विषयसूची:
|
---|
22 April 2024 Hindi PIB
Download PDF Here
1. ‘अकाउंट मैनेजर सॉफ्टवेयर’:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां;देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
प्रारंभिक परीक्षा: वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)।
मुख्य परीक्षा:’अकाउंट मैनेजर सॉफ्टवेयर’ की महत्ता।
प्रसंग:
- वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने वित्तीय प्रबंधन के लिए स्वनिर्मित ‘अकाउंट मैनेजर सॉफ्टवेयर’ को सफलतापूर्वक अमल में लाकर देश के अन्य सभी केंद्रीय स्वायत्त संस्थानों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
उद्देश्य:
- इस सीएसआईआर सॉफ्टवेयर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक इसकी वास्तविक समय की निगरानी क्षमता है, जो उपयोगकर्ताओं को वास्तविक समय में वित्तीय गतिविधियों की निगरानी करने की अनुमति देती है।
विवरण:
- सीएसआईआर ने 1 अप्रैल 2024 को, 30 जून की सामान्य वित्तीय नियम (जीएफआर) की समय सीमा से काफी पहले, वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपना वार्षिक लेखा-जोखा तैयार कर लिया था।
-
इस्तेमाल में आसानी के लिए डिज़ाइन किए गए सहज इंटरफ़ेस के साथ, इस सॉफ़्टवेयर के उपयोगकर्ता बहुत सरलता से वित्तीय डेटा को इनपुट, ट्रैक और नियंत्रित कर सकते हैं।
- इसके अतिरिक्त, यह व्यापक वित्तीय रिपोर्ट, बैलेंस शीट, आय व व्यय के विवरण और अन्य प्रासंगिक विश्लेषण तैयार करता है, जो सीएसआईआर को सुविचारित निर्णय लेने के लिए कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि के साथ सशक्त बनाता है।
- यह सॉफ्टवेयर भूमिका-आधारित पहुंच के जरिए से डेटा सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
- यह समय पर हस्तक्षेप करने और बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।
- यह सॉफ्टवेयर अद्वितीय दक्षता के साथ सीएसआईआर के भीतर वित्तीय लेनदेन, लेखांकन और रिपोर्टिंग को सुव्यवस्थित और प्रबंधित करने में मदद करता है।
- यह वित्तीय डेटा के प्रबंधन को बहुत आसान बनाता है और हर प्रक्रिया में पारदर्शिता व सटीकता को सुनिश्चित करता है।
- वित्तीय कार्यप्रणालियों को मानकीकृत करके, दक्षता में सुधार करके और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में बेहतर वित्तीय नियंत्रण को सक्षम करके, इस सॉफ्टवेयर ने वित्तीय प्रबंधन का एक नया युग प्रारंभ किया है, जो अपने सभी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों, पारिवारिक पेंशनभोगियों और परियोजना कर्मचारियों के एक जटिल नेटवर्क को संभालता है।
2. राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस: 24 अप्रैल
सामान्य अध्ययन: 2
राजव्यवस्था:
विषय: भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार,विकास,विशेषताएँ संशोधन,महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
प्रारंभिक परीक्षा: ई-गवर्नेंस पहल,भारत में सतत विकास लक्ष्य (एलएसडीजी)।
मुख्य परीक्षा: भारत में पंचायती राजव्यवस्था पर एक लेख लिखिए।73वें संवैधानिक संशोधन के निहितार्थ।
प्रसंग:
- पंचायती राज मंत्रालय राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के उपलक्ष्य में 24 अप्रैल, 2024 को”73वें संवैधानिक संशोधन के तीन दशकों के बाद आधारभूत स्तर पर शासन” विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है।
उद्देश्य:
- आधारभूत स्तर पर शासन पर होने वाली राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी एंड पीआर) के अधिकारियों, राज्य ग्रामीण विकास संस्थान और पंचायती राज (एसआईआरडी एंड पीआर) के संकाय सदस्यों, शिक्षाविदों, विषय वस्तु विशेषज्ञों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रतिनिधियों और नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) सहित हितधारकों के बीच संवाद और सहयोग की सुविधा प्रदान करना है।
- चर्चा के मुख्य विषयों में सार्वजनिक सेवा वितरण को बदलने में डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका, पंचायत प्रशासन को बदलने के उद्देश्य से पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) की पहल और विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की डिजिटल प्रशासन पहलों का सम्मिलन शामिल होगा।
