विषयसूची:
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1. राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम), गाजियाबाद:
सामान्य अध्ययन: 2
स्वास्थ्य:
विषय: सामाजिक एवं स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम)
मुख्य परीक्षा: आयुष चिकित्सा प्रणाली को लोकप्रिय बनाने हेतु सरकार द्वारा इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- केंद्रीय आयुष तथा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम) के नवनिर्मित परिसर का निरीक्षण किया।
उद्देश्य:
- राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम), गाजियाबाद आयुष स्वास्थ्य सेवाओं को मुख्यधारा में लाने और आधुनिक स्वास्थ्य प्रणालियों के साथ जोड़ने में मदद करेगा।
विवरण:
- एनआईयूएम, गाजियाबाद राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान, बैंगलोर का एक सैटेलाइट संस्थान है और भारत के उत्तरी क्षेत्र में स्थापित होने वाला अपनी तरह का पहला संस्थान होगा।
- स्वास्थ्य संबंधी राष्ट्रीय नीति में अन्य बातों के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा में आयुष को मुख्य धारा में लाने और स्वास्थ्य सेवा वितरण के सभी स्तरों में शिक्षा, अनुसंधान के क्षेत्रों में इन प्रणालियों को एकीकृत करने की परिकल्पना की गई है।
- आयुष मंत्रालय ने यूनानी चिकित्सा में अनुसंधान एवं विकास और नवाचार को प्रोत्साहित करने, शिक्षा के लिए शीर्ष संस्थानों को विकसित करने और अनुसंधान के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं।
- यह यूनानी चिकित्सा संस्थान आयुष प्रणाली को लोकप्रिय बनाएगा और देश के उत्तरी क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करेगा।
पृष्ठ्भूमि
- 1 मार्च, 2019 को गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम) की आधारशिला रखी गई थी।
- यह संस्थान यूनानी चिकित्सा की विभिन्न धाराओं में उच्च गुणवत्ता वाले पेशेवरों को तैयार करेगा।
- इस संस्थान में 14 विभाग होंगे और यूनानी चिकित्सा के विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट पाठ्यक्रम प्रदान करेगा।
- संस्थान मूलभूत पहलुओं, औषधि विकास, गुणवत्ता नियंत्रण, सुरक्षा मूल्यांकन और यूनानी चिकित्सा के वैज्ञानिक सत्यापन पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
- संस्थान शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अनुसंधान में बेंचमार्क मानक स्थापित करेगा।
- राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान, गाजियाबाद का निर्माण 381 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है और यह यूनानी चिकित्सा में वैश्विक प्रचार और अनुसंधान के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा।
- अंतरराष्ट्रीय ख्याति के विश्वविद्यालयों/अनुसंधान संगठनों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग करने में संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
2. एनसीएफ में अनुशीलन समिति के बारे में जानकारी शामिल करने का आह्वान:
सामान्य अध्ययन: 1
आधुनिक भारत का इतिहास:
आधुनिक भारत के इतिहास के विभिन्न चरण और देश के महत्वपूर्ण योगदानकर्ता, संघठन एवं समितियां।
प्रारंभिक परीक्षा: अनुशीलन समिति ।
प्रसंग:
- केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री ने अगली पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए एनसीएफ में अनुशीलन समिति के बारे में जानकारी शामिल करने का आह्वान किया हैं।
उद्देश्य:
- केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री ने कहा कि अनुशीलन समिति 20वीं सदी में बंगाल से संचालित एक प्रमुख गुप्त क्रांतिकारी समिति थी, जिसका मिशन औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंकना और भारत के स्वतंत्रता संग्राम को गति प्रदान करना था। उन्होंने साहस, बलिदान और प्रेरणा के इस भवन पर तिरंगा फहराया।
विवरण:
- मंत्री ने कहा कि सतीश चंद्र प्रमथ मित्रा, अरबिंदो घोष और सरला देवी द्वारा स्थापित, अनुशीलन समिति बंगाल की पवित्र भूमि से जुड़ी विभिन्न शानदार संस्थानों में से एक थी, जिसने राष्ट्रवादी लेखन, प्रकाशन और स्वदेशी पर जोर देकर देश की अंतरात्मा को जगाया ।
- उन्होंने कहा कि देशबंधु चित्तरंजन दास, सुरेंद्रनाथ टैगोर, जतिंद्रनाथ बनर्जी, बाघा जतिन जैसे महान व्यक्ति अनुशीलन समिति से जुड़े थे। हेडगेवार भी समिति के पूर्व कार्यकर्त्ता थे।
पृष्ठ्भूमि
- मंत्री ने एनसीईआरटी और शिक्षा जगत से आगामी राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा में अनुशीलन समिति के बारे में पर्याप्त जानकारी शामिल करने का आग्रह किया।
- उन्होंने कहा कि हमारी पाठ्यपुस्तकों में अनुशीलन समिति के इतिहास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी अगली पीढ़ी को प्रेरित करेगी।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे सम्बंधित कोई समाचार नहीं हैं।
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