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27 जून 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. पशुपालन और डेयरी विभाग की 9 वर्षों की प्रमुख उपलब्धियां और पहलें:
  2. खान मंत्रालय “भारत के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की सूची” का अनावरण करेगा:
  3. बायोमास को-फायरिंग नीति में संशोधन:
  4. नए CSR दिशा-निर्देश ‘सागर सामाजिक सहयोग’ लॉन्च:
  5. महिला उद्यमियों के लिए ‘चैंपियंस 2.0 पोर्टल’, ‘क्लस्टर परियोजनाओं, प्रौद्योगिकी केंद्रों की जियो-टैगिंग के लिए मोबाइल ऐप’ और ‘MSME आइडिया हैकथॉन 3.0’ लॉन्च:
  6. ‘रिपोर्ट फिश डिजीज’ ऐप:
  7. विश्व के सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के 8वें संस्करण का शुभारंभ:
  8. 27 जून को हेलेन केलर दिवस मनाया गया:

1. पशुपालन और डेयरी विभाग की 9 वर्षों की प्रमुख उपलब्धियां और पहलें:

सामान्य अध्ययन: 3

आर्थिक विकास:

विषय: पशुपालन संबंधी अर्थशास्त्र।

प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय गोकुल मिशन।

मुख्य परीक्षा: पशुपालन और डेयरी विभाग की 9 वर्षों की प्रमुख उपलब्धियां और पहलों के संबंध में विस्तार से चर्चा कीजिए ।

प्रसंग:

  • भारत के पास पशुधन और मुर्गी पालन के विशाल संसाधन है, जो ग्रामीण जनता की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उद्देश्य:

  • पशुधन आजीविका कमाने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, यह आय में वृद्धि करता है, रोजगार के अवसर प्रदान करता है।
  • पशुपालन के माध्यम से कृषि में विविधता ग्रामीण आय में वृद्धि के प्रमुख चालकों में से एक है।

विवरण:

  • पशुपालन और डेयरी विभाग ने प्रति पशु उत्पादकता में सुधार के लिए पिछले नौ वर्षों के दौरान अनेक महत्वपूर्ण पहलें की हैं।
    • उत्पादकता में वृद्धि से घरेलू बाजार और निर्यात बाजार के लिए अधिक दूध, मांस और पशुधन उत्पादों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
    • विभाग प्रमुख पशुधन रोगों के पूर्ण नियंत्रण, उन्मूलन और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अनेक कार्यक्रम लागू कर रहा है।

विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों के अंतर्गत पशुपालन और डेयरी विभाग की प्रमुख उपलब्धियाँ और पहलें इस प्रकार हैं:

पशुधन क्षेत्र:

  • पशुधन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का एक महत्वपूर्ण उपक्षेत्र है।
    • यह 2014-15 से 2020-21 के दौरान (स्थिर कीमतों पर) 7.93 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है।
    • कुल कृषि और संबद्ध क्षेत्र में पशुधन का योगदान सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) (स्थिर कीमतों पर) 24.38 प्रतिशत (2014-15) से बढ़कर 30.87 प्रतिशत (2020-21) हो गया है।
    • पशुधन क्षेत्र का योगदान 2020-21 में कुल जीवीए का 6.2 प्रतिशत है।

पशुधन जनसंख्या:

  • 20वीं पशुधन जनगणना के अनुसार देश में लगभग 303.76 मिलियन गोजातीय (मवेशी, भैंस, मिथुन और याक), 74.26 मिलियन भेड़ें, 148.88 मिलियन बकरियां, 9.06 मिलियन सूअर और लगभग 851.81 मिलियन मुर्गियां हैं।

डेयरी क्षेत्र:

