विषयसूची:
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आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के साथ 50 से अधिक डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएं/अनुप्रयोग जोड़े गए
सामान्य अध्ययन: 2
स्वास्थ्य:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा: आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन।
संदर्भ:- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने 52 डिजिटल स्वास्थ्य अनुप्रयोगों के सफल एकीकरण के साथ अपनी प्रमुख योजना आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत बनाए जा रहे डिजिटल स्वास्थ्य पारितंत्र के विस्तार की घोषणा की।
विवरण:
- पिछले दो महीनों में, अतिरिक्त 12 स्वास्थ्य सेवा अनुप्रयोगों को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन सैंडबॉक्स के विभिन्न महत्वपूर्ण हिस्सों से जोड़ा गया था। एक सफल प्रदर्शन के बाद इन अनुप्रयोगों को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के साझेदार पारितंत्र से जोड़ा गया। इस सूची में अब 20 सरकारी और 32 निजी क्षेत्र के अनुप्रयोग जोड़े गए हैं।
- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन इंटीग्रेटर्स डिजिटल स्वास्थ्य सेवा वितरण के लाभों को जन-जन तक पहुंचाने की इस यात्रा में हमारे महत्वपूर्ण भागीदार हैं। इस पारितंत्र में अधिक से अधिक मौजूदा स्वास्थ्य अनुप्रयोगों के शामिल होने से नवाचार की गुंजाइश बढ़ेगी और यह प्रणाली बहुत तेजी से विकसित होगी।
- यह एकीकरण दर्शाता है कि कैसे सार्वजनिक और निजी क्षेत्र एक साथ आ सकते हैं और देश में डिजिटल स्वास्थ्य परितंत्र को मजबूत करने में सहयोग कर सकते हैं।
- स्वास्थ्य सेवा वितरण के डिजिटलीकरण की दिशा में यह सहयोगात्मक दृष्टिकोण भारत को सबसे प्रभावी, कुशल और किफायती तरीके से सभी को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन:
- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) को सितंबर 2021 में शुरू किया गया था।
- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) का उद्देश्य भारत के एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का समर्थन करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास करना है।
- इस मिशन के तहत प्रत्येक नागरिक को एक डिजिटल स्वास्थ्य ID प्रदान की जाएगी जिसमें उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से संरक्षित किया जाएगा।
- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन देश भर के अस्पतालों के डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों को एक-दूसरे से जोड़ेगा।
- यह ओपन, इंटर ऑपरेबल, मानक-आधारित डिजिटल सिस्टम का लाभ उठाते हुए डेटा, सूचना और बुनियादी ढांचा सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करके एक सहज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करेगा।
- इससे भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है।
- यह मिशन न केवल अस्पतालों की प्रक्रियाओं बल्कि जीवनयापन को भी आसान बनाएगा।
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स्वदेशी विमान वाहक (IAC) ‘विक्रांत’ की डिलीवरी
सामान्य अध्ययन: 3
आंतरिक सुरक्षा:
विषय: रक्षा क्षेत्र के विकास हेतु सरकारी नीतियां एवं हस्तक्षेप।
प्रारंभिक परीक्षा: विमान वाहक (IAC) ‘विक्रांत’ के बारे में तथ्य।
संदर्भ:- भारतीय नौसेना ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड, कोच्चि से प्रतिष्ठित स्वदेशी विमान वाहक (IAC) ‘विक्रांत’ की डिलीवरी लेकर समुद्री इतिहास का सृजन किया है।