विवरण:
- डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में पंचायती राज मंत्रालय के चल रहे प्रयास स्मार्ट पंचायतों की अवधारणा और परिकल्पना को साकार करने के इसके मिशन की नींव तैयार करते हैं।
- मंत्रालय मजबूत ई-गवर्नेंस पहल के माध्यम से, जमीनी स्तर पर शासन में पारदर्शिता, दक्षता और लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- डिजिटल रणनीतियों के सार्थक कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चल रहे हैं।
- मंत्रालय राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझेदारी के माध्यम से नागरिकों को संवेदनशील बना रहा है और उन्हें जमीनी स्तर पर शासन में शामिल कर रहा है।
- सरकार के तीसरे स्तर और केंद्र सरकार और ग्रामीण समुदायों के बीच प्राथमिक क्षेत्र के रूप में, पंचायतें ग्रामीण भारत में जीवन में सुगमता और व्यवसाय करने में आसानी को प्रोत्साहन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- मंत्रालय की डिजिटल पहल आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन प्रदान करने, स्थायी आजीविका बनाने, समावेशी विकास का समर्थन करने और देश भर में ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण को आगे बढ़ाने में सहायक है।
पृष्ठ्भूमि:
- संविधान (73वां संशोधन) अधिनियम, 1992 के अधिनियमन 24 अप्रैल, 1993 को लागू हुआ था, इस उपलब्धि को चिह्नित करते हुए पंचायती राज मंत्रालय प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (एनपीआरडी) पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाता है।
- जमीनी स्तर पर शासन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह संविधान (73वें संशोधन) अधिनियम के तीन दशकों और पंचायती राज मंत्रालय के निर्माण के दो दशकों के साथ मेल खाती है।
- पंचायती राज मंत्रालय जमीनी स्तर पर शासन को सशक्त बनाने और नवीन पहलों और डिजिटल हस्तक्षेपों के माध्यम से ग्रामीण भारत में सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) पर प्रगति में तेजी लाने के लिए समर्पित है।
3. विश्व का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र: सियाचिन
सामान्य अध्ययन: 3
सुरक्षा:
विषय: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन।
प्रारंभिक परीक्षा: विश्व का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र सियाचिन।
प्रसंग:
- केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 22 अप्रैल, 2024 को सुरक्षा स्थिति का प्रत्यक्ष आकलन करने के लिए विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन का दौरा किया और विपरीत मौसम और दुर्गम क्षेत्र की परिस्थितियों में तैनात सैनिकों से भी बातचीत की।
उद्देश्य:
- एरियल सर्वेक्षण के पश्चात, रक्षा मंत्री 15,100 फीट की ऊंचाई पर एक अग्रिम चौकी पर उतरे और उन्हें सियाचिन ग्लेशियर में परिचालन तैयारी और वर्तमान सुरक्षा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
- उन्होंने जमीनी स्तर पर कमांडरों के साथ परिचालन चुनौतियों से जुड़े पहलुओं पर भी विचार-विर्मश किया।
विवरण:
-
श्री सिंह ने कहा कि सियाचिन कोई आम जगह नहीं है, बल्कि उन्होंने इसे भारत की संप्रभुता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बताया।
- जैसे दिल्ली भारत की राष्ट्रीय राजधानी है, मुंबई वित्तीय राजधानी है, बेंगलुरु प्रौद्योगिकी राजधानी है, उसी तरह, सियाचिन साहस, दृढ़ निश्चय और संकल्प की राजधानी है।
- हाल ही में, देश ने ऑपरेशन मेघदूत की सफलता की 40वीं वर्षगांठ मनाई। श्री सिंह ने 13 अप्रैल, 1984 को भारतीय सेना द्वारा सियाचिन में शुरू किये गये इस ऑपरेशन को देश के सैन्य इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय बताया। उन्होंने कहा, ”ऑपरेशन मेघदूत की कामयाबी हम सभी के लिए गर्व की बात है।”
- इस अवसर पर, रक्षा मंत्री ने मातृभूमि की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में सियाचिन युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