  • डेयरी सबसे बड़ा कृषि क्षेत्र है जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5 प्रतिशत योगदान देता है और 8 करोड़ से अधिक किसानों को सीधे रोजगार देता है।
  • भारत दूध उत्पादन में पहले स्थान पर है, जो वैश्विक दूध उत्पादन में 23 प्रतिशत का योगदान देता है।
  • पिछले 8 वर्षों में दूध उत्पादन में 51.05 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो 2014-15 के दौरान 146.3 मिलियन टन से बढ़कर 2021-22 के दौरान 221.06 मिलियन टन पर पहुंच गई।
  • दूध उत्पादन पिछले 8 वर्षों में 6.1 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ रहा है जबकि विश्व दूध उत्पादन प्रति वर्ष केवल 1.2 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।
  • 2021-22 में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 444 ग्राम प्रति दिन है, जबकि 2021 के दौरान विश्व औसत 394 ग्राम प्रति दिन था।

अंडा एवं मांस उत्पादन:

  • खाद्य और कृषि संगठन कॉर्पोरेट सांख्यिकीय डेटाबेस (FAOSTAT) उत्पादन डेटा (2020) के अनुसार, भारत दुनिया में अंडा उत्पादन में तीसरे और मांस उत्पादन में 8वें स्थान पर है।
    • देश में अंडा उत्पादन 2014-15 में 78.48 बिलियन से बढ़कर 2021-22 में 129.60 बिलियन हो गया है।
    • देश में अंडे का उत्पादन 7.4 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर (CAGR) पर बढ़ रहा है।
    • 2021-22 में अंडे की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 95 अंडे प्रति वर्ष है।
    • देश में मांस उत्पादन 2014-15 में 6.69 मिलियन टन से बढ़कर 2021-22 में 9.29 मिलियन टन हो गया।

पशुपालन और डेयरी योजनाएँ:

राष्ट्रीय गोकुल मिशन: स्वदेशी गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए

  • राष्ट्रीय गोकुल मिशन की प्रमुख उपलब्धियाँ/कार्य:
    • राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम:
    • देश में आईवीएफ प्रौद्योगिकी को बढ़ावा:
    • सेक्स सॉर्टेड सीमेन या लिंग वर्गीकृत वीर्य तैयार करना:
    • डीएनए आधारित जीनोमिक चयन:
    • पशु की पहचान और पता लगाने की क्षमता:
    • संतान परीक्षण और नस्‍ल चयन: गिर, देशी नस्ल के मवेशियों और मुर्रा, मेहसाणा देशी नस्ल की भैंसों के लिए संतान परीक्षण कार्यक्रम लागू किया गया है।
    • राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन:
      • भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग ने NDDB के साथ एक डिजिटल मिशन, “राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन (NDLM) शुरू किया है।
      • इससे पशुओं की उर्वरता में सुधार करने, पशुओं और मनुष्यों दोनों को प्रभावित करने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने, गुणवत्तापूर्ण पशुधन तथा घरेलू और निर्यात बाजार दोनों के लिए पशुधन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
    • नस्ल वृद्धिफार्म:
      • इस योजना के तहत नस्ल वृद्धि फार्म की स्थापना के लिए निजी उद्यमियों को पूंजीगत लागत (भूमि लागत को छोड़कर) पर 50 प्रतिशत (प्रति फार्म 2 करोड़ रुपये तक) की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
    • डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम:
      • किसानों को उपभोक्ता से जोड़ने वाले शीत श्रृंखला बुनियादी ढांचे सहित गुणवत्तापूर्ण दूध के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना और उसे मजबूत करना।
      • वर्ष 2014-15 से 2022-23 (20.06.2023) तक 28 राज्यों और 2 केन्‍द्र शासित प्रदेशों में 3015.35 करोड़ रुपये (केन्‍द्रीय हिस्सेदारी 2297.25 करोड़ रुपये) की कुल लागत के साथ 185 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
    • डेयरी कार्यों में लगी डेयरी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों का सहयोग करना:
      • डेयरी प्रसंस्करण और बुनियादी ढांचा विकास निधि (DIDF): गंभीर प्रतिकूल बाजार स्थितियों या प्राकृतिक आपदाओं के कारण संकट से निपटने के लिए डेयरी कार्यों में लगी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों को आसान कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करके सहायता करना।
      • वर्ष 2020-21 से 30.04.2023 तक, NDDB ने देश भर में 60 दुग्ध संघों के लिए 2 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से 37,008.89 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी ऋण राशि के विरुद्ध 513.62 करोड़ रुपये की रियायती ब्याज सहायता राशि की मंजूरी दे दी और 373.30 करोड़ रुपये (नियमित रियायती ब्याज दर के रूप में 201.45 करोड़ रुपये और अतिरिक्त ब्याज अनुदान राशि के रूप में 171.85 करोड़ रुपये) जारी किए।
  • राष्ट्रीय पशुधन मिशन:
    • योजना में मुख्‍य रूप से रोजगार सृजन, उद्यमिता विकास; प्रति पशु उर्वरता में वृद्धि और इस प्रकार मांस, बकरी के दूध, अंडे और ऊन के उत्पादन में वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।
  • पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास निधि:
  • पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम:
    • टीकाकरण द्वारा आर्थिक और ज़ूनोटिक महत्व के पशु रोगों की रोकथाम, नियंत्रण और रोकथाम के लिए।

