुभारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया है।
-
मिशन लाइफ P-3 मॉडल की अवधारणा को मजबूत करेगा।
-
P-3 का शाब्दिक अर्थ प्रो प्लानेट पीपल है।
-
मिशन लाइफ धरती के लोगों को प्रो प्लेनेट पीपल के तौर पर जोड़ता है, सबको अपने विचार में समाहित कर, एक कर देता है।
-
यह ‘लाइफ स्टाइल ऑफ द प्लानेट, फॉर द प्लेनेट एंड बाय द प्लानेट’ के मूल सिद्धांत पर आधारित है।
-
प्रधानमंत्री ने ‘न्यूनीकरण, पुनर्प्रयोग, पुनर्चक्रण’ और चक्रीय अर्थव्यवस्था की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह हजारों वर्षों से भारतीयों की जीवन-शैली का हिस्सा रही है।
-
जलवायु परिवर्तन सिर्फ सरकारी दायित्व भर नहीं है और इसमें व्यक्तियों, परिवारों तथा समुदायों के योगदान की आवश्यकता है।
-
प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि मिशन लाइफ़ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को लोकतांत्रिक बनाता है।
-
भारत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, जिसे संयुक्त राष्ट्र का समर्थन प्राप्त था।
-
अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 में मनाया जाएगा और यह एक वैश्विक वार्तालाप का विषय बन जाएगा।
-
मिशन लाइफ तभी सफल हो सकता है जब यह दुनिया के हर कोने तक पहुंचे।
-
लाइफ पहल को आवश्यक और आशावादी सच्चाइयों को रेखांकित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
-
हम सभी, व्यक्ति और समुदाय, हमारे ग्रह और हमारे सामूहिक भविष्य की रक्षा के समाधान का हिस्सा बन सकते हैं और होना चाहिए।
-
अत्यधिक उपभोग ही पृथ्वी के तीन संकटों- जलवायु परिवर्तन, जैव-विविधता का नुकसान और प्रदूषण का मूल कारण है।
-
नीति आयोग पहले वर्ष में मिशन लाइफ को क्यूरेट और इनक्यूबेट करेगा, और बाद में इसे वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा लागू किया जाएगा। मिशन 5 वर्ष तक संचालित किया जाएगा।
मिशन लाइफ के बारे में:
-
प्रधानमंत्री द्वारा 1 नवंबर 2021 को ग्लासगो में COP-26 सम्मेलन में लाइफ की अवधारणा को पेश किया गया था।
-
5 जून 2022 को विश्व पर्यावरण दिवस पर भारत ने शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और स्टार्ट-अप को आमंत्रित करते हुए, लाइफ ग्लोबल मूवमेंट शुरू करके लाइफ की परिकल्पना को आगे बढ़ाया।
-
मिशन लाइफ, मिशन-मोड, वैज्ञानिक और मापने योग्य कार्यक्रमों के माध्यम से लाइफ के विचारों और आदर्शों को कार्यान्वित करेगा तथा जलवायु परिवर्तन पर बातचीत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा।
-
मिशन लाइफ़ को 2022 से 2027 की अवधि में कम से कम एक अरब भारतीयों और अन्य वैश्विक नागरिकों को पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक कार्रवाई करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
-
वर्ष 2028 तक भारत के भीतर, सभी गांवों और शहरी स्थानीय निकायों का कम से कम 80 प्रतिशत निकायों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने का लक्ष्य है।
पृष्ठभूमि:
-
वर्तमान में भारत पवन ऊर्जा में चौथे और सौर ऊर्जा में पांचवें स्थान पर हैं। पिछले 7-8 वर्षों में भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता में लगभग 290 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
-
हमने समय-सीमा से 9 साल पहले गैर-जीवाश्म-ईंधन स्रोतों से बिजली क्षमता का 40 प्रतिशत हासिल करने का लक्ष्य भी प्राप्त कर लिया है।
-
हमने पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य भी हासिल किया था और वह भी समय-सीमा से 5 महीने पहले।
-
राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के माध्यम से भारत पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोत की ओर बढ़ा है।
-
इससे भारत और दुनिया के कई देशों को नेट जीरो के अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
-
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- प्रधानमंत्री भर्ती अभियान – रोजगार मेला – का शुभारंभ करेंगे :
-
प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 10 लाख कर्मियों के लिए भर्ती अभियान – रोजगार मेला – का शुभारंभ करेंगे। समारोह के दौरान 75,000 नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे।
