“बहुविषयक साइबर-फिज़िकल प्रणालियों का राष्ट्रीय मिशन” – NMICPS; एक ऐसा मिशन है जो तकनीकी विकास, अनुप्रयोग विकास, मानव संसाधन विकास और कौशल विकास, उद्यमिता, और साइबर भौतिक प्रणाली (CPS) और संबंधित प्रौद्योगिकियों में ‘स्टार्ट-अप’ उन्नति पर केंद्रित है । इस मिशन में केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, उद्योग और शिक्षा जगत सहित पूरा देश शामिल है । यह मिशन पांच साल की अवधि के लिए 3600 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग लागू करेगा । इस मिशन के तहत समाज की बढ़ती प्रौद्योगिकी जरूरतों को पूरा किया जाएगा जिसका उद्देश्य समाज के लाभ के लिए सी.पी.एस प्रौद्यगिकियों के कारगर इस्तेमाल करने के संबंध में केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारों और उद्योगों को अपनी परियोजनाएं और योजनाएं चलाने में मदद करना है । यह लेख आईएएस प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि इन परीक्षाओं में करंट अफेयर्स सेक्शन से ऐसे प्रश्नों के पूछे जाने की संभावना है । अंग्रेजी माध्यम में इस विषय पर जानकारी के लिए देखें हमारा लेख National Mission on Interdisciplinary Cyber – Physical Systems
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साइबर-फिजिकल सिस्टम क्या हैं?
CPS एक नए प्रकार का डिज़ाइन किया गया सिस्टम है जो एक गतिशील स्थिति में कंप्यूटिंग और भौतिक प्रक्रियाओं को जोड़ती है । बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई), डिज़ाइन और एंबेडेड सिस्टम, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), साइबरनेटिक्स, मेक्ट्रोनिक्स और कई अन्य तकनीकी विषयों को CPS द्वारा कवर किया गया है । कृषि, जल, ऊर्जा, परिवहन, बुनियादी ढांचा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और विनिर्माण सभी को सीपीएस सिस्टम से लाभ होने का अनुमान है । नतीजतन, इसे अगले तकनीकी प्रतिमान परिवर्तन के रूप में सराहा जा रहा है जो प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देगा ।
CPS के कुछ सामान्य अनुप्रयोग (एप्लीकेशन) इस प्रकार हैं: स्वायत्त ऑटोमोबाइल सिस्टम में, मनोरंजन जगत में, उपभोक्ता उपकरण में, स्वास्थ्य देखभाल में, उत्पादन में, परिवहन क्षेत्र में, रासायनिक प्रक्रियाओं में, नागरिक अवसंरचना में, ऊर्जा क्षेत्र में, एयरोस्पेस में, स्मार्ट ग्रिड में, चिकित्सा निगरानी में, औद्योगिक नियंत्रण प्रणाली में, रोबोटिक्स सिस्टम में, स्वचालित पायलट एवियोनिक्स में, इंडोर पोजिशनिंग सिस्टम में, कृषि/बागवानी/जलकृषि और संबंधित क्षेत्र में, स्मार्ट घर/भवन में ।
अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन:
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के राष्ट्रीय मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम (NM-ICPS) के उद्घाटन को अधिकृत किया है । ज्ञान उत्पादन, मानव संसाधन विकास, अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और उत्पाद विकास, नवाचार और व्यावसायीकरण में देशव्यापी प्रयासों को संगठित और एकीकृत करके, यह मिशन सीपीएस प्रौद्योगिकियों के लिए एक ठोस आधार और एक निर्बाध वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है । इसे 6 क्षेत्रीय अनुप्रयोग केंद्र (एसएएच), 4 प्रौद्योगिकी अनुवाद अनुसंधान पार्क (टीटीआरपी), और 15 प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र (टीआईएच) के नेटवर्क के माध्यम से निष्पादित किया जाएगा । NM-ICPS का पहला भाग विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) द्वारा निष्पादित किया जाएगा और निम्नलिखित डोमेन में छह प्रौद्योगिकी नवाचार हब (TIH) के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगा: भौतिक अवसंरचना के लिए साइबर सुरक्षा और साइबर सुरक्षा, स्वायत्त प्रणाली और रोबोटिक्स, उन्नत संचार प्रणाली, डाटा सर्विसेज, डाटा एनालिटिक्स और डाटाबैंक, एक्टिवेटर्स, कंट्रोल, सेंसर्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स एंड एवरीथिंग (IOT & IOE) के लिए टेक्नोलॉजीज, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एमएल/एआई) ।