पशुधन जनगणना और एकीकृत नमूना सर्वेक्षण योजना:

  • एकीकृत नमूना सर्वेक्षण:
    • दूध, अंडा, मांस और ऊन जैसे प्रमुख पशुधन उत्पादों (MLP) का अनुमान सामने लाना।
  • पशुधन जनगणना:
    • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में परिवारों के स्तर तक उम्र, लिंग-संरचना आदि के साथ प्रजाति-वार और नस्ल-वार, पशुधन की आबादी के बारे में जानकारी प्रदान करना।
    • “20वीं पशुधन जनगणना-2019” नामक अखिल भारतीय रिपोर्ट में शामिल पशुधन की प्रजाति-वार और राज्य-वार आबादी प्रकाशित हो चुकी है।
    • उपरोक्त के अलावा, विभाग ने पशुधन और कुक्कुट पर नस्ल-वार रिपोर्ट (20वीं पशुधन जनगणना के आधार पर) भी प्रकाशित की है।
  • दुग्ध सहकारी समितियों और दुग्ध उत्पादक कंपनियों के डेयरी किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC):
    • अब तक, AHD किसानों के लिए 27.65 लाख से अधिक नए KCC स्वीकृत किए गए हैं।

2. खान मंत्रालय “भारत के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की सूची” का अनावरण करेगा:

सामान्य अध्ययन: 3

अर्थव्यवस्था:

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।

मुख्य परीक्षा: “भारत के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की सूची” के अनावरण का महत्व।

प्रसंग:

  • भारत सरकार, खान मंत्रालय के माध्यम से आयात निर्भरता को कम करने, आपूर्ति श्रृंखला अनुकूलता बढ़ाने और देश के शुद्ध शून्य उद्देश्यों की सहायता करने के लिए पहली बार “भारत के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की सूची” का अनावरण करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

उद्देश्य:

  • यह अहम खनिज सूची रणनीतिक क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

विवरण:

  • महत्‍वपूर्ण खनिजों की सूची का जारी होना खनिज संसाधनों के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता और सुरक्षा की खोज में एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी।
  • सावधानीपूर्वक संकलित यह सूची उन खनिजों की पहचान करने और प्राथमिकता देने के लिए डिज़ाइन की गई है जो उच्च तकनीक इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, परिवहन और रक्षा जैसे विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के लिए आवश्यक है।
    • यह सूची खनन क्षेत्र में नीति निर्माण, रणनीतिक योजना और निवेश निर्णयों के लिए एक मार्गदर्शक संरचना के रूप में काम करेगी।
    • यह पहल एक मजबूत और लचीला खनिज क्षेत्र बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता के माध्यम से भारत के लिए ‘नेट जीरो’ लक्ष्य अर्जित करने के व्‍यापक विजन के साथ संरेखित है।
    • उल्‍लेखनीय है कि भारत हाल ही में महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के लिए प्रतिष्ठित खनिज सुरक्षा साझेदारी (MSP) में सबसे नया भागीदार बन गया है।

3. बायोमास को-फायरिंग नीति में संशोधन:

सामान्य अध्ययन: 3

बुनियादी ढांचा:

विषय: बुनियादी ढांचा: ऊर्जा।

प्रारंभिक परीक्षा: बायोमास पेलेट्स।

मुख्य परीक्षा: हाल ही में बायोमास को-फायरिंग नीति में किये गए संशोधनों पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • विद्युत मंत्रालय (MoP) ने थर्मल पावर प्लांट (TPP) में को-फायरिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले बायोमास पेलेट्स की कीमतों को बेंचमार्क करने का निर्णय लिया है।

उद्देश्य:

  • यह निर्णय बायोमास पैलेटों के लिए बाजार की उभरती स्थितियों और थर्मल पावर प्लांट, पैलेट निर्माताओं, किसानों, बैंकरों आदि सहित कई हितधारकों से प्राप्त अनुरोधों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
  • यह निर्णय किसानों, उद्यमियों के साथ-साथ थर्मल पावर प्रतिष्ठानों को एक स्थायी बायोमास पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने, को-फायरिंग के लक्ष्यों को प्राप्त करने, पराली दहन को कम करने और भारत के नागरिकों के लिए एक स्वच्छ व हरित भविष्य सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

विवरण:

  • बेंचमार्क कीमत में व्यावसायिक व्यवहार्यता, बिजली शुल्क पर प्रभाव और बिजली उपयोगिताओं द्वारा कुशल और तेज पैलेट खरीद को ध्यान में रखा जाएगा।
    • पैलेटों की कीमत बेंचमार्किंग TPP के साथ-साथ पैलेट विक्रेताओं को पैलेट की को-फायरिंग के लिए एक स्थायी आपूर्ति तंत्र स्थापित करने में सक्षम बनाएगी।
    • CEA के तहत समिति द्वारा अंतिम रूप दिया गया बेंचमार्क मूल्य 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी होगा।
  • नीति के एक अन्य संशोधन में, यह निर्देश दिया गया है कि चूंकि देश में टॉरफाइड बायोमास पैलेटों की उपलब्धता वर्तमान में सीमित है, टॉरफाइड पैलेटों को केवल उन उपयोगिताओं/प्रतिष्ठानों द्वारा खरीदा जाएगा जिनके लिए यह तकनीकी रूप से अपरिहार्य है और प्रतिष्ठान जो गैर-टॉरफाइड पैलेटों का उपयोग कर सकते हैं, उन्हें उनका ही उपयोग करना चाहिए।
  • बायोमास नीति के अनुरूप, जो थर्मल पावर प्लांटों में कोयले के साथ बायोमास की को-फायरिंग को अनिवार्य करती है, अब तक देश में 64,350 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 47 थर्मल पावर प्लांटों में लगभग 1.80 लाख मीट्रिक टन बायोमास ईंधन को को-फायर किया गया है।
  • इसमें से, वित्त वर्ष 23-24 के पहले दो महीनों के दौरान 50000 मीट्रिक टन से अधिक को-फायर किया गया है, जो कि पिछली अब तक की सबसे अधिक वार्षिक मात्रा को भी पार कर गया है।
  • थर्मल पावर प्लांटों द्वारा लगभग 69 लाख मिलियन टन बायोमास पैलेटों के खरीद का आदेश दे दिया गया है।
    • समर्थ मिशन के माध्यम से सक्षम नीतियों और MoP के प्रयासों के साथ, देश भर में TPP में बायोमास को-फायरिंग की पर्याप्त वृद्धि की परिकल्पना की गई है।

4. नए CSR दिशा-निर्देश ‘सागर सामाजिक सहयोग’ लॉन्च:

सामान्य अध्ययन: 3

बुनियादी ढांचा:

विषय: बुनियादी ढांचा: बंदरगाह।

प्रारंभिक परीक्षा: कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR), ‘सागर सामाजिक सहयोग’।

मुख्य परीक्षा: CSR दिशा-निर्देश ‘सागर सामाजिक सहयोग’ पर प्रकाश डालिये।

प्रसंग:

  • केंद्रीय पोत, नौवहन और जलमार्ग मंत्री और आयुष मंत्री ने पोत, नौवहन और जलमार्ग मंत्री मंत्रालय के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के नए दिशा-निर्देश – ‘सागर सामाजिक सहयोग’ लॉन्च किए।

उद्देश्य:

  • नए दिशा-निर्देश के अनुसार बंदरगाह अब सीधे CSR गतिविधियां चला सकेंगे।
  • 100 करोड़ रुपये से कम वार्षिक टर्नओवर वाले बंदरगाहों को CSR पर अपने शुद्ध वार्षिक लाभ का 3-5 प्रतिशत, 500 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले बंदरगाहों को 2-3 प्रतिशत और 500 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले बंदरगाहों को 0.5-2 प्रतिशत खर्च करना होगा।

विवरण:

  • CSR गतिविधियों के लिए नए दिशा-निर्देश हमारे बंदरगाहों को एक रूपरेखा के तहत सामुदायिक कल्याण के लिए परियोजनाएं लाने, शुरू करने और तेजी से उसे पूरा करने में सहायक साबित होंगे, जहां स्थानीय समुदाय भी विकास और परिवर्तन के भागीदार बन सकते हैं।
  • CSR लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए किसी स्थान या किसी गतिविधि में बदलाव का एक प्रमुख एजेंट बनने की क्षमता रखता है।
  • नए CSR दिशा-निर्देश प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम, 2021 की धारा 70 में निर्दिष्ट गतिविधियों से संबंधित परियोजनाओं और कार्यक्रमों को बेहतर तरीके से प्रभावित करेंगे।
    • CSR परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के उद्देश्य से, हर प्रमुख बंदरगाह में एक कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व समिति का गठन किया जाएगा।
    • समिति के प्रमुख संबंधित बंदरगाह के उप निदेशक होंगे और इसमें 2 अन्य सदस्य होंगे।
    • प्रत्येक प्रमुख बंदरगाह प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए एक कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व योजना तैयार करेगा और बंदरगाह के व्यवसाय से संबंधित सामाजिक और पर्यावरणीय चिंताओं के साथ अपने CSR को व्यवसाय योजना से जोड़ेगा।
  • CSR बजट अनिवार्य रूप से बंदरगाह के शुद्ध लाभ के प्रतिशत के रूप में बोर्ड प्रस्ताव के माध्यम से बनाया जाएगा।
    • 100 करोड़ या उससे कम वार्षिक शुद्ध लाभ वाला बंदरगाह CSR फंड के लिए लाभ का 3 प्रतिशत से 5 प्रतिशत के बीच राशि दे सकता है।
    • इसी तरह, सालाना 100 करोड़ से 500 करोड़ रुपये के बीच शुद्ध लाभ वाले बंदरगाह अपने CSR खर्च को अपने शुद्ध लाभ के 2 प्रतिशत से 3 प्रतिशत के बीच रख सकते हैं, जो कम से कम 3 करोड़ रुपये तो होना ही चाहिए।
    • उन बंदरगाहों के लिए, जिनका वार्षिक शुद्ध लाभ 500 करोड़ रुपये से अधिक है, CSR खर्च उसके शुद्ध लाभ के 0.5 प्रतिशत से 2 प्रतिशत के बीच हो सकता है।
    • CSR खर्च का 20 प्रतिशत जिला स्तर पर सैनिक कल्याण बोर्ड, राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर और राष्ट्रीय युवा विकास निधि को दिया जाना चाहिए।
    • CSR खर्च का 78 प्रतिशत हिस्सा पेयजल, शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास, गैर-पारंपरिक और अक्षय स्रोतों के माध्यम से बिजली, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए आजीविका को बढ़ावा देने, सामुदायिक केंद्रों, छात्रावास जैसे क्षेत्रों पर समुदाय के सामाजिक और पर्यावरणीय कल्याण के लिए खर्च की जानी चाहिए।
    • कुल CSR फंड की 2 प्रतिशत राशि बंदरगाहों के CSR कार्यक्रमों के तहत चलाई जाने वाली परियोजनाओं की निगरानी के लिए निर्धारित की गई है।

5. महिला उद्यमियों के लिए ‘चैंपियंस 2.0 पोर्टल’, ‘क्लस्टर परियोजनाओं, प्रौद्योगिकी केंद्रों की जियो-टैगिंग के लिए मोबाइल ऐप’ और ‘MSME आइडिया हैकथॉन 3.0’ लॉन्च:

सामान्य अध्ययन: 2

सामाजिक न्याय:

विषय: केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।

प्रारंभिक परीक्षा: ‘चैंपियंस 2.0 पोर्टल’, ‘पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान’।

प्रसंग:

  • अंतर्राष्ट्रीय MSME दिवस के अवसर पर, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय ने ‘उद्यमी भारत-MSME दिवस’ मनाया।

उद्देश्य:

  • कार्यक्रम में MSME मंत्रालय की विभिन्न पहलों का शुभारंभ किया गया, जो MSME के विकास के लिए समर्पित हैं।
    • जैसे ‘चैंपियंस 2.0 पोर्टल’ और ‘क्लस्टर परियोजनाओं और प्रौद्योगिकी केंद्रों की जियो-टैगिंग के लिए मोबाइल ऐप’।
    • इसके अलावा, ‘MSME आइडिया हैकथॉन 2.0’ के परिणाम घोषित किए गए और महिला उद्यमियों के लिए ‘MSME आइडिया हैकथॉन 3.0’ लॉन्च किया गया।

विवरण:

  • देश की GDP और निर्यात में MSME 2030 तक 50% का योगदान देगा।
  • देश की अर्थव्यवस्था के विकास में भारतीय MSME की भूमिका में वर्ष 2014 के बाद से, भारत की GDP रैंकिंग में 10वें से 5वें स्थान पर महत्वपूर्ण उछाल देखा गया है।

इस कार्यक्रम में निम्नलिखित संगठनों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी शामिल थे:

  • MSME और सिडबी मंत्रालय, सिडबी द्वारा ‘पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान’ (PMVIKAS) के लिए एक पोर्टल बनाएगा।
  • MSME और GeM मंत्रालय डेटा साझा करने के उद्देश्य से सार्वजनिक खरीद इको-सिस्टम में MSME के अंतिम मील पंजीकरण के लिए GeM के साथ उद्यम पंजीकरण कराएगा।
  • MSME मंत्रालय और उद्योग विभाग, त्रिपुरा सरकार, API के माध्यम से उद्यम पंजीकरण डेटा साझा करने, नीति निर्माण को आसान बनाने और योजना लाभों के लक्षित वितरण के लिए।
  • MSME क्षेत्र के लाभार्थियों को गारंटी कवरेज देने के लिए MSME मंत्रालय और सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE)।
  • राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC) और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम (NSFDC) और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम (NSTFDC), राष्ट्रीय ST/ST हब और विभिन्न योजनाओं के तहत ST/ST उद्यमियों को समर्थन देने के लिए आपसी सहयोग को बढ़ावा देंगे। NSFDC और NSTFDC द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
  • NSIC, LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया NTSC चेन्नई और हैदराबाद में LG इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा उत्कृष्टता केंद्र (CoE) स्थापित करेंगे।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. ‘रिपोर्ट फिश डिजीज’ ऐप:
    • केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रूपाला किसान आधारित डिजीज रिपोर्टिंग प्रणाली को सशक्त बनाने तथा देश में जलीय जीव रोगों की जानकारी में सुधार करने के उद्देश्य से कल कृषि भवन में रिपोर्ट फिश डिजीज (RFD) ऐप का शुभारंभ करेंगे।
    • इस मोबाइल ऐप को ICAR-NBFGR द्वारा नेशनल सरवेलेन्स प्रोग्राम फॉर एक्वाटिक एनिमल डिजीज (NSPAAD) के तहत विकसित किया गया है।
      • इस पहल को भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत वित्त पोषित किया गया है।