-
युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने और नागरिकों का कल्याण सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
-
देश भर से चयनित नए कर्मियों को भारत सरकार के 38 मंत्रालयों/विभागों में नियुक्त किया जायेगा।
-
नवनियुक्त कर्मी विभिन्न स्तरों पर सरकार में शामिल होंगे, जैसे समूह-ए, समूह-बी (राजपत्रित), समूह-बी (अराजपत्रित) और समूह-सी।
-
जिन पदों पर नियुक्तियां की जा रही हैं, उनमें केंद्रीय सशस्त्र बल कार्मिक, उप निरीक्षक, कांस्टेबल, एलडीसी, स्टेनो, पीए, आयकर निरीक्षक, एमटीएस तथा अन्य शामिल हैं।
-
ये भर्तियां, मंत्रालयों और विभागों द्वारा मिशन मोड में या तो स्वयं या UPSC, SSC, रेलवे भर्ती बोर्ड जैसी भर्ती एजेंसियों के माध्यम से की जा रही हैं।
-
शीघ्र भर्ती के लिए, चयन प्रक्रियाओं को सरल और तकनीकी रूप से सक्षम बनाया गया है।
-
- विशेष अभियान 2.0 : स्वच्छता और सुशासन का मार्ग प्रशस्त करने का कदम:
-
भारत सरकार ने 2 अक्टूबर 2022 को विशेष अभियान 2.0 शुरू किया था। श्रम और रोजगार मंत्रालय के सभी संगठनों द्वारा यह अभियान चलाया जा रहा है।
-
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सरकारी कार्यालयों और मंत्रालयों में लंबित मामलों का निपटारा सुनिश्चित करना है।
-
इसके अलावा, इसमें आंतरिक निगरानी तंत्र को मजबूत करना और बेहतर रिकॉर्ड प्रबंधन के लिए अधिकारियों को रिकॉर्ड प्रबंधन और वास्तविक रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के कार्य में प्रशिक्षित करना शामिल है।
-
विशेष अभियान 2.0 दो चरणों में चलाया जा रहा है- तैयारी चरण: 14 सितम्बर 2022 से लेकर 30 सितम्बर 2022 तक और कार्यान्वयन चरण: 2 अक्टूबर 2022 से लेकर 31 अक्टूबर 2022 तक।
-
अभियान 2.0 के तहत फोकस क्षेत्रों में संसद के निर्देश, राज्य सरकारों के निर्देश, अंतर-मंत्रालयी निर्देश, संसदीय आश्वासन, प्रधानमंत्री कार्यलय के निर्देश, इससे जुड़ी लोक शिकायत एवं अपील, रिकॉर्ड प्रबंधन और अनुपालन बोझ को कम करने तथा नागरिकों के लिए जीवन जीने में आसानी (ईज ऑफ लिविंग) को बढ़ावा देने हेतु मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं की समीक्षा शामिल है।
-
- “काशी तमिल संगमम”:
-
भारतीय भाषा समिति (BBS) ने तमिल संस्कृति और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों को फिर से खोजने, मजबूत करने और सेलिब्रेट करने के लिए “काशी तमिल संगमम” प्रस्ताव पेश किया है।
-
16 नवंबर से 19 दिसंबर, 2022 तक वाराणसी (काशी) में एक महीने तक चलने वाले “काशी तमिल संगमम” का आयोजन किया जाना है।
-
इस दौरान भारतीय संस्कृति की इन दो प्राचीन अभिव्यक्तियों के विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञों/विद्वानों के बीच अकादमिक आदान-प्रदान- सेमिनार, चर्चा आदि आयोजित किए जाएंगे जहां दोनों के बीच संबंधों और साझा मूल्यों को आगे लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
-
इसका व्यापक उद्देश्य ज्ञान और संस्कृति की इन दो परंपराओं को करीब लाना, हमारी साझा विरासत की एक समझ निर्मित करना और इन क्षेत्रों के लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों को मजबूत करना है।
-
ज्ञान और संस्कृति के दो ऐतिहासिक केंद्रों के माध्यम से भारत की सभ्यतागत संपदा में एकता को समझने के लिए काशी-तमिल संगमम एक आदर्श मंच साबित होगा।
-
“एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की समग्र रूपरेखा और भावना के तहत आयोजित किया जाने वाला यह संगमम प्राचीन भारत और समकालीन पीढ़ी के बीच एक सेतु का निर्माण करेगा।
-
काशी संगमम ज्ञान, संस्कृति और विरासत के इन दो प्राचीन केंद्रों के बीच की कड़ी को फिर से जोड़ेगा।
-
काशी-तमिल संगमम ज्ञान के विभिन्न पहलुओं- साहित्य, प्राचीन ग्रंथों, दर्शन, आध्यात्मिकता, संगीत, नृत्य, नाटक, योग, आयुर्वेद, हथकरघा, हस्तशिल्प के साथ-साथ आधुनिक नवाचार, व्यापारिक आदान-प्रदान, एजुटेक एवं अगली पीढ़ी की अन्य प्रौद्योगिकी आदि जैसे विषयों पर केंद्रित होगा।
-
20 अक्टूबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 19 अक्टूबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें। सम्बंधित लिंक्स:
Comments