बहुविषयक साइबर-फिज़िकल प्रणालियों के राष्ट्रीय मिशन का उद्देश्य
जैसा कि उपरोक्त है , इस मिशन के तहत समाज की बढ़ती प्रौद्योगिकी जरूरतों को पूरा किया जाएगा जिसका उद्देश्य समाज के लाभ के लिए सी.पी.एस प्रौद्यगिकियों के कारगर इस्तेमाल करने के संबंध में केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारों और उद्योगों को अपनी परियोजनाएं और योजनाएं चलाने में मदद करना है । इस मिशन का उद्देश्य 15 प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र (Technology Innovation Hubs- T.I.H), 6 विनियोग नवाचार केंद्र (Application Innovation Hubs- A.I.H) और 4 प्रौद्योगिकी आधारित नव-अनुसंधान केंद्र (Technology Translation Research Parks- T.T.R.P) बनाना है । इन नवाचार केंद्रों और TTRP के अधोलिखित चार प्रमुख क्षेत्र होंगे जिनके साथ मिशन के कार्यान्वयन का कार्य आगे बढ़ाया जाएगा : i) प्रौद्योगिकी विकास ii) मानव संसाधन एवं कौशल विकास iii) नवाचार, उद्यमिता एवं स्टार्ट-अप प्रणाली विकास ; तथा iv) अंतर्राष्ट्रीय सहयोग ।
- मौलिक और अनुप्रयुक्त अनुसंधान के माध्यम से नया ज्ञान सृजन ।
- विशिष्ट उद्योग, सरकारी कार्यक्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रमों के लिए विशेषज्ञ संचालित लक्षित अनुसंधान आयोजित करके उत्पाद/प्रौद्योगिकी विकास और व्यावसायीकरण ।
- प्रथम श्रेणी के गुणों के साथ अत्यधिक कुशल मानव संसाधन का विकास करना ।
- उद्यमिता, नवाचार, और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र निर्माण ।
- निर्दिष्ट अनुसंधान डोमेन में, भारतीय अनुसंधान को वैश्विक पहलों से जोड़ना ।
- मिशन का लक्ष्य ऐसे केंद्रों का निर्माण करना है जो उत्पादक और टिकाऊ दोनों हों, साथ ही उनके साथ वातावरण भी । हब विकास तंत्र एक ऐसे वित्तीय मॉडल का उपयोग करता है, जिसमें क्षमता स्थापित करने और परियोजना के बाद के वर्षों में संसाधन निर्माण को धीरे-धीरे बढ़ाने के लिए NM-ICPS के माध्यम से सरकारी धन उपलब्ध कराया जाता है ।
बहुविषयक साइबर-फिज़िकल प्रणालियों के राष्ट्रीय मिशन का महत्व
बहुविषयक साइबर-फिज़िकल प्रणालियों के राष्ट्रीय मिशन का महत्व यह है कि इस मिशन से देश में साइबर-फिजिकल प्रणालियां (सीपीएस) और संबंधित प्रौद्योगिकियां सुगम हो जाएंगी । राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय महत्त्व के मुद्दों को हल करने के लिए सीपीएस प्रौद्योगिकियों को अपनाना सुगम हो जाएगा और प्रौद्योगिकी आधारित अनुसंधान में तीव्रता आयेगी । सीपीएस से उद्यमिता और स्टार्ट-अप इको प्रणाली विकास में भी तीव्रता आने की उम्मीद है । साथ ही सीपीएस, प्रौद्योगिकी विकास तथा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग विषयों में उच्च शिक्षा में उन्नत अनुसंधान को भी गति देगा ।
सीपीएस प्रौद्योगिकियां किसी देश की वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रौद्योगिकी आविष्कारक क्षमताओं को एक प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता प्रदान करती हैं । इनसे औद्योगिक और आर्थिक क्षमता में भी वृद्धि होती है ।
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