विषयसूची:
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1.डेजर्ट फ्लैग VIII युद्धाभ्यास
सामान्य अध्ययन: 2
अन्तर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: विभिन्न सुरक्षा बल तथा उनके अधिदेश
प्रारंभिक परीक्षा: युद्धाभ्यास डेजर्ट फ्लैग VIII के बारे में
संदर्भ:
- युद्धाभ्यास डेजर्ट फ्लैग VIII में भाग लेने के लिए 110 वायु योद्धाओं वाली एक भारतीय वायु सेना की टुकड़ी संयुक्त अरब अमीरात के अल धफरा एयरबेस पर पहुंच गई है।
विवरण:
- वायुसेना पांच LCA तेजस और दो C-17 ग्लोबमास्टर III विमानों के साथ भाग लेगी।
- यह पहला अवसर है जब LCA तेजस भारत के बाहर अंतरराष्ट्रीय उड़ान अभ्यास में भाग लेगा।
- युद्धाभ्यास डेजर्ट फ्लैग एक बहुपक्षीय हवाई अभ्यास है जिसमें यूएई, फ्रांस, कुवैत, ऑस्ट्रेलिया, यूके, बहरीन, मोरक्को, स्पेन, कोरिया गणराज्य और यूएसए की वायु सेनाएं भी भाग लेंगी।
- यह अभ्यास 27 फरवरी से 17 मार्च 2023 तक निर्धारित है।
- इस अभ्यास का उद्देश्य विविध लड़ाकू कार्यक्रमों में भाग लेना और विभिन्न वायु सेना के सर्वोत्तम अभ्यासों से सीखना है।
2.पूर्वोत्तर भारत में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी सम्मेलन का आयोजन किया गया
सामान्य अध्ययन: 3
पर्यावरण एवं पारिस्थितकी:
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा: अंतर्राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी सम्मेलन के बारे में
संदर्भ:
- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पूर्वोत्तर भारत में पहली बार आयोजित अंतर्राष्ट्रीय जैवप्रौद्योगिकी सम्मेलन का उद्घाटन किया।
विवरण:
- जैव-संसाधन और सतत विकास संस्थान ने सोसाइटी फॉर एथनो-फार्माकोलॉजी, इंडिया और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर एथनो-फार्माकोलॉजी, स्विट्जरलैंड के सहयोग से इस सम्मेलन का आयोजन किया है।
- इस “अंतर्राष्ट्रीय जैव-संसाधन सम्मेलन” के साथ-साथ इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर एथनो-फार्माकोलॉजी की 22वीं कांग्रेस तथा एथनो-फार्माकोलॉजी के लिए सोसाइटी की 10वीं कांग्रेस सिटी कन्वेंशन सेंटर, इंफाल, मणिपुर में “रीइमैजिन एथनोफार्माकोलॉजी: ग्लोबलाइजेशन ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसिन” विषय पर आयोजित की जा रही है।
- इस आयोजन के अंतर्गत पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई उद्यमियों ने उत्पादों/प्रक्रियाओं/प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए अपने ज्ञान को जैव-संसाधनों के मूल्यवर्धन और पूर्वोत्तर क्षेत्र के जैव-संसाधनों से जैव-अर्थव्यवस्था के विकास के लिए साझा किया है।
- गौरतलब है कि जैव-संसाधन और सतत विकास संस्थान ने मेघालय में महिला उद्यमिता विकसित करने के लिए जैव-संसाधन और सतत विकास संस्थान नोड मेघालय में स्केलिंग टेक्नोलॉजीज इनक्यूबेटर के लिए जैव इन्क्यूबेटर्स की स्थापना की है।
जैव-संसाधन और सतत विकास संस्थान:
- जैव-संसाधन और सतत विकास संस्थान की स्थापना वर्ष 2001 में इंफाल में जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान की गई थी।
- यह संस्थान न केवल पूर्वोत्तर में मणिपुर के लोगों की सेवा कर रहा है, बल्कि सिक्किम के गंगटोक में क्षेत्रीय केंद्र और मेघालय के शिलांग में इसके अनुसंधान नोड्स तथा मिजोरम के आइजोल सहित इसकी तीन अलग-अलग संस्थाएं भी हैं।
- जैव-संसाधन और सतत विकास संस्थान ने पूर्वोत्तर भारत के जैव-संसाधनों के जर्म-प्लाज्म संग्रह के लिए हराराउ, इंफाल में एक जैव संसाधन पार्क की स्थापना की है।
- अपनी स्थापना के बाद से ही जैव-संसाधन और सतत विकास संस्थान “पूर्वोत्तर क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए जैव-प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप के माध्यम से जैव संसाधनों के विकास और उनके सतत उपयोग” के मिशन को पूरा करने के लिए अनुसंधान गतिविधियों और कई आउटरीच कार्यक्रमों में संलग्न है।
प्रमुख बिंदु:
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प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.यूनिइंग महोत्सव:
- पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय तथा आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने अरुणाचल प्रदेश के बोलेंग में रंग-बिरंगे सियांग यूनिइंग महोत्सव में भाग लिया।
