22 अप्रैल 2022 : PIB विश्लेषण
विषय सूची:
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- CEC के नेतृत्व में ECI प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण अफ्रीका और मॉरीशस का दौरा किया
सामान्य अध्ययन: 2
राजव्यवस्था:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा क्रियान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: CEC और ECI की विभिन्न पहल और उनका प्रभाव
प्रसंग:
- भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त(CEC) के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग (ECI) के एक प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण अफ्रीका और मॉरीशस का दौरा किया।
विवरण:
- यात्रा के दौरान, दक्षिण अफ्रीका और मॉरीशस के निर्वाचन आयोग के साथ बैठकों के अलावा दोनों देशों के एनआरआई समुदाय के साथ भी वार्ता हुई। भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान, CEC ने उनसे विदेशी मतदाताओं के रूप में पंजीकरण करने का आग्रह किया क्योंकि वर्तमान संख्या बहुत कम है। उन्होंने सदस्यों से कहा कि विदेशी मतदाताओं के लिए इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ETPBS) की सुविधा के विस्तार पर विचार किया जा रहा है।
- इस यात्रा का एक प्रमुख आकर्षण ECI, दक्षिण अफ्रीका के चुनाव आयोग के चेयरमैन और एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (AWEB) के महासचिव के बीच प्रिटोरिया में आयोजित त्रिपक्षीय बैठक का दुर्लभ अवसर था। भारत वर्तमान में AWEB का अध्यक्ष और दक्षिण अफ्रीका उपाध्यक्ष है, जो विश्व के 118 निर्वाचन प्रबंधन संस्थानों (EMB) का सबसे बड़ा समूह है। भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों ही इस संगठन के संस्थापक सदस्य हैं।
- AWEB अपने सदस्यों के बीच ज्ञान और सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है। बैठक के दौरान, यह स्वीकार किया गया कि इस मुख्य संगठन में बहुत सारे अनुभव और विशेषज्ञता वाले निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (EMB) हैं जो उन EMB को सहायता और सलाह दे सकते हैं जो भविष्य में अपनी व्यवस्था के विकास और उन्नयन का प्रयास कर रहे हैं।
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ने AWEB को पुनः स्थापित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए इस संस्थान को और मजबूत करने के लिए तीन क्षेत्रों पर जोर देने को कहा। पहला, AWEB को चुनाव प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के लिए मानक प्रोटोकॉल स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए, जिसे AWEB वैश्विक मानक के रूप में जाना जाएगा और EMB को इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करने में मदद करेगा। दूसरा, क्षेत्रीय विषयगत शिखर सम्मेलनों के माध्यम से सदस्यों के बीच बातचीत को बढ़ाना, AWEB कैलेंडर की महत्वपूर्ण तिथियों पर जश्न मनाना जैसे कि भारत के राष्ट्रीय मतदाता दिवस की तर्ज पर इसका स्थापना दिवस और AWEB के लिए वार्षिक गतिविधियों का कैलेंडर तैयार करना। तीसरा, सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण को साझा करने में तेजी लाना। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM ) में AWEB सदस्यों के लिए विशिष्ट रूप से निर्मित कार्यक्रमों सहित अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर सकता है।
प्रवासी भारतीयों के साथ बैठक
- दोनों देशों की यात्रा के दौरान, केपटाउन ; जोहान्सबर्ग और पोर्ट लुई में एनआरआई समुदाय के साथ बातचीत का आयोजन किया गया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त(CEC) ने प्रवासी भारतीयों के साथ चुनाव कराने के भारतीय अनुभव को साझा किया। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत एक मिलियन से अधिक मतदान केंद्र पर 950 मिलियन से अधिक मतदाताओं के लिए चुनाव में भागीदारी की व्यवस्था करता है। पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय चुनावों ने चुनावों को समावेशी और सुलभ बनाने की दिशा में लगातार प्रगति की है जिससे भारतीय चुनावों में महिलाओं, दिव्यांग व्यक्तियों और वरिष्ठ नागरिकों की भागीदारी बढ़ी है।
- उन्होंने कहा कि भारत जैसे भाषाई, भौगोलिक विविधता वाले देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और सहभागी चुनाव कराने की यह उल्लेखनीय उपलब्धि मजबूत चुनाव प्रबंधन प्रथाओं का परिणाम है जिसमें सी-विजिल, एसवीईईपी के जरिए मतदाता शिक्षा, ईवीएम-वीवीपैट का उपयोग, सभी महिला प्रबंधित मतदान केंद्र, एकल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एकल एकीकृत मतदाता सूची, केन्द्रीय पर्यवेक्षकों की तैनाती और मजबूत व्यय निगरानी तंत्र जैसे अनुप्रयोगों के माध्यम से मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग शामिल है।
