विषयसूची:

  1. एससीओ फिल्म महोत्‍सव में ‘रीचिंग आउट- इंडिया एंड द एससीओ’ पर गोलमेज बैठक का आयोजन:
  2. ओएनजीसी के प्रतिष्ठित सागर सम्राट को गतिशील अपतटीय उत्पादन इकाई के रूप में राष्ट्र को पुन: समर्पित किया गया:

1.एससीओ फिल्म महोत्‍सव में ‘रीचिंग आउट- इंडिया एंड द एससीओ’ पर गोलमेज बैठक का आयोजन:

सामान्य अध्ययन: 1

भारतीय संस्कृति: 

विषय: भारतीय संस्कृति में कला के रूप। 

प्रारंभिक परीक्षा: शंघाई सहयोग संगठन फिल्म महोत्‍सव से संबंधित जानकारी।

प्रसंग:

  • मुंबई में शंघाई सहयोग संगठन फिल्म महोत्‍सव के दौरान, ‘रीचिंग आउट-इंडिया एंड द एससीओ’ पर एक गोलमेज बैठक का आयोजन किया गया।

उद्देश्य: 

  • इस सत्र का उद्देश्य भारत और SCO देशों के बीच सहयोग के संभावित रास्ते की खोज करने के लिए केन्‍द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारतीय उद्योग हितधारकों, फिल्मकारों व फिल्म महोत्सव के जूरी सदस्यों के बीच सहयोग को सुविधाजनक बनाना है।
  • इस गोलमेज बैठक का मुख्य उद्देश्य अनुभवों को साझा करना और समग्र इकोसिस्‍टम में सुधार के लिए दृष्टिकोण और सुझाव प्रदान करना तथा भारत सरकार द्वारा घोषित विदेशी निर्माण और आधिकारिक सह-निर्माणों के लिए प्रोत्साहन के संबंध में आउटरीच प्रदान करना है।

विवरण:

  • मुंबई में शंघाई सहयोग संगठन फिल्म महोत्‍सव के दौरान, ‘रीचिंग आउट-इंडिया एंड द एससीओ’ पर एक गोलमेज बैठक का आयोजन किया गया। 
  • सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम और फिल्म सुविधा कार्यालय, इन्वेस्ट इंडिया के तत्वावधान में आयोजित इस सत्र की अध्यक्षता सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अपर सचिव नीरजा शेखर ने की और इसका संचालन संयुक्त सचिव (फिल्म) और प्रबंध निदेशक (NFDC) पृथुल कुमार ने किया।
  • सत्र के दौरान, SCO सदस्य देशों से प्रतिभा के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और भारत के साथ सह-निर्माण समझौतों की संभावनाओं को तलाशने तथा संयुक्त परियोजनाओं के माध्यम से विद्यमान भारतीय फिल्म प्रोत्साहनों का लाभ उठाने की अपील की गई। 
  • यह देखते हुए कि भारत और सहभागी देशों में अपेक्षाकृत मजबूत फिल्म उद्योग हैं, वहां अन्य देशों के फिल्म उद्योगों के लिए एक केन्द्र के रूप में भारत को बढ़ावा देने की असीम संभावना है। इन देशों में फिल्‍माई जा रही भारतीय फिल्‍मों के लिए सुविधाएं उपलब्‍ध कराने की क्षमता भी विद्यमान है।
  • भारत के वर्तमान में चीन और रूस के साथ द्विपक्षीय ऑडियो-विजुअल सह-निर्माण समझौते हैं। 
  • ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान सदस्य देशों और तुर्की जैसे संवाद देशों के साथ सह-निर्माण समझौतों के लिए सक्रियतापूर्वक विचार किया जा रहा है। 
  • भारत, नेपाल और श्रीलंका के फिल्म उद्योगों के बीच घनिष्ठ सहयोग है, तथापि कोई द्विपक्षीय समझौता नहीं है। पिछले 6 वर्षों में एक भारत-चीन सह-निर्माण और एक भारत-रूस सह-निर्माण समझौता हुआ है।
  • SCO देशों- चीन (5), ईरान (2), कजाकिस्तान (1), नेपाल (1), रूस (2), श्रीलंका (1) और तुर्की (1) जैसे देशों के लिए कई फिल्मों को भारत में शूटिंग की अनुमति दी गई है और लगभग सभी सदस्य देशों में कई भारतीय फिल्मों की शूटिंग की गई है।

2.ओएनजीसी के प्रतिष्ठित सागर सम्राट को गतिशील अपतटीय उत्पादन इकाई के रूप में राष्ट्र को पुन: समर्पित किया गया:

सामान्य अध्ययन: 3

बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा।

आर्थिक विकास: 

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा संसाधनों को जुटाने से संबंधित विषय। 

प्रारंभिक परीक्षा: ओएनजीसी के सागर सम्राट से संबंधित जानकारी।

प्रसंग:

  • केन्‍द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री तथा आवासन एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप एस. पुरी ने तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) के प्रतिष्ठित ड्रिलिंग रिग सागर सम्राट को गतिशील अपतटीय उत्पादन इकाई (MOPU) के रूप में राष्ट्र को पुन: समर्पित किया। 

विवरण:

  • सागर सम्राट का पुन: प्रयोग में आना साहस और अनिश्चितताओं एवं प्रकृति की उथल-पुथल वाली ताकतों के सामने बदलाव लाने की इच्छा का एक साक्षी है।
  • सागर सम्राट अब एक गतिशील अपतटीय उत्पादन इकाई के रूप में समुद्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता  है।  
  • 1973 में निर्मित सागर सम्राट रिग ने 14 प्रमुख अपतटीय तेल और गैस खोजों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और लगभग 125 कुओं को ड्रिल किया था।
  • यह अत्याधुनिक सुविधा केन्‍द्र 2.36 MCM प्रतिदिन की अधिकतम निर्यात गैस क्षमता के साथ 20,000 BPD कच्‍चा तेल संचालित करेगी और इससे आने वाले दिनों में भारत के उत्पादन में 6000 BBL प्रति दिन तेल की वृद्धि होने की उम्मीद है।
  • 2047 तक ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की निरंतर यात्रा में एक सकारात्मक कदम के रूप में यह इकाई गहरे पानी में प्रचालन करने में सक्षम होगी और अब तक अप्रयुक्त रहे भंडार तक पहुंचने के नए अवसर खोलेगी।
  • 1973 में कमीशन किए गए, सागर सम्राट से वैश्विक तेल मानचित्र पर भारत के तेल भाग्य में असीम बदलाव आया है। 
    • 32 वर्षों में, सागर सम्राट ने लगभग 125 कुएं खोदे हैं और भारत में 14 प्रमुख अपतटीय तेल और गैस खोजों में शामिल रहा है।
  • प्रारंभ में यह एक जैक-अप ड्रिलिंग रिग था, पर सागर सम्राट को अब एक गतिशील अपतटीय उत्पादन इकाई (MOPU) में परिवर्तित कर दिया गया है। 
    • टेक्सास स्थित ब्रिटेन की इंजीनियरिंग और परामर्श समूह वुड ग्रुप की मस्टैंग इकाई ने जहाज के रूपांतरण के लिए फ्रंट-एंड इंजीनियरिंग और डिजाइन का काम किया है।
  • MOPU सागर सम्राट ने 23 दिसम्‍बर 2022 को उत्पादन आरंभ किया। पोत वर्तमान में पश्चिमी अपतटीय (WO) -16 क्षेत्र में तैनात है, जो मुंबई से 140-145 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। 
  • 76 मीटर पानी की गहराई में ONGC के विद्यमान WO-16 वेल हेड प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूएचपी) के निकट स्थित, यह पोत WO क्लस्टर में मार्जिनल फील्‍ड से उत्पादन में सहायक होगा जिससे पश्चिमी अपतट से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। 
  • MOPU को प्रतिदिन 20,000 बैरल कच्चे तेल को संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है और इसकी अधिकतम निर्यात गैस क्षमता 2.36 मिलियन क्यूबिक मीटर प्रति दिन है।
  • यह पोत 28 जनवरी, 2023 को मुंबई के पश्चिम में 140-145 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सागर सम्राट पर आयोजित एक समारोह में जहाज को गतिशील अपतटीय उत्‍पादन इकाई (MOPU) के रूप में राष्ट्र को समर्पित किया गया है।
  • मंत्री महोदय ने कहा कि भारत सरकार का प्रयोजन भारत के अन्वेषण क्षेत्र को 2025 तक बढ़ाकर 0.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर और 2030 तक 1.0 मिलियन वर्ग किलोमीटर करना है। 
    • उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ‘नो गो’ क्षेत्र को 99 प्रतिशत तक कम करने में सफल रही है, जिससे अन्वेषण के लिए भारत के EEZ को लगभग एक अतिरिक्त 1 मिलियन वर्ग किलोमीटर उपलब्ध हो गया है।

 

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