- लेह से रक्षा मंत्री ने सियाचिन में तैनात सैनिकों से फोन पर बात की थी और उन्हें बताया कि वह जल्द ही विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र का दौरा करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. डीएआरपीजी का कंबोडिया के सिविल सेवा मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर:
- कार्मिक, लोक प्रशासन और पेंशन मंत्रालय के तहत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने सिविल सेवा में मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में सहयोग के लिए सिविल सेवा मंत्रालय, कंबोडिया के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
- यह एमओयू अगले 5 वर्षों के दौरान सिविल सेवा में मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में भारत और कंबोडिया के बीच सौहार्दपूर्ण एवं मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूती देगा।
- समझौता ज्ञापन सिविल सेवा में मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आदान-प्रदान एवं सहयोग को मजबूत करने और बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा तथा साथ ही भारत की कार्मिक प्रशासन एजेंसियों और किंगडम ऑफ कंबोडिया के सिविल सेवा मंत्रालय की एजेंसियों के बीच संवाद की सुविधा भी प्रदान करेगा।
- ऐसा प्रशासनिक सुधारों, सुशासन संबंधी वेबिनार, शोध प्रकाशनों, संस्थागत आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और सुशासन के तौर-तरीकों को एक दूसरे के यहां लागू किए जाने पर केंद्रित यात्राओं के माध्यम से किया जाएगा।
- वर्तमान में, भारत में जारी अमृत काल के उत्सव के साथ, सरकार नागरिकों और सरकार के बीच की खाई को पाटकर अगली पीढ़ी के प्रशासनिक सुधारों को अपनाने के लिए व्यापक रूप से प्रतिबद्ध है।
- सरकार का नीति वाक्य “अधिकतम शासन-न्यूनतम सरकार” है जो “डिजिटल रूप से सशक्त नागरिक और डिजिटल रूप से परिवर्तित संस्थान” की परिकल्पना करता है।
- 2023-24 में, कंबोडिया के 156 सिविल सेवकों ने राष्ट्रीय सुशासन केंद्र में हुए 4 क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में भाग लिया।
- 2024-25 के लिए, कंबोडिया के 240 सिविल सेवकों के लिए 6 क्षमता निर्माण कार्यक्रम होना प्रस्तावित है।
- भारत एमओयू के सभी प्रावधानों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
2. एएफएमएस और आईआईटी दिल्ली ने सहयोगात्मक अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:
- सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) ने 22 अप्रैल 2024 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
- इस समझौता ज्ञापन के दायरे में नवीन चिकित्सा उपकरणों को विकसित करने के लिए अनुसंधान और नवाचार करना तथा विभिन्न इलाकों में सेवारत सैनिकों से संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों को हल करने पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।
- आईआईटी दिल्ली के पास एक मजबूत बायोमेडिकल अनुसंधान इको-सिस्टम है, जो सशस्त्र बलों में सामना की जाने वाली विविध चिकित्सा चुनौतियों में अनुसंधान के लिए आवश्यक तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए आदर्श है, जिसमें दिव्यांगों का पुनर्वास भी शामिल है।
- इस समझौता ज्ञापन के दायरे में, फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम, संयुक्त शैक्षणिक गतिविधियों और संयुक्त पीएचडी कार्यक्रमों को विकसित करने की भी योजना बनाई जाएगी।
3. भारत के राष्ट्रपति ने पद्म पुरस्कार 2024 प्रदान किए:
- भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 22 अप्रैल, 2024 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह-I में भारत के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में वर्ष 2024 के लिए पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए।
- पद्म पुरस्कार विजेताओं की सूची एवं सम्बन्धित अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:https://byjus.com/free-ias-prep/interesting-facts-about-padma-awards/
Comments