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त(CEC) ने पिछले कुछ महीनों में किए गए नए चुनाव सुधारों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें मतदाता के पात्र नागरिकों का वर्ष में एक बार पंजीकरण करने की तुलना में वर्ष में चार तिथियों पर पंजीकरण, मतदाता सूची और आधार डेटा को जोड़ने और मतदाताओं की नई श्रेणियों यानी 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, पीडब्ल्यूडी और कोविड प्रभावित व्यक्तियों के लिए डाक मतपत्र के विस्तार की सुविधा प्रदान करना शामिल है।
- कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (NRDC) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय: भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
प्रारंभिक परीक्षा: एपीडा,राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (NRDC)।
मुख्य परीक्षा:कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) एवं राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (NRDC) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर से उत्पन्न प्रभाव
प्रसंग:
- कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने निर्यात मूल्य श्रृंखला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (NRDC) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
उद्देश्य:
- इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य निर्यात के लिए अवशेष/कार्बन मुक्त भोजन का उत्पादन करने के लिए शून्य कार्बन उत्सर्जन खेती से संबंधित जलवायु-अनुकूल कृषि के क्षेत्रों में एपीडा के साथ संयुक्त रूप से प्रौद्योगिकियों को शामिल करना और उनका प्रसार करना है।
विवरण:
- इस समझौता ज्ञापन के अनुरूप दोनों संगठन कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मूल्य श्रृंखला के विभिन्न स्तरों पर कृषि और खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित अंतर्निहित प्रौद्योगिकी के व्यवसायीकरण हेतु परियोजनाओं में सहयोग करेंगे।
- इसके तहत सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में कम लागत के लिए कृषि मशीनरी का विकास व सुधार, छोटे स्तर के किसानों के लिए उपयोगकर्ता अनुकूल व ऊर्जा कुशल उपकरण, एनआरडीसी इनक्यूबेशन केंद्र से संबंधित एग्री स्टार्टअप को बढ़ावा देना व उनकी सहायता करना, जिससे कृषि-निर्यात में जुड़ाव और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत किया जा सके और एक-दूसरे के साथ ज्ञान साझा करने के लिए NRDC/APEDA के विशेषज्ञों को मनोनीत करना शामिल हैं।
- राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (NRDC), भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान विभाग (DSIR) का एक उद्यम है। इसकी स्थापना 1953 में हुई थी। इसका प्राथमिक उद्देश्य प्रौद्योगिकियों, तकनीकी जानकारी, आविष्कारों और पेटेंटों को बढ़ावा देना, विकसित करना और उनका व्यवसायीकरण करना है।
- कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवर व विशिष्ट विशेषज्ञता वाले कई संगठनों और संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसके तहत सहयोग के संभावित क्षेत्रों में विभिन्न हितधारकों की क्षमता निर्माण व कृषि के विकास के लिए कुछ चिह्नित हस्तक्षेपों को संबोधित करने के लिए समाधान प्रदान करना और 2018 में भारत सरकार की घोषित कृषि निर्यात नीति (AEP) के तहत निर्धारित उद्देश्यों के अनुरूप इसके निर्यात में बढ़ोतरी शामिल है।
- कृषि निर्यात नीति को कृषि निर्यात उन्मुख उत्पादन, निर्यात प्रोत्साहन, किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्ति और भारत सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों के अनुरूप बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ तैयार किया गया था। यह मूल्य श्रृंखला में हानि को कम करने में सहायता करने के लिए स्रोत पर ही कीमत में बढ़ोतरी के माध्यम से बेहतर आय के लिए “किसान केंद्रित दृष्टिकोण” पर आधारित है।
- यह नीति देश के विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में आपूर्ति से संबंधित कई मुद्दों से निपटने में सहायता करने के लिए उत्पाद-विशिष्ट समूहों के विकास के दृष्टिकोण को अपनाने पर भी अपना ध्यान केंद्रित करती है। इन मुद्दों में मृदा पोषक तत्वों का प्रबंधन, उच्च उत्पादकता, बाजारोन्मुख किस्म की फसल को अपनाना और बेहतर कृषि पद्धतियों का उपयोग आदि शामिल हैं।
- खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) को ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना के लिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता हेतु प्रधानमंत्री पुरस्कार-2020 प्रदान किया गया
सामान्य अध्ययन: 2
राजव्यवस्था:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