विवरण:
- इस वाहक के डिजाइन को बनाने के लिए नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा 3D वर्चुअल रियलिटी मॉडल और उन्नत इंजीनियरिंग सॉफ्टवेयर के उपयोग सहित कई डिजाइन पुनरावृत्तियों का उपयोग किया गया है।
- इस जहाज में कुल मिलाकर 76 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री लगी है और यह “आत्मनिर्भर भारत” का एक आदर्श उदाहरण है जो सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल पर जोर देता है।
- विक्रांत की डिलीवरी से भारत ऐसे देशों के चुनिंदा समूह में शामिल हो गया है जिनके पास स्वदेशी रूप से विमान वाहक डिजाइन और निर्माण करने की विशिष्ट क्षमता मौजूद है।
- इस स्वदेशी विमान वाहक को जल्द ही भारतीय नौसेना में एक भारतीय नौसेना जहाज (INS) विक्रांत के रूप में शामिल किया जाएगा जो हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत की स्थिति को मजबूत और समुद्र में नौसेना के कार्य निष्पादन में सुधार करेगा।
विक्रांत के बारे में:
- इसका नाम भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- यह वाहक 262 मीटर लंबा है जिसका भार लगभग 45,000 टन है और यह अपने पूर्ववर्ती की अपेक्षा बहुत बड़ा और आधुनिक है।
- इस जहाज में 88 मेगावाट बिजली की चार गैस टर्बाइनें लगी हैं और इसकी अधिकतम गति 28 (नौट) समुद्री मील प्रति घंटा है।
- विक्रांत को मशीनरी संचालन, जहाज नेविगेशन और उत्तरजीविता के उच्च स्तर के स्वचालन के साथ निर्मित किया गया है और इसे ‘फिक्स्ड विंग’ व रोटरी विमानों के वर्गीकरण को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- यह जहाज स्वदेश निर्मित उन्नत किस्म के हल्के हेलीकाप्टर और हल्के लड़ाकू विमान के अलावा MiG-29 लड़ाकू जेट, कामोव-31, MH-60R और मल्टी रोल हेलीकाप्टरों के साथ 30 विमानों से युक्त एयर विंग के संचालन में सक्षम है।
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11वीं कृषि संगणना का शुभारंभ
सामान्य अध्ययन: 3
कृषि:
विषय: कृषि क्षेत्र के विकास के लिए विभिन्न प्रयास।
प्रारंभिक परीक्षा: कृषि संगणना के बारे में।
संदर्भ:- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने देश में ग्यारहवीं कृषि संगणना (2021-22) का शुभारंभ किया।
विवरण:
- सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही उनका जीवन स्तर बदलने, छोटे किसानों को संगठित कर उनकी ताकत बढ़ाने, उन्हें महंगी फसलों की ओर आकर्षित करने तथा उपज की गुणवत्ता वैश्विक मानकों के अनुरूप करने पर जोर दे रही है।
- ऐसे में इस संगणना से भारत जैसे विशाल और कृषि प्रधान देश को व्यापक लाभ मिलेगा।
- इस बार संगणना में प्रौद्योगिकी का भरपूर उपयोग किया जाएगा।
कृषि संगणना:
- अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र के महत्व को स्वीकार करते हुए कृषि और सहकारिता विभाग 1970-71 के बाद से कृषि संगणना योजना का संचालन कर रहा है। भारत में पहली कृषि संगणना 1970-71 में आयोजित की गई थी।
- कृषि संगणना का आयोजन प्रत्येक 5 वर्ष में किया जाता है।
- कोरोना महामारी के कारण यह स्थगित हो गई थी, जिसका आयोजन अब किया जा रहा है।
- इस कृषि संगणना का फील्ड वर्क अगस्त 2022 में शुरू होगा।
- कृषि संगणना अपेक्षाकृत जमीनी स्तर पर विभिन्न प्रकार के कृषि मापदंडों पर सूचना का मुख्य स्रोत है, जैसे प्रचालनात्मक जोत की संख्या और क्षेत्र, उनके आकार, वर्ग-वार वितरण, भूमि उपयोग, किराएदारी व फसल पद्धति इत्यादि।
