विषय सूची:
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1.भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक और सहयोग व्यापार समझौता प्रभावी हुआ
सामान्य अध्ययन: 2
अन्तर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा: भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक और सहयोग व्यापार समझौता के बारे में तथ्य।
संदर्भ:
- भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक और सहयोग व्यापार समझौता (#IndAusECTA) दिनांक 29 दिसंबर, 2022 से प्रभावी हो गया है।
विवरण:
- भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक और सहयोग व्यापार समझौता पर 2 अप्रैल, 2022 को हस्ताक्षर किया गया था, 21 नवंबर, 2022 को इसकी अभिपुष्टि की गई थी, 29 नवंबर को लिखित अधिसूचनाओं का आदान प्रदान किया गया था तथा उसके 30 दिनों के बाद यह समझौता प्रभावी हो गया है।
- भारत ने इस वर्ष दो व्यापार समझौतों के प्रचालन का अनूठा गौरव अर्जित किया है। इससे पूर्व, इस वर्ष के प्रारंभ में 1 मई को भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता प्रभावी हुआ था।
- भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक और सहयोग व्यापार समझौता के 29.12.2022 से प्रभावी होने के लिए आवश्यक सभी अधिसूचनाएं राजस्व विभाग तथा वाणिज्य विभाग में विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा जारी की गई हैं।
- ऑस्ट्रेलिया भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। वे चार देशों के क्वाड, त्रिपक्षीय आपूर्ति श्रृंखला पहल और भारत-प्रशांत आर्थिक फोरम (IPEF) का भी हिस्सा हैं।
यह समझौता किस प्रकार देशों को लाभ पहुंचाएगा?
- ऑस्ट्रेलिया को परिष्कृत वस्तुएं निर्यात करने की बहुत सारी संभावनाएं हैं, क्योंकि वे मुश्किल से किसी वस्तु का विनिर्माण करते हैं, वे मुख्य रूप से कच्चा माल और मध्यवर्ती उत्पादक देश हैं। हमें सस्ती वस्तुएं प्राप्त होंगी जो हमें न केवल वैश्विक रूप से और अधिक प्रतिस्पर्धी बना देगी, बल्कि हमें भारतीय उपभोक्ताओं की बेहतर तरीके से सेवा करने में भी सक्षम बनाएगी, हमें और अधिक किफायती कीमतों पर और ज्यादा गुणवत्तापूर्ण वस्तुएं प्रदान करने में सक्षम बनाएगी।
- ऑस्ट्रेलिया, जो बहुत हद तक आयातों पर निर्भर करता है, को काफी अधिक लाभ पहुंचेगा, उन्हें बहुत जल्द भारत से काफी अधिक परिष्कृत वस्तुएं प्राप्त होनी शुरु हो जाएंगी, इससे वस्तुओं तथा भारतीय प्रतिभाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं, दोनों में ही बड़े परिमाण पर कार्य और रोजगार अवसर उपलब्ध होंगे।
- यह समझौता आईटी सेवाओं पर दोहरा कराधान भी समाप्त कर देगा जो हमें कम प्रतिस्पर्धी बना रहे थे और हमें आईटी सेक्टर में कम लाभदायक बना रहे थे। कानून में संशोधन करते हुए एक अप्रैल से दोहरे कराधान को हटा दिया गया है, आईटी सेवाओं पर दोहरा कराधान अब समाप्त हो जाएगा जिससे हम अभी मिलियन और मिलियन डॉलर की बचत कर सकेंगे और कुछ समय के बाद, हो सकता है 5-7 सालों के बाद बिलियन डॉलर की बचत कर सकेंगे जिससे हमें न केवल प्रतिस्पर्धी लाभ हासिल होगा बल्कि हम कई नए रोजगारों का भी सृजन कर सकेंगे।”
- इस समझौते में कृषि उत्पादों तथा डेयरी सेक्टर के उत्पादों – जो भारत के लिए बहुत संवेदनशील थे और जिसके बिना ऑस्ट्रेलिया ने पहले कभी समझौता नहीं किया – की सुरक्षा की गई है।
- सभी टैरिफ लाइन पर भारतीय वस्तुओं को शून्य सीमा शुल्क के साथ ऑस्ट्रेलिया के बाजारों में पहुंच प्राप्त होगी।
- भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक और सहयोग व्यापार समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने तथा उसमें सुधार लाने के लिए एक संस्थागत तंत्र उपलब्ध कराता है। यह भारत और ऑस्ट्रेलिया द्वारा संचालित लगभग सभी टैरिफ लाइनों को कवर करता है।
- भारत को इससे रत्न एवं आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, फुटवियर, फर्नीचर, खाद्य एवं कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग वस्तुएं, चिकित्सा उपकरणों, ऑटोमोबाइल जैसे भारत के श्रम आधारित क्षेत्रों सहित इसके 100 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर उपलब्ध कराए गए वरीयतापूर्ण बाजार पहुंच से लाभ प्राप्त होगा।
