विषयसूची:
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1. सांसद आदर्श ग्राम योजना के परिचालन हेतु दिशानिर्देश:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: सांसद आदर्श ग्राम योजना।
मुख्य परीक्षा: सांसद आदर्श ग्राम योजना के प्रभावों के बारे में समझाये।
प्रसंग:
- सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) ढांचे के तहत, ग्राम पंचायतों के विकास की परिकल्पना मौजूदा सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के अभिसरण मोड में कार्यान्वयन और सामुदायिक और निजी संसाधनों को जुटाने के माध्यम से की गई है।
उद्देश्य:
- इस योजना के तहत न तो कोई अतिरिक्त धनराशि आवंटित की जाती है और न ही SAGY ग्राम पंचायतों के विकास के लिए विभिन्न स्रोतों से जुटाई गई धनराशि का विवरण केंद्रीय रूप से रखा जाता है।
- SAGY दिशानिर्देश, 14 भाषाओं में उपलब्ध हैं, इसमें SAGY ग्राम पंचायतों के लिए नियोजित विकासात्मक गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए जिला कलेक्टर द्वारा एक प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया जाता है।
विवरण:
- योजना के बेहतर कार्यान्वयन के लिए अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित पहलें की गई हैं:
- भारत सरकार के 17 मंत्रालयों की 26 योजनाओं में संशोधन किया गया है/संबंधित योजनाओं में SAGY को प्राथमिकता देने के लिए उपयुक्त परामर्श जारी किए गए हैं।
- मंत्रालय ने SAGY के तहत अभिसरण के लिए 127 केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं और केंद्र प्रायोजित योजनाओं और 1806 राज्य योजनाओं का एक संकलन तैयार किया है।
- ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा SAGY की समय-समय पर समीक्षा की जाती है, जिसमें माननीय ग्रामीण विकास मंत्री, प्रदर्शन समीक्षा समिति, सामान्य समीक्षा मिशन, राष्ट्रीय स्तर के मॉनिटर, समवर्ती निगरानी और प्रभाव आकलन अध्ययन शामिल हैं।
- मंत्रालय ने ग्रामीणों और ग्राम स्तर के अधिकारियों के ज्ञान को समृद्ध करने के लिए संबंधित मंत्रालयों से एकत्रित मौजूदा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर आवश्यक जानकारी के साथ सांकेतिक मार्गदर्शन दस्तावेज के रूप में ‘सहयोग’ (SAHYOG) नामक एक दस्तावेज प्रकाशित किया है जिसका उद्देश्य SAGY ग्राम पंचायतों में सामाजिक/वित्तीय सुरक्षा योजनाओं में 100% नामांकन प्राप्त करना है।
- राज्यों से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (SLEC) की बैठकें आयोजित करने का अनुरोध किया गया है ताकि कार्यान्वयन प्रक्रिया की समीक्षा की जा सके और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के बीच योजनाओं का निर्बाध अभिसरण सुनिश्चित किया जा सके।
- ग्राम पंचायतों की गतिशील रैंकिंग के लिए पैरामीटर हाल ही में विकसित किए गए हैं और पोर्टल पर रखे गए हैं ताकि चयनित SAGY ग्राम पंचायतों के बीच प्रतिस्पर्धा पैदा की जा सके।
- मंत्रालय समय-समय पर माननीय सांसदों के प्रतिनिधियों/पीएस के लिए एक अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित कर रहा है ताकि उन्हें जिला प्रशासन और माननीय सांसदों के बीच एक महत्वपूर्ण मध्यस्थ भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और SAGY कार्यान्वयन प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।
- SAGY-II (2019-24) के तहत ग्राम पंचायतों की पहचान करने और प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन को संतृप्त करने के लिए अभिसरण प्रक्रिया को गति देने के लिए आवश्यक नेतृत्व प्रदान करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्री के निर्देश सांसदों को भेजे जा रहे हैं।
- मंत्रालय ने ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन (TRIF) के सहयोग से SAGY ग्राम पंचायतों के लिए इन क्षेत्रों से धन का लाभ उठाने के लिए निजी स्वैच्छिक संगठनों/कॉर्पोरेट्स के साथ CSR कॉन्क्लेव का आयोजन किया है।
- मंत्रालय ने SAGY GP के ग्रामीणों के बीच स्वच्छ व्यवहार और प्रथाओं को विकसित करने के लिए SAGY GP में अच्छी आदत अभियान शुरू किया है।
2. मछली पालन, पशुपालन और डेयरी क्षेत्रों के विकास हेतु सरकारी योजनाएं:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
मुख्य परीक्षा: मछली पालन, पशुपालन और डेयरी क्षेत्रों के विकास हेतु संबंधित मंत्रालय की योजनाओं पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- मछली पालन, पशुपालन और डेयरी क्षेत्रों के विकास के लिए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की योजनाएं।
विवरण:
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार वर्तमान में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी क्षेत्रों के विकास के लिए गुजरात सहित सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में निम्नलिखित योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू कर रही है:
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY),
- मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (FIDF),
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM),
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM),
- राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD),
- डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि (DIDF),
- डेयरी कार्यकलापों में लगी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों की सहायता (SDCFPO),
- उद्यमिता विकास और रोजगार सृजन (EDEG),
- पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम (LHDCP),
- पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF)।
3. स्वामित्व (SVAMITVA) योजना:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: शासन व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई- गवर्नेस-अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं सीमाएं और संभावनाएं।
प्रारंभिक परीक्षा: स्वामित्व योजना।
मुख्य परीक्षा: स्वामित्व योजना के महत्व एवं लाभों पर चर्चा कीजिए ।
प्रसंग:
- यह केंद्र सरकार के द्वारा पंचायती राज मंत्रालय के तहत शुरू की गई एक योजना है जिसके तहत मुख्य रूप से ग्राम पंचायतों में रहने करने वाले ग्रामीणों को लाभ दिया जाएगा ।
उद्देश्य:
- PM स्वामित्व योजना के तहत इन लोगों को उनकी संपत्ति का असली हक उपलब्ध कराया जाएगा जिसके तहत इन्हें पीएम स्वामित्व कार्ड तथा जमीन के दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे ।
- केंद्रीय क्षेत्र की योजना “स्वामित्व” का उद्देश्य गांवों में बसे हुए क्षेत्रों (आबादी) में घर रखने वाले ग्रामीण परिवारों के मालिकों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड/अधिकार-अभिलेख’ (Record of Rights) प्रदान करना है।
- इस योजना का उद्देश्य देश के गांवों में बसे हुए (आबादी) क्षेत्रों में घर रखने वाले सभी ग्रामीण परिवारों को कवर करना है।
विवरण:
- स्वामित्व योजना में गाँवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में तात्कालिक प्रौद्योगिकी के साथ उसका मानचित्रण करना है।
- यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसे 24 अप्रैल, 2021 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया गया था।
- स्वामित्व का अर्थ है-मालिकाना हक़।
- इस योजना के तहत देश के सभी गांवों के ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में जमीन का सर्वेक्षण किया जाता है।
- यह संपत्ति के स्पष्ट स्वामित्व के निर्धारण में मदद करता है।
- यह योजना पंचायती राज मंत्रालय, भारतीय सर्वेक्षण (Survey of India (SoI)), राज्य राजस्व विभाग, राज्य पंचायती राज विभाग और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के सहयोगात्मक प्रयासों से कार्यान्वित की जा रही है।
- योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्यों को SoI के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता है।
- अब तक उत्तर प्रदेश राज्य सहित 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने SoI के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
- यह योजना संपत्तियों के मुद्रीकरण की सुविधा देती है जिससे बैंक ऋण प्राप्त करना आसान हो जाता है, संपत्ति संबंधी विवादों में कमी आती है, व्यापक ग्रामीण स्तर की योजना बनती है और संपत्ति कर के आकलन के लिए एक आधार प्रदान किया जाता है, जो सीधे उन राज्यों में ग्राम पंचायतों को प्राप्त होता है जहां इसे हस्तांतरित किया जाता है।
4. जापान की भारत को आधिकारिक विकास सहायता (ODA):
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
मुख्य परीक्षा: भारत-जापान संबंधों पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग तथा भारत में जापान के राजदूत श्री सुजुकी हिरोशी के बीच 28 मार्च को 98.612 बिलियन जापानी येन (लगभग 5,509 करोड़ रुपये) की पटना मेट्रो रेल निर्माण परियोजना, 9.308 बिलियन जापानी येन (लगभग 520 करोड़ रुपये) की पश्चिम बंगाल में जलवायु परिवर्तन प्रतिक्रिया के लिए वन और जैव विविधता संरक्षण परियोजना, और 18.894 बिलियन जापानी येन (लगभग 1,055.53 करोड़ रुपये) की राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना के लिए नोट्स का आदान-प्रदान हुआ।
विवरण:
- पटना मेट्रो रेल निर्माण परियोजना का उद्देश्य नए मेट्रो कॉरिडोर 1 और 2 का निर्माण करके पटना में यातायात की बढ़ती मांग का समाधान करना है, जिससे शहरी पर्यावरण में सुधार और अर्थव्यवस्था के विकास के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के शमन में योगदान दिया जा सके।