- यह महोत्सव आदि समुदाय का एक महत्वपूर्ण उत्सव है।
- यूनिइंग महोत्सव खेती के मौसम की शुरुआत, आदि समुदाय के नए साल की शुरुआत, वसंत ऋतु के आगमन के साथ-साथ इस समुदाय के बीच आपसी संबंधों को सशक्त करने का एक शानदार तरीका है।
2.भारतीय खान ब्यूरो का 75वां स्थापना दिवस:
- खान मंत्रालय के तहत भारतीय खान ब्यूरो 1 मार्च, 2023 को नागपुर में अपना स्थापना दिवस मनाने के लिए 75वें “खनिज दिवस” का आयोजन करेगा।
- राष्ट्रीय खनिज नीति सम्मेलन की सिफारिशों के आधार पर 1 मार्च, 1948 को भारतीय खान ब्यूरो की स्थापना की गई थी।
- विशुद्ध रूप से एक सलाहकारी निकाय के रूप में एक छोटी सी शुरुआत करके, भारतीय खान ब्यूरो विभिन्न वैधानिक प्रावधानों को लागू करने के साथ-साथ विभिन्न विकास संबंधी गतिविधियों में शामिल होने की दोहरी भूमिका को निभाते हुए देश के खनन एवं खनिज उद्योग के विभिन्न पहलुओं पर कार्य करने वाले एक प्रमुख राष्ट्रीय संगठन के रूप में उभरा है।
- आकलन वर्ष 2021-22 के दौरान टिकाऊ खनन कार्यप्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए 76 पांच-सितारा दर्जे वाली खानों का सम्मान, विभिन्न खनन कंपनियों द्वारा प्रस्तुतियां, भारतीय खान ब्यूरो के बारे में एक फिल्म का प्रदर्शन, डाक टिकटों एवं स्मारिका का विमोचन इस स्थापना दिवस समारोह के कुछ अन्य मुख्य आकर्षण होंगे।
3.भारत की G-20 की अध्यक्षता के तहत W-20 (महिला 20) का आयोजन:
- महाराष्ट्र के औरंगाबाद में W-20 की पहली बैठक 27-28 फरवरी, 2023 को आयोजित की जाएगी। इसके बाद 13-14 अप्रैल को जयपुर, राजस्थान में W-20 की दो अन्य अंतर्राष्ट्रीय बैठकें होंगी और 15-16 जून को तमिलनाडु के महाबलीपुरम में W-20 शिखर सम्मेलन होगा।
- W-20 (महिला 20) G-20 के प्रत्येक गैर सरकारी भागीदारों को मिलाकर बनाया गया एक आधिकारिक कार्य समूह है जिसे 2015 में तुर्की की अध्यक्षता के दौरान स्थापित किया गया था।
- इसका प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लैंगिक विचारों को G-20 चर्चाओं में मुख्यधारा में शामिल किया जाए तथा लैंगिक समानता और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली नीतियों और प्रतिबद्धताओं के रूप में G-20 नेताओं के घोषणापत्र में बदला जाए।
- पहली बैठक का विषय ‘महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए लैंगिक समानता, निष्पक्षता और गरिमा की खोज’ है और इसमें लैंगिक मुद्दों को लक्षित करने के लिए एक ठोस रणनीति पर चर्चा, विचार-विमर्श और विकास की परिकल्पना की गई है।
- W-20 भारत ने 12 दिसम्बर 2022 को W-20 इंडोनेशिया से अध्यक्षता ग्रहण की। भारत की अध्यक्षता में, W-20 समानता और निष्पक्षता की दुनिया बनाने के दृष्टिकोण के साथ “महिलाओं के नेतृत्व में विकास” की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संकल्पना को साकार करने पर केन्द्रित है जहां प्रत्येक महिला गरिमा के साथ रहती है और जहां हर महिला को अपने और दूसरों के जीवन को फलने-फूलने, आगे बढ़ने और बदलने का अवसर मिलता है।
- भारत की अध्यक्षता के तहत W-20 के पांच प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं, जिनमें शामिल हैं, उद्यमिता में महिलाएं, जमीनी स्तर पर महिला नेतृत्व, लैंगिक डिजिटल विभाजन को कम करना, शिक्षा और कौशल विकास और जलवायु लचीलेपन कार्य में परिवर्तन निर्माताओं के रूप में महिलाएं और लड़कियां।
- W-20, 2023 महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की बाधाओं को दूर करने और महिलाओं के लिए एक ऐसा सक्षम वातावरण और इकोसिस्टम सुनिश्चित पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है जहां उनकी पूरी क्षमता का पता चल सके, उनके जीवन के साथ-साथ दूसरों का भी जीवन बदले।
- W-20 2023 द्वारा जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, वह एक मजबूत W-20 वैश्विक और राष्ट्रीय नेटवर्क की स्थापना करते हुए पिछली अध्यक्षताओं से W-20 एजेंडे की निरंतरता सुनिश्चित करना है।
- इस समावेशी परामर्श और कार्य का W-20 की आधिकारिक सूचनाओं और G-20 नेताओं के घोषणापत्र के विकास पर प्रभाव पड़ेगा। W-20, 2023 का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि W-20 की आधिकारिक सूचना प्रदर्शक और व्यापक है तथा दुनिया भर में महिलाओं की स्थिति को बेहतर करने के लिए समाधान प्रदान करेगी।
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