मुख्य परीक्षा: वन नेशन वन राशन कार्ड योजना और उसका प्रभाव।
प्रसंग:
- खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) को ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ (ONORC) योजना के लिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता हेतु प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री पुरस्कार-2020 मिला।
उद्देश्य:
- इस योजना के अंतर्गत अब देश का कोई भी नागरिक देश की किसी भी राज्य की फेयर प्राइस शॉप से राशन खरीद सकेगा। इसके लिए उन्हें उस राज्य का राशन कार्ड बनवाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वह एक ही राशन कार्ड से देश की किसी भी फेयर प्राइस शॉप से राशन खरीद पाएंगे।
विवरण:
- वन नेशन वन राशन कार्ड योजना एक देशव्यापी नवाचार है, जो सभी NFSA लाभार्थियों को और विशेष रूप से प्रवासी लाभार्थियों को निर्बाध तरीके से बायोमेट्रिक/आधार प्रमाणीकरण के साथ मौजूदा राशन कार्ड के माध्यम से देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (FPS) से पूर्ण या आंशिक खाद्यान्न को प्राप्त करने की अनुमति देता है। यह प्रणाली घर में मौजूद परिवार के सदस्यों, यदि कोई हो तो, उसी राशन कार्ड पर बकाया खाद्यान्न को प्राप्त करने की अनुमति प्रदान करती है।
- विभाग ONORC डेटाबेस के लिए अन्य मंत्रालयों एवं विभागों जैसे कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA), आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA), श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (MOLE) तथा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (DOFW) आदि के साथ भी सहयोग कर रहा है, जिससे नागरिक केंद्रित विभिन्न सरकारी योजनाओं की पहुंच को देश भर में और अधिक विस्तारित किया जा सके।
- अगस्त 2019 में ONORC को प्रारंभ में 4 राज्यों से शुरू किया गया था तथा इस योजना को दिसंबर 2020 तक 32 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया। तब से, ONORC योजना चरणबद्ध तरीके से वर्तमान में देश के करीब 77 करोड़ लाभार्थियों (एनएफएसए की आबादी का लगभग 96.8%) को कवर करते हुए फरवरी 2022 तक 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जारी है।
- ONORC को कोविड-19 महामारी के दौरान, विशेष रूप से प्रवासियों और एनएफएसए लाभार्थियों के लिए खाद्य सब्सिडी को पोर्टेबल बना दिया गया, जिससे उन सभी लोगों को लॉकडाउन की अवधि के दौरान देश में लगभग 5 लाख उचित मूल्य की दुकानों में से किसी भी दुकान से बड़ी आसानी और सुगमता के साथ रियायती खाद्यान्न का लाभ उठाने की सुविधा मिली है।
- अगस्त 2019 में ONORC योजना के शुरू होने के बाद से, अब तक राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 65 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी ट्रांजेक्शन दर्ज किए गए हैं और खाद्य सब्सिडी में अंतर्राज्यीय एवं राज्यान्तरिक पोर्टेबिलिटी ट्रांजेक्शन दोनों के माध्यम से लगभग 36,000 करोड़ रुपये मूल्य के लगभग 121 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया गया है। वर्तमान में एक प्रमुख सूचक के रूप में, ONORC के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 2.7 करोड़ पोर्टेबिलिटी पोर्टेबिलिटी (नियमित एनएफएसए और पीएम-जीकेएवाई खाद्यान्न आदान-प्रदान सहित) का मासिक औसत दर्ज किया जा रहा है। कोविड-19 की अवधि (अप्रैल 2020 से अब तक) के दौरान लाभार्थियों द्वारा काफी बड़ी संख्या में लगभग 58 करोड़ पोर्टेबिलिटी ट्रांजेक्शन किए गए हैं।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- पूर्वोत्तर राज्यों में इंटरनेट सेवाओं को मजबूत करने के लिए अगरतला में एक अतिरिक्त 10GBPS अंतर्राष्ट्रीय बैंडविड्थ की शुरुआत
- मेघालय और देश के अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में उच्च गुणवत्ता एवं उच्च गति वाले इंटरनेट तक लोगों की पहुंच सुलभ कराने के लिए बीएसएनएल ने कॉक्स बाजार, बांग्लादेश के माध्यम से अगरतला में इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए एक अतिरिक्त 10 GBPS अंतर्राष्ट्रीय बैंडविड्थ की शुरुआत की है। इससे इंटरनेट ट्रैफिक में विलंबता को कम करने में मदद मिलेगी।
- हाई स्पीड इंटरनेट तक पहुंच सुलभ हो जाने से पूर्वोत्तर राज्यों में व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए सॉफ्टवेयर पार्क और हाई स्पीड डेटा सेंटर स्थापित करने में मदद मिलेगी। इससे विभिन्न ई-सेवाओं जैसे कि ई-गवर्नेंस, ई-शिक्षा, ई-स्वास्थ्य, ई-कॉमर्स, ई-बैंकिंग, इत्यादि तक नागरिकों की पहुंच संभव हो जाएगी जिससे ये लाभान्वित होंगे। इसके साथ ही इससे इन राज्यों में कुल रोजगार और पर्यटन में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
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