- पश्चिम बंगाल में जलवायु परिवर्तन प्रतिक्रिया के लिए वन और जैव विविधता संरक्षण परियोजना का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन को कम करना और अनुकूल बनाना, पारिस्थितिक तंत्र आधारित जलवायु परिवर्तन उपायों, जैव विविधता संरक्षण और बहाली, आजीविका सुधार गतिविधियों और संस्थागत मजबूती से पारिस्थितिक तंत्र को संरक्षित और पुनर्स्थापित करना है, जिससे राज्य में सतत सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान दिया जा सके।
- राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना का उद्देश्य किसानों की आजीविका में सुधार करना साथ ही पुरुष और महिला दोनों किसानों की भागीदारी के आधार पर मौजूदा सिंचाई सुविधाओं और कृषि सहायता सेवाओं में सुधार के माध्यम से जल उपयोग दक्षता और कृषि उत्पादकता में सुधार करके राज्य में कृषि और सिंचाई क्षेत्र में लैंगिक मुख्यधारा को बढ़ावा देना, जिससे सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में योगदान से राज्य में विकास हो सके।
- भारत और जापान का 1958 से द्विपक्षीय विकास सहयोग का एक लंबा और उपयोगी इतिहास रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत और जापान के बीच आर्थिक सहयोग लगातार आगे बढ़ा है।
- यह भारत और जापान के बीच रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करता है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूती देने के लिये G-20 विशेषज्ञ समूह:
- भारत की G-20 अध्यक्षता के तत्त्वावधान में बहुपक्षीय विकास बैंकों (MDBs) को मजबूती देने के लिये एक G-20 विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया है।
विशेषज्ञ समूह के उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- 21वीं शताब्दी के लिये एक उन्नत MDB इको-प्रणाली का रोडमैप तैयार करना, जिसमें विभिन्न पड़ावों तथा समय-सारिणियों को शामिल किया जायेगा।
- इसके तहत MDB के सभी पहलुओं को रखा जायेगा, जो परिकल्पना तक ही सीमित नहीं रहेंगे।
- परिकल्पना को शामिल करते हुये प्रेरक संरचना, परिचालन समझ और वित्तीय क्षमता पर भी ध्यान दिया जायेगा, ताकि MDB विस्तृत सतत विकास लक्ष्यों तथा जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य जैसी सर्वव्यापी चुनौतियों को मद्देनजर रखते हुये वित्तपोषण कर सकें।
- MDB सतत विकास लक्ष्य और सर्वव्यापी चुनौतियों के हवाले से अपनी और सदस्य देशों की बढ़ी हुई वित्तीय जरूरतों के वित्तपोषण के सम्बंध में विभिन्न तरह के आकलन करेंगे।
- इसके लिये वे अतिरिक्त क्षमता को ध्यान में रखेंगे।
- इस अतिरिक्त क्षमता को CAF सिफारिशों तथा निजी व सार्वजनिक सेक्टर निधियों (AND) जैसे अन्य महत्त्वपूर्ण स्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है।
- वैश्विक विकास और अन्य चुनौतियों के अधिक कारगर समाधान के लिये MDB के बीच समन्वय के लिये प्रणालियां।
विशेषज्ञ समूह की संरचना इस प्रकार हैः
- सह-संयोजक:
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- प्रोफेसर लॉरेंस समर्स: हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एमिराइटस अध्यक्ष
- श्री एनके सिंह: अध्यक्ष, आर्थिक विकास संस्थान और भारत के 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष।
- एवं अन्य सदस्यगण।
- विशेषज्ञ समूह 30 जून, 2023 से पहले G-20 की भारतीय अध्यक्षता को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देगा।
2. अल्जीयर्स में आईएनएस सुमेधा की बंदरगाह यात्रा:
- वर्तमान में भूमध्य सागर में तैनात आईएनएस सुमेधा ने 26 मार्च 2023 को ऑपरेशनल टर्न अराउंड के लिए अल्जीयर्स, अल्जीरिया में प्रवेश किया।
- इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग और अंतरसक्रियता को बढ़ाना है।
- ये मित्र समुद्री देशों के लिए भारतीय नौसेना की आउटरीच को भी दिखलाता है।
- इस यात्रा के दौरान दोनों नौसेनाएं क्रॉस डेक यात्राओं, पेशेवर बातचीत, खेल आयोजनों और सांस्कृतिक यात्राओं के माध्यम से एक-दूजे की सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभवों को साझा करेंगी।
- स्वदेशी रूप से निर्मित, आईएनएस सुमेधा गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में निर्मित किया गया एक गुप्त अपतटीय गश्ती पोत है और ये अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर पैकेज से सुसज्जित है।
- ये पोत समुद्र में एंटी-पायरेसी गश्ती, SAR, HADR, निगरानी और एस्कॉर्ट मिशन जैसे फ्लीट सपोर्ट ऑपरेशनों के लिए नियमित रूप से तैनात रहता है।
- ये पोत एक उन्नत लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर को भी ऑनबोर्ड ले जा सकता है।
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