- यह पहला अवसर है जब कृषि संगणना के लिए डाटा संग्रह स्मार्ट फोन और टैबलेट में किया जाएगाताकि समय पर डाटा उपलब्ध हो सके।
- अधिकांश राज्यों ने अपने भू-अभिलेखों और गिरदावरी का डिजिटलीकरण कर लिया है, जिससे कृषि संगणना के आंकड़ों का संग्रहण तेजी से होगा।
- डिजिटलीकृत भूमि रिकॉर्ड का उपयोग और डाटा संग्रह के लिए मोबाइल ऐप के उपयोग से देश में प्रचालनात्मक जोत धारकों का डाटाबेस तैयार किया जा सकेगा।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:
- भारत-मिस्र संयुक्त व्यापार समिति और भारत-मिस्र संयुक्त व्यापार परिषद के पांचवें सत्र का आयोजन:
- संयुक्त व्यापार समिति (JTC) का पांचवां सत्र और संयुक्त व्यापार परिषद (JBC) का पांचवां सत्र क्रमशः 3 और 6 वर्षों के अंतराल के बाद सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
- बैठक में दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों के भीतर 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
- पर्यटन मंत्रालय ने साहसिक पर्यटन को विशिष्ट पर्यटन के तौर पर मान्यता दी:
- पर्यटन मंत्रालय ने साहसिक पर्यटन को एक विशिष्ट पर्यटन उत्पाद के तौर पर मान्यता दी है, जिसमें पानी में होने वाली रोमांचक खेल गतिविधियां भी शामिल हैं, ताकि बिहार समेत पूरे भारत को बारहमासी पर्यटन केंद्र बनाया जा सके और रोमांच से भरे पर्यटन में विशेष दिलचस्पी रखने वाले पर्यटकों को लुभाया जा सके।
- वैश्विक तौर पर भारत को साहसिक पर्यटन का प्राथमिक केंद्र बनाने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने साहसिक पर्यटन के लिए राष्ट्रीय रणनीति भी बनाई है।
- पर्यटन सचिव की अध्यक्षता में ‘नेशनल बोर्ड फॉर एडवेंचर टूरिज्म’ का गठन भी किया गया है, जिसमें कुछ चिन्हित मंत्रालयों/संगठनों, राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों और पर्यटन उद्योग से संबंधित प्रतिनिधि भी शामिल हैं। इस बोर्ड का उद्देश्य साहसी पर्यटन को विकसित और प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई रणनीति को लागू करना है, इसमें शामिल हैं:
- विस्तृत कार्ययोजना और विशेष योजना का निर्माण
- प्रमाणन योजना
- सुरक्षा दिशा-निर्देश
- क्षमता निर्माण, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रचलित चलन का प्रतिपालन
- राज्य नीतियों का विश्लेषण और रैंकिंग
- प्रचार और प्रोत्साहन
- गंतव्य और उत्पाद विकास
- निजी क्षेत्र की भागीदारी
- साहसिक पर्यटन हेतु विशेष रणनीति का निर्माण
- देश में साहसिक पर्यटन के विकास के लिए अन्य उपाय
- अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा परामर्श वार्ता का आयोजन:
- अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा “श्रम प्रवासन पर परामर्श: भारत में लचीली, समावेशी और टिकाऊ नीतियों और संस्थानों को आगे बढ़ाना, सभी के लिए अच्छे काम को बढ़ावा देना” विषय पर परामर्श वार्ता का आयोजन किया गया।
- प्रवासी श्रमिक किसी भी देश के आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य में जरूरी विकास संबंधी योगदान देते हैं। आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रवासी श्रमिक ही सबसे कमजोर होते हैं जो वेतन असुरक्षा, आकस्मिक कार्य व्यवस्था, सामाजिक सुरक्षा की कमी और यहां तक कि कौशल अंतराल जैसी समस्याओं का सामना करते हैं। परामर्श वार्ता का उद्देश्य इनका समाधान करना है।
28 जुलाई 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 27 जुलाई 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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