विषयसूची:
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1.आकांक्षी ब्लॉकों और सीमावर्ती गांवों में बच्चों के अधिकार सुनिश्चित करेगा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग:
सामान्य अध्ययन-2
शासन:
विषय: शासन व्यवस्था
प्रारंभिक परीक्षा: बाल अधिकार और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बारे में
संदर्भ:
- देश के समग्र विकास के लिए शुरू किए गए आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम तथा वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम से प्रेरित होकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा आकांक्षी ब्लॉक तथा वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत चयनित गांवो में बाल अधिकारों के उत्तम क्रियान्वयन के लिए बेंच/शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
विवरण:
- आयोग की इस महत्वकांक्षी योजना का उद्देश्य उन बच्चों तक विकास के अवसर पंहुचाना है जो किसी कारणवश अपने वैधानिक और संवैधानिक अधिकारों से वंचित रह गए हैं।
- उल्लेखनीय है कि भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने आंकाक्षी ब्लॉक कार्यक्रम तथा वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य विभिन्न विकास मानकों पर पिछड़े ब्लॉकों के प्रदर्शन में सुधार करना है।
- इसी कड़ी में आयोग के द्वारा इन दोनों कार्यक्रमों में अपना योगदान सुनिश्चित कर एक ऐसे वातावरण का निर्माण करने का प्रयास किया जाएगा जिसमें हर बच्चे को विकास के अवसर मिले और वह देश निर्माण में अपना योगदान दे सके।
- देश के सभी आकांक्षी विकास खंडों (ब्लॉक्स) और वाइब्रेंट विलेज में बच्चों की शिकायतों का निवारण कर व जोखिम ग्रस्त बच्चों के परिवारों का सरकार की योजनाओं के माध्यम से सशक्तिकरण कर बाल अधिकारों को संरक्षित करने के लिए आयोग द्वारा ब्लॉक स्तर पर बेंच आयोजित करने के निर्णय लिया गया है।
- इस महा अभियान का आरम्भ अमरकण्टक मध्यप्रदेश में 26 मई को पहली बेंच लगा कर किया जा रहा है।
- अंतिम पंक्ति के आख़िरी बच्चे तक पहुँचने के लिए आयोग का यह अभियान देश के सभी आकांक्षी ब्लॉकों में चलाया जाएगा जिसमें शिकायत निवारण के अतिरिक्त जोखिम ग्रस्त परिवारों को सूचीबद्ध करना, किशोरवय बालिकाओं-बालकों को मानव तस्करी के विरुद्ध जागरूक करना, स्कूल, आंगनवाड़ी बालगृह, अस्पताल इत्यादि का सुरक्षा ऑडिट व शासकीय कर्मचारियों का योजनाओं व बाल अधिकार पर उन्मुख़िकरण/समीक्षा की जाएगी।
आंकाक्षी ब्लॉकः
- भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने सरकार के आंकाक्षी ब्लॉक कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य विभिन्न विकास मानकों पर पिछड़े ब्लॉकों के प्रदर्शन में सुधार करना है।
- आंकाक्षी ब्लॉक कार्यक्रम, आंकाक्षी जिला कार्यक्रम प्रोग्राम की तर्ज पर है जिसे 2018 में शुरू किया गया था और इसमें देश भर के 112 जिले शामिल हैं।
- प्रारंभ में यह कार्यक्रम 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 500 जिलों को कवर करेगा।
- इनमें से आधे से अधिक ब्लॉक 6 राज्यों- उत्तर प्रदेश (68 ब्लॉक), बिहार (61), मध्य प्रदेश (42), झारखंड (34), ओडिशा (29) और पश्चिम बंगाल (29) में हैं।
- नीति आयोग, स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण जैसे क्षेत्रों को कवर करने वाले विकास संकेतकों के आधार पर राज्यों की इन ब्लॉकों के साथ साझेदारी की प्रदर्शन की रैंकिंग (तिमाही आधार पर) जारी करेगा।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्रामः
- भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लोगों की सीमावर्ती गाँव के प्रति सोच को बदला है, अब लोग इसे अंतिम गाँव के रूप में नहीं बल्कि भारत के पहले गाँव के रूप में जानते हैं।”
- यह एक ऐसी योजना है जिसका उद्देश्य उत्तरी सीमा पर ब्लॉकों के गांवों के व्यापक विकास के लिए चिन्हित सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
- कार्यक्रम में उत्तरी सीमा पर विरल आबादी वाले सीमावर्ती गांवों, सीमित कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को शामिल करने की परिकल्पना की गई है, जो अक्सर विकास लाभ से बाहर रह जाते हैं।
- यह योजना आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास और आजीविका के अवसरों के निर्माण के लिए धन प्रदान करेगी।
- यह योजना भारत के सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने और जमीनी स्तर तक इसकी पहुंच को गहरा करने में मदद करेगी क्योंकि यह सहकारी समितियों को आवश्यक बुनियादी ढांचे की स्थापना और आधुनिकीकरण करने में सक्षम बनाएगी।
- इस योजना के तहत पांच राज्यों में कुल 2,962 सीमावर्ती गांवों को विकसित किया जाएगा।
- यह न केवल हमारी सीमाओं को सुरक्षित और सुरक्षित बनाएगा, बल्कि दूर-दराज के और सीमावर्ती गांवों को भी राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाएगा, तथा उन्हें अधिक जीवंत, विकसित और आत्मनिर्भर बनाएगा।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बारे में:
- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 की धारा-3 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है।
- आयोग को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012, किशोर न्याय अधिनियम, 2015 तथा निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 के उचित और प्रभावी क्रियान्वयन की निगरानी करने का कार्य सौंपा गया है।
- बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 की धारा 13 के तहत आयोग को देश में बाल अधिकारों और संबंधित मामलों के रक्षण और संरक्षण के लिए अधिदेशित किया गया है।
- इसके साथ ही आयोग को बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 की धारा 14 के तहत धारा-13 (1)(J) में निर्दिष्ट किसी विषय की जांच करते समय और विशिष्ट विषयों के संबंध में वह सभी शक्तियां प्राप्त हैं, जो सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 के अधीन किसी वाद का विचारण करते समय सिविल न्यायालय को होती हैं।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.योग महोत्सव-2023:
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 के 25 दिन पूर्व (25वें काउंटडाउन) पर हैदराबाद में ‘योग महोत्सव’ आयोजित किया जाएगा।
- यह योग महोत्सव मध्य प्रदेश के जबलपुर में 21 जून को मनाए जाने वाले भव्य अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए मंच तैयार करेगा।
- योग महोत्सव की सफलता इस क्षेत्र में योग पर्यटन का केंद्र बनने के लिए आधार तैयार करेगी।
- इस साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम/विषय “वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग” है।
2.पहला खनन स्टार्ट-अप शिखर सम्मेलन:
- खान मंत्रालय और आईआईटी बॉम्बे के संयुक्त तत्वाधान में 29 मई को मुंबई में पहला खनन स्टार्ट-अप शिखर सम्मेलन आयोजित होगा।
- यह विशिष्ट सम्मेलन मुख्य रूप से नवाचार और तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिससे प्रदर्शन और सुरक्षा में सुधार होगा तथा खनन एवं धातु विज्ञान के क्षेत्र में स्वायत्तता निर्माण में मदद मिलेगी।
- खनन क्षेत्र विश्व में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप पारिस्थिति तंत्र है। इसमें चुनौतियों का सामना करने, अन्वेषण और खनन में नई प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाकर खनन उद्योग के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने और देश के खनन तथा खनिज उत्पादन को बढ़ाने में स्टार्ट-अप को शामिल करने की संभावनाएं है।
- इस सम्मेलन में 120 से अधिक स्टार्ट-अप और 20 प्रमुख उद्योग भाग लेंगे।
3.अंतर्राष्ट्रीय जलवायु अनुसंधान बैठक में भारत का राष्ट्रीय जलवायु अनुसंधान कार्यक्रम जारी किया गया:
- भारत का राष्ट्रीय जलवायु अनुसंधान कार्यक्रम, 26 मई 2023 को आईआईटी बॉम्बे में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के जलवायु अध्ययन के लिए उत्कृष्टता केंद्र में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय जलवायु अनुसंधान बैठक (ICRC-2023) के उद्घाटन अवसर पर जारी किया गया।
- यह कार्यक्रम वर्ष 2030 और उसके बाद के समय में जलवायु परिवर्तन को समझने तथा उससे संबंधित मुद्दों को हल करने की दिशा में राष्ट्रीय प्रयासों के समन्वय के लिए भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।
4.चीता परियोजना संचालन समिति:
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने चीता टास्क फोर्स के बारे में दिनांक 22 सितंबर, 2022 को समसंख्यक कार्यालय ज्ञापन के अधिक्रमण में महानिदेशक वन और एसएस की अध्यक्षता में अपर मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश सरकार के साथ आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार चीता परियोजना संचालन समिति का गठन किया गया है।
- टास्क फोर्स के संदर्भ विषय इस प्रकार हैं:
- मध्य प्रदेश वन विभाग और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को चीतों के पुनर्वास की समीक्षा, प्रगति, निगरानी करना और परामर्श देना।
- ईको-पर्यटन के लिए चीता के आवासों का निर्माण करना और इस बारे में विनियमों का सुझाव देना।
- सामुदायिक इंटरफेस के बारे में सुझाव देना और परियोजना की गतिविधियों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना।
- संचालन समिति दो वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होगी और आवश्यकता पड़ने पर क्षेत्र का निरीक्षण करने के अलावा प्रत्येक महीने कम से कम एक बैठक आयोजित करेगी।
- समिति आवश्यकता पड़ने पर किसी भी विशेषज्ञ को परामर्श के लिए आमंत्रित कर सकती है।
- विशेष आवश्यकता पड़ने पर सलाह के लिए अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों के पैनल से परामर्श किया जाएगा या उन्हें भारत में आमंत्रित किया जाएगा।
- NTCA, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय इस समिति को कामकाज की सुविधा प्रदान करेगा।
- मौजूदा नियमों के अनुसार गैर-आधिकारिक सदस्यों के यात्रा खर्च और अन्य आकस्मिक खर्च भी NTCA द्वारा उठाए जाएंगे।
26 May PIB :- Download PDF Here
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