- दूसरी तरफ, भारत अपनी टैरिफ लाइनों में से 70 प्रतिशत से अधिक पर ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया की निर्यात दिलचस्पी वाली लाइनों सहित वरीयतापूर्ण पहुंच देने की पेशकश करेगा जिनमें मुख्य रूप से कच्चे माल तथा कोयला, खनिज अवयव अयस्क तथा वाइन जैसी मध्यवर्ती वस्तुएं शामिल हैं।
- जहां तक सेवाओं में व्यापार का संबंध है तो ऑस्ट्रेलिया ने लगभग 135 उप क्षेत्रों में व्यापक प्रतिबद्धताओं तथा भारत की दिलचस्पी वाले मुख्य क्षेत्रों को कवर करते हुए 120 उप-क्षेत्रों में सर्वाधिक वरीयतापूर्ण राष्ट्र (MFN) का दर्जा देने की पेशकश की है।
- दूसरी तरफ, भारत ने लगभग 103 उप-क्षेत्रों में ऑस्ट्रेलिया को बाजार पहुंच तथा ‘व्यवसाय सेवाओं‘, ‘संचार सेवाओं‘, निर्माण तथा संबंधित इंजीनियरिंग सेवाओं’ आदि जैसे 11 व्यापक सेवा क्षेत्रों से 31 उप-क्षेत्रों में सर्वाधिक वरीयतापूर्ण राष्ट्र (MFN) का दर्जा देने की पेशकश की है।
- दोनों पक्षों ने इस समझौते के तहत फार्मास्यूटिकल उत्पादों पर एक अलग परिशिष्ट पर सहमति जताई है जो पैटेंटीकृत, जेनेरिक तथा बायोसिमिलर दवाओं के लिए फास्ट ट्रैक अनुमोदन में सक्षम बनाएगा।
- ऐसा अनुमान है कि समझौते के तहत भारत में 10 लाख अतिरिक्त रोजगार का सृजन होगा।
- भारतीय योग गुरुओं और शेफ को वार्षिक वीजा कोटा के साथ लाभ प्राप्त होगा।
- समझौते के तहत एक लाख से अधिक भारतीय छात्रों को पढ़ाई के उपरांत कार्य वीजा (18 महीनों से 4 वर्ष तक) से लाभ प्राप्त होगा।
- इस समझौते से निवेश के अवसरों में वृद्धि, निर्यात को बढ़ावा प्राप्त होने, उल्लेखनीय अतिरिक्त रोजगार अवसरों के सृजित होने तथा दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध के और प्रगाढ़ बनने की भी उम्मीद है।
2.भारत निर्वाचन आयोग ने रिमोट वोटिंग की सुविधा देने पर काम शुरू किया
सामान्य अध्ययन: 2
राजव्यवस्था एवं शासन:
विषय: शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और संभावनाएं
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा: भारत निर्वाचन आयोग की रिमोट वोटिंग सुविधा के बारे में।
संदर्भ:
- भारत निर्वाचन आयोग ने रोजगार, शिक्षा या अन्य कारणों से गृह नगर से देश में अन्यत्र बसे नागरिकों को रिमोट वोटिंग की सुविधा देने पर काम शुरू किया।
विवरण:
- प्रौद्योगिकीय तरक्की के युग में प्रवासन (Migration) के आधार पर मतदान के अधिकार से वंचित करना स्वीकार योग्य विकल्प नहीं है। आम चुनाव 2019 में 67.4% मतदान हुआ था और भारत निर्वाचन आयोग 30 करोड़ से अधिक निर्वाचकों द्वारा मतदान करने के अपने अधिकार का प्रयोग नहीं करने और विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान का प्रतिशत अलग-अलग होने को लेकर सजग है।
- आयोग सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित उद्यम के सहयोग से घरेलू प्रवासी मतदाताओं की भागीदारी को संभव करने के लिए उनके रिमोट लोकेशन अर्थात शिक्षा/रोजगार आदि के प्रयोजन से उनके मौजूदा निवास स्थान से, उनके गृह निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान करने की सुविधा प्रदान करने के लिए एक बहु-निर्वाचन क्षेत्र रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) को प्रायोगिक तौर पर शुरू करने के लिए तैयार है। EVM का यह संशोधित रूप एक एकल रिमोट पोलिंग बूथ से 72 विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों पर मतदान करा सकता है।
- यदि यह पहल कार्यान्वित कर दी जाती है तो यह प्रवासियों के लिए एक बड़ा सामाजिक परिवर्तन लेकर आने की क्षमता रखती है और उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहने में मददगार होगी, क्योंकि कई बार वे विभिन्न कारणों जैसे कि उनके निवास स्थानों के नियमित तौर पर बदलने, प्रवास क्षेत्र के मुद्दों से सामाजिक और भावनात्मक रूप से पर्याप्त जुड़ाव न होने, अपने गृह/मूल निर्वाचन-क्षेत्रों की निर्वाचक नामावली से नाम कटवाने की अनिच्छुकता (चूंकि उनका वहां स्थायी निवास/संपत्ति होती है) से अपने कार्यस्थान पर स्वयं को मतदाता के रूप में पंजीकृत करवाने के प्रति अनिच्छुक रहते हैं।
- आयोग ने बहु-निर्वाचन क्षेत्र प्रोटोटाइप रिमोट ईवीएम की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन करने के लिए सभी मान्यता प्राप्त 08 राष्ट्रीय और 57 राज्यीय दलों को आमंत्रित किया है। इस अवसर पर आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे।
