विषयसूची:
1. संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच निवेश प्रोत्साहन समझौता:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े समझौते या भारत के हितों को प्रभावित करना।
प्रारंभिक परीक्षा: निवेश प्रोत्साहन समझौता (आईआईए) ।
मुख्य परीक्षा: इस निवेश प्रोत्साहन समझौते पर हस्ताक्षर होने से भारत में डीएफसी द्वारा प्रदान की जाने वाली निवेश सहायता में किस प्रकार वृद्धि होगी ?
प्रसंग:
- भारत और अमरीका ने 23 मई को टोक्यो, जापान में एक निवेश प्रोत्साहन समझौते (आईआईए) पर हस्ताक्षर किए।
उद्देश्य:
- इस निवेश प्रोत्साहन समझौते पर हस्ताक्षर होने से भारत में डीएफसी द्वारा प्रदान की जाने वाली निवेश सहायता में वृद्धि होगी जिससे भारत के विकास में और अधिक मदद मिलेगी।
विवरण:
- यह निवेश प्रोत्साहन समझौता (आईआईए) वर्ष 1997 में भारत सरकार और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच हस्ताक्षरित निवेश प्रोत्साहन समझौते का स्थान लेगा।
- पूर्व में, 1997 में निवेश प्रोत्साहन समझौते (आईआईए) पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से महत्वपूर्ण प्रगति हुई हैं जिसमें डीएफसी नाम की एक नई एजेंसी का गठन भी शामिल है।
- डीएफसी संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की एक विकास वित्त एजेंसी है और इसका गठन संयुक्त राज्य अमेरिका के हालिया कानून, बिल्ड एक्ट 2018, के अधिनियमन के बाद पूर्ववर्ती विदेशी निजी निवेश निगम (ओपीआईसी) की उत्तराधिकारी एजेंसी के रूप में हुआ है।
- ऋण, इक्विटी निवेश, निवेश गारंटी, निवेश बीमा या पुनर्बीमा, संभावित परियोजनाओं एवं अनुदानों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन जैसे डीएफसी द्वारा प्रस्तावित अतिरिक्त निवेश सहायता कार्यक्रमों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए इस निवेश प्रोत्साहन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- भारत में निवेश सहायता प्रदान करना जारी रखने के लिए डीएफसी के लिए समझौता कानूनी आवश्यकता है।
- डीएफसी या उनकी पूर्ववर्ती एजेंसियां भारत में 1974 से सक्रिय है और अब तक 5.8 बिलियन डॉलर की निवेश सहायता प्रदान कर चुकी हैं, जिसमें से 2.9 बिलियन डॉलर अभी भी बकाया है।
- डीएफसी के पास भारत में निवेश सहायता प्रदान करने के लिए 4 बिलियन डॉलर का प्रस्ताव विचाराधीन है।
- डीएफसी ने उन क्षेत्रों में निवेश सहायता प्रदान की है जो विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं जैसे कि कोविड-19 वैक्सीन का निर्माण, सम्पूर्ण स्वास्थ्य संबंधी वित्तपोषण, नवीकरणीय ऊर्जा, एसएमई वित्तपोषण, वित्तीय समावेशन, बुनियादी ढांचा आदि।
2. भारत-कनाडा के बीच नवीनीकृत समझौता ज्ञापन:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े समझौते या भारत के हितों को प्रभावित करना।
प्रारंभिक परीक्षा: भारत-कनाडा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग।
मुख्य परीक्षा: भारत-कनाडा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग भारत के हितों को किस प्रकार प्रभावित करते हैं ?