    लाभ:

    • रिपोर्ट फिश डिजीज ऐप मत्स्य किसानों को उनके तालाबों में फिनफिश, झींगा और मोलस्क में होने वाली बीमारियों की व्यापकता के बारे में जमीनी स्तर के अधिकारियों तथा मत्स्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ सूचना साझा करने में मदद करेगा।
      • इससे मछली उत्पादकों को बीमारियों के कुशल प्रबंधन के लिए वैज्ञानिक सलाह प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
      • बीमारियों से संबंधित डेटा को अस्थायी व स्थानिक पैमाने पर संग्रहीत किया जाएगा और इसका उपयोग रोग के मामलों की मैपिंग के लिए किया जा सकता है।
    • इस ऐप से किसानों को किसान-आधारित जानकारी में सुधार करने, वैज्ञानिक सलाह प्राप्त करने और बीमारियों से होने वाले नुकसान को कम करने में सहायता करेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
      • इसके अलावा, मत्स्य रोग रिपोर्टिंग ऐप का मछली रोग प्रबंधन पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, जो शीघ्र पता लगाने, त्वरित प्रतिक्रिया, सहयोग तथा ज्ञान साझा करने को बढ़ावा देगा।
      • यह मछलियों की संख्या, उद्योग और पारिस्थितिक तंत्र पर जलीय जीव रोगों के नकारात्मक प्रभावों को कम करके जलीय कृषि प्रणालियों की स्थिरता एवं लचीलेपन में विशेष योगदान देगा।

    पृष्ठभूमि:

    • पिछले कुछ वर्षों में मत्स्य पालन व उत्पादन क्षेत्र में प्रभावशाली वृद्धि देखी जा रही है और वर्तमान में, इस क्षेत्र से कुल निर्यात आय लगभग 57586.48 करोड़ रुपये (2021-22) है।
      • हालांकि, जलीय जीवो में होने वाली बीमारियां मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास में प्रमुख बाधा हैं।
      • जलीय जीवों के रोगों की शीघ्रता से जानकारी प्राप्त के लिए निगरानी आवश्यक है, जिससे उनके प्रभाव को कम किया जा सके।
      • उन्मूलन और रोकथाम के लिए बीमारियों का जल्दी पता लगाना महत्वपूर्ण है।
      • क्षेत्र-स्तरीय रोग सूचना तंत्र की अनुपलब्धता के कारण जलीय कृषि में बीमारियों के कई मामले दर्ज नहीं किए जा पाते हैं।
      • इसलिए, एक ऐसे तंत्र की आवश्यकता रही है जो किसानों, क्षेत्र-स्तरीय अधिकारियों और मछली स्वास्थ्य विशेषज्ञों को जोड़ सके।
  2. विश्व के सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के 8वें संस्करण का शुभारंभ:
    • दुनिया के सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण, स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 – मेरा शहर, मेरी पहचान के 8वें संस्करण की तैयारियां पूरी हो गई हैं।
    • आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण (SS) 2023 के लिए ‘फील्ड असेसमेंट’ का शुभारंभ किया है।
    • स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण-2023 के तहत, लगभग 3,000 मूल्यांकनकर्ता 01 जुलाई, 2023 से ‘फील्ड असेसमेंट’ शुरू करेंगे।
      • ये मूल्यांकनकर्ता 46 संकेतकों में 4500 से अधिक शहरों के कार्य प्रदर्शन का अध्ययन करेंगे। यह कार्य एक महीने में पूरा होने की उम्मीद है।
      • 24 मई, 2022 को शुरू किया गया स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 वेस्ट टू वेल्थ का चैंपियन है, जिसे अपशिष्‍ट के प्रसंस्करण और वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए तैयार किया गया है।
    • मूल रूप से एक प्रतिस्पर्धी निगरानी उपकरण के रूप में तैयार किया गया, स्वच्छ सर्वेक्षण वर्ष 2016 में आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य स्वच्छता और एक त्‍वरित प्रतिस्पर्धी तरीके से सतत स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शहरों की मदद करना है।
      • स्वच्छ सर्वेक्षण ने शहरी स्वच्छता को बेहतर बनाने और अपने नागरिकों को सर्वोत्तम सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए शहरों में प्रतिस्पर्धा की स्वस्थ भावना को प्रोत्‍साहित किया है।
      • इस वर्ष के मूल्यांकन में 10 करोड़ से अधिक नागरिकों के शामिल होने की उम्मीद है, जिससे यह निश्चित रूप से दुनिया का एक सबसे बड़ा वार्षिक शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण बन जाएगा।
      • चार तिमाहियों में आयोजित होने वाले इस मूल्यांकन की पहली तीन तिमाहियाँ सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी हैं।
    • स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के संकेतकों ने घर-घर से लिए गए कचरे को अलग-अलग करने, जीरो अपशिष्ट कार्यक्रम, दिव्यांग-अनुकूल शौचालय, बेहतर प्लास्टिक अपशिष्‍ट प्रबंधन और बैकलेन स्‍वच्‍छता से संबंधित मापदंडों पर ध्यान केंद्रित किया है।
      • इन संकेतकों के लिए इस वर्ष अंक बढ़ाए गए हैं। ‘मैनहोल’ को ‘मशीन होल’ में बदलने के बारे में जोर देते हुए सफाई मित्र सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी गई है।
      • इस घटक के तहत 2x अंक बढ़ाए गए हैं। ‘वेस्ट टू वंडर पार्क’ नामक नए संकेतकों को 2 प्रतिशत अधिमान्‍य के साथ शुरू किया गया है।
      • एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए स्वच्छ ट्यूलिप ने एक नए संकेतक के रूप में स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण 2023 में प्रवेश किया है। इसके अलावा, रैड स्‍पोट्स (वाणिज्यिक/आवासीय क्षेत्रों में थूकना) को भी सार्वजनिक क्षेत्रों की सफाई के तहत एक नए संकेतक के रूप में जोड़ा गया है।
      • RRR – RRR केंद्रों की कार्यक्षमता को प्रोत्‍साहित करने पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है ।
      • इस वर्ष शहरों में सभी अपशिष्ट उपचार सुविधाओं के विस्तृत तकनीकी मूल्यांकन के लिए 40 प्रतिशत अधिमान्‍य देने का संकेत दिया गया है।
  3. 27 जून को हेलेन केलर दिवस मनाया गया:
    • हेलेन केलर दिवस हेलेन केलर के जन्म का जश्न मनाने के लिए एक स्मारक दिवस है, जो प्रतिवर्ष 27 जून को मनाया जाता है।
      • यद्यपि हेलेन केलर जन्म से श्रवण बाधित और दृष्टि बाधित थीं, लेकिन उन्होंने जीवन में दृढ़ संकल्प किया और अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया।
    • वह एक विपुल लेखिका बनीं, कई किताबें प्रकाशित कीं, “अमेरिकन फाउंडेशन फॉर द ब्लाइंड” की स्थापना की, और दिव्यांग लोगों के लिए एक वकील के रूप में कार्य किया।
    • विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के फलस्वरूप, श्रवण बाधित और दृष्टि बाधित लोग पूर्ण और उत्पादक जीवन जीने में सक्षम हैं।
    • सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPWD) देश के दिव्यांग वयक्तियों के विकास के सभी एजेंडा की देखरेख करने वाला नोडल निकाय है।

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