- विभिन्न हितधारकों से प्राप्त फीडबैक और प्रोटोटॉइप के प्रदर्शन के आधार पर आयोग रिमोट मतदान पद्धति को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया को उपयुक्त तरीके से आगे ले जाएगा।
रिमोट वोटिंग सुविधा के क्रियान्वयन में प्रमुख चुनौतियां:
1. कानूनी चुनौतियां
- वे कानून/नियम जिनमें संशोधन किया जाना अपेक्षित है:
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951
- निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961
- निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960
- प्रवासी मतदाता को परिभाषित करना
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- मतदान दिवस में अनुपस्थित रहने वाले मतदाता से लेकर स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाता
- ‘मामूली निवास’ और ‘अस्थायी रूप से अनुपस्थित मतदाता’ की विधिक संरचना के परिप्रेक्ष्य में मूल स्थान पर पंजीकरण को बनाए रखना
- रिमोट वोटिंग को परिभाषित करना
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- राज्यक्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र की संकल्पना से निपटना
- दूरवर्तिता को परिभाषित करना: निर्वाचन क्षेत्र से बाहर, जिले से बाहर
2. प्रशासनिक चुनौतियां
- रिमोट वोटरों की गणना करना –
- स्व-घोषणा ?
- नियंत्रित परिवेश उपलब्ध कराना–रिमोट लोकेशनों पर मतदान की गोपनीयता सुनिश्चित करना
- रिमोट वोटिंग बूथों पर पोलिंग एजेंटों की व्यवस्था करना और प्रतिरूपण से बचने के लिए मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करना
- स्थापित किए जाने वाले बूथों की संख्या और लोकेशन
- रिमोट मतदान केंद्रों के लिए मतदान कर्मियों की नियुक्ति और उनका पर्यवेक्षण
- रिमोट लोकेशनों (अन्य राज्य) में आदर्श आचार संहिता लागू करना
3. प्रौद्योगिकीय चुनौतियां
- रिमोट वोटिंग की पद्धति
- मतदाताओं का पद्धतियों/बहु-निर्वाचन क्षेत्र रिमोट ईवीएम या किसी अन्य प्रौद्योगिकी से परिचित होना
- रिमोट बूथों पर डाले गए मतों की गणना और उसे अन्य राज्यों में स्थित रिटर्निंग अधिकारी को प्रेषित करना
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली के बीटा संस्करण की शुरुआत
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण लाइट यानी कम साइज वाली, मजबूत और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन- अनुरूप अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली का बीटा संस्करण जारी किया है।
- इस प्रणाली की परिकल्पना स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए, विशेष रूप से निजी क्लीनिकों और छोटे स्वास्थ्य केंद्रों पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से एक डिजिटल मंच प्रदान करने के लिए की गई है। इससे छोटे क्लीनिकों के डिजिटलीकरण में तेजी आएगी और भारत में स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की तलाश में सुधार होगा।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी है।
- इसका उद्देश्य भारत में डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए आधार का विकास करना है।
- अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली का बीटा संस्करण निम्नलिखित विशेषताएं प्रदान करता है:
- ABDM का अनुपालन – डॉक्टरों को अपने रोगियों के लिए एबीएचए (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) बनाने और इसे प्राप्त करने की सुविधा देता है।
- सुविधा प्रबंधन – डॉक्टरों को एक ही खिड़की पर अपने कैलेंडर, अपॉइंटमेंट और रोगी विवरण प्रबंधित करने की सुविधा प्रदान करता है।
- डिजिटल सेवाएं – डॉक्टरों को पंजीकृत रोगियों के पिछले स्वास्थ्य रिकॉर्ड व पर्चे को देखने और वीडियो परामर्श प्रदान करने की अनुमति देता है।
- ई-प्रिस्क्रिप्शन सेवाएं – प्रिस्क्रिप्शन लेआउट को संशोधित/अनुकूलित करने के विकल्पों के साथ कई मापदंडों का उपयोग करके डिजिटल मानकीकृत पर्चे तैयार करना और साझा करना।
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लिंक किए गए लेख में 28 दिसंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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