प्रसंग:
- ओटावा में हुई 7वीं भारत-कनाडा संयुक्त विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग समिति (जेएसटीसीसी) की बैठक में दो समझौता ज्ञापनों का नवीनीकरण किया गया, जिसमें नए क्षेत्रों के लिए प्राथमिकताएं निर्धारित की गईं।
उद्देश्य:
- नवीनीकृत समझौता ज्ञापन भारत-कनाडा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग की नई रणनीतिक दिशा को स्पष्ट करते हैं।
विवरण:
- भारत और कनाडा के बीच 2005 में किए गए समझौते के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्राकृतिक विज्ञान और इंजीनियरिंग रिसर्च काउंसिल ऑफ कनाडा (एनएसईआरसी) तथा नेशनल रिसर्च काउंसिल कनाडा (एनआरसी) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
- दोनों देशों के बीच सहयोग के मुख्य क्षेत्रों में राष्ट्रीय मिशन, क्वांटम कंप्यूटिंग, एआई, साइबर-फिजिकल सिस्टम आदि हैं।
- साथ ही बड़ी संख्या में भारतीय छात्र कनाडा के विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं और एमओयू के नवीनीकरण से दोनों देशों के बीच विचारों और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान में तेजी लाने में मदद मिलेगी।
- भारत और कनाडा को मजबूत द्विपक्षीय संबंधों से लाभ मिलेगा इसलिए दोनों देश संबंधों को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार इनके संबंधों के प्रमुख स्तंभ हैं।
- बैठक से भारतीय गणराज्य की सरकार और कनाडा सरकार के बीच वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग के लिए 2005 के समझौते के कार्यान्वयन के लिए नए सिरे से रणनीतिक दिशा को स्पष्ट करने का अवसर मिला।
- समझौते की शर्तों के तहत संयुक्त विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग समिति, सैद्धांतिक रूप में, कनाडा और भारतीय के शोधकर्ताओं एवं नवोन्मेषकों के बीच चल रहे सहयोग की समीक्षा करने के लिए प्रत्येक 2 साल में बैठक करती है और कृषि, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य विज्ञान तथा संबंधित प्रौद्योगिकियां, स्वच्छ प्रौद्योगिकियां और पर्यावरण अनुसंधान, समुद्री तथा ध्रुवीय अनुसंधान, क्वांटम और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एव मानव क्षमता विकास तथा रिसर्च मॉबिलिटी जैसे विभिन्न नये क्षेत्रों में अगली अवधि के लिए प्राथमिकताएं निर्धारित करती है।
- दोनों देश 2022-2024 के लिए द्विपक्षीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) सहयोग को लेकर मुख्य प्राथमिकताओं की प्रगति की निगरानी जारी रखने पर सहमत हुए।
3. इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) के बारे में विचार-विमर्श:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े समझौते या भारत के हितों को प्रभावित करना।
प्रारंभिक परीक्षा: इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ)।
मुख्य परीक्षा:आईपीईएफ की स्थापना भागीदारी देशों के बीच आर्थिक सम्पर्क को मजबूत बनाने,निरंतर विकास, शांति और समृद्धि के लिए किस प्रकार बहुत महत्वपूर्ण है ?
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री ने 23 मई को टोक्यो में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) कार्यक्रम में भाग लिया।
उद्देश्य:
- इस कार्यक्रम में अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर. बाइडेन और जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो भी शामिल हुए।
- इसके साथ-साथ अन्य भागीदारी देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, इंडोनेशिया, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के नेताओं की वर्चुअल उपस्थिति रही।
विवरण:
- एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया जिसमें आईपीईएफ में प्रस्तावित प्रमुख तत्वों पर प्रकाश डाला गया है।
- आईपीईएफ हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में लचीलापन, स्थिरता, समग्रता, आर्थिक विकास, निष्पक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के उद्देश्य से भागीदार देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को मजबूत बनाना चाहता है।
- लॉन्च कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आईपीईएफ की घोषणा हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को वैश्विक आर्थिक प्रगति का वाहक बनाने की सामूहिक इच्छा की घोषणा है।
- भारत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में ऐतिहासिक रूप से व्यापार प्रवाह का केंद्र रहा है और गुजरात के लोथल में दुनिया का सबसे पुराना वाणिज्यिक बंदरगाह स्थित है।
- प्रधानमंत्री ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए साझा और रचनात्मक समाधान तलाशने का आह्वान किया।
- उन्होंने आईपीईएफ के लिए सभी हिन्द-प्रशांत देशों के साथ मिलकर काम करने की भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की, जो समावेशी भी है और लचीली भी।
- उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लचीली आपूर्ति श्रृंखला की नींव में 3टी- ट्रस्ट (विश्वास), ट्रांसपरेंसी (पारदर्शिता) और टाइमलीनेस (समयबद्धता) होने चाहिए।
- भारत एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध है और उसका विश्वास है कि भागीदारी देशों के बीच आर्थिक सम्पर्क को मजबूत बनाने के लिए निरंतर विकास, शांति और समृद्धि बहुत महत्वपूर्ण है।
- भारत आईपीईएफ के तहत भागीदार देशों के साथ सहयोग करने और इस क्षेत्र में क्षेत्रीय आर्थिक जुड़ाव, एकीकरण और व्यापार तथा निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में काम करने का इच्छुक है।
- आईपीईएफ की स्थापना के लिए शुरू हुई प्रक्रिया के साथ ही भागीदार देश आर्थिक सहयोग को मजबूत बनाने तथा साझा लक्ष्यों को अर्जित करने के लिए विचार-विमर्श शुरू करेंगे।
4. प्रधानमंत्री ने टोक्यो में व्यापार गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े समझौते या भारत के हितों को प्रभावित करना।
मुख्य परीक्षा: भारत-जापान संबंधों की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री मोदी ने 23 मई, 2022 को टोक्यो में जापानी व्यापार जगत की अग्रणी हस्तियों के साथ एक गोलमेज बैठक की अध्यक्षता की।
विवरण:
- इस आयोजन में 34 जापानी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों और सीईओ ने भाग लिया।
- इनमें से अधिकांश कंपनियों का भारत में निवेश और संचालन है।
- इन कंपनियों ने ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर, इस्पात, प्रौद्योगिकी, व्यापार तथा बैंकिंग एवं वित्त सहित विविध क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया।
- किडनरेन, जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (जेट्रो), जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए), जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन (जेबीआईसी), जापान-इंडिया बिजनेस कंसल्टेटिव कमेटी (जेआईबीसीसी) और इन्वेस्ट इंडिया जैसे भारत और जापान के प्रमुख व्यापारिक संस्थाओं और संगठनों ने इस आयोजन में भागीदारी की।
- इस बात पर जोर देते हुए कि भारत और जापान स्वाभाविक साझेदार हैं, प्रधानमंत्री ने भारत-जापान संबंधों की अपार संभावनाओं के ब्रांड एंबेसडर के रूप में व्यापारिक समुदाय की सराहना की।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि मार्च 2022 में प्रधानमंत्री किशिदा की भारत यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने अगले 5 वर्षों में जापानी येन के 5 ट्रिलियन के निवेश का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया था।
- प्रधानमंत्री ने आर्थिक संबंधों में हाल के घटनाक्रमों पर प्रकाश डाला, जैसे कि भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता भागीदारी (आईजेआईसीपी) और स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी, आदि।
- उन्होंने नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी), प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम और सेमीकंडक्टर पॉलिसी जैसी पहलों के बारे में बात की और भारत के मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम पर प्रकाश डाला।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक एफडीआई में मंदी के बावजूद, भारत ने पिछले वित्तीय वर्ष में 84 बिलियन अमरीकी डालर का रिकॉर्ड एफडीआई प्राप्त किया है।
- उन्होंने इसे भारत की आर्थिक क्षमता के प्रति विश्वास के रूप में बताया।
- उन्होंने भारत में जापानी कंपनियों द्वारा अधिक से अधिक भागीदारी को आमंत्रित किया और ‘जापान सप्ताह’ के रूप में भारत की विकास यात्रा में जापान के योगदान का उत्सव मनाने का प्रस्ताव रखा।
5. विनय कुमार सक्सेना दिल्ली के नए उपराज्यपाल:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: शासन के महत्वपूर्ण पहलू, पारदर्शिता एवं जवाबदेही, प्रतिरूप, सफलताएं और सीमाएं।
प्रारंभिक परीक्षा: दिल्ली के उपराज्यपाल का पद।
प्रसंग:
- राष्ट्रपति ने विनय कुमार सक्सेना को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का उपराज्यपाल नियुक्त किया है।
उद्देश्य:
- राष्ट्रपति ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। विनय कुमार सक्सेना को दिल्ली का नया उपराज्यपाल घोषित किया गया है।
- यह नियुक्ति उनके द्वारा कार्यालय का कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होगी।
विवरण:
- सक्सेना खादी और ग्रामोद्योग आयोग के वर्तमान अध्यक्ष हैं,जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय का एक संगठन है।
- सक्सेना गवर्नर पद के लिए चुने गए पहले कॉर्पोरेट व्यक्ति हैं। उन्हें 1995 में गुजरात में प्रस्तावित बंदरगाह परियोजना की देखरेख के लिए महाप्रबंधक के रूप में पदोन्नत किया गया था। इसके बाद वह सीईओ बने और बाद में धोलेरा पोर्ट प्रोजेक्ट के निदेशक के रूप में पदोन्नत हुए।
- अक्टूबर 2015 में सक्सेना को केवीआईसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।
- उनके नेतृत्व में केवीआईसी के कारोबार में 248 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई, जबकि केवल सात वर्षों में बड़े पैमाने पर 40 लाख नए रोजगार सृजित हुए।
- मार्च 2021 में उन्हें भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था।
- नवंबर 2020 में उन्हें वर्ष 2021 के पद्म पुरस्कार चयन पैनल के सदस्य के रूप में नामित किया गया था।
- 1984 में विनय कुमार सक्सेना एक सहायक अधिकारी के रूप में राजस्थान के प्रसिद्ध जेके समूह में शामिल हुए थे।
- राज्य में समूह के व्हाइस सीमेंट प्लांट में उन्होंने विभिन्न पदों पर 11 साल तक काम किया।
- 1991 में उन्होंने नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज (एनसीसीएल) की स्थापना की, जो एक गैर-लाभकारी गैर सरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय अहमदाबाद में है।
- एनसीसीएल को कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त है।
- विनय कुमार सक्सेना 27 अक्टूबर 2015 से खादी एंव ग्राम इंडस्ट्रीज कमीशन के चेयरमैन (Chairman of Khadi and Village Industries Commission) का पद संभाल रहे थे।
- उन्होंने खादी एंव ग्राम इंडस्ट्रीज कमीशन के चेयरमैन के तौर पर ‘हनी मिशन’, ‘कुम्हार सशक्तिकरण योजना’ जैसी कई स्कीम चलाई।
- उनकी अगुवाई में खादी एंव ग्राम इंडस्ट्रीज कमीशन तेजी से बढ़ा और 248 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई. वहीं, सिर्फ 7 सालों में 40 लाख नए रोजगार के मौके भी बने।
- गौरतलब हैं कि अनिल बैजल (Anil Baijal) ने निजी कारणों से पिछले सप्ताह अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वो करीब 5 साल से इस पद पर थे।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
6. 8वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मैसूर में आयोजित किया जाएगा :
- 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई-2022) के प्रदर्शन का मुख्य आयोजन कर्नाटक के मैसूर में 21 जून 2022 को होगा।
- मैसूर में मुख्य कार्यक्रम के अलावा इस वर्ष 21 जून को एक और कार्यक्रम गार्जियन रिंग भी आकर्षण का केन्द्र होगा।
- यह एक रिले योग स्ट्रीमिंग कार्यक्रम है जो विदेशों में भारतीय मिशनों द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रमों की डिजिटल फीड को एक साथ कैप्चर करेगा।
- यह प्रस्तावित योजना उगते सूरज की भूमि जापान से स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे स्ट्रीमिंग शुरू करने की है।
- इस आईडीवाई तक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला की योजना बनाई गई है।
- 27 मई को हैदराबाद में इसकी 25 दिवसीय उलटी गिनती शुरू की जा रही है, जिसमें लगभग 10 हजार योग उत्साही योग प्रदर्शन कार्यक्रम में भाग लेंगे।
7. नेवी फाउंडेशन की 29वीं शासी परिषद बैठक और वार्षिक आम बैठक:
- नौसेनाध्यक्ष (सीएनएस) एडमिरल आर. हरि कुमार ने नेवी फाउंडेशन के अध्यक्ष के रूप में गोवा में 22 मई 2022 को 29वीं शासी परिषद बैठक और वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता की।
- यह फाउंडेशन, सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत एक सेवानिवृत्त नौसैन्य अधिकारी संगठन है।
- नौसेनाध्यक्ष ने हैंडशेक पोर्टल को लॉन्च किया, यह एक वेब सक्षम सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन है जो सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों के साथ-साथ सेवानिवृत्त कर्मियों के बीच दोस्तों\बैचमेट्स से बातचीत/उन्हें ढूंढने की सुविधा प्रदान करेगा।
- यह एप्लिकेशन ईएसएम निर्देशिका के रूप में भी काम करेगी।
- शासी परिषद द्वारा भोपाल में नौसेना फाउंडेशन के 17वें चैप्टर को शामिल करने की स्वीकृति प्रदान की गई।
8. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की स्थापना का 50 वां साल:
- देश की सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील उत्पादक कंपनी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल), इस साल यानि 2022 में अपनी स्थापना के पचासवें साल का उत्सव मना रही है।
- सेल की स्थापना 24 जनवरी, 1973 हुई थी।
- सेल ने अपने पचास साल की विरासत को यादगार बनाने के लिए एक स्मारक लोगो जारी किया है।
23 May 2022 : PIB विश्लेषण :-